हजार से अधिक परिवार खरीद रहे महंगी बिजलीनियम बदले फिर भी कागजों में उलझे कनेक्शन I
डिजिटल भारत I नगर निगम क्षेत्र में करीब 243 अवैध कालोनियां हैं और इनमें लगभग 20 हजार परिवार निवास कर रहे हैं। इन्हें सरकार की ओर से मिलने वाली सब्सिडी तो मिलती नहीं, बल्कि आम घरेलू उपभोक्ताओं की तुलना में लगभग दोगुना बिजली का बिल भरना पड़ता है।
पूर्व क्षेत्र कंपनी ने ऐसे उपभोक्ताओं को राहत पहुंचाने के लिए अब कनेक्शन की प्रक्रिया को आसान किया है। इसके बावजूद जमीनी स्तर पर उपभोक्ताओं को राहत नहीं पहुंच पा रही है। कागजों की उलझन में कनेक्शन फंसे हुए हैं। अधिकारियों का दावा है कि शहर की 19 अवैध कालोनी में कनेक्शन की प्रक्रिया को शुरू किया गया है। जैसे-जैसे उपभोक्ताओं की तरफ से आवेदन आ रहे हैं, उसका निराकरण किया जा रहा है।
31 मई 2022 को पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने नगर निगम से घोषित अवैध कालोनी और अघोषित अवैध कालोनी दोनों में बिजली कनेक्शन स्थायी देने का प्रविधान किया है।
इसके तहत कुछ नियम तय हुए हैं। जिसमें कालोनीवासी अथवा डेवलपर को कालोनी के लिए जरूरी अधोसंरचना शुल्क भुगतान करना होगा। कनेक्शन के हिसाब से राशि तय होगी जिसे उपभोक्ता अथवा डेवलपर को जमा करना होगा। जबलपुर में नगर निगम में घोषित अवैध कालोनी की संख्या 224 है।
लंबी दूरी तक खींची सर्विस लाइन-
वर्तमान में अवैध कालोनी में रहने वाले उपभोक्ता मकान बनवा लेते हैं। लेकिन बिजली कनेक्शन के लिए अस्थायी मीटर लगवाना पड़ता है। बिजली कंपनी खंभे से 40 मीटर से अधिक दूरी पर घरेलू बिजली कनेक्शन नहीं देती है। कई कालोनी में सैकड़ों घरों में आधा किलोमीटर लंबी सर्विस लाइन बांस-बल्ली के सहारे खींचकर अस्थायी कनेक्शन लिया गया है।
शहर मेंं अभी जिन उपभोक्ताओं अस्थाई कनेक्शन दिए गए हैं, उसके लिए पर्याप्त संसाधन नहीं जुटाए गए। लंबी सर्विस लाइन कई जगह तो जमीन पर ही गिरी रहती है, जिससे हमेशा हादसे की आशंका रहती है। ऐसे में उपभोक्ताओं को पर्याप्त वोल्टेज नहीं मिल पाता है।
उनका दर्द रहता है कि हम दोगुनी राशि चुका रहे हैं उसके बाद भी लोड न होने से इलेक्ट्रानिक उपकरण कुछ दिनों में खराब हो जाते हैं।