DIGITAL BHARAT

एक भारत उत्कृष्ट भारत

अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला, भारत मंडपम में इस महीने से शुरू

3 0
Read Time:12 Minute, 26 Second

अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला, भारत मंडपम में इस महीने से शुरू होने जा रहा है, जो देश के सबसे प्रमुख व्यापारिक और सांस्कृतिक आयोजनों में से एक है। इस मेले का आयोजन व्यापारिक उत्पादों और सेवाओं को बढ़ावा देने, नए बिजनेस नेटवर्क स्थापित करने, और विभिन्न देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से किया जाता है।

यह मेला भारत मंडपम में आयोजित किया जाएगा, जो हाल ही में नई दिल्ली में बनाया गया एक भव्य और अत्याधुनिक कन्वेंशन सेंटर है। इस वर्ष मेले में भारत के विभिन्न राज्यों के साथ-साथ कई अन्य देशों के उद्यमी, कंपनियाँ और कलाकार हिस्सा लेंगे, जिससे उत्पादों, सेवाओं और संस्कृति के वैश्विक आदान-प्रदान का अवसर मिलेगा।

मेले में कई प्रकार के उद्योगों जैसे कृषि, टेक्सटाइल, आईटी, कन्फेक्शनरी, हैंडीक्राफ्ट्स और इलेक्ट्रॉनिक्स आदि से जुड़े उत्पाद प्रदर्शित किए जाएंगे।

भारत मंडपम में इसी महीने से शुरू होगा अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला, 55 मेट्रो स्टेशन के अलावा यहां से लें टिकट

नई दिल्ली। भारत मंडपम में 14 से 27 नवंबर तक आयोजित होने वाले भारत अंतर्राष्‍ट्रीय व्‍यापार मेला (आईआईटीएफ) का टिकट खरीदने में अब परेशनी नहीं होगी। भारत मंडपम के साथ ही दिल्ली मेट्रो के मोबाइल ऐप पर क्यूआर कोड आधारित टिकट खरीदने की सुविधा होगी।
इसके लिए दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) और भारत व्यापार संवर्धन संगठन (आइटीपीओ) ने समझौता किया है। आइटीपीओ के महाप्रबंधक (आईटी) राकेश चंद्र शर्मा और डीएमआरसी के महाप्रबंधक (टेली) सुधीर मित्तल समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।

आईटीपीओ की वेबसाइट से भी कर पाएंगे टिकट की बुकिंग
लोग 11 नवंबर से दिल्ली मेट्रो ऐप (Delhi Metro App) डीएमआरसी (DMRC) दिल्ली सारथी/डीएमआरसी मोमेंटम 2.0 और भारत मंडपम ऐप (Bharat Mandapam App) के साथ आईटीपीओ की वेबसाइट से टिकट की बुकिंग हो सकेगी। ऐप के माध्यम से कोई व्यक्ति एक दिन में अधिकतम10 टिकट बुक कर सकता है। 55 मेट्रो स्टेशनों पर भी टिकट खरीदने की सुविधा उपलब्ध होगी।
यहां मिलेगी टिकट
दिल्ली मेट्रो ऐप
डीएमआरसी
डीएमआरसी मोमेंटम 2.0
भारत मंडपम ऐप
आईटीपीओ की वेबसाइट
डीएमआरसी के प्रबंधक ने कही ये बात
डीएमआरसी के प्रबंध निदेशक डा. विकास कुमार ने कहा, “इस समझौता से आईआईटीएफ के टिकट खरीदने में आसानी होगी। डिजिटल टिकट की सुविधा से काउंटर पर भीड़ कम होने के साथ ही प्रवेश प्रक्रिया सुव्यवस्थित होगी। इस अवसर पर डीएमआरसी के निदेशक (संचालन और सेवा) डा. अमित कुमार जैन और आईटीपीओ के कार्यकारी निदेशक प्रेमजीत लाल उपस्थित थे।
दिल्ली के कई इलाकों में इस समय हवा बेहद जहरीली
Delhi Air Pollution राजधानी दिल्ली समेत पूरे एनसीआर इस दिनों प्रदूषण की मार झेल रहा है। बढ़ते प्रदूषण से लोगों की सांसें फूलने लगी हैं। शुक्रवार सुबह पूरी राजधानी स्मॉग की चादर में लिपटी नजर आई। मौसम विभाग की अगर बात करें तो दृश्यता दिल्ली में पालम पर 1000 मीटर और सफदरजंग पर 800 मीटर दर्ज किया गया।
वहीं, एक्यूआई बेहद खतरनाक स्थिति में पहुंचा नजर आया। जिस कारण से लोगों को सांस संबंधित समस्याएं हो रही हैं। साथ ही आंखों में जलन होने से लोग परेशान हैं। मौसम विभाग के मुताबिक, दिल्ली के कई इलाकों में इस समय हवा जहरीली है।
दिल्ली के पंजाबी बाग में एक्यूआई 361 दर्ज
जो सीधे स्वास्थ्य पर असर डाल रही है। बता दें कि नोएडा सेक्टर-1 में शुक्रवार सुबह एक्यूआई 696 दर्ज किया गया। हालांकि, अब वहां एक्यूआई 543 दर्ज किया गया है। उधर, दिल्ली (delhi pollution update) के पंजाबी बाग में एक्यूआई (Delhi AQI)361 दर्ज किया गया है।

अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला क्या उद्देश्य रहता है

अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले का मुख्य उद्देश्य व्यापारिक संबंधों को बढ़ावा देना, विभिन्न देशों और भारतीय राज्यों के बीच सांस्कृतिक और आर्थिक आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करना होता है। इसका आयोजन व्यापार, उद्योग और संस्कृति के क्षेत्र में आपसी सहयोग को मजबूत करने के लिए किया जाता है।

यहाँ मेले के कुछ प्रमुख उद्देश्य हैं:
व्यापारिक अवसरों का सृजन: विभिन्न उद्योगों और देशों के उद्यमियों को एक साझा मंच पर लाना, जिससे वे अपने उत्पादों और सेवाओं का प्रचार कर सकें और व्यापारिक नेटवर्क स्थापित कर सकें।
नई तकनीकों और इनोवेशन का प्रदर्शन: मेले में नई-नई तकनीकों, इनोवेटिव प्रोडक्ट्स और सेवाओं को प्रदर्शित किया जाता है, जिससे लोगों को वैश्विक मार्केट में हो रहे परिवर्तनों की जानकारी मिलती है और वे नवीन तकनीकों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित होते हैं।
निर्यात को प्रोत्साहन: यह मेला भारतीय निर्यातकों को विदेशी खरीदारों से संपर्क करने का अवसर प्रदान करता है, जिससे उन्हें अपने उत्पादों को अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में पहुंचाने में मदद मिलती है।

सांस्कृतिक आदान-प्रदान: इस मेले में न केवल व्यापारिक उत्पाद होते हैं, बल्कि विभिन्न देशों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ भी होती हैं। इससे सांस्कृतिक समझ बढ़ती है और देशों के बीच सद्भावना मजबूत होती है।
लघु एवं मध्यम उद्यमों (SMEs) को समर्थन: यह मेला छोटे और मध्यम उद्योगों के लिए अपने उत्पादों को बड़े बाजार में पेश करने का एक बेहतरीन अवसर प्रदान करता है, जिससे उन्हें अपने व्यापार को विस्तार देने में मदद मिलती है।
पर्यटन को बढ़ावा देना: मेले में भाग लेने के लिए देश-विदेश से लोग आते हैं, जिससे मेज़बान शहर और देश के पर्यटन को बढ़ावा मिलता है।
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला न केवल व्यापारिक अवसरों का विस्तार करता है, बल्कि वैश्विक स्तर पर सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों को भी सशक्त बनाता है।

अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला भारत के लिए कई तरह से लाभकारी है, जो न केवल आर्थिक बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक क्षेत्रों में भी योगदान देता है। यहाँ कुछ प्रमुख लाभ दिए गए हैं:

निर्यात और विदेशी मुद्रा में वृद्धि: मेले में विभिन्न देशों के व्यापारी और खरीदार भाग लेते हैं, जिससे भारतीय उत्पादों का निर्यात बढ़ता है। इससे देश में विदेशी मुद्रा का प्रवाह बढ़ता है, जो अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करता है।

लघु और मध्यम उद्योगों (SMEs) को सहयोग: यह मेला छोटे और मध्यम उद्योगों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है, जहाँ वे अपने उत्पादों का प्रचार कर सकते हैं और नए ग्राहकों को आकर्षित कर सकते हैं। इससे देश के SMEs को अधिक व्यवसाय मिलता है, जिससे स्थानीय उद्योगों को भी बढ़ावा मिलता है।

रोजगार के अवसर: मेले के आयोजन और उससे जुड़े गतिविधियों के कारण रोजगार के कई नए अवसर उत्पन्न होते हैं, जैसे कि मैन्युफैक्चरिंग, लॉजिस्टिक्स, मार्केटिंग और हॉस्पिटैलिटी में। मेले के दौरान कई अस्थायी और स्थायी रोजगार सृजित होते हैं, जो युवाओं और स्थानीय लोगों को फायदा पहुँचाते हैं।

तकनीकी और ज्ञान का आदान-प्रदान: मेले में विभिन्न देशों के व्यवसायी और उद्यमी भाग लेते हैं, जिससे तकनीकी जानकारी और नए विचारों का आदान-प्रदान होता है। इससे भारतीय उद्यमियों को नवीन तकनीकों और बाजार की वर्तमान ट्रेंड्स के बारे में जानने का अवसर मिलता है, जो उन्हें अपने व्यवसाय में सुधार करने में मदद करता है।

विविधता और संस्कृति का प्रदर्शन: भारत की संस्कृति और कला को वैश्विक दर्शकों के सामने प्रस्तुत करने का यह एक अनोखा अवसर है। इसके माध्यम से भारतीय हस्तशिल्प, कपड़े, भोजन और परंपराओं का प्रदर्शन होता है, जिससे भारत की सांस्कृतिक पहचान को वैश्विक स्तर पर प्रचार मिलता है।

पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा: मेले के दौरान विदेशी और स्थानीय पर्यटक बड़ी संख्या में आते हैं, जो होटल, रेस्तरां, परिवहन और अन्य सेवाओं में खर्च करते हैं। इससे मेज़बान शहर और राज्य की स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी लाभ होता है।

देश की वैश्विक प्रतिष्ठा में वृद्धि: अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले जैसे बड़े आयोजन से भारत की वैश्विक प्रतिष्ठा में बढ़ोतरी होती है। यह मेजबानी क्षमता, विकास और विविधता का संकेत देता है, जो निवेशकों और व्यापारियों को भारत में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करता है।

अतः अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला भारत को व्यापार, सांस्कृतिक आदान-प्रदान, और रोजगार की दृष्टि से बहुत लाभ पहुँचाता है, जिससे देश की आर्थिक और सामाजिक स्थिति मजबूत होती है।

Happy
Happy
100 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

म.प्र. पर्यटन विभाग ने किये विशेष इंतजाम पर्यटन स्थल देखी जा रही अच्छी खासी भीड़

0 0
Read Time:4 Minute, 40 Second

डिजिटल भारत l स्कूलों में ग्रीष्मकालीन अवकाश प्रारंभ हो गया है जिसके साथ ही लोग इन दिनों सैर सपाटे पर निकल गए है। पसंदीदा स्पाट जंगली क्षेत्र है जहां सबसे ज्यादा पर्यटकों का रूझान है। अगले दो सप्ताह में एक लाख से ज्यादा पर्यटक जबलपुर के आसपास के पर्यटन स्थलों में घूमने आएंगे। मप्र पर्यटन विभाग ने भी त्योहार और पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए विशेष इंतजाम किए हैं। बरगी में पर्यटन विभाग ने वाटर स्पोटर्स के अन्य खेल के साथ बनाना राइड शुरू की है। 25 दिसंबर को इसकी शुरुआत होगी।

मप्र राज्य पर्यटन विकास निगम द्वारा बरगी के मैकल रिसोर्ट में बनाना राइड प्रारंभ की है। 25 दिसंबर से पर्यटकों के लिए यह सुविधा प्रारंभ हो जाएगी। इस संबंध में राज्य पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष विनोद गोटियां ने कहा कि पर्यटन विस्तार एवं पर्यटन को नित नए तरह की सुविधाओं में वृद्धि करने के लिए प्रयास किये जाते रहे है इसी श्रंखला में साहसिक पर्यटन को बढ़ाते हुए एमपीटी मैकल रिसोर्ट बरगी में बनाना राइड की सुविधा पर्यटकों हेतु शुरू कर दी जाएगी। अध्यक्ष गोंटिया द्वारा ने बताया की कुछ दिवस पूर्व बरगी में स्थानीय मछुआरों की नौका दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। जिसमें उनके द्वारा बरगी में बनाना राइड की सुविधा जल्द ही देने के लिए बोला गया था। मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक केएल पटेल ने जानकारी देते हुए बताया की नए वर्ष के पूर्व निगम की समस्त इकाइयों की बुकिंग लगभग पूर्ण हो चुकी जिसमें काफी संख्या में बाहरी पर्यटक आ रहे है। पर्यटन निगम के सभी इकाइयों में पर्यटकों के मनोरंजन हेतु नव वर्ष की पूर्व संध्या पर आयोजन किये जा रहे है जिसमें पर्यटकों को तरह तरह व्यंजन परोसे जाएंगे और मनोरंजन की भी पूर्ण व्यवस्था की गई है। पर्यटकों के आकर्षण के लिए आदिवासी नृत्य, फोक डांस एवं संगीत, बोन फायर, कलचुरी रेसीडेंसी जबलपुर में आर्केस्ट्रा का आयोजन होगा।

मप्र पर्यटन निगम के क्षेत्रीय अधिकारी ने बताया कि पर्यटन विभाग के सारे होटल और रिसोर्ट में पहले ही बुकिंग फुल हो गई है। बरगी के मेकल रिसोर्ट या भेड़ाघाट के होटल इसके अलावा कान्हा,पेंच और बांधवगढ़,अमरकंटक हर होटल में जनवरी के पहले हफ्ते तक बुकिंग हो चुकी है।

पर्यटकों ने काफी पहले ही छुटि्टयों को देखते हुए अपनी योजना बना ली थी। सबसे अधिक रूझान जंगली क्षेत्रों में जाने का है। यहां हालात ये है कि अधिकांश जंगली क्षेत्र में पार्क के अंदर जाने की बुकिंग भी नहीं मिल रही है। पर्यटकों को पर्यटन करने का सबसे अनुकूल समय यहीं माना जाता है। इस दौरान होटल भी पर्यटकों के लिए आकर्षक आयोजन करते हैं। इसमें बोन फायर, गीत-संगीत के आयोजन होते हैं। बरगी में जहा पर्यटकों के लिए वाटर स्पोर्टस की गतिविधियां संचालित होगी वहीं सर्द रातों में यहां वक्त गुजारने कई पर्यटक आते हैं होटल में सीमित कमरे होने की वजह से यहां बुकिंग मिलना मुश्किल होता है। पर्यटन विभाग को अनुमान है कि बरगी में नववर्ष तक दस हजार पर्यटक घूमने आएंगे। इसी तरह भेड़ाघाट में भी 15 हजार से ज्यादा पर्यटकों के आने की उम्मीद जाहिर की जा रही है।

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

जबलपुर जिले के सकल जैन समाज ने मौन रैली निकालकर सरकार के नाम ज्ञापन सौंपा।

0 0
Read Time:3 Minute, 2 Second

जैन समाज के प्रमुख तीर्थ स्थलों में शामिल सम्मेद शिखर को पर्यटन क्षेत्र घोषित किए जाने के विरोध में जैन समाज ने मौन रैली निकालकर सरकार के नाम ज्ञापन सौंपा।

डिजिटल भारत I आज सुबह से ही दुकानदारों ने यहां अपने-अपने प्रतिष्ठानों को बंद कर विरोध दर्ज करवाया है। जिले में निवाड़ी नगर समेत ओरछा और पृथ्वीपुर तहसील में भी जैन समाज के लोगों ने अपने व्यापार बंद कर प्रतिष्ठान में तालाबंदी की और झारखंड सरकार के आदेश की जमकर आलोचना की।

आदेश वापसी की मांग को लेकर सैकड़ों जैन व्यापारियों का समूह ज्ञापन देने के लिए पृथ्वीपुर तहसील कार्यालय पहुंचा था, लेकिन अधिकारी कार्यालय में नहीं थी। इसको लेकर जैन समाज के लोगों में अधिकारियों और सिस्टम को लेकर काफी आक्रोश दिखाई दिया।

समाज के लोग हाथों में तख्तियां बैनर लेकर उत्तराखंड एवं केन्द्र सरकार के वन एवं पर्यटन मंत्रालय के खिलाफ नारेबाजी लिखकर चल रहे थे।

लोगों का कहना है कि I

यह पवित्र तीर्थ स्थल है, यहां जैन धर्म की अगाध आस्था जुड़ी हुई है। साथ यहां तीर्थंकरों समेत जैन धर्मगुरुओं ने मोक्ष प्राप्त किया है। यहां पर्यटन स्थल बनने से इसकी पवित्रता नष्ट हो रही है, साथ ही लोग मांस मदिरा का सेवन कर रहे हैं। जो कि अनुचित है। यदि समय रहते इस आदेश को वापस नहीं लिया गया तो जैन समाज अपना विरोध तेज करेगा।

झारखंड के गिरिडीह जिले में सम्मेद शिखर पर्वत मौजूद है, जो जैन समाज का प्रमुख तीर्थ स्थल माना जाता है। जैन समाज के लोगों ने का विरोध इस बात को लेकर है कि शिखर के एक हिस्से को झारखंड सरकार ने वन्य जीव अभ्यारण्य घोषित कर दिया है। इसके अलावा केन्द्र व झारखंड सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन में सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल बनाने की बात भी कही गई है। जिसको लेकर देशभर का जैन समाज आक्रोशित है। इसी बात को लेकर जबलपुर समेत प्रदेश के कई जिलों में जैन समाज के लोगों द्वारा विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

अब निखरेगा डुमना नेचर पार्क का सौंदर्य, करीब से होंगे वन्य जीवों के दीदार, एक करोड़ किए जाएंगे खर्च

0 0
Read Time:2 Minute, 35 Second

 डिजिटल भारत I डुमना नेचर पार्क हरियाली से सराबोर, आकर्षक जलाश्य और वन्य जीवों की अटखेलियों से गुलजार शहर से 12 किमी दूर डुमना नेचर पार्क का सौंदर्य और निखरेगा। नगर निगम प्रशासन पर्यटकों को रिझाने के लिए करीब दो हजार एकड़ में फैले डुमना नेचर पार्क को एक करोड़ रुपये खर्च निखार लाएगा।

इस राशि से पार्क में पर्यटन को बढ़ावा देने संबंधी विकास कार्य कराए जाएंगे। इसके लिए नगर निगम ने टेंडर की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। दावा किया जा रहा है कि टेंडर प्रक्रिया होते ही विकास कार्य आरंभ करा दिए जाएंगे। विदित हो कि प्राकृतिक सौंदर्य से ओप-प्रोत ये पार्क वाइल्ड लाइफ के शौकीनों के लिए जंगल से कम नहीं है। डुमना नेचर पार्क में हरे-भरे वृक्ष, खंदारी जलाशय, सुंदर उद्यान सहित वन्य जीव और म्यूजियम मुख्य आकर्षण हैं।

साल भर पहुंचते है पर्यटक, सर्द सीजन में बढ़ी भीड़

डुमना नेचर पार्क में यूं तो पर्यटक वर्ष भर आते रहते हैं, पर सर्द सीजन में पर्यटन प्रेमियों की संख्या बढ़ गई है। रोजाना 300 से ज्यादा लोग प्रकृति का दीदार करने पहुंच रहे हैं। उद्यान की खासियत ये है कि यहां हरे-भरे वृक्ष जंगल सफारी का मजा देते हैं। वहीं खंदारी जलाश्य ऐसा है जो हमेशा लबालब रहता है। वन्य जीव यहीं आकर अपनी प्यास बुझाते हैं और पर्यटक उनके दीदार कर खुश होते हैं।

पार्क में एक वाच टावर भी बना हुआ है जिसे सुरक्षा की दृष्टि से बंद कर दिया गया है। डुमना नेचर पार्क में बहुत सारे वन्य जीव देखने के लिए है। हिरणों के झुंड, मोर, जंगली सूअर, लाल और काले मुंह के बंदर, विभिन्ना प्रजातियों के पक्षी भी कलरव मचाते हैं। खंदारी जलाश्य में कभी कभार मगरमच्छ के दर्शन भी हो जाते हैं।

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %