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एक भारत उत्कृष्ट भारत

मध्यप्रदेश इस शहर में बनेगी गोबर से bio CNG, उत्पादन होगा 2400 किलो का

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डेयरियों से निकला गोबर परियट नदी के जल को दूषित कर रहा है।

डिजिटल भारत l अब इस गोबर की प्रोसेसिंग कर सीएनजी तैयार करने के लिए परियट में प्लांट का निर्माण किया जा रहा है। इस प्लांट में 150 टन गोबर की प्रतिदिन खपत होगी। इससे 2400 किलो सीएनजी का उत्पादन होगा।

150 टन गोबर से होगा 2400 किलो बायो सीएनजी का उत्पादन

गोबर के उपयोग के साथ ही प्रदूषण मुक्त ईंधन भी मिलेगा। विशेषज्ञों के अनुसार शहर में डेयरियों और जिले में मवेशियों की संख्या को देखते हुए यहां बायो सीएनजी के वृहद स्तर पर उत्पादन की बड़ी सम्भावना है। उनका मानना है कि परियट की तर्ज पर गौर नदी के किनारे भी बायो सीएनजी प्लांट स्थापित किया जा सकता है।

चार हजार रुपए ट्रॉली बिकता है गोबर
नगर की डेयरियों से चार हजार रुपए प्रति ट्रॉली गोबर बिकता है। छोटी-बड़ी डेयरियों से निकलने वाले गोबर का उपयोग कंडे, गोबर स्टिक बनाने में किया जा रहा है। ज्यादातर गोबर खाद बनाने के लिए खाली जमीन पर डम्प कर दी जाती है। इससे प्राकृतिक रूप से प्रोसेसिंग में ज्यादा समय लगता है।

प्लांट बन रहा है

प्लांट को बनाने एजेंसी का चयन सांची द्वारा किया जाकर वर्कऑर्डर जारी किया जा चुका है। यह प्लांट महाकौशल क्षेत्र का पहला बायो सी.एन.जी. प्लांट होगा। जिससे डेयरियों से निकलने वाले गोबर से होने वाले प्रदूषण से मुक्ति भी मिलेगी। जिससे नर्मदा व सहायक नदी परियट में मिलने वाले गोबर को पानी में मिलने से रोका भी जा सकेगा। प्लांट निर्माण के लिए माह सितम्बर 22 में ही कम्पनी के साथ एग्रीमेंट किया गया था। वहीं प्लांट को मई 2023 तक तैयार करने की कवायद की जा रही हैं।

परियट क्षेत्र की डेयरियों से निकलने वाले गोबर की प्रोसेसिंग कर बायो सीएनजी के उत्पादन के लिए परियट में प्लांट स्थापित किया जा रहा है। निर्माण कार्य पूरा होने पर प्रतिदिन डेढ़ सौ टन गोबर की खपत होगी। इससे 2400 किलो बायो सीएनजी ईंधन का उत्पादन होगा।

रवि राव, प्रशासनिक अधिकारी, स्मार्ट सिटी

ये है स्थिति

112 डेयरी हैं परियट में
40 डेयरी गौर नदी के पास
25 हजार से ज्यादा भैंस हैं डेयरियों में
04 हजार रुपए प्रति ट्रॉली बिकता है गोबर
150 टन गोबर का होगा प्रतिदिन उपयोग
21 करोड़ रुपए है निर्माण लागत

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हो सकती है बूंदाबांदी बढ़ती ठंड को देखकर

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सोमवार-मंगलवार को ठंड को देख कर लग रहा है , हो सकती है बूंदाबांदी
दो डिग्री बढ़ा पारा
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डिजिटल भारत l लगातार गिर रहे पारे को बादलों ने थाम लिया है। मौसम विभाग के अनुसार जम्मू-कश्मीर में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ और चक्रवाती तूफान के असर से मौसम का मिजाज बदल रहा है। दो दिनों तक मौसम ऐसा ही रहेगा।

सोमवार-मंगलवार को भी हल्के बादल छाए रहेंगे, जबलपुर सहित संभाग के जिलों में कहीं-कहीं बूंदाबांदी भी हो सकती है। बादलों के फेर में तापमान भी करीब दो डिग्री तक बढ़ गया। हवाओं में नमी घुलने से रविवार को तापमान में जहां बढ़ोत्तरी दर्ज की गई वहीं ठंड का असर कुछ कम रहा।

उत्तरी बर्फीली हवाओं के कारण पिछले चार दिनों से बढ़ती ठंड से धूप का असर कम रहा। लेकिन रविवार को ठंड के कुछ कमजोर पड़ते ही धूप का असर तेज हो गया। इस बीच हल्के बादल भी आते-जाते रहे। शाम को भी वातावरण में ठंडक कम ही रही। हालांकि रात होते ही दो किमी की गति से चली उत्तरी हवाओं से बर्फीली ठंडक का अहसास होता रहा।

मौसम विभाग के अनुसार पाकिस्तान और उससे लगे जम्मू-कश्मीर पर एक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय है। इसी के साथ चक्रवाती तूफान के असर से हवाओं में नमी घुली रही।

मौसम विभाग के मुताबिक जो संकेत मिल रहे है उसके अनुसार 13 और 14 दिसंबर को जबलपुर सहित संभाग के जिलों में बादल छा सकते हैं।

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कटनी के पास रेल का बिगड़ा संतुलन यातायात प्रभावित

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जबलपुर मंडल के कटनी-मैहर रेल खंड पर कटनी से लगभग 27 किलोमीटर दूर एक मालगाड़ी के दो कोच पटरी से उतर गये, जिससे डाउन दिशा की ओर गाड़ियों का परिचालन पर असर पड़ा।

डिजिटल भारत l पूना से चलकर जबलपुर से कटनी होकर रंगिया जा रही रविवार 11 दिसम्बर को रात लगभग 21.30 बजे मेन लाइन से डाउन लाइन पर आते समय उक्त मालगाड़ी के 06 और 07 नम्बर के कोच दुर्घटना ग्रस्त हुए हैं, जिस पर तुरन्त मालगाड़ी को रोक कर रेलवे कंट्रोल को सूचित किया गया। इस दुर्घटना से जबलपुर से लखनऊ जा रही चित्रकूट एक्सप्रेस, को कटनी साउथ मे तथा गंगा कावेरी ट्रेन नंबर 12669 को झुकेही स्टेशन पर रोका गया। दुर्घटना के बाद रेलवे का दल स्थल पर पहुंचा और ट्रैक सुधार का कार्य प्रारंभ किया। कटनी से पहले पकरिया रेलवे स्टेशन पर यह घटना हुई। चित्रकूट एक्सप्रेस 15206 को दूसरे मार्ग से निकाला। वहीं लगभग 12:30 बजे रात को ट्रैक क्लियर करके ट्रेनों को यथावत चलाना शुरू कर दिया गया है।

जबलपुर मंडल के कटनी-मैहर रेल खंड पर कटनी से लगभग 27 किलोमीटर दूर एक मालगाड़ी के दो कोच पटरी से उतर गये, जिससे डाउन दिशा की ओर गाड़ियों का परिचालन पर असर पड़ा। रेलवे का दल स्थल पर पहुंचा और ट्रैक सुधार का कार्य प्रारंभ किया।

जबलपुर से सतना के लिए रवाना हुई पमरे की जीएम स्पेशल ट्रेन में सवार आला अधिकारियों ने जबलपुर से सतना के बीच कई स्टेशनों का निरीक्षण किया। इस अवसर पर जीएम सुधीर गुप्ता ने सतना स्टेशन को विश्वस्तरीय बनाने के लिए यहां के रेल अधिकारियों के साथ बैठक की।

इस अवसर पर उन्होंने रेलवे के जोन और मंडल के रेल निर्माण विभाग के आला अधिकारियों से लेकर कमर्शियल विभाग के सीनियर डीसीएम और अन्य अधिकारियों ने स्टेशन के विकास से जुड़े विषयों पर विस्तार से जानकारी दी। इस दौरान निजी एजेंसी द्वारा तैयार की गई योजना को लेकर जीएम ने समीक्षा की और इसे बेहतर करने के सुझाव भी दिए।

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धर्मवीर डॉ बालकृष्ण शिवराम मुंजे-एक प्रज्ञावान देशभक्त :150वीं जयंती विशेष

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डिजिटल भारत l डॉ बालकृष्ण शिवराम मुंजे ( 1872 से 3 मार्च 1948) एक बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तृतीय सरसंघचालक बालासाहब देवरस के अनुसार वे दृष्टा महापुरुष थे । दृष्टा को उसके जीवन काल में समाज द्वारा मान्यता नहीं मिल पाती । यद्यपि यह वास्तविकता है कि धर्मवीर डॉ मुंजे पुरे देश में बहुत लोकप्रिय नेता थे।डॉ मुंजे ने पहले सशस्त्र क्रांतिकारी के रूप में और बाद में राजनीतिक नेता के रूप में भारत की स्वतंत्रता के लिए प्रयास किया। कहा जाता है कि डॉ मुंजे ने तब देश के कई युवाओं को, जिनमे डॉ हेडगेवार भी थे, बम बनाने का प्रशिक्षण दिया था।वे अत्यंत मेधावी थे। मुंबई के प्रसिद्ध ग्रांट मेडिकल कॉलेज से 1898 में L M & S  (Licentiate in Medicine and Surgery आज की MBBS डिग्री ) उपाधि प्राप्त की । मुंबई महानगरपालिका में मुख्य चिकित्सा अधिकारी के रूप में उन्हें नौकरी मिली। वे भारत के पहले नेत्र विशेषज्ञ थे। मोतियाबिंद की शल्य चिकित्सा के लिए उन्होंने अपनी पद्धति विकसित की थी। सामने उज्ज्वल भविष्य था लेकिन सेना में रूचि के कारण उन्होंने नौकरी छोड़ दी। सेना में कमीशंड अधिकारी के रूप में नौकरी प्रारम्भ की। वे सेना की मेडिकल विंग के अधिकारी के रूप में बोर युद्ध (1899-1900) के लिए अफ्रीका भेजे गए । चिकित्सा दल में शामिल वे प्रथम तथा एकमेव भारतीय अधिकारी थे। अफ्रीका में उनकी गांधीजी से भेट हुई । भारत वापस आने पर 1904 में डॉ मुंजे सेना को छोड़ राजनीति में आ गए । उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में प्रवेश लिया। वे लोकमान्य तिलक के अनुयायी थे।

1920 में लोकमान्य तिलक के निधन के पश्चात महर्षि योगी अरविन्द से उन्होंने पुडुचेरी में जाकर भेट की तथा उनसे अनुरोध किया की वे अपना संन्यास छोड़ कर कांग्रेस का नेतृत्व करे। महर्षि अरविन्द इसके लिए सहमत नहीं हुए। गाँधी जी से डॉ मुंजे के वैचारिक मतभेद थे। अतः उन्होंने कांग्रेस से त्यागपत्र दे दिया।    1921 में मोपलाओं द्वारा केरल में किये गए भीषण अत्याचारों का डॉ मुंजे ने स्वामी श्रद्धानन्द के साथ केरल में जाकर विरोध किया था। सामाजिक समरसता तथा जातिप्रथा उन्मूलन के लिए उन्होंने जन जागरण किया। छल पूर्वक धर्म परिवर्तन किये गए अपने बंधुओ को वापस हिन्दू धर्म में लाने के लिए देवल संहिता का अध्ययन करके उन्होंने शुद्धिकरण की एक प्रक्रिया बनाई और हजारो बंधुओ को वापस हिन्दू धर्म में लाया। गाँधी जी के साथ ही तत्कालीन धर्मपीठाचार्यो ने यद्यपि इसका विरोध किया लेकिन करवीर पीठ के शंकराचार्य डॉ कुर्तकोटि ने उनकी शुद्धिकरण की विधि को मान्यता दी और डॉ मुंजे को “धर्मवीर ” की उपाधि दी।
1923 में उन्होंने हिन्दू महासभा में प्रवेश लिया। 1927 में पटना में आयोजित हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अधिवेशन हेतु अखिल भारतीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए प्रदेश समितियों द्वारा नाम बुलाये गए । विभिन्न प्रदेश समितियों द्वारा सर्वश्री डॉ मुंजे, लाला लाजपतराय, महामना पंडित मदन मोहन मालवीय, बैरिस्टर जयकर और भरतपुर के महाराजा के नाम प्रस्तावित किए गए। दिनांक 8 मार्च 1927 को आयोजित बैठक में डॉ मुंजे को बहुमत द्वारा अध्यक्ष निर्वाचित किया गया। 15 अप्रैल 1927 को हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में पटना में उनकी भव्य शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा एक मील लम्बी थी। उसमे 20 हाथी थे तथा 500 स्वयंसेवक व्यवस्था देख रहे थे। इस पद पर उन्होंने लगातार 10 वर्ष तक कार्य किया। 1937 में स्वातंत्र्यवीर सावरकर हिन्दू महासभा के अध्यक्ष बने इसलिए उन्होंने इस पद से त्यागपत्र दिया। उन्होंने आजीवन सावरकर जी का साथ दिया। स्वयं सावरकर जी ने कहा है की डॉ मुंजे ने 10 वर्षो तक हिंदूमहासभा का ही नहीं अपितु हिन्दू राष्ट्र का नेतृत्व किया।

1927 में उन्होंने मांग की कि सेना में भारतीयों को अधिकारी के रूप में प्रवेश दिया जाये। उन्होंने विश्व के विषेशतः यूरोप के कई देशो की यात्रा करके वहा के सैनिक विद्यालयों का अध्ययन किया। अपने शत्रु का शत्रु अपना तात्कालिक मित्र इस सिद्धांत के अनुसार बेनिटो मुसोलिनी से 1931 में उन्होंने भेट की थी इसी सिद्धांत के अनुसार नेताजी सुभाष चंद्र बोस की बाद में एडॉल्फ हिटलर से भेट हुई थी1930 तथा 1932 में लंदन में आयोजित दोनों गोलमेज परिषदों में डॉ मुंजे ने भाग लिया था। डॉ मुंजे स्त्री सशक्तिकरण के पुरोधा थे । सभी नागरिकों को अनिवार्य सैनिक शिक्षा के वे बड़े हिमायती थे।

उन्होंने देश की मजबूती के लिये सेना तथा सैनिक शिक्षा का महव  समझा। आगे इस सम्बन्ध में उन्होंने कई महत्वपूर्ण काम किये । 1927 में एयरो क्लब ऑफ़इंडिया के संस्थापक सदस्य । 1929 रायफलक्लबके संस्थापक सदस्य । 1933 में इंडियनमिलिटरी अकेडमी देहरादूनके संस्थापक सदस्य ।1937 में भोसले मिलिटरी स्कूल नासिक की स्थापना । 1937 में युवतियों को रायफल चलाने का प्रशिक्षण । जिनके परिणाम स्वरुप भारत जब स्वतंत्र हुआ तब हमारे पास एक सुदृढ़ सेना और योग्य सेनापति थे। डॉ मुंजे की हिन्दू युवाओं को ब्रिटिश सेना में भर्ती हेतु प्रेरित किये जाने का ही परिणाम था कि सुभाष बाबू को आजाद हिन्द सेना के लिए बड़ी मात्रा में प्रशिक्षित सैनिक मिले। इसी तरह उनकी रणनीति के अनुसार जैसे ही अवसर प्राप्त हुआ 1946 में सैनिको ने विद्रोह कर दिया। उन्होंने मांग की कि भारत में सभी युवाओं के लिए सैनिक शिक्षा अनिवार्य की जाये। वर्तमान में इजरायल एकमात्र ऐसा देश है जो डॉ मुंजे की नीतियों पर चल रहा है। परिणाम स्वरूप आज वह एक शक्तिशाली राष्ट्र है। अभी भारत शासन ने अग्निवीर योजना लाकर इस दिशा में एक कदम उठाया है।

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भेड़ाघाट में पांच दिवशीय ओशो महोत्सव का आयोजन

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डिजिटल भारत l जबलपुर शहर व देश विदेश से कई कलाकार इस पांच दिवशीय कार्यकर्म में अपनी प्रस्तुति देने पहुंचे सभी कार्यक्रम भेड़ाघाट स्थित नगर परिषद हैलीपेड स्टेडियम में आयोजित किए जाएंगे। इस प्रकार के कार्यकम पहले भी हुए है पर ये पहली बार है, जब भेड़ाघाट जबलपुर में ये कार्यकम होने जा रहा है इस पांच दिनी आयोजन के प्रथम दो दिवसों में ध्यान के विविध प्रयोग होंगे, जिनमें विशेषज्ञों द्वारा प्रवचन भी दिए जाएंगे। 11 दिसंबर को ओशो के जन्मदिवस को उनके भक्तों द्वारा भव्यता के साथ मनाया जाएगा। अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिलब्ध बांसुरी वादक पद्मश्री व पद्मभूषण पंडित हरि प्रसाद चौरसिया द्वारा बांसुरी वादन किया जाएगा। इसी क्रम में 11 दिसंबर को ही इंडियन आइडल फेम गिरीश विश्वा अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। लाइव बैंड की शानदार प्रस्तुतियां होंगी। सारेगामा फेम अनन्या चक्रवर्ती भी अपनी प्रस्तुतियों से सबका मन मोह लेंगी।

इसकी पहचान प्रदेश में नंबर वन सांस्कृतिक-आध्यात्मिक महोत्सव के रूप में हो, इसके प्रयास हो रहे हैं।

चूंकि जबलपुर में भी खजुराहो की तरह ही विश्वविख्यात भेड़ाघाट-धुआंधार पर्यटन क्षेत्र मौजूद है, इस कारण इस संयोजना को बल भी मिला है। यहां 19 साल रहने के बाद आध्यात्मिक गुरु ओशो ने पूरी दुनिया में जबलपुर और भारत का नाम रोशन किया है, इस कारण उनके जन्मोत्सव पर ओशो महोत्सव किया जा रहा है।

कई देशों से आएंगे लोग
ओशो होम और ओशो परम मेडीटेशन इंटरनेशनल के तत्वावधान में आयोजित हो रहे इस महोत्सव में कई देशों के गुणीजनों भेड़ाघाट में संगम होगा। भारत, जर्मनी, फिलीपींस, कैनेडा, नेपाल, इंग्लैंड, टर्की सहित कई देशों की हस्तियां शिरकत करेंगी।

शिक्षक, दार्शनिक एवं विचारक के रूप में देश दुनिया में विख्यात आचार्य रजनीश की यादें आज भी जबलपुर शहर में जीवित हैं। किताबें ओशो की बेहतरीन मित्र थीं। लायब्रेरी में घंटो बैठकर किताबें पढते थे। आज भी लायब्रेरी का यह कक्ष ओशो की अनुभूति कराता है। यहां बात हो रही है शासकीय ऑटोनॉमस कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय की। कॉलेज की लायब्रेरी में ओशो की यादों को सहेजकर रखा गया है। छात्र यहां आकर ओशो के नजदीक होने का अनुभव करते हैं। संस्कारधानी ओशो की कर्मस्थली और तपोस्थली के रूप में भी जानी जाती है।

ओशो को सबसे प्रिय था जबलपुर
ओशो को अपने बचपन के शहर जबलपुर से अतिशय प्रेम था. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अमेरिका पहुंचकर विश्व प्रसिद्ध होने के बाद भी वह जबलपुर को कभी नहीं भूले, इस शहर को सर्वाधिक प्रेम करते रहे. उनके एक अनुयायी ने जब ओशो से धरती पर पसंदीदा जगह के बारे में सवाल किया तो उनका जवाब जबलपुर था. उन्होंने कहा था, ”जबलपुर मेरा पर्वत स्थल है, जहां मैं सर्वाधिक आनंदित हुआ

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नगरों के विकास की सम्पूर्ण रूपरेखा बनी रही है, विकास पर 20 हजार करोड़ खर्च करेंगे : मुख्यमंत्री शिवराज चौहान

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नियम और प्रक्रिया जनता की सहूलियत के लिये है, काम रोकने के लिये नहीं

खाद के वितरण के लिये अधिक केन्द्र बनाये जायें

पशुपतिनाथ मंदिर के पास भी बनेगा महाकाल लोक की तरह भव्य परिसर
1500 करोड़ से अधिक के विकास कार्यों का भूमि-पूजन/लोकार्पण किया
विभिन्न योजनाओं के हितग्राहियों को लाभ वितरण कर संवाद किया
मुख्यमंत्री श्री चौहान मंदसौर गौरव दिवस समारोह में शामिल हुए

मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने कहा है कि प्रदेश में ग्रामों की तरह नगरों के विकास की सम्पूर्ण रूपरेखा बन रही
है। हाल ही में हुए पंचायत प्रतिनिधियों के सम्मेलन की तरह नगरीय निकाय के प्रतिनिधियों का राज्य स्तरीय
सम्मेलन किया जायेगा। प्रदेश के नगरों के विकास पर लगभग 20 हजार करोड़ रूपये खर्च किये जायेंगे। सभी 413
नगरों में पुरानी अवैध कॉलोनियों को नाममात्र की राशि लेकर वैध किया जायेगा। मुख्यमंत्री भू-आवासीय अधिकार
योजना में पात्र व्यक्तियों को पट्टे दिये जायें। मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने कहा है कि नियम और प्रक्रिया जनता की
सहूलियत के लिये है, काम रोकने के लिये नहीं। जनता के कार्य बिना किसी रुकावट के किये जायें। किसानों को
खाद वितरण के लिये अधिक केन्द्र बनाये जायें। जो किसान डिफाल्टर हैं, उन्हें भी नगद राशि देने पर सोसायटी
कार्यालय से खाद दिया जाये।

मुख्यमंत्री शिवराज चौहान आज मंदसौर गौरव दिवस समारोह में शामिल हुए। उन्होंने
कार्यक्रम स्थल पर ही 1500 करोड़ रूपये से अधिक के विकास कार्यों का भूमि-पूजन और लोकार्पण किया। साथ ही
विभिन्न योजनाओं के हितग्राहियों को लाभ वितरण किया। मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने मंदसौर के विकास में अमूल्य
योगदान देने वाली हस्तियों श्रीमती निर्मला कनोसिया, श्रीमती अनामिका जैन और डॉ. विजय शंकर मिश्र को शॉल-
श्रीफल, स्मृति-चिन्ह और प्रशंसा-पत्र प्रदान कर “दशपुर रत्न” से सम्मानित किया। इसके पूर्व उन्होंने तेलिया तालाब
के पास मंदसौर के गौरव सम्राट यशोवर्द्धन की आदमकद प्रतिमा का अनावरण भी किया। मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने
वर्चुअल माध्यम से मोहना नगर परिषद की प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों श्रीमती मीना बाई, हनुमना के
प्रधानमंत्री आवास के हितग्राही श्री संगम लाल और बालाघाट के प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के हितग्राही श्री अनिल
कुमार से संवाद किया और शुभकामनाएँ दी। मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने कहा कि सम्राट यशोवर्द्धन ने मंदसौर और
मालवा के विकास में अपना अमूल्य योगदान दिया है। वे वीर और पराक्रमी थे। उन्होंने विदेशी आक्रांता हूणों को
परास्त किया था। उनके नाम पर मंदसौर गौरव दिवस मनाया जाना हम सबके लिये गौरव का विषय है।


मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने कहा कि श्री महाकाल लोक उज्जैन की तरह ही पशुपतिनाथ मंदिर के पास भी भव्य
परिसर विकसित किया जायेगा। श्री पशुपतिनाथ मंदिर के विकास में बाबू शिवदास अग्रवाल, प्रतीकानंद महाराज
और मस्तराम महाराज का अमूल्य योगदान रहा है। मंदसौर में शिवना नदी के शुद्धिकरण पर 28 करोड़ 91 लाख
रूपये व्यय किये जायेंगे। गाँधी सागर समूह जल-प्रदाय योजना से मंदसौर जिले के 629 गाँव और रतलाम जिले के
191 गाँव में पाइप लाइन से घर तक नल से जल पहुँचाया जायेगा। मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री
जन-सेवा अभियान में मंदसौर जिले में विभिन्न योजनाओ के एक लाख 10 हजार हितग्राहियों का चयन किया गया
है, जिन्हें स्वीकृति-पत्र शीघ्र ही वितरित किये जायेंगे। मंदसौर में 34 करोड़ रूपये की लागत से सीएम राइज स्कूल
बनाया जा रहा है। जो निजी स्कूलों से बेहतर होगा। यहाँ विश्व स्तरीय शिक्षा दी जायेगी। मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने
कहा कि मध्यप्रदेश में मेडिकल, इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिन्दी में प्रारंभ की गई है। बारहवीं कक्षा में 75 प्रतिशत
एवं अधिक अंक लाने वालों को लेपटॉप दिये जा रहे हैं। उच्च शिक्षा की फीस भी सरकार भर रही है। मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी को पर्यावरण बचाने, शुभ अवसरों पर पौधे लगाने, पानी बचाने, हर बच्चे को
स्कूल भिजवाने और गाँव-शहर का नशामुक्त बनाने का संकल्प दिलाया।

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हनुमानताल का पानी हुआ जहरीला पक्छियो ने तोडा दम

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डिजिटल भारत l बुधवार हनुमान ताल मैं पक्छियो की सुबह आम दिनों की तरह नहीं रहीl

लेकिन जैसे ही सूरज चढ़ा प्रकृति प्रेमियों के लिए बुरी खबर आ गई। सैकड़ों की संख्या में मासूम बेजुबान पंछी तालाब की जलराशि में मृत उतराते हुए मिल गए। ये देखकर हर कोई हतप्रद रह गया। मामला हनुमानताल तालाब का है। मौके पर पहुंचे वन विभाग के कर्मचारियों ने जांच के लिए तीन चार पंछी अपने साथ रख लिए, बाकी पंछियों को सफाई कर्मचारियों ने कचरे में फेंक दियाl

प्रकृति प्रेमी एवं गौ सेवक मनीष नामदेव ने बताया वे और उनके साथ प्रतिदिन हनुमानताल के किनारे योग और मॉर्निंग वॉक करने के लिए आते हैं। बुधवार सुबह जब पहुंचे तो पाया कि तालाब में सैकड़ों की संख्या में पक्षी पड़े हैं। तत्काल कुछ लोगों के सहयोग से हमने पंछियों को बाहर निकाला, लेकिन वे मर चुके थे। सूचना देकर वन विभाग को बुलवाया तो उनके कर्मचारियों ने जांच के लिए चार पंछी अपने साथ रख लिए बाकी को वहीं छोडकऱ चले गएl

मृत हुए पंछियों में ग्रे हॉर्नबिल, रेड रपेड शॉलो और गौरैया शामिल हैं। तीनों स्थानीय पंछी हैं जो बड़ी संख्या में तालाबों, नदियों के किनारे रहते हैं। इन दिनों इनका ब्रीडिंग सीजन भी चल रहा है। ऐसे में इतनी बड़ी संख्या में इन पंछियों का मरना दुखद है। मृत हुए पंछी प्रकृति के संतुलन में बहुत बड़े सहयोगी हैं। सर्दियों के दिनों में निकलने वाले कीट पतंगों, विषैले छोटे छोटे जीवों को खाते हैं। प्रथमदृष्टया इनकी मौत तालाब के गंदे पानी पीने से लग रही है। हालांकि इसकी जांच की जानी चाहिए।

हनुमानताल तालाब के घाटों में पूजन सामग्री, घरों मंदिरों से निकला निर्माल्य, मूर्तियां, पॉलीथिन, तेल के दीये आदि इतनी बड़ी मात्रा में विसर्जित किए गए हैं कि तालाब के घाटों में खड़ा होना मुश्किल हो गया है। बदबू व सडंाध मारता झाग में हजारों छोटी-छोटी मछलियां भी मरी हुई तैर रही हैं। जिन्हें देखकर पानी के विषैले होने का अंदाजा लगाया जा सकता है। तालाब के हर घाट का यही हाल है। जबकि कुछ दिनों पहले ही पूरे तालाब की सफाई कर लोगों को किसी भी प्रकार का कचरा नहीं डालने की शपथ दिलाई गई थी, इसके बावजूद लोग नहीं मान रहे हैं

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हिमाचल मैं 36 सीटों से आगे, गुजरात मैं भाजपा ने रचा इतिहास 152 रुझानों में गुजरात में फिर कमल, अधर में हिमाचल, मैनपुरी में डिंपल

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डिजिटल भारत l हिमाचल में बीजेपी से आगे निकली कांग्रेस

गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के आज नतीजे आ रहे हैं. वोटों की गिनती सुबह 8 बजे से जारी है. हिमाचल में 12 नवंबर को एक चरण में मतदान हुआ था. तो वहीं, गुजरात में 1 और 5 दिसंबर को दो चरणों में मतदान हुआ था. गुजरात में ज्यातादर एग्जिट पोल में जहां बीजेपी की सरकार बनती दिख रही है. तो हिमाचल में कुछ एग्जिट पोल में कांग्रेस की सरकार बनती नजर रही है, तो कुछ बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर दिखा रहे हैंl

अभी तक के रुझान

गुजरात में भाजपा ऐतिहासिक जीत दर्ज करती दिखाई दे रही है। काउंटिंग के रुझानों के मुताबिक भाजपा 182 में से 156 सीटों पर आगे है और एक पर वह जीत चुकी है। अगर ये रुझान नतीजों में तब्दील होते हैं, तो भाजपा 1985 में कांग्रेस की सबसे बड़ी जीत का रिकॉर्ड तोड़ देगी।

गुजरात में 1985 के विधानसभा चुनाव में माधव सिंह सोलंकी की अगुआई में कांग्रेस ने 149 सीटें जीती थीं। भाजपा 150 का आंकड़ा पार करने पर अपनी जीत का नया बेंचमार्क तो बनाएगी ही, साथ ही साथ कांग्रेस की जीत का रिकॉर्ड भी तोड़ देगी।

गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के आज नतीजे आ रहे हैं

सुबह 8 बजे से वोटों की गिनती जारी है. रुझानों में गुजरात में बीजेपी को बड़ी बढ़त मिलती दिख रही है. तो वहीं, हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस और बीजेपी में कड़ी टक्कर चल रही है. यहां कभी बीजेपी आगे हो रही है तो कभी कांग्रेस आगे निकल जा रही है. जबकि मैनपुरी लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में सपा उम्मीदवार डिंपल यादव आगे चल रही हैं. यूपी की रामपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव में भी सपा आगे चल रही हैl

बीजेपी के सामने जहां गुजरात और हिमाचल के अपना किला बचाने की चुनौती है, तो कांग्रेस ने चुनाव में दोनों राज्यों की सत्ता से बीजेपी को बेदखल करने के लिए पूरी कोशिश लगाई. वहीं, आप के सामने खुद को साबित करने की चुनौती हैl

हिमाचल प्रदेश और गुजरात के अलावा यूपी की मैनपुरी लोकसभा सीट और 5 राज्यों की 6 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे भी आज आ रहे हैं. वोटों की गिनती भी शुरू हो गई है. मैनपुरी सीट सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद खाली हुई है. इसके अलावा जिन विधानसभा सीटों के नतीजे आएंगे उनमें उत्तर प्रदेश की रामपुर और खतौली सीट, ओडिशा की पद्मपुर सीट, राजस्थान की सरदारशहर सीट, बिहार की कुढ़नी और छत्तीसगढ़ की भानुप्रतापपुर सीट शामिल है. रामपुर सीट सपा नेता आजम खान की सदस्यता रद्द होने की वजह से खाली हुई हैl

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नशीले पदार्थ के कारोबार मैं लिप्त आरोपियों की धड़ पकड़

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63 नग नशीले इंजैक्शन एवं इंजैक्शन बिक्री के नगद 1 लाख 46 हजार 550 रूपये जप्त

असामाजिक तत्वों को चिन्हित करते हुये उनके विरूद्ध कार्यवाही हेतु आदेशित किया गया है।

      आदेश के परिपालन में अति. पुलिस अधीक्षक शहर उत्तर यातायात श्री प्रदीप कुमार शेण्डे एवं नगर पुलिस अधीक्षक रांझी श्री एम.पी. प्रजापति के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी घमापुर श्री चंद्रकांत झा केे नेतृत्व में थाना घमापुर की टीम द्वारा  नशीले इंजैक्शन के साथ 1 युवक को रंगे हाथ पकड़ा गया है।  
       थाना घमापुर में आज दिनंाक 7-12-22 को विश्वसनीय मुखबिर से सूचना मिली कि नशीले इंजैक्शन बेचने वाले कछियाना रोड घमापुर निवासी महेश साहू का भाई राकेश उर्फ राजू विश्वकर्मा मसान बाबा कछियाना मोहल्ला रोड में अपने घर के पास एक थैले में अधिक मात्रा में नशीला इंजैक्शन अनाधिकृत रूप से अपने पास रखे हुये बेचने की फिराक में है, यदि तत्काल दबिश दी तो रंगे हाथ पकडा जायेगा।  सूचना पर योजनाबद्ध तरीके से मुखबिर के बताये स्थान पर दबिश दी जहॉ मुखबिर के बताये  हुलिये का एक युवक थैला लिये खडा दिखा जो पुलिस को देखकर भागने लगा जिसे घेराबंदी कर पकडा एवं नाम पता पूछा जिसने अपना नाम राकेश उर्फ राजू विश्वकर्मा उम्र 19 वर्ष निवासी मसान बाबा कछियाना रोड घमापुर  बताया जिसे सूचना से अवगत कराते हुये तलाशी ली गयी जो थैले में 27 नग बुप्रेनोरफिन इंजैक्शन, 24 नग फेनेरेमाईन मेलाईट   इंजैक्शन,  5 नग लीगेसिक,, 4 नग डायविल इंजैशन,  3 नग फेनेरेमाईन मेलाईट पोलारस्कैन इंजैक्शन कुल 63 नग नशीले इंजैक्शन तथा नशीले इंजैक्शन की बिक्री से प्राप्त नगद 1 लाख 46 हजार 550 रूपये रखे मिला जिसे जप्त कर आरोपी के विरूद्ध धारा 5/13 ड्रग्स एण्ड कन्ट्रोल एक्ट के तहत कार्यवाही करते हुये उक्त इंजैक्शन कहॉ से और कैसे प्राप्त किये के सम्बंध मे पूछताछ जारी है।
         उल्लेखनीय है कि माह अक्टूबर 2022 में राकेश विश्वकर्मा एवं राकेश का भाई महेश साहू 895 नग नशीले इंजैक्शन के साथ पकडे गये थे ।

उल्लेखनीय भूमिका – आरोपी को नशीले इंजैक्शन के साथ रंगे हाथ पकडने में थाना प्रभारी घमापुर श्री चंद्रकांत झा के नेतृत्व में उप निरीक्षक योगेन्द्र सिंह प्रधान आरक्षक गोपाल सिंह, आरक्षक विवेक जाट, सुनील परवारी की सराहनीय भूमिका रही।

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जबलपुर रेलवे विभाग और आरपीएफ की सख्त कार्रवाई के बाद भी कम नहीं हुए अवैध वेंडर

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डिजिटल भारत l रेलवे स्टेशन और ट्रेन में यात्रियों को गुणवत्तायुक्त और निर्धारित मात्रा में भोजन देने का दावा करने वाला रेलवे विभाग अब तक इस पर खरा नहीं उतर पाया है। हकीकत यह है कि यात्रियों से मिलने वाली शिकायतों में सबसे ज्यादा इनसे संबंधित ही होती हैं।

रेलव स्टेशन और ट्रेन में यात्रियों को गुणवत्तायुक्त और निर्धारित मात्रा में भोजन देने का दावा करने वाला रेलवे विभाग अब तक इस पर खरा नहीं उतर पाया है। हकीकत यह है कि यात्रियों से मिलने वाली शिकायतों में सबसे ज्यादा खाना की गुणवत्ता, मात्रा, दाम और वेंडर की व्यवहार को लेकर होती हैं। इस शिकायतों को दूर करने के लिए जबलपुर रेल मंडल का कामर्शियल विभाग और आरपीएफ लगातार अभियान चलाता है तो कभी औचक कार्रवाई कर इन पर लगाम लगता है। इसके बावजूद मौजूदा हकीकत यह है कि जनवरी से नवंबर तक जबलपुर रेल मंडल में आरपीएफ ने 5 हजार 344 अवैध वेंडर पकड़े गए।

जुर्माना भरने के बाद यह सब छूट गए और दोबारा अवैध वेंडर बनकर स्टेशन और ट्रेन में खाना बेच रहे हैं। इधर, कामर्शियल विभाग ने अवैध वेंडर पर शिकंजा कसने के लिए वैध वेंडर को बार कोड वाले आइकार्ड दिए, ताकि मौके पर ही उन्हें स्कैन पर वेंडर की वैधता को जांचा जा सके। इसका भी असर नहीं हुआ। सख्ती के आदेश, फिर भी असर नहीं रेलवे बोर्ड से लेकर आरपीएफ के डीजी तक ने अवैध वेंडरों को लेकर सख्त कार्रवाई करने तक के निर्देश दिए हैं। इसका असर भी देखा गया, लेकिन सिर्फ तब तक, जब तक अभियान चलाकर कार्रवाई की गई। हकीकत यह है कि आने वाले कुछ सालों में अवैध वेंडर की संख्या में इजाफा हुआ है। इनसे न सिर्फ यात्रियों का खतरा है, बल्कि यह रेलवे और आरपीएफ, दोनों के लिए खतरा और चुनौती बने हुए हैं। जबलपुर मंडल में ही पकड़े गए लगभग पांच हजार अवैध वेंडर इसका स्पष्ट उदाहरण हैं।वैध और अवैध वेंडर क्यावैध- रेलवे द्वारा रेलवे स्टेशन और ट्रेन में जिन व्यक्ति को खाना बेचने और खाना पहुंचाने के लिए अधिकृत जिम्मेदारी दी गई है। रेलवे द्वारा वैध वेंडर का परिचय पत्र बनाकर उनका मेडिकल और पुलिस वैरीफिकेशन कराया जाता है।

अवैध- जिन्हें खाना बेचने और सप्लाई करने की अधिकृत जिम्मेदारी नहीं है। इसके बावजूद यह खाना बेचते हैं और यात्रियों से दुर्व्यवहार भी करते हैं। अवैध वेंडर से वसूला 46 लाख का जुर्मानाआरपीएफ जबलपुर मंडल द्वारा एक साल में पकड़े गए 5344 अवैध वेंडरों को गिरफ्तार कर इनसे लगभग 46 लाख 24 हजार 248 जुर्माना वसूला गया। इसके लिए आरपीएफ ने 40 टीम बनाई।

इन्होंने इटारसी-पिपरिया खण्ड में 711 अवैध वेंडर पकड़े, कटनी-जबलपुर खण्ड में 1270 अवैध वेंडर और न्यू कटनी-सिंगरौली खण्ड में 130 अवैध वेंडर पकड़े। वहीं दमोह-सागर खण्ड में 309 अवैध वेंडर, मैहर-कटनी खण्ड में 347 अवैध वेंडर और जबलपुर-नरसिंहपुर खण्ड में 1448 अवैध वेंडर पकड़े गए।

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