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डिजिटल भारत l कैंसर एक साइलेंट किलर है और यह फैक्ट है कि इसके लक्षणों पर लंबे समय तक ध्यान नहीं दिया जाता है, जो इस बीमारी और भी बदतर बना देता है. इस बीमारी में शरीर के अंदर का सेल्स बिना किसी कंट्रोल के तेजी से बढ़ने लगता है. इसके इलाज में देर हो जाए या ना किया तो व्यक्ति की मौत हो जाती है. कैंसर के कई लक्षण ऐसे होते हैं जो शुरुआती दौर में ही नजर आने लगते हैं.

यदि इन संकेतों का जल्द इलाज किया जाए तो मुसीबत ज्यादा खड़ी हो सकती है. इस स्टोरी में हम कुछ ऐसे लोगों की बात करेंगे, जिन्होंने डायग्नोस से पहले कुछ लक्षणों को अनुभव किया. इन कैंसर पीड़ितों ने अपना अनुभव सबके साथ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर किया है.

पॉल लेविस बाउल कैंसर के चौथे स्टेज में डायग्नोस हुए थे. उनके प्रारंभिक लक्षण मलाशय से खून, अत्यधिक थकान और आंत की आदत में आंतरिक परिवर्तन थे. सोशल मीडिया पर बताते हुए पॉल ने कहा कि मेरे मामले में, लक्षण धीरे-धीरे लेकिन लगातार समय के साथ बनते गए.

वेव की तरह आने और जाने वाले तत्व भी थे. बीमारी डायग्नोस होने के बाद से मेटास्टेस अनियमित अंतराल पर आते हैं, जिसे वेव की तरह ही माना जा सकता है. उस आधार पर, मैं कहूंगा कि कुछ लक्षण लहरों में आते हैं लेकिन कुछ स्थिर हो सकते हैं. अन्य धीरे-धीरे समय के साथ बनते हैं

कैंसर से पीड़ित एक अन्य मरीज मेलिसा निव ने बताया कि उनको तीसरे स्टेज में बीमारी का पता चला जब कैंसर गर्भाशय ग्रीवा, ओवरी, अंडाशय, लिम्फ नोड्स और लिम्फ वैस्कुलर सिस्टम में फैल गया था. सबसे स्पष्ट लक्षण तेजी से वजन बढ़ना था. मेलिसा ने पोस्ट में खुलासा किया कि अनजाने में वजन बढ़ना और अनियंत्रित ब्लीडिंग पहले संकेत थे. हालांकि शुरुआत में उन्होंने तनाव के कारण खराब माहवारी को माना.

क्लेमेन्सिया नारजो बहुत ही दुर्लभ फेफड़े के कैंसर से स्टेज 4 में डायग्रोस हुए थे और वह हमेशा बेहतर महसूस करता था. कैंसर के साथ अपने अनुभव को शेयर करते हुए क्लेमेंसिया लिखती हैं कि वह हमेशा बेहतर महसूस करती थीं, हालांकि डायग्रोस से एक हफ्ते पहले सूखी खांसी हुई और व्यायाम करते समय मुझे सांस लेने में थोड़ी कमी महसूस हुई.

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