डिजिटल भारत I आयुर्वेद में हल्दी का उपयोग: चमत्कारिक गुण और फायदे
घर के रसोई में मसाले के रूप में इस्तेमाल होने वाली हल्दी को आयुर्वेद में औषधि के रूप में भी प्रयोग किया जाता है। हल्दी का उपयोग कई प्रकार से किया जाता है, जैसे शरीर में चोट लगने से लेकर टोटके के रूप में। आयुष चिकित्सक डॉ. फणींद्र भूषण दीवान से जानते हैं कि हल्दी का इस्तेमाल किस तरह से किया जा सकता है।
एलर्जी से रखता है दूर
जांजगीर चांपा जिला हॉस्पिटल के आयुष चिकित्सा अधिकारी डॉ. फणींद्र भूषण दीवान ने लोकल18 को बताया कि हल्दी का प्रयोग घरेलू उपचार में कई प्रकार से किया जा सकता है, जैसे एलर्जी से होने वाली बीमारियां, सर्दी, खांसी, साइनोसाइटिस आदि। इन सभी बीमारियों में दूध के साथ हल्दी गर्म करके सेवन करने से जल्दी लाभ मिलता है। हल्दी का उपयोग त्वचा संबंधी बीमारियों में भी किया जाता है। यह एंटीसेप्टिक के रूप में काम करती है और त्वचा को लाभ पहुंचाती है। इसलिए, जब हाथ-पैर में चोट लगती है, तो हल्दी लगाई जाती है। साथ ही, हल्दी त्वचा की रंगत को भी निखारती है।
शुगर और पेट की चर्बी को करता है कम
डॉ. फणींद्र भूषण ने बताया कि हल्दी का उपयोग शुगर लेवल को कम करने और पेट की चर्बी को कम करने के लिए भी किया जाता है। रोजाना हल्दी का सेवन करना बहुत लाभदायक है और इसके प्रयोग से कई बीमारियों से बचा जा सकता है। आहार में हल्दी का उपयोग करना चाहिए। व्यक्ति को रोजाना दूध में हल्दी डालकर पीना चाहिए। इससे कई प्रकार की छोटी-बड़ी बीमारियां, जैसे सर्दी, खांसी दूर रहती हैं। शरीर में कहीं पर सूजन होने पर हल्दी का लेप लगाने से दर्द में आराम मिलता है और सूजन भी कम होती है।
अन्य उपयोग
चाय, गर्म पानी या भाप से जलने या फफोला होने पर भी हल्दी का पाउडर लगाने से आराम मिलता है। हल्दी का नियमित सेवन कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं को दूर रखने में मदद करता है।
रिसर्च क्या कहती है?
हल्दी में मुख्य रूप से करक्यूमिन नामक सक्रिय यौगिक होता है, जो इसके स्वास्थ्य लाभों के लिए जिम्मेदार होता है। विभिन्न शोधों में यह पाया गया है कि करक्यूमिन में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं।
1. एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रभाव: हल्दी का सेवन सूजन और दर्द को कम करने में मदद करता है। एक शोध के अनुसार, करक्यूमिन सूजन को कम करने में प्रभावी होता है और इसे विभिन्न सूजन संबंधी बीमारियों के उपचार में उपयोग किया जा सकता है।
2. एंटीऑक्सीडेंट गुण: करक्यूमिन एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है, जो शरीर को फ्री रेडिकल्स से बचाता है और कोशिकाओं को क्षति से बचाता है।
3. डायबिटीज में लाभकारी: कुछ शोध बताते हैं कि करक्यूमिन शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद करता है और इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ाता है।
4. वजन प्रबंधन: करक्यूमिन के सेवन से पेट की चर्बी कम होती है और वजन प्रबंधन में सहायता मिलती है।
निष्कर्ष
हल्दी का नियमित सेवन स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी है। आयुर्वेदिक दृष्टिकोण और वैज्ञानिक शोध दोनों ही हल्दी के फायदों की पुष्टि करते हैं। इसलिए, अपने दैनिक आहार में हल्दी को शामिल करें और इसके अद्भुत लाभों का आनंद लें।
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हल्दी का उपयोग करें और स्वस्थ रहें।