भोपाल । मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी-कांग्रेस अपनी-अपनी रणनीतियों के हिसाब से आगे बढ़ रही हैं। 2020 में हुई सियासी घटनाक्रम के बाद कांग्रेस की नजर इस बार सबसे ज्यादा ग्वालियर-चंबल इलाके में हैं। वहीं, ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में आने के बाद से बीजेपी की भी उम्मीदें इस क्षेत्र से बढ़ गई हैं। 2018 के चुनाव में यहां कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा था जबकि उपचुनाव में बीजेपी ने बाजी मारी थी। ग्वालियर-चंबल को साधने के लिए बीजेपी कांग्रेस अपने प्रमुख चेहरों के साथ-साथ इन इलाके के बड़े नेताओं को जिम्मेदारी देकर चुनावी माहौल बनाने में जुटी हुई है। आइए जानते हैं बीजेपी-कांग्रेस के वो 5 नेता कौन से हैं जो 2023 के विधानसभा चुनाव को लेकर इस क्षेत्र में अहम रोल निभा सकते हैं।
2020 से पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस में थे। ग्वालियर चंबल का ज्योतिरादित्य सिंधिया का गढ़ माना जाता है। यहां कि जनता सिंधिया को श्रीमंत या फिर महाराज कहकर संबोधित करती है। इस अंचल में विधानसभा की 34 सीटें हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने के बाद इस बार यहां मुकाबला दिलचस्प है।नरोत्तम मिश्रा मध्यप्रदेश सरकार में गृहमंत्री हैं। दतिया विधानसभा सीट से विधायक हैं। राज्य में बीजेपी की सरकार बनने के बाद नरोत्तम मिश्रा को गृहमंत्री बनाया गया था। नरोत्तम मिश्रा ब्राम्हाण चेहरे के साथ-साथ दतिया जिले में अच्छी पकड़ रखते हैं।
कांग्रेस के सीनियर लीडर डॉ गोविंद सिंह, ग्वालियर-चंबल अंचल के बड़े चेहरे हैं। सिंधिया के खिलाफ खुलकर बोलने वाले गोविंद सिंह को कांग्रेस ने बड़ी जिम्मेदारी दी है। कमलनाथ के नेता प्रतिपक्ष का पद छोड़ने के बाद, डॉ गोविंद सिंह को नेता प्रतिपक्ष बनाया गया। कांग्रेस का फोकस शुरू से इस इलाके को साधने का रहा है। केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर बीजेपी का बड़ा चेहरा हैं। विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी ने उन्हें बड़ी जिम्मेदारी भी दी है। तोमर सक्रिय राजनीति के साथ-साथ संगठन के भी मझे हुए खिलाड़ी हैं।