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डिजिटल भारत l संगठन चुनाव की प्रकिया शुरू होते ही मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की अंदरूनी सियासत शुरू हो गई है। प्रदेश अध्यक्ष बनने के लिए दावेदारों ने जोर-आजमाइश भी शुरू कर दी है। मौजूदा अध्यक्ष राकेश सिंह ही पार्टी के अगले प्रदेश अध्यक्ष होंगे या कोई नया चेहरा प्रदेश की कमान संभालेगा, इसे लेकर कयासबाजी भी खूब चल रही है।

हाल ही में संसद सत्र के दौरान चुनावी राज्यों के सांसदों से मिले फीडबैक के बाद चुनावी राज्यों में बड़े पैमाने पर बदलाव के कयास लगाए जा रहे हैं। गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा मप्र दौरे के दौरान भी प्रदेश में समन्वय व प्रबंधन पर सवाल खड़े किए गए थे। शाह ने तो बेहतर समन्वय व प्रबंधन पर जोर देते हुए बदलाव की बात कही गई थी। स्वयं अमित शाह और नड्डा ने भी इस बात को स्वीकार किया था कि मप्र में सरकार और संगठन के बीच बेहतर समन्वय नहीं है। वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि राज्य में रणनीति के मुताबिक काम किया जाएगा और जरूरी हुआ तो वहां बदलाव भी किया जाएगा। इससे पहले भाजपा के अधिकांश सांसदों ने गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी, जिसमें प्रदेश संगठन में बदलाव को लेकर चर्चा हुई थी।
मप्र में भाजपा मिशन 2023 की तैयारियों की जुटी है। अब जमीनी पड़ताल और हकीकत जानने के लिए भाजपा आलाकमान ने राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश और क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल को मैदान में उतारा है। संघ से जुड़े भाजपा के दोनों बड़े पदाधिकारी ने जमीनी स्तर पर पार्टी कार्यकर्ताओं से फीडबैक ले रहे हैं। विधानसभा चुनाव को देखते हुए पार्टी के कार्यकर्ताओं से अलग-अलग जिलों में जाकर नेताओं के नामों पर चर्चा किया है। वहीं आलाकमान के कराए डबल लेयर सर्वे ने प्रदेश भाजपा के पदाधिकारियों की नींद उड़ा दी है। प्रदेश के कई जिलों के दौरे करने के बाद क्षेत्रीय संगठन महामंत्री जामवाल ने पार्टी आलाकमान को अपनी फीडबैक रिपोर्ट सौंपी हैं। मप्र में पार्टी संगठन में कई बड़े चेहरे बदले जा सकते हैं। दोनों दिग्गज पदाधिकारियों के रिपोर्ट पर ही बड़े बदलाव होंगे।

राकेश सिंह – राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से नजदीकियों के चलते संभावना है कि राकेश सिंह को ही दोबारा मौका मिल जाए। मोदी कैबिनेट में मंत्री पद नहीं देने से उम्मीद है कि उन्हें संगठन में ही रखा जाए।

कैलाश विजयवर्गीय – राष्ट्रीय महासचिव हैं। मंत्रीपद छोड़कर संगठन में गए थे। पश्चिम बंगाल के प्रभारी रहे। बेहतर परिणाम भी दिए। हाईकमान के भी करीबी हैं।

प्रभात झा – पहले प्रदेशाध्यक्ष रह चुके हैं। संगठन में काम करने का बेहतर अनुभव है। प्रदेशाध्यक्ष रहते हुए सर्वाधिक दौरे किए। फिलहाल राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। संघ नेताओं के करीबी होने का फायदा मिल सकता है।

नरोत्तम मिश्रा – लंबे समय तक प्रदेश में मंत्री रहे। पहले भी प्रदेशाध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष पद के भी दावेदार थे। हाईकमान की नजदीकियों का लाभ मिल सकता है।

भूपेंद्र सिंह – पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की ओर से पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह को प्रदेशाध्यक्ष का दावेदार माना जा रहा है। संगठन के कई पदों पर रह चुके हैं।

वीडी शर्मा – संघ पृष्ठभूमि के चलते सीधे लोकसभा चुनाव का टिकट मिला और सांसद बने। संघ की खास पसंद माने जाते हैं। फिलहाल प्रदेश संगठन में भी महामंत्री हैं।

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