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एक भारत उत्कृष्ट भारत

तेजी से बढ़ेगी मध्यप्रदेश की विकास यात्रा, स्वच्छता क्षेत्र की मध्यप्रदेश की उपलब्धियाँ अनुकरणीय: राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु

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डिजिटल भारत l राष्‍ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने कहा है कि मध्यप्रदेश ने विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति के अनेक आयाम प्राप्त
किये हैं। मध्यप्रदेश की विकास यात्रा तेज गति से आगे बढ़ेगी और सभी वर्गों तक विकास पहुँचेगा। मध्यप्रदेश का
अनेक क्षेत्रों में अमूल्य योगदान है। खाद्यान उत्पादन में मध्यप्रदेश आगे है। कृषि क्षेत्र में उत्पादन सहित अन्य
कार्यों में चार वर्ष में मध्यप्रदेश ने महत्वपूर्ण वृद्धि और प्रगति प्राप्त की है। इसके लिए मध्यप्रदेश बधाई का पात्र
है। स्वच्छता के क्षेत्र में मध्यप्रदेश ने स्वच्छतम राज्य और इन्दौर नगर ने छठवीं बार स्वच्छतम शहर का पुरस्कार
प्राप्त किया है। यह सराहनीय है और इन उपलब्धियों के लिए मध्यप्रदेश के नागरिक प्रशंसा के पात्र हैं। देश के
अन्य प्रान्तों के लिए भी यह उपलब्धि अनुकरणीय है। राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु आज राजभवन भोपाल में अपने
नागरिक सम्मान और दो परियोजनाओं के शिलान्यास समारोह को सम्बोधित कर रही थी।

राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि मध्यप्रदेश नर्मदा जल से सिंचित है। प्रदेश को प्रकृति का वरदान प्राप्त है। देश में सबसे बड़ा वन क्षेत्र है।
अनेक राष्ट्रीय उद्यान और अभयारण्य भी हैं। कूनो में नामीबिया से चीते लाए गए हैं, जो लुप्त हो गए थे। रानी
दुर्गावती, झलकारी बाई की गौरव गाथाएँ सुनी जाती हैं। अहिल्या बाई होल्कर ने काशी के मंदिर का उद्धार
करवाया। मध्यप्रदेश सरकार ने भोपाल में रानी कमलापति के सम्मान में कदम उठाए हैं। रेलवे स्टेशन का
नामकरण भी उनके योगदान को याद करने के लिए किया गया है। मध्यप्रदेश में डॉ. अम्बेडकर, डॉ. शंकरदयाल
शर्मा और श्री अटल जी जैसी विभूतियाँ जन्मीं और प्रदेश से आजीवन जुड़ी रहीं। प्रदेश में अनुपम प्राकृतिक सौन्दर्य
है। कालिदास, तानसेन, उस्ताद अलाउद्दीन खाँ के साथ ही अन्य अनेक व्यक्तित्व मध्यप्रदेश की पहचान हैं।
उज्जैन में सिंहस्थ होता है। ग्वालियर, मैहर, खजुराहो में उत्सव होते हैं। भेड़ाघाट, शिवपुरी और बेतवा के उत्सव,
अमरकंटक और चित्रकूट सहित तीन विश्व धरोहर स्थल यहाँ हैं। भीमबेठका, साँची और खजुराहो को यूनेस्को ने यह
दर्जा दिया है। राष्ट्रपति श्रीमति मुर्मु ने मध्यप्रदेश वासियों को उपलब्धियों के लिए बधाई देते हुए सभी प्रदेशवासियों
के विकास की कामना की।
फोरलेन परियोजना

यह परियोजना भारतमाला परियोजना में एनएच-46 (पुराना एनएच-69) औबेदुल्लागंज से बैतूल इंटर
कॉरिडोर मार्ग का एक हिस्सा ही है, जो भोपाल से नागपुर को कनेक्टिविटी देता है। इस मार्ग का 12.38 किमी. का
खण्ड रातापानी वन्य-जीव अभयारण्य में आता है एवं रातापानी खण्ड भोपाल-नागपुर कॉरिडोर का भाग है।
परियोजना में वन्य-जीव और पर्यावरण की सुरक्षा के लिये आवश्यक उपाय शामिल हैं। वन्य-जीव अभयारण्य क्षेत्र में
पशु अंडरपास के प्रावधानों से वन्य-प्रणियों को आवागमन में आसानी होगी। परियोजना की कुल लंबाई 12.38
किमी. है। इसके निर्माण पर 417 करोड़ 51 लाख रूपये की लागत आयेगी। परियोजना का निर्माण कार्य 18 माह
की अवधि में पूर्ण किया जायेगा। इस मार्ग को चौड़ा करने से वन्य-प्राणियों के आवागमन/आवास पर पड़ने वाले
प्रभाव को कम करने के लिए 5 बड़े पशु अंडरपास (100 मी., 420 मी., 1226 मी., 65 मी. एवं 65 मी.) एवं 2
छोटे पशु अंडर पास (10 मी. एवं 10 मी.) अधो-संरचनाएँ बनाई जायेंगी। परियोजना में एक माइनर ब्रिज एवं 2
व्हीकल अंडरपास का निर्माण भी किया जाना है।

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बच्चो के साथ खेल कूद व को शिक्षा की सामग्री बाटते हुए अविकसित बालगृह में भी मनाया गया बाल दिवस

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शहर के कई ने NGO भी बच्चो के साथ मनाया बाल दिवश

डिजिटल भारत l शासकीय मानसिक रूप से अविकसित बाल गृह जबलपुर में 14 नवम्बर को बाल दिवस का आयोजन
उत्सवी माहौल में किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में यशवेन्द्र ब्गेले अध्यक्ष बाल कल्याण समिति रहे। साथ ही संस्था के अधीक्षक ए.आर. सिंह परस्ते, विशेष शिक्षक प्रशासक, वार्डन समस्त कर्मचारी एवं मानसिक
दिव्यांग छात्र-छात्राओं सहित अभिभावक उपस्थित रहे।


मानसिक दिव्यांग छात्र-छात्राओं ने शानदार सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी। साथ ही इनके द्वारा बनाये हस्त
कौशल की एक प्रदर्शनी रखी गई थी एवं स्वरचित ग्रीटिंग कार्ड मुख्य अतिथि को भेंट किया। उन्होंने बच्चों में
चाकलेट एवं आर्शीवचन देते हुए एवं इनके उज्जवल भविष्य के प्रयासों में सहयोग का आश्वासन दिया। नौजवान एकता संगठन NGO जबलपुर द्वारा बाल दिवस के उपलक्ष में बच्चों को आंगनवाड़ी स्कूल एवं निशुल्क शिक्षा संस्थानों में जा जाकर शिक्षा से संबंधित जानकारी एवं प्रेरणा दी एवं सामग्री वितरित की जिसमें वाइटबोर्ड ग्रीन बोर्ड ,कंपास ,शीश पेंसिल ,कॉपी, पहाड़ा, पेन, एवं शिक्षा से संबंधित आदि सामग्रियां प्रदान की ।प्रदान किए गए स्थानों फुलर आंगनवाड़ी एवं स्कूल भीटा आंगनवाड़ी , एन ई एस एनजीओ शिक्षा केंद्र महंगवा,सिवनगर, आदि ।शिक्षा ही जीवन का आधार जिसे हमे बड़ाने हेतु बच्चो को प्रेरित करना चाहिए और लोगो को जागरूक करना आवश्यक है।

इसी के साथ और भी NGO जैसे जबलपुर में स्थित बरसाना बस्ती मदन महल में शिक्षा एक उज्ज्वल भविष्य की ओर ऑर्गनाइज़ेशन द्वारा सोमवार 14 नवंबर को बाल दिवस बड़े ही धूमधाम से मनाया गया, जिसमें आयोजित कार्यक्रमों में बच्चों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया , बच्चों ने कविता, विभिन्न खेल, नृत्य गान व इत्यादि के माध्यम से अपनी कला का प्रदर्शन किया, बच्चों का हुनर देखकर सभी गदगद हुए वहीं परिजन भी उत्साहित हो गए।

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किसानों की सुविधानुसार बनायें जायें खरीदी केन्द्र प्रमुख सचिव उमाकांत उमराव ने की जबलपुर संभाग के खरीफ उपार्जन तैयारी की समीक्षा

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डिजिटल भारत l प्रमुख सचिव उमाकांत उमराव ने की जबलपुर संभाग के खरीफ उपार्जन तैयारी की समीक्षा

खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के प्रमुख सचिव उमाकांत उमराव ने सोमवार को
कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में जबलपुर संभाग के सभी जिलों की खरीफ उपार्जन विपणन मौसम 2022-23 की तैयारी की
जिलावार समीक्षा की।
इस दौरान संभागायुक्त बी.चन्द्रशेखर, प्रबंध संचालक म.प्र. नागरिक आपूर्ति निगम तरूण पिथोड़े, संचालक
खाद्य एवं प्रबंध संचालक म.प्र. वेयर हाऊस कारपोरेशन दीपक सक्सेना, जबलपुर कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन,
मंडला कलेक्टर हर्षिका सिंह, कटनी कलेक्टर अवि प्रसाद, छिंदवाड़ा कलेक्टर शीतला पटले, सिवनी कलेक्टर डॉ.
राहुल हरिदास फटिंग, बालाघाट कलेक्टर गिरीश मिश्रा और डिंडौरी कलेक्टर मौजूद रहे।
प्रमुख सचिव श्री उमराव ने फसलों की खरीदी के संबंध में की जा रही व्यवस्थाओं की जानकारी ली और
धान एवं अन्य खरीफ फसलों की उपार्जन व्यवस्थाओं को लेकर आवश्यक निर्देश दिए।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि खरीदी कार्य में पूरी पारदर्शिता बरती जाये। खरीदी केन्द्र
किसानों की सुविधानुसार बनाये जायें। साथ ही उपार्जन के समय फसल की गुणवत्ता फेयर एवरेज क्वालिटी पर
विशेष ध्यान देने की हिदायत दी।
बैठक में प्रमुख सचिव ने कहा कि किसानों की सुविधा को देखते हुए सभी व्यवस्थाएं की जाए ,ताकि किसानों
से उपज खरीदी कार्य में किसी प्रकार की परेशानी ना हो। उपार्जन का कार्य पूरी सावधानी से किया जाए। इसके
अलावा भंण्डारण परिवहन तथा खरीदी केंद्रों पर आवश्यक सामग्री की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। किसानों के
लिए आवश्यक व्यवस्थाएं जैसे पेयजल ,छाया ,बैठने की व्यवस्था भी की जाए। इसके अलावा उपार्जन के दौरान
किसानों के अनाज की तुलाई सही ढंग से हो यह भी सुनिश्चित किया जाए।
बैठक में खरीफ उपार्जन हेतु किसान पंजीयन का सत्यापन ,बैंक खातों का सत्यापन, उपार्जित स्कंध की
परिवहन एवं भंडारण व्यवस्था, धान मिलिंग की प्रगति और लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत उचित
मूल्य दुकानों पर भंडारण ,व्यवस्था ,दुकान विहीन पंचायतों में नवीन दुकान खोलना आदि की भी समीक्षा की।
मुख्यमंत्री जन सेवा अभियान के दौरान प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना और पात्रता पर्ची के वितरण कार्यों के संबंध में
भी आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली और खरीफ उपार्जन हेतु चयनित गोदामों के
निरीक्षण करने के निर्देश दिए। इसके अलावा किसानों के बैंक खाते शीघ्र अपडेट करने और राशन उपभोक्ताओं के
मोबाइल नम्बर सीडिंग दुकानवार करने के निर्देश दिए गये।

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जनजातीय गौरव दिवस आज भूतो न भविष्यति जनजातीय जननायक भगवान बिरसा मुण्डा

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डिजिटल भारत l भगवान बिरसा मुण्डा ने अपने 25 वर्ष के जीवन काल में ही जमींदारी प्रथा, राजस्व व्यवस्था इंडियन
फारेस्ट एक्ट-1882 और धर्मातरण के खिलाफ अंग्रेजों एवं ईसाई पादरियों से संघर्ष किया। भगवान बिरसा मुण्डा
जनजातियों की धार्मिक व्यवस्था, संस्कृति, परम्परा, अस्तित्व एवं अस्मिता रक्षक के प्रतीक हैं। वे संपूर्ण जनजातीय
समाज का गौरव है। भारत सरकार ने बिरसा मुण्डा जयंती – 15 नवम्बर को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में
मनाने का निर्णय लिया है। जनजातीय गौरव दिवस मनाना जनजातीय समाज का ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण सनातन
समाज का एकात्म भाव है। भारत के विभिन्न प्रान्तों में बसी लगभग 705 जनजातियाँ जब अपने सपूतों की गौरव
गाथा को याद करने बैठती हैं तो एक स्वर्णिम नाम उभरता है बिरसा मुण्डा, जिसे जनजातीय बन्धु बड़े प्यार और
श्रद्धा के साथ बिरसा भगवान के रूप में नमन करते हैं। जनजातीय समाज ने एक नहीं अनेक रत्न दिए हैं।

मणिपुर के जादोनांग, नागा रानी गाईदिन्ल्यु, राजस्थान के पूंजा भील, आंध्रप्रदेश के अल्लूरी सीताराम राजू, बिहार
झारखण्ड के तिलका मांझी, सिद्धू-कान्हू वीर बुधु भगत, नीलाम्बर-पीताम्बर, जीतराम बेदिया, तेलंगा खड़िया, जतरा
भगत, केरल के पलसी राजा तलक्ल चंदू, महाराष्ट्र के वीर राघोजी भांगरे, असम में शम्भूधन फुन्गलोसा आदि पर
किसे गर्व नहीं होगा? बिरसा मुण्डा इन सबके प्रतीक हैं। छोटा नागपुर (झारखण्ड) के उलीहातू ग्राम में 15 नवम्बर
1875 के दिन इस वीर शहीद जनजातीय जननायक का जन्म हुआ था। पिता सुगना मुण्डा और माता करमी
अत्यन्त निर्धन थे और दूसरे गाँव जाकर मजदूरी का काम किया करते थे। उनके दो भाई एवं दो बहनें भी थीं।
बिरसा का बचपन एक सामान्य वनवासी बालक की तरह ही धूल में खेलते, जंगलों में विचरते, भेड़-बकरियाँ चराते
और बाँसुरी वादन करते बीता। बालक बिरसा को उनके पिता पढ़ा-लिखा कर बड़ा साहब बनाना चाहते थे। माता-
पिता ने उन्हें मामा के घर आयूबहातू भेज दिया। जहाँ बिरसा ने भेड़-बकरी चराने के साथ शिक्षक जयपाल नाग से
अक्षर ज्ञान और गणित की प्रारम्भिक शिक्षा पाई। बिरसा ने बुर्जू मिशन स्कूल में प्राथमिक शिक्षा पाई। आगे की
पढ़ाई के लिए वे चाईबासा के लूथरेन मिशन स्कूल में दाखिल हुए। बिरसा के जीवन में बड़ा बदलाव उनकी स्कूली
शिक्षा के दौरान ही आया। उन्हें इसी दौरान अहसास हुआ कि गरीब वनवासियों को शिक्षा के नाम पर ईसाई धर्म के
प्रभाव में लाया जा रहा है। उन्होंने इसे अपने और अपने वनवासी भाई-बंधुओं के धर्म पर संकट माना। यह वह
समय था जब वनवासियों के अधिकारों और धर्म की रक्षा के लिए ईसाई स्कूलों के विरोध में सरदार आन्दोलन शुरू
हुआ था। बिरसा उस आन्दोलन में शामिल हो गये। बिरसा ने बचपन से मुण्डा आदिवासियों के शोषण को करीब से

देखा था। आये दिन आदिवासियों पर अंग्रेजी राज के अनाचार से उनके मन में क्रांतिकारी ज्वाला प्रज्ज्वलित हो
गयी।
बिरसा

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फायलेरिया की दवा खाने के लिये आमजन को दें : स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी

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डिजिटल भारत l प्रभावित जिलों में एमडीआर के लिये बनाएँ विशेष रणनीति
स्टेट टास्क फोर्स कमेटी ने दिए सुझाव

लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने कहा है कि फायलेरिया प्रभावित जिलों में
मास लेवल पर फायलेरिया निरोधी दवा की खुराक सभी लोग के लिए एक बार लेना जरूरी है। इसके लिये आमजन
को समझाइस दी जाए। फायलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम में ऐसे जिले जहाँ पर फायलेरिया के केस पूरी तरह से
समाप्त नहीं हुए है, उनमें मास लेवल पर फायलेरिया निरोधी दवा की खुराक दी जाना है। फायलेरिया निरोधी दवा
की खुराक सभी को लेना है। इससे फायलेरिया को समाप्त किया जा सकता है। यदि प्रभावित क्षेत्र अथवा जिले के
कुछ लोग दवा का सेवन नहीं करते है तो इससे पूरा क्षेत्र फायलेरिया बीमारी से पीड़ित बना रहता है। स्वास्थ्य मंत्री
डॉ. चौधरी सोमवार को मंत्रालय में राष्ट्रीय फायलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम की स्टेट टास्क फोर्स की बैठक को
संबोधित कर रहे थे। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने बताया कि आम लोगों को फायलेरिया बीमारी के उन्मूलन के लिये
दवा खाने की आवश्यकता का एहसास कराना होगा। आमजन को यह समझाइस देना होगी कि फायलेरिया से मुक्ति
तभी संभव जब प्रभावित जिले के सभी लोगों द्वारा दवा का एक बार सेवनअवश्य किया जाए। उन्होने कहा कि
आमजन को यह जानकारी दी जाए कि फायलेरिया की रोकथाम के लिये दवा खाने से फायलेरिया की बीमारी नहीं
होगी और दवा का दुष्प्रभाव नहीं है। फायलेरिया के उन्मूलन के लिये संबंधित जिलों के जनसमुदाय को दवा खाना
जरूरी है। इस संदेश को विभिन्न माध्यमों से प्रभावित जिलों में जन-जन तक पहुँचाया जाए। स्वास्थ्य मंत्री डॉ.
चौधरी ने कहा कि देश में 20 राज्य के 133 जिलों में फायलेरिया उन्मूलन प्रगति पर है। प्रदेश में 12 एंडेमिक
जिलें है। उन्होंने बताया कि फायलेरिया संक्रमित मच्छर क्यूलेक्स के द्वारा फैलने वाली बीमारी है।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि छतरपुर, दतिया, कटनी, पन्ना, उमरिया, रीवा, टीकमगढ़ और निवाड़ी
में एमडीए की गतिविधि की जा रही है। सागर, सतना, छिन्दवाड़ा और दमोह जिले को ट्रांसमिशन असिसमेन्ट सर्वे
के लिये शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि एमडीए की गतिविधि के सफलतापूर्वक संचालन के लिये संबंधित
जिलों के स्थानीय जनप्रतिनिधियों सहित नगरीय निकायों के पार्षद और ग्राम पंचायत के सरपंच से अभियान में
भागीदार बनाने के लिये पहल की जाएँ

। उन्होंने कहा कि शिक्षा, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, महिला-बाल विकास,
जल संसाधन, किसान कल्याण एवं कृषि विकास, नगरीय विकास एवं आवास, जनजातीय कार्य, सामाजिक न्याय
एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग के मैदानी अमले को फायलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम में जोड़ने की जरूरत है। बैठक
में एसीएस स्वास्थ्य श्री मोहम्मद सुलेमान, स्वास्थ्य आयुक्त डॉ. सुदाम खाड़े, सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास
श्री धनंजय सिंह, सचिव वन विभाग श्री एके मिश्रा, एमडीएनएचएम सुश्री प्रियंका दास, अतिरिक्त आयुक्त नगरीय
विकास डॉ. सत्येन्द्र सिंह, अतिरिक्त आयुक्त अनुसूचित जनजाति कल्याण श्री केजी तिवारी और टास्क फोर्स कमेटी
के सदस्य उपस्थित थे।

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महविश ने कहा, “मैं लंबे अरसे से उसका पीछा कर रही थी. अगर वह अब फ़रार हो जाता तो शायद उसको जल्द पकड़ना मुमकिन न होता, अपने बहादुरी के कारण फेमस हो रही पाकिस्तान की ये महिला पुलिस

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डिजिटल भारत l एक महिला के रेप और ब्लैकमेलिंग का अभियुक्त ज़मानत रद्द किए जाने के बाद अदालत के कमरे से फ़रार होने के लिए दौड़ लगा देता है.

मुल्ज़िम के पीछे महिला पुलिस अधिकारी ने दौड़ लगा दी. इससे पहले कि जवान मुल्ज़िम दूसरी मंज़िल की सीढ़ियां उतर कर ग़ायब होता, उससे पहले ही अधिकारी ने उसे दबोच लिया

मुल्ज़िम ने छूटने की पूरी कोशिश की. पुलिस अधिकारी को चोट भी लगी मगर उसने मुल्ज़िम के हाथ कमर की तरफ़ मोड़ दिए और वहां मौजूद लोगों में से एक से चादर लेकर हाथों को मज़बूती से बांध दिया
अदालत परिसर में कई लोग ये देखकर दंग रह गए.

सिब्तैन शाह ने यह घटना अपनी आंखों के सामने देखी तो उन्हें भी यही लग रहा था कि मुल्ज़िम महिला पुलिस अफ़सर की पकड़ से भाग जाएगा.

वे कहते हैं, “वैसे भी एक महिला के लिए एक युवा मर्द को क़ाबू में रखना मुश्किल होता है मगर हैरत है कि महिला अफ़सर ने मुल्ज़िम को अपनी पकड़ से निकलने न दिया.”

एक और चश्मदीद गवाह सुल्तान महमूद कहते हैं कि बेहद बहादुर महिला अफ़सर ने अकेले दम पर मुल्ज़िम को पहले दीवार के साथ धक्का देखकर दबोचा और फिर उसके हाथ कसकर बांधकर अदालत से बाहर भी लेकर गईं.

“उसको चोट भी लगी मगर उसने परवाह न की. ऊपरी तौर पर यह अविश्वसनीय लगता है मगर यह सब हमारी आंखों के सामने हुआ.”
कौन है यह बहादुर महिला ऑफ़िसर ?
सोशल मीडिया पर भी इस महिला अफ़सर की हिम्मत की ख़ूब तारीफ़ हुई है.

राना बिलाल ने लिखा, “पुलिस के आला अफ़सरों को ऐसी बहादुर बेटियों का हौसला बढ़ाना चाहिए”

जबकि सादिया कहती हैं, “हमारी ताक़त का अंदाज़ा है ही नहीं किसी को.”

यह ज़िला हाफ़िज़ाबाद की सब इंस्पेक्टर महविश असलम हैं जो इस समय अनुसंधान विभाग में सेवाएं दे रही हैं.

वह अपने ज़िले की पहली महिला पुलिस अफ़सरों में शामिल हैं.

उन्होंने बीबीसी से बात करते हुए बताया कि उस आदमी पर एक महिला के रेप और ब्लैकमेलिंग का आरोप है.

महविश ने कहा, “मैं लंबे अरसे से उसका पीछा कर रही थी. अगर वह अब फ़रार हो जाता तो शायद उसको जल्द पकड़ना मुमकिन न होता. इसलिए मैंने कुछ सोचे समझे बिना पल भर में फ़ैसला किया कि उसको हर स्थिति में पकड़ना है चाहे कुछ भी हो जाए.”
उनका कहना था, “मुझे लगा कि अगर यह लाहौर हाई कोर्ट से फ़रार हो जाता तो फिर यह दोबारा कोई न कोई चक्कर चलाता और अपनी पहुंच-पैरवी इस्तेमाल करता. वैसे भी ऐसे मुल्ज़िम किसी रियायत के लायक नहीं होते. उनको हर हाल में अदालत का सामना करना चाहिए.”

मगर महविश ने अकेले उस मुल्ज़िम को कैसे क़ाबू किया?

इस सवाल पर वह बताती हैं, “ऊपर से देखने से मुल्ज़िम मुझसे ताक़तवर लगता है मगर मैं जानती हूं कि मेरे साथ सच की ताक़त थी और मेरे पास ऐसा जज़्बा था कि मैंने मुल्ज़िम को फ़रार नहीं होने दिया.”

महिला अफ़सर बताती हैं, “हमें अतीत में ऐसा सुनने को मिला है कि मुल्ज़िम अदालत के अहाते में ही पुलिस से ख़ुद को छुड़ा कर भाग गया और अब पुलिस को उसकी दोबारा तलाश है.”

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राष्ट्रपति की उपस्थिति में जनजातीय गौरव दिवस से लागू होगा पेसा एक्ट : मुख्यमंत्री शिवराज चौहान

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डिजिटल भारत l मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि यह मध्यप्रदेश के लिये गौरव की बात है कि राष्ट्रपति
द्रोपदी मुर्मू के मुख्य आतिथ्य में शहडोल में 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस का राज्य स्तरीय
कार्यक्रम होगा। इसी दिन मध्यप्रदेश में जनजातीय समुदाय के हित में पेसा एक्ट भी अधिकारिक रूप से लागू किया
जायेगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि सामाजिक समरसता के साथ प्रदेश का विकास सरकार की प्राथमिकता है।


मुख्यमंत्री चौहान आज शहडोल के लालपुर ग्राम में जनजातीय गौरव दिवस की तैयारियों की समीक्षा के बाद
उमरिया जिले के गुरूवाही में पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने यहाँ मौजूद बच्चों से चर्चा भी की। गुरूवाही
से बाँधवगढ़ जाते समय मुख्यमंत्री से कस्तूरबा गांधी छात्रावास की छात्राओं ने मुलाकात की और उनका आत्मीय
स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने अपनी भांजी छात्राओं को आशीर्वाद दिया और उनकी शिक्षा के संबंध में जानकारी ली।मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि मध्य प्रदेश की धरती पर भी भीमा नायक, टंट्या मामा, रघुनाथ शाह-शंकर शाह जैसे जनजातीय नायकों की स्मृति में स्मारक बनाने का कार्य किया गया है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के कई शहीद ऐसे थे, जिनका बलिदान सामने नहीं आ पाया। मानगढ़ में गोविंद गुरू ने अपने धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए अंग्रेजों की चुनौती को स्वीकार किया और 1500 से अधिक वीरों ने बलिदान दिया। प्रधानमंत्री मोदी का बलिदान स्थल पर स्मारक बनाने का निर्णय अभिनंदनीय है

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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शहडोल के लालपुर ग्राम में जन-प्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ की समीक्षा, राज्य स्तरीय जनजातीय गौरव दिवस की तैयारियों का लिया जायजा

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डिजिटल भारत l मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज शहडोल के लालपुर गाँव पहुँच कर राज्य-स्तरीय जनजातीय
गौरव दिवस की तैयारियों का जायजा लिया और अधिकारियों के साथ समीक्षा की। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि
यह हमारा सौभाग्य है कि जनजातीय गौरव दिवस पर राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू मध्यप्रदेश आ रही है। राष्ट्रपति
बनने के बाद उनकी यह पहली मध्यप्रदेश की यात्रा है। हम उनका शहडोल में भव्य स्वागत करें और कार्यक्रम को
ऐतिहासिक, अभूतपूर्व एवं गरिमामयी स्वरूप प्रदान करें। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि 15 नवम्बर भगवान
बिरसा मुंडा के जन्म-दिवस पर जनजातीय परंपराओं एवं संस्कृति पर आधारित लोक नृत्यों एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम
सुनिश्चित किये जायेंगे। राष्ट्रपति का जनजातीय परंपराओं के अनुसार भव्य और गरिमामय स्वागत की तैयारियाँ
भी सुनिश्चित की जाये। कमिश्नर शहडोल संभाग श्री राजीव शर्मा ने सभा स्थल की तैयारियों, बैठक, पार्किंग,
पेयजल, परिवहन एवं भोजन व्यवस्था की तैयारियों की जानकारी दी।

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री श्री
बिसाहूलाल सिंह, जनजातीय कल्याण मंत्री सुश्री मीना सिंह, विधायक जयसिंह मरावी, मनीषा सिंह,
शरद कोल, अध्यक्ष नगरपालिका बुढार श्रीमती शालिनी सरावगी, एडीजी डीसी सागर, मुख्य वन संरक्षक
लाखन सिंह उइके, कलेक्टर वंदना वैद्य सहित जन-प्रतिनिधि एवं अधिकारी उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री
चैहान ने कहा कि यह हर्ष का विषय है कि 15 नवम्बर को भगवान बिरसा मुंडा के जन्म-दिवस पर राष्ट्रपति
श्रीमती द्रौपदी मुर्मू की उपस्थिति में मध्यप्रदेश में सामाजिक समरसता लाने के उददेश्य से पेसा एक्ट लागू होगा।
मुख्यमंत्री चौहान शहडोल जिले के लालपुर में राज्य स्तरीय जनजातीय गौरव उत्सव की तैयारियों पर पत्रकारों से
चर्चा कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी मिलकर सामाजिक समरसता का परिचय देते हुए महामहिम
राष्ट्रपति का ऐसा ऐतिहासिक और गौरवपूर्ण स्वागत करें, जो उन्हें हमेशा स्मरण रहें। मुख्यमंत्री ने मीडियाकर्मियों
से भी इस कार्यक्रम में सहर्ष सहभागिता की अपील की।

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 निगमायुक्त के द्वारा शहर के विभिन्न क्षेत्रों में निर्माणाधीन सड़कों और फुटपाथ के कार्यो का किया गया निरीक्षण निर्माण कार्यो की गुणवत्ता पर निरीक्षण के दौरान अधिकारियों और ठेकेदार के प्रति जताई नाराजगी

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डिजिटल भारत l  नगर निगम द्वारा शहर के नागरिकों को बेहतर मूलभूत सुविधाएॅं प्रदान करने की दिशा में अद्योसंरचना एवं विकास के कार्य लगातार कराये जा रहे हैं। इन विकास कार्यो में सड़कों के निर्माण के साथ-साथ नाला नालियों एवं फुटपाथ के भी निर्माण कराये जा रहे हैं।

जिसका निरीक्षण आज निगमायुक्त आशीष वशिष्ठ के द्वारा किया गया और निरीक्षण के दौरान निर्माण कार्यो की गुणवत्ता देखकर इंजीनियरों और ठेकेदारों के प्रति नारजगी जाहिर की गयी। निगमायुक्त श्री वशिष्ठ ने बताया कि आज उनके द्वारा अग्रसेन चौक से स्कीम नम्बर 41, विजय नगर क्षेत्र में निर्माणाधीन कांक्रीट सड़ निर्माण के साथ-साथ उखरी क्षेत्र में निर्माणाधीन फुटपाथ का भी निरीक्षण किया गया। उन्होंने निरीक्षण के मौके पर देखा कि निर्माण कार्यो की गुणवत्ता ठीक नहीं है और निर्धारित माप दण्डों के अनुरूप निर्माण कार्य नहीं कराये जा रहे हैं। जिसपर नाराजगी व्यक्त करते हुए कार्यो में सुधार लाने के कड़े निर्देश दिये।
निगमायुक्त श्री वशिष्ठ ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जो भी निर्माणाधीन कार्य प्रचलन में है उन सभी कार्यो को निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप समय सीमा में सफाई के साथ कराएॅं, क्रांक्रीट के कार्यो की तराई अच्छी तरह से कराएॅं। उन्होंने हिदायत दी कि यदि समय सीमा में गुणवत्ता के साथ कार्य पूर्ण नहीं हुए तो ऐसी स्थिति में इंजीनीयरों के साथ-साथ संबंधित ठेकेदार के ऊपर भी पेनाल्टी लगाई जायेगी। इस मौके पर कार्यपालन यंत्री आर.के. गुप्ता, सहायक यंत्री आर.क.े गोस्वामी, प्रदीप मरावी आदि उपस्थित रहे। 

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आवारा पशुओं की धरपकड़ जारी – 25 आवारा पशुओं को पकड़कर पहुॅंचाया गया निगम गौशाला, इसी के साथ पशुओ को ऐसे छोड़ते हुए पकडे जाने पर लगेगा जुरमाना

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डिजिटल भारत l मध्य प्रदेश में लगातार देखा जा रहा है कि सड़क दुर्घटना में कोई मवेशी या तो मर जाता है या बुरी तरह जख्मी हो जाता है। कई बार आवारा पशुओं के हमले से इंसानों को नुकसान उठाना पड़ता है। ऐसी ही समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने बड़ा और सख्त कदम उठाया है। निगमायुक्त आशीष वशिष्ठ के निर्देशानुसार शहर के आवारा पशुओं को धरपकड़ अभियान लगातार जारी है। आज भी शहर के विभिन्न क्षेत्रों से 25 आवारा पशुओं को पकड़ने की कार्यवाई की गई। आज नगर निगम फायर ऑफिस के हॉंका गैंग टीम द्वारा 25 आवारा पशुओं को पकड़कर कैटल वाहन के माध्यम से कांजी हौस में पहुॅंचाया गया। इस संबंध में फायर अधीक्षक कुसाग्र ठाकुर, सहायक अधीक्षक राजेन्द्र पटैल, ने बताया कि शहर में नगर निगम के फायर ब्रिगेड के द्वारा सुबह एवं शाम की पालियों में विशेष गैंग एवं वाहनों को लगाकर आवारा मवेशियों को धरपकड़ करने की कार्रवाई लगातार की जा रही है। जिससे की लोगों को आवागमन में राहत मिल सके।

उन्होंने बताया कि दिनांक 01 सितम्बर 2022 से 09 नवम्बर 2022 तक हाका गैंग द्वारा 915 आवारा मवेशियों एवं 170 घायल, बीमार पशुओं को निगम गौशाला एवं कांजी हौस में बंद किया गया। यह कार्रवाई निगमायुक्त आशीष वशिष्ठ के निर्देशानुसार की जा रही है।
श्री पटैल ने बताया कि शहर की साफ सफाई, स्वच्छता और सुगम यातायात व्यवस्था को दृष्टिगत रखते हुए निगमायुक्त आशीष वशिष्ठ के निर्देशानुसार नगर निगम के फायर ब्रिगेड (अग्नि शमन विभाग) के द्वारा आवारा मवेशियों को पकड़ने का अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बंद किये गए आवारा मवेशियों के मालिकों से आर्थिक दण्ड स्वरूप जुर्माने की कार्यवाही भी की जा रही है, विगत 2 माह में पशुपालक दिनेश कोरी, कृष्णा कुमार यादव, धर्मेन्द्र कुमार, शिव कुमार से 15 हजार 2 सौ 50 रूपये जुर्माना वसूल कर निगम कोष में जमा कराया गया।

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