डिजिटल भारत l आज बॉलीवुड के परफेक्शनिस्ट आमिर खान 58 साल के हो गए हैं। उनके फिल्मी करियर के 50 साल भी हो चुके हैं। 8 साल की उम्र में फिल्म यादों की बारात से शुरू हुआ उनका एक्टिंग करियर आज तक जारी है। ये बात अलग है कि आमिर के पिता नहीं चाहते थे कि वो फिल्मों में आएं। चाचा नासिर हुसैन ने उनके अंदर के एक्टर को पहचाना और अपनी फिल्म से ब्रेक दिया।
कयामत से कयामत तक से लेकर लाल सिंह चड्ढा तक आमिर 50 फिल्में कर चुके हैं। उनकी जिंदगी काफी दिलचस्प रही है। एक लड़की ने रिजेक्ट किया तो आमिर ने अपना सिर मुंडवा लिया था, वो भी तब जब उनकी पहली फिल्म का ऑडिशन था। फिल्म गुलाम के क्लाईमैक्स के लिए वो 12 दिन तक नहाए नहीं थे।
पहले उन्होंने ‘यादों की बारात’ निकाली, फिर ‘कयामत’ ने उनकी किस्मत ही पलट दी. वैसे तो वह कभी एक्टिंग करने के तलबगार नहीं थे, लेकिन दस्तूर आया तो पहली फिल्म के पोस्टर भी खुद ही चिपकाए. बात हो रही है बॉलीवुड के मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान की
महज आठ साल की उम्र में शुरू की एक्टिंग
14 मार्च 1965 के दिन मुंबई में जन्मे आमिर के बारे में एक बात हर कोई जानता है, वह यह कि आमिर जो कुछ भी करते हैं पूरे ‘मन’ से करते हैं. वह कभी ‘इश्क’ में पड़े तो कभी ‘गुलाम’ भी बने, लेकिन वह अदाकारी में इस कदर ‘फना’ हुए कि ‘तारे जमीन पर’ ले आए. आमिर ने महज आठ साल की उम्र में अभिनय के सफर की शुरुआत कर दी थी. सबसे पहले वह 1973 के दौरान यादों की बारात में नजर आए थे
टेनिस प्लेयर बनना चाहते थे आमिर
एक्टर बनने से पहले आमिर ने सिर्फ एक ही सपना देखा था. दरअसल, वह टेनिस प्लेयर बनना चाहते थे. स्कूल के दिनों में वह इतनी अच्छी तरह टेनिस खेलते थे कि अपने स्कूल के लिए कई राज्यस्तरीय लॉन टेनिस चैंपियनशिप में दमखम दिखाया था. आमिर खान के पसंदीदा टेनिस प्लेयर रोजर फेडरर हैं.
असिस्टेंट डायरेक्टर रहकर अमरीश पुरी से खाई सेट पर डांट
नासिर हुसैन के निर्देशन में बनी 1985 की फिल्म जबरदस्त में अमरीश पुरी ने काम किया। इस फिल्म में डायरेक्टर नासिर हुसैन के भतीजे आमिर उन्हें असिस्ट कर रहे थे। आमिर सेट पर उस समय कंटीन्यूटी देखते थे। एक दिन अमरीश एक्शन सीन शूट करते हुए बार-बार जगह बदल रहे थे और आमिर उन्हें बार-बार टोक रहे थे।
अमरीश नहीं जानते थे आमिर, डायरेक्टर नासिर के बेटे हैं। जब आमिर पर ध्यान देने से अमरीश को बार-बार एक ही सीन शूट करना पड़ा तो वो गुस्से में चिढ़ गए और उन्होंने आमिर को खूब डांटा। सेट पर सन्नाटा छा गया था।
जब खुद चिपकाए अपनी ही फिल्म के पोस्टर
आमिर खान ने जब फिल्म ‘कयामत से कयामत तक’ से बॉलीवुड में कदम रखा तो उन्होंने अपने जुनून के दीदार भी करा दिए. दरअसल, इस फिल्म का बजट काफी कम था. ऐसे में आमिर खान खुद ही बसों और ऑटो के पीछे फिल्म के पोस्टर चिपकाते थे. साथ ही, लोगों को बताते थे कि इस फिल्म में वह हीरो बने हैं.
अवॉर्ड शो में जाना नहीं पसंद
आमिर खान को अवॉर्ड फंक्शन में शिरकत करना भी पसंद नहीं है. इसकी वजह साल 1990 के एक अवॉर्ड फंक्शन को बताया जाता है, जिसमें फिल्म ‘घायल’ के लिए सनी देओल को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता चुना गया था. आमिर का मानना है कि ऑस्कर के अलावा कोई भी दूसरा अवॉर्ड शो विश्वास करने लायक नहीं है.