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एक भारत उत्कृष्ट भारत

2022 में आरबीआई का सस्ता गोल्ड खरीदने का आखिरी मौका

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टैक्स सेविंग के साथ रिटर्न की गारंटी

डिजिटल भारत l Sovereign Gold Bond Scheme 2022-23 की अगली किश्त आज पांच दिनों के लिए सब्सक्रिप्शन के लिए खुल गई है. सोने का इश्यू प्राइस (Sovereign Gold Bond Issue Price) 5,409 रुपये प्रति ग्राम तय किया गया है

भारतीय रिजर्व बैंक Reserve Bank of India भारत सरकार की ओर से बांड जारी करता है. खास बात ये है कि आरबीआई की ओर से जारी हुए गोल्ड बांड में निवेश करने का इस साल ये आखिरी मौका है

फिर अगले साल मार्च में ही मौका मिलेगा अगर आप भी निवेश करना चाहते हैं तो आज से 5 दिनों तक मौका है

ऑनलाइन खरीदारों के लिए छूट

भारत सरकार ने, भारतीय रिजर्व बैंक के परामर्श से, ऑनलाइन आवेदन करने वाले और डिजिटल मोड के माध्यम से भुगतान करने वाले निवेशकों को 50 प्रति ग्राम की छूट देने का फैसला लिया है. आरबीआई के अनुसार ऐसे निवेशकों के लिए गोल्ड बॉन्ड का इश्यू प्राइस 5,359 रुपए प्रति ग्राम सोना होगा

SGB ​​खरीदने का अगला मौका

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स (SGBs) 2022-23 सीरीज IV 06-10 मार्च, 2023 के दौरान सब्सक्रिप्शन के लिए खुलेगा.

गोल्ड बांड की अवधि

बॉन्ड की अवधि आठ साल की होगी, जिसमें 5वें साल के बाद समय से पहले भुनाने का विकल्प होगा, जिस तारीख को ब्याज देय होगा.

आपको एसजीबी में निवेश क्यों करना चाहिए?

एक्सपर्ट के अनुसार फिजिकल गोल्ड या डिजिटल गोल्ड में निवेश करने की तुलना में एसजीबी में निवेश करना बेहतर विकल्प माना जाता है. यह योजना भारत सरकार द्वारा समर्थित है और आरबीआई द्वारा रेगुलेट होती है. निवेशकों को प्रत्येक छमाही में 2.50 फीसदी प्रति वर्ष की निश्चित दर से रिटर्न मिलता है.

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स (SGBs) पर टैक्स

SGB ​​के अलग-अलग टैक्सेशन नियम हैं. एसजीबी से होने वाला कैपिटल गेन मैच्योरिटी के समय टैक्स फ्री होता है. हालांकि, निवेशक पांच साल के बाद समय से पहले एसजीबी को रिडीम कर सकते हैं. यदि आप एसजीबी को पांच से आठ साल के बीच भुनाते हैं, तो लाभ को लांग टर्म कैपिटल गेन माना जाता है. इंडेक्सेशन बेनिफिट के साथ इस पर 20.8 फीसदी (उपकर सहित) टैक्स लगाया जाता है.

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नियम बदले फिर भी कागजों में उलझे कनेक्शन

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हजार से अधिक परिवार खरीद रहे महंगी बिजलीनियम बदले फिर भी कागजों में उलझे कनेक्शन I

डिजिटल भारत I नगर निगम क्षेत्र में करीब 243 अवैध कालोनियां हैं और इनमें लगभग 20 हजार परिवार निवास कर रहे हैं। इन्हें सरकार की ओर से मिलने वाली सब्सिडी तो मिलती नहीं, बल्कि आम घरेलू उपभोक्ताओं की तुलना में लगभग दोगुना बिजली का बिल भरना पड़ता है।

पूर्व क्षेत्र कंपनी ने ऐसे उपभोक्ताओं को राहत पहुंचाने के लिए अब कनेक्शन की प्रक्रिया को आसान किया है। इसके बावजूद जमीनी स्तर पर उपभोक्ताओं को राहत नहीं पहुंच पा रही है। कागजों की उलझन में कनेक्शन फंसे हुए हैं। अधिकारियों का दावा है कि शहर की 19 अवैध कालोनी में कनेक्शन की प्रक्रिया को शुरू किया गया है। जैसे-जैसे उपभोक्ताओं की तरफ से आवेदन आ रहे हैं, उसका निराकरण किया जा रहा है।

31 मई 2022 को पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने नगर निगम से घोषित अवैध कालोनी और अघोषित अवैध कालोनी दोनों में बिजली कनेक्शन स्थायी देने का प्रविधान किया है।

इसके तहत कुछ नियम तय हुए हैं। जिसमें कालोनीवासी अथवा डेवलपर को कालोनी के लिए जरूरी अधोसंरचना शुल्क भुगतान करना होगा। कनेक्शन के हिसाब से राशि तय होगी जिसे उपभोक्ता अथवा डेवलपर को जमा करना होगा। जबलपुर में नगर निगम में घोषित अवैध कालोनी की संख्या 224 है।

लंबी दूरी तक खींची सर्विस लाइन-

वर्तमान में अवैध कालोनी में रहने वाले उपभोक्ता मकान बनवा लेते हैं। लेकिन बिजली कनेक्शन के लिए अस्थायी मीटर लगवाना पड़ता है। बिजली कंपनी खंभे से 40 मीटर से अधिक दूरी पर घरेलू बिजली कनेक्शन नहीं देती है। कई कालोनी में सैकड़ों घरों में आधा किलोमीटर लंबी सर्विस लाइन बांस-बल्ली के सहारे खींचकर अस्थायी कनेक्शन लिया गया है।

शहर मेंं अभी जिन उपभोक्ताओं अस्थाई कनेक्शन दिए गए हैं, उसके लिए पर्याप्त संसाधन नहीं जुटाए गए। लंबी सर्विस लाइन कई जगह तो जमीन पर ही गिरी रहती है, जिससे हमेशा हादसे की आशंका रहती है। ऐसे में उपभोक्ताओं को पर्याप्त वोल्टेज नहीं मिल पाता है।
उनका दर्द रहता है कि हम दोगुनी राशि चुका रहे हैं उसके बाद भी लोड न होने से इलेक्ट्रानिक उपकरण कुछ दिनों में खराब हो जाते हैं।

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महिला खेल प्रतियोगिता की ओवर ऑल चैम्प‍ियनश‍िप इंदौर ने जीती

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डिजिटल भारत l इंदौर क्षेत्र ने प्रतियोगिता में कैरम, शतरंज और टेनिक्वाइट स्पर्धा में श्रेष्ठता दिखाई जबक‍ि टेबल टेनिस में उपविजेता रही। कैरम के एकल में विजेता इंदौर की माधवी गणपते, उपविजेता इंदौर की प्र‍ियंका गुर्जर कुर्मी व तृतीय स्थान पर भोपाल की वर्ष निमजे रहीं।

कैरम युगल में इंदौर की माधवी गणपते व प्र‍ियंका गुर्जर कुर्मी विजेता, ग्वालियर की रेणुका शर्मा व सोनिया जैन उपविजेता व तृतीय स्थान पर भोपाल की वर्षा निमजे व प्र‍ियंका कटारिया रहीं।

उपविजेता टीम के साथ ख‍िलाड़‍ियों को व्यक्ति‍गत पुरस्कार दिए।

एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी की केन्द्रीय क्रीड़ा एवं कला परिषद के तत्वावधान में आयोजित 44वीं अंतरक्षेत्रीय विद्युत महिला खेल प्रतियोगिता की ओवर ऑल चैम्पियनश‍िप इंदौर क्षेत्र ने जीत ली, जबक‍ि भोपाल क्षेत्र प्रतियोगिता में उपविजेता रहा। केन्द्रीय क्रीड़ा एवं कला परिषद के महासचिव राजीव गुप्ता ने विजेता, इस अवसर पर केन्द्रीय क्रीड़ा एवं कला परिषद के सचिव अनिल कुमार अलंग, आलोक श्रीवास्तव व देवेन्द्र चढ़ोकार सहित प्रतियोगिता में भाग लेने वाले ख‍िलाड़ी उपस्थि‍त थे।

शतरंज की टीम स्पर्धा में विजेता इंदौर, उपविजेता ग्वालियर व तृतीय स्थान पर श्री सिंगाजी ताप विद्युत गृह खंडवा की टीम रही। शतरंज के व्यक्त‍िगत मुकाबले में विजेता श्री सिंगाजी ताप विद्युत गृह की रत्ना कलम, उपविजेता भोपाल की नीलम धन्ना व तृतीय स्थान पर ग्वालियर की प्रीति इसुलिया रहीं।

टेनिक्वाइट स्पर्धा के एकल में विजेता इंदौर की रिंकी शर्मा, उपविजेता श्री सिंगाजी ताप विद्युत गृह खंडवा की अमृता तिवारी व तृतीय स्थान पर इंदौर की वैभवी माने रहीं। युगल मुकाबले में विजेता इंदौर की वैभवी माने व रिंकी शर्मा, उपविजेता श्री सिंगाजी ताप विद्युत गृह खंडवा की एडलिन टोप्पो व अमृता तिवारी एवं तृतीय स्थान पर केन्द्रीय कार्यालय जबलपुर की नीता पटेल व अंजली देशमुख रहीं।

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बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान आएंगे MP! गुरुवार को आए थे राजकुमार हिरानी

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शहर की वादियां और नर्मदा के घर शहर के लोगों को ही नहीं बल्कि फिल्म निर्देशकों को भी भा गई हैं। गुरूवार को शाहरूख खान की फिल्म रिटर्न टिकट की शूटिंग भेडाघाट में हुई। इस दौरान फिल्म के निर्देशक राजकुमार हिरानी अपनी टीम के साथ भेड़ाघाट पहुंचे।

डिजिटल भारत l शहर की वादियां और नर्मदा के घर शहर के लोगों को ही नहीं बल्कि फिल्म निर्देशकों को भी भा गई हैं। गुरूवार को शाहरूख खान की फिल्म रिटर्न टिकट की शूटिंग भेडाघाट में हुई।

इस दौरान फिल्म के निर्देशक राजकुमार हिरानी अपनी टीम के साथ भेड़ाघाट पहुंचे। उन्होंने भेड़ाघाट और बंदरकूदनी के कई सीन कैमरे में कैद किए। शूटिंग के लिए मुंबई से लगभग 25 सदस्यों की टीम जबलपुर आई। यहां पर टीम पिछले दो दिनों से ठहरी है। फिल्म की शूटिंग के लिए शाहरूख खान नहीं आए, लेकिन उनका हमशक्ल जरूरी यहां आए। उनके साथ टीम ने फिल्म के कई सीन शूट किए।

लोगो मैं हैं उत्साह l

इस दौरान फिल्म निर्देशक राजकुमार हिरानी को भेड़ाघाट से लेकर बंदरकूदनी और पंचवटी की संगमरमरी वादियां भा गई। उन्होंने दूसरी फिल्म की भी यहां पर शूटिंग करने की बात कही।

हालांकि इस दौरान शूटिंग देखने वालों को हुजूम लग गया। अधिकांश लोगों शाहरूख खान को देखने पहुंचे, लेकिन उनकी जगह उन्हें उनके हमशकल को देखकर ही काम चलाना पड़ा। शुक्रवार को भी यहां शूटिंग होगी।

फिल्म में कई सीन भेड़ाघाट के जोड़े जाने हैं। इन सीन को कैमरों में कैद करने के लिए गुरूवार को दिनभर नौका विहार करने हुए निर्देशक राजकुमार हिरानी और उनकी टीम नाव पर सवार होकर नर्मदा घाट के चक्कर काटती रही।

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आधे जबलपुर शहर को आज शाम नहीं मिलेगा पानी

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पानी बचाकर खर्च करें, क्योंकि आधे शहर में बुधवार की शाम नलों से पानी नहीं आएगा। ललपुर जलशोधन संयंत्र के रखरखाव के कारण शहर की 20 टंकियां नहीं भरी जा सकेंगी, जिससे शाम की जलापूर्ति ठप रहेगी।

डिजिटल भारत l नगर निगम के अधीक्षण यंत्री जल कमलेश श्रीवास्तव ने बताया कि ललपुर जल प्रदाय योजनांतर्गत 42 और 55 एमएलडी जल शोधन संयंत्र अंतर्गत फिल्टर प्लांट में अतिआवश्यक संधारण का कार्य बुधवार को किया जाना है।

पानी बचाकर खर्च करें, क्योंकि आधे शहर में बुधवार की शाम नलों से पानी नहीं आएगा। ललपुर जलशोधन संयंत्र के रखरखाव के कारण शहर की 20 टंकियां नहीं भरी जा सकेंगी, जिससे शाम की जलापूर्ति ठप रहेगी।

जिसके चलते उक्त संयंत्र से भरी जाने वाली टंकियां हाथीताल, भंवरताल, श्रीनाथ की तलैया, टाउन हाल, बादशाह मंदिर, गुप्तेश्वर, पीएसएम, फूटाताल, नयागांव, ग्वारीघाट, भीमनगर, शारदा नगर, एसबीआई कालोनी, चांदमारी तलैया, सिविल लाईन, दंगल मैदान, सिद्ध बाबा, मदार छल्ला, भोला नगर, करिया पाथर, कटंगा एवं कुली हिल टैंक नहीं भरा जा सकेगा। जिसके कारण शाम को की जाने वाली जलापूर्ति प्रभावित रहेगी।

इस अतिमहत्वपूर्ण कार्य के संपादन के चलते क्षेत्रीय नागरिकों को होने वाली असुविधा के लिए महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू, निगमायुक्त आशीष वशिष्ठ ने खेद जताया है। महापौर ने बताया कि प्रभावित क्षेत्रों में टैंकरों के माध्यम से जलापूर्ति कराई जाएगी।

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करोड़ों की सरकारी जमीन पर तान दिया था कॉम्पलेक्स प्रशासन ने की बड़ी कारवाही कलेक्टर को मिली थी फोन से शिकायत

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डिजिटल भारत l करमेता में 17 हजार वर्ग फिट जमीन पर माफिया ने कब्जा कर कॉम्पलेक्स बनाने की तैयारी कर ली थी। चारों तरफ बाउंड्रीवॉल बनाई जा रही थी। शिकायत के बाद प्रशासन ने दस्तावेजों की जांच कर अतिक्रमण हटाया।

जांच में सामने आया कि 5 करोड 10 लाख रुपए की जमीन पर बबलू चौबे और रत्नेश त्रिपाठी ने 2 हजार वर्ग फिट में बाउंड्रीवाल बनाकर बगल में कॉम्पलेक्स का निर्माण शुरू कर दिया था। कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन को किसी ने फोन पर अवैध निर्माण की जानकारी दी थी। कलेक्टर के निर्देश पर एसडीएम अधारताल नम: शिवाय अरजरिया ने जांच की। पता चला कि खसरा नम्बर 426 की जमीन सरकारी है और इस पर अवैध निर्माण किया जा रहा है। इसके बाद प्रशासन की टीम ने अवैध निर्माण को जमींदोज कर दिया।

बेचने की फिराक में थे l

अपर कलेक्टर एवं एसडीएम आधारताल अरजरिया ने बताया कि भूमि पर रत्नेश त्रिपाठी एवं बबलू चौबे कॉम्पलेक्स का निर्माण तेजी से करा रहे थे।

बताया गया कि सरकारी जमीन पर कॉम्पलेक्स निर्माण कर कुछ लोगों को बेचने की कोशिश भी की जा रही थी। निवेशकों को भ्रमित किया जा रहा था।

बना रहे थे कच्ची सडक़ l
राजस्व विभाग ने करमेता में खसरा नंबर 59/2 की 5 हजार वर्गफुट निजी भूमि पर बनाई जा रही कच्ची सडक़ का अवैध निर्माण भी हटा लिया।

अवैध कॉलोनी के निर्माण के उद्देश्य से कच्ची सडक़ का निर्माण सुशील तिवारी करा रहा था।

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मध्य प्रदेश में एक लाख एकड़ से ज्यादा का लैंड बैंक तैयार इंदौर में मांगी जमीन

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डिजिटल भारत l इंदौर प्रदेश सरकार को जनवरी माह में होने वाली ग्लोबल इंवेस्टर समिट से खासी उम्मीदे लगी हुई है। समिट की सफलता के लिए खुद मुख्यमंत्री शिवरासिंह चौहान रोज मानिटरिंग कर रहे है। उनके प्रयासों को प्रतिसाद भी मिलता दिख रहा है। समिट में शामिल होने के लिए देश के नामी उद्योगपतियों ने अपनी सहमति पहले ही प्रदान कर दी है। उधर इस महत्वाकांक्षी आयोजन से पूर्व एमपीआईडीसी ने खास प्रदेश में बड़ा लेंड बैंक तैयार किया है ताकि प्रदेश में उद्यम लगाने वाले इन्वेस्टर्स को जरूरत के मुताबिक जमीन दी जा सके।

एमपीआईडीसी के पास इस वक्त 1 लाख 22 हजार एकड़ जमीन का मौजूद है। इसमे इंदौर जिले की 22 हजार एकड़ जमीन शामिल है। करीब एक दर्जन उद्योग समूहों को लगभग एक हजार एकड़ जमीन दिए जाना प्रस्तावित है। अधिकृत घोषणा की जाएगी समिट के दौरान ही की जाएगी।

इन उद्योगों ने मांगी जमीन
एमपीआईडीसी के साथ जिन उद्योग समूहों और क्लस्टर के करार प्रस्तावित है उनमे अवाड़ा ग्रुप, एशियन पेंट्स, कांकरिया ग्रुप, जिंदल पेंट्स, पिनेकल समूह, इलेक्ट्रीक व्हिकल निर्माता, वंडर ला आदि प्रमुख है।

इनके अलावा टॉय क्लस्टर, महिला उद्यमी पार्क, फूट वियर क्लस्टर आदि भी प्रस्तावित है

किसने कितनी जमीन मांगी
अवाड़ा ग्रुप – 300 एकड़
एशियन पेंट्स – 100 एकड़
जिंदल पेंट्स – 100 एकड़
टॉय क्लस्टर – 100 एकड़
कांकरिया ग्रुप – 100 एकड़
पिनेकल समूह – 60 एकड़
महिला उद्यमी पार्क – 50 एकड़

स्टार्टअप को मिलेगा फायदा
समिट में देश-विदेश के कई उद्योगों के दिग्गज आ रहे हैं जो कई स्टार्टअप को फंडिंग कर चुके हैं। उम्मीद की जा रही है कि इस समिट के जरिए स्टार्टअप को भी अच्छी फंडिंग मिल सकती है। बताया जाता है कि इंदौर में शुरूआत में जहां 300 स्टार्टअप थे वही इनकी संख्या अब 700 के करीब हो गई है।

इंदौर का बेहतर माहौल भा रहा
जिस संख्या में उद्योगपतियों, स्टार्टअप आदि ने समिट में आने की सहमति प्रदान की है उससे सरकार का उम्मीदे बढ़ गई है। बात इंदौर की करे तो शहर आज स्वच्छता के मामले ने देश का रोल मॉडल बन चुका है। साफ सुथरा शहर अच्छा क्लाइमेट, अच्छा खानपान, बिजनेस के लिए बेहतर माहौल, देश भर से कनेक्टीविटी, बजट में दफ्तर आदि उपलब्ध हो जाने जैसी बाते इंदौर को देश के बड़े शहरों से आगे रखती है।

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मध्य प्रदेश में हुक्का बार पर लगेगा प्रतिबंध, 13 दिसंबर को कैबिनेट में आएगा बिल, जानिए क्या है शिवराज सरकार का प्लान

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प्रदेश मध्य प्रदेश में हुक्का बार पर लगेगा प्रतिबंध, 13 दिसंबर को कैबिनेट में आएगा बिल, जानिए क्या है शिवराज सरकार का प्लानमें हुक्का बार का संचालन प्रतिबंधित करने के लिए सरकार ने गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के प्रविधानों का अध्ययन करके अधिनियम में संशोधन प्रस्तावित किया है। गृह विभाग ने प्रस्तावित किया है कि कोई भी हुक्का बार का संचालन नहीं करेगा।

मध्‍य प्रदेश में हुक्का बार का संचालन प्रतिबंधित करने के लिए सरकार ने गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के प्रविधानों का अध्ययन करके अधिनियम में संशोधन प्रस्तावित किया है

अभी हुक्का बार को बंद करने संबंधी कोई स्पष्ट प्रविधान नहीं है। पुलिस कार्रवाई होने पर हुक्का बार संचालक न्यायालय चले जाते हैं और उन्हें स्थगन भी मिल जाता है। गृह विभाग ने प्रस्तावित किया है कि कोई भी हुक्का बार का संचालन नहीं करेगा। इसका उल्लंघन किए जाने पर तीन वर्ष तक का कारावास और एक लाख रुपये तक का अर्थदंड लगाया जाएगा। किसी भी स्थिति में कारावास की सजा एक साल से कम औैर अर्थदंड पचास हजार रुपये से कम नहीं होगा। पुलिस उप निरीक्षक स्तर के अधिकारी को हुक्का बार की सामग्री या वस्तु की जब्ती करने का अधिकार होगा। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि विधानसभा में प्रस्तुत करने से पूर्व इसे राष्ट्रपति की अनुमति के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजा जाएगा।

नशा और आपराधिक गतिविधियों के केंद्र बन गए हुक्का बार चलाना प्रदेश में प्रतिबंधित होगा। सरकार सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य, उत्पादन, प्रदाय और वितरण का विनियमन) अधिनियम 2003 में हुक्का बार लाउंज को प्रतिबंधित किए जाने के संबंध में संशोधन विधेयक 2022 लाएगी। इसे विधानसभा में प्रस्तुत करने से पहले राष्ट्रपति की अनुमति के लिए केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।

प्रदेश में चल रहे 200 से ज्यादा हुक्का बार जल्द ही बंद होंगे. शिवराज सरकार 13 दिसंबर को अगली कैबिनेट मीटिंग में हुक्का बार बंद करने का बिल ला रही है, जिसे मंजूरी के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय के जरिए राष्ट्रपति को भेजा जाएगा. राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद इस बिल को मध्य प्रदेश में लागू किया जाएगा. दरअसल, इस बिल के लागू होते ही राज्य में चल रहे हुक्का बार पर कार्रवाई शुरू हो जाएगी. बिल पास होने के बाद मध्य प्रदेश में चल रहे हुक्का बार के खिलाफ शिकायत आने पर बिना किसी वारंट के पुलिस गिरफ्तार करेके तुरंत कार्रवाई करेगी

इसमें कार्रवाई का अधिकार पुलिस सब इंस्पेक्टर या उससे ऊपर के अधिकारी को दिया गया है. शिकायत मिलने पर वे तुरंत हुक्का बार जाकर सामान जब्त करेंगे और शिकायत दर्ज करेंगे. इससे पहले गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में हुक्बाका बार बंद करने का प्दरावधान है. अब मध्य प्रदेश पांचवां राज्य होगा, जहां हुक्का बार बंद करने का प्रावधान लागू होगा. मध्य प्रदेश सरकार भी दूसरे राज्यों की तरह केंद्र के सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद के विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार और वाणिज्य, उत्पादन, प्रदाय और वितरण का विनियमन अधिनियम-2003 में संशोधन करके हुक्का बार बिल ला रही है.

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अमानक धान के उपार्जन एवं भंडारण के मामले में चार व्यक्तियों के विरूद्ध गोसलपुर थाने में एफआईआर दर्ज

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70 क्विंटल अमानक धान जप्त

डिजिटल भारत l सिहोरा तहसील के अंतर्गत ग्राम खजरी में सत्यम शिवम वेयर हॉउस स्थित उपार्जन केंद्र में अमानक स्तर
के धान का भंडारण कर शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाने के मामले में तहसीलदार सिहोरा राकेश चौरसिया ने कल
रविवार की देर शाम चार व्यक्तियों के विरूद्ध गोसलपुर थाने में एफआईआर दर्ज कराई है।
कलेक्टर श्री सौरभ कुमार सुमन द्वारा धान उपार्जन केंद्रों पर लगातार नजर रखने के दिये गये
निर्देशानुसार कल रविवार को तहसीलदार सिहोरा राकेश चौरसिया ने खजरी में सत्यम शिवम वेयर हाउस में बैनगंगा
किसान उत्पादक समिति द्वारा संचालित उपार्जन केंद्र का आकस्मिक निरीक्षण किया था

निरीक्षण के दौरान
उपार्जन संस्था के संचालक अंकित पटैल द्वारा अपने भाई शुभम पटेल के माध्यम से किसान अजय पटेल एवं वेयर
हाउस संचालक सत्यम पटेल के साथ अमानक धान वेयर हाउस के अंदर रखते पाये गये। रविवार होने के बावजूद
इस केंद्र पर धान का उपार्जन भी किया जा रहा था। जबकि नई उपार्जन नीति में रविवार को धान का उपार्जन पूरी
तरह बंद रखने के निर्देश दिये गये हैं। मौके पर निर्धारित वजन 40 किलो 580 ग्राम (धान 40 किलो एवं बोरी का
वजन 580 ग्राम) की बजाय 41 किलो 160 ग्राम धान की भर्ती बोरियों में करना भी पाया गया।
तहसीलदार सिहोरा द्वारा निरीक्षण के दौरान वेयर हाउस के अंदर रखी गई धान का गुणवत्ता निरीक्षक से
परीक्षण भी कराया गया। परीक्षण में 70 क्विंटल धान अमानक स्तर की पाई गई। इस अमानक धान को जप्त कर
कृषक शुभम पटेल के सुपुर्दगी में दे दिया गया।

खुद के लाभ के लिये अमानक धान का उपार्जन कर शासन को आर्थिक हानि पहुँचाने तथा उपार्जन
नीति के उल्लंघन के इस मामले में सत्यम शिवम वेयर हाउस तथा बैनगंगा किसान उत्पाद प्रो कम्पनी लिमिटेड के
संचालक व प्रभारी अंकित पटेल, शुभम पटेल, अजय पटेल एवं सत्यम पटेल के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की
धारा 420, 406 एवं 34 के तहत थाना गोसलपुर में प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया गया है।

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नई शिक्षा नीति को केन्द्रीय कैबिनेट की मंजूरी
10वीं बोर्ड खत्‍म, MPhil भी होगा बंद

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डिजिटल भारत l माननीय मंत्री , शिक्षा विभाग , भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित नई शिक्षा नीति 2020को आज केन्द्रीय कैबिनेट ने अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी । आज केन्द्रीय सरकार की कैबिनेट की  स्वीकृति के बाद 36साल बाद देश में नई शिक्षा नीति लागू हो गई ।

कैबिनेट ने नई शिक्षा नीति (New Education Policy 2020) को हरी झंडी दे दी है. 34 साल बाद शिक्षा नीति में बदलाव किया गया है. नई शिक्षा नीति की उल्लेखनीय बातें सरल तरीके की इस प्रकार हैं

—-5 Years Fundamental—
1.  Nursery    @4 Years
2.  Jr KG        @5 Years
3.  Sr KG        @6 Years
4.  Std 1st     @7 Years
5.  Std 2nd    @8 Years

—- 3 Years Preparatory—
6.  Std 3rd     @9 Years
7.  Std 4th     @10 Years
8.  Std 5th     @11 Years

—– 3 Years Middle—
9.  Std 6th     @12 Years
10.Std 7th     @13 Years
11.Std 8th     @14 Years

—- 4 Years Secondary—
12.Std 9th     @15 Years
13.Std SSC    @16 Years
14.Std FYJC  @17Years
15.STD SYJC @18 Years

खास बातें :

केवल 12वीं क्‍लास में होगा बोर्ड
MPhil होगा बंद, कॉलेज की डिग्री 4 साल की

10वीं बोर्ड खत्‍म, MPhil भी होगा बंद,

अब 5वीं तक के छात्रों को मातृ भाषा, स्थानीय भाषा और राष्ट्र भाषा में ही पढ़ाया जाएगा. बाकी विषय चाहे वो अंग्रेजी ही क्यों न हो, एक सब्जेक्ट के तौर पर पढ़ाया जाएगा।

पहले 10वी बोर्ड की परीक्षा देना अनिवार्य होता था, जो अब नहीं होगा.

9वींं से 12वींं क्लास तक सेमेस्टर में परीक्षा होगी. स्कूली शिक्षा को 5+3+3+4 फॉर्मूले के तहत पढ़ाया जाएगा।

वहीं कॉलेज की डिग्री 3 और 4 साल की होगी. यानि कि ग्रेजुएशन के पहले साल पर सर्टिफिकेट, दूसरे साल पर डिप्‍लोमा, तीसरे साल में डिग्री मिलेगी.।

3 साल की डिग्री उन छात्रों के लिए है जिन्हें हायर एजुकेशन नहीं लेना है. वहीं हायर एजुकेशन करने वाले छात्रों को 4 साल की डिग्री करनी होगी. 4 साल की डिग्री करने वाले स्‍टूडेंट्स एक साल में  MA कर सकेंगे.

MA के छात्र अब सीधे PHD कर सकेंगे.

स्‍टूडेंट्स बीच में कर सकेंगे दूसरे कोर्स. हायर एजुकेशन में 2035 तक ग्रॉस एनरोलमेंट रेशियो 50 फीसदी हो जाएगा. वहीं नई शिक्षा नीति के तहत कोई छात्र एक कोर्स के बीच में अगर कोई दूसरा कोर्स करना चाहे तो पहले कोर्स से सीमित समय के लिए ब्रेक लेकर वो दूसरा कोर्स कर सकता है.

हायर एजुकेशन में भी कई सुधार किए गए हैं. सुधारों में ग्रेडेड अकेडमिक, ऐडमिनिस्ट्रेटिव और फाइनेंशियल ऑटोनॉमी आदि शामिल हैं. इसके अलावा क्षेत्रीय भाषाओं में ई-कोर्स शुरू किए जाएंगे. वर्चुअल लैब्स विकसित किए जाएंगे. एक नैशनल एजुकेशनल साइंटफिक फोरम (NETF) शुरू किया जाएगा. बता दें कि देश में 45 हजार कॉलेज हैं.

सरकारी, निजी, डीम्‍ड सभी संस्‍थानों के लिए होंगे समान नियम।

धर्मेंद्र प्रधान , शिक्षा मंत्री, भारत सरकार

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