डिजिटल भारत l फूड डिलीवरी कंपनी स्विगी ने 380 कर्मचारियों की छंटनी कर दी है। संबंधित कर्मचारियों को ईमेल भेजकर उन्हें तत्काल प्रभाव से बाहर कर दिया गया है। खुद कंपनी के सीईओ ने यह चिट्ठी लिखी। ईमेल में माफी मांगते हुए सीईए श्रीहर्ष मजेटी ने छंटनी के कई कारण बताए हैं और लिखा कि कंपनी ने गलती से जरूरत से ज्यादा भर्ती कर ली थी, इसलिए छंटनी करना पड़ी है।
कई सेवाएं हो सकती हैं प्रभावित
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, स्विगी में आगामी छंटनी से कंपनी के प्रोडक्ट, इंजीनियरिंग और संचालन जैसे कार्यक्षेत्र प्रभावित होने की संभावना है. आगामी छंटनी से कैश बर्न को कम करने के लिए स्विगी की त्वरित वाणिज्य वितरण सेवा इंस्टामार्ट पर भी असर पड़ने की उम्मीद है.
250 से ज्यादा कर्मचारियों की छंटनी
कंपनी ने आगामी छंटनी पर मीडिया के सवाल का कोई जवाब नहीं दिया. इससे पहले दिसंबर में सामने आई रिपोर्ट्स में कहा गया था कि
स्विगी जनवरी से 250 से अधिक कर्मचारियों या अपने कर्मचारियों के 5 फीसदी तक की छंटनी कर सकता है.
छंटनी की संख्या में हो सकता है इजाफा
अक्टूबर के प्रदर्शन को देखते हुए सूत्रों के मुताबिक, छंटनी करने वाले कर्मचारियों की संख्या में और वृद्धि होना तय है. कंपनी में करीब छह हजार कर्मचारी कार्यरत हैं. पहले के एक बयान में स्विगी ने कहा था कि कोई छंटनी नहीं हुई और हर प्रदर्शन चक्र के साथ, हम उम्मीद करते हैं कि जो छटंनी हो वह प्रदर्शन के आधार पर हो.
कंपनी का घाटा हुआ दोगुना
पिछले वित्त वर्ष में 1,617 करोड़ रुपये की तुलना में वित्त वर्ष 22 में ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म का घाटा दोगुना होकर 3,629 करोड़ रुपये हो गया. रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज के वार्षिक वित्तीय विवरण के मुताबिक, वित्त वर्ष 22 में कुल खर्च 131 फीसदी बढ़कर 9,574.5 करोड़ रुपये हो गया.
Swiggy CEO ने अपनी चिट्ठी में लिखा, हम पुनर्गठन की प्रक्रिया में अपनी टीम के आकार को छोटा करना का बहुत कठिन निर्णय लैे रहे हैं। इस प्रक्रिया में हम 380 प्रतिभाशाली स्विगस्टर्स को अलविदा कह रहे हैं। सब तरह से जांच-पड़ताल के बाद यह फैसला लिया गया है। आप सभी से बहुत खेद है।
Swiggy ने क्यों की कर्मचारियों की छंटनी
स्विगी ने जिन प्रमुख कारणों का उल्लेख किया है, उनमें से एक चुनौतीपूर्ण आर्थिक स्थिति है। कंपनी ने खुलासा किया कि फूड डिलीवरी घट गई है, जिसके परिणामस्वरूप कम मुनाफा और कम आय हुई है। हालांकि, कंपनी ने लगे हाथ यह भी साफ कर दिया है कि उसके पास खुद को बनाए रखने के लिए पर्याप्त नकदी है।
Microsoft ने 21 साल बाद निकाला तो ऐसे झलका भारतीय का दर्द
हाल में ही माइक्रोसॉफ्ट ने भी अपनी सबसे बड़ी छंटनी को अंजाम दिया। हटाए गए कर्मचारियों में कई भारतीय भी हैं। अब ऐसी ही एक भारतीय मूल के कर्मचारी का दर्द सामने आया है। माइक्रोसॉफ्ट को अपने जीवन के 2 दशक से अधिक समय देने के बाद प्रशांत कमानी को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।