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जबलपुर। संत शिरोमणि रविदास महाराज के स्मारक स्थल का भूमिपूजन करने के लिए खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ राज्यपाल मंगुभाई पटेल और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी सागर पहुंचे। उससे पहले प्रदेशभर में निकाली गईं समरसता यात्राओं ने माहौल बनाने का प्रयास किया लेकिन जब यह समरसता यात्रा जबलपुर पहुंची तो भाजपा के ही नेता आपस में उलझ गए।

इससे वहां पहुंचे लोगों के मन में समरसता की जगह कड़वाहट घुलती महसूस की गई।पूर्व महापौर प्रभात साहू अपने समर्थकों सहित उस स्थान से चले गए, जहां सामूहिक समरसता भोज का आयोजन होना था।


समरसता यात्रा ने घोल दी कड़वाहट

चुनाव में भाजपा आदिवासी वोट बैंक के मोर्चे पर जमकर तैयारी कर रही है।

साथ ही, आदिवासियों से संबंधित सभी विषयों पर भी फूंक-फूंक कर कदम रख रही है।अब सिंगरौली का ही मामला लें, सरकार सक्रिय हुई तो पुलिस को सख्ती दिखानी पड़ी। भाजपा से जुड़े सूत्र बताते हैं कि बड़ी तेजी से विधायक राम लल्लू वैश्य के स्थान पर किसी और टिकट देने की तैयारी शुरू हो गई है। दावेदार भी सक्रिय हो गए हैं।

हालांकि ऐसी खबरें विरोधी भी खूब फैलाते हैं सो ऐसा ही मान लिया जाए तो इतना तय है कि पार्टी कोई खतरा मोल नहीं लेगी। आखिर आदिवासी वोट बैंक का मामला जो ठहरा। यही कारण है कि विधायक के समर्थन में कोई बड़ा नेता सामने नहीं आया है। अगले कुछ दिनों में पूरी तस्वीर साफ हो जाएगी। वहीं, इनाम घोषित होने के बाद से विधायक पुत्र विवेक अभी तक पुलिस के शिकंजे से बाहर है।

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