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एक भारत उत्कृष्ट भारत

फसल हानि पर अब किसानों को मिलेंगे 18 हजार रूपये प्रति हेक्‍टेयर

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आर.बी.सी. 4-6 के दायरे को बढाने के लिए कैबिनेट ने दी मंजूरी

डिजिटल भारत l रविवार को राज्‍य मंत्रालय में संपन्‍न कैबिनेट की बैठक में आर.बी.सी. 4-6 के दायरे को बढाने को मंजूरी प्रदान कर दी । उक्‍त फैसले की जानकारी देते हुए प्रदेश के राजस्‍व एवं परिवहन मंत्री श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ने बताया कि प्रदेश लघु एवं सीमांत कृषकों के लिए बाढ की स्थिति में कृषि योग्‍य भूमि वाले खेतों में रेत पत्‍थर आ जाने पर राजस्‍व पुस्तिका के परिपत्र 4-6 के अनुसार अब 12,200 प्रति हेक्‍टेयर की जगह 18 हजार रूपये प्रति हेक्‍टेयर प्रदान किया जायेगा ।
इसके अतिरिक्‍त भू-स्‍खलन अथवा नदियों द्वारा रास्‍ता बदलने पर भूमि के नष्‍ट होने पर ऐसे प्रभावित कृषकों 47 हजार प्रति हेक्‍टेयर के मान से कृषकों सहायक राशि दी जायेगी । इसी प्रकार पशु व पक्षी हानि के लिए गाय, ऊंट, भैंस, याक आदि के लिए अब 37 हजार 500 रूपये की सहायता दी जायेगी जबकि भेड, बकरी, सुऊर की हानि पर 4 हजार रूपये प्रदान किये जायेंगे । गैर दुधारू पशुओं जैसे बैल, भैंसा, ऊंट, घोडा आदि के लिए अब 20 हजार रूपये की आर्थिक सहायता का प्रावधान कर दिया गया है । इसके साथ ही प्राकृतिक प्रकोप के कारण प्रभावित पशुओं के अस्‍थाई रखरखाव के लिए बडे पशुओं के 80 रूपये प्रति दिवस एवं छोटे पशुओं के लिए 45 रूपये प्रति दिवस के मान से सहायक की जायेगी ।

मकान के नष्‍ट होने पर मिलेंगे सवा लाख रूपये

कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए राजस्‍व एवं परिवहन मंत्री ने बताया कि कच्‍चा या पक्‍का मकान क्षतिग्रस्‍त होने पर मैदानी क्षेत्रों में निवासरत आमजन को प्रति मकान 1 लाख 20 हजार एवं पहाडी क्षेत्रों में निवासरत आमजन के लिए प्रति मकान 1 लाख 30 हजार की आर्थिक सहायता दी जायेगी । इसी तरह झुग्‍गी-झोपडी या घास-फूस, मिट्टी से बने मकानों के क्षतिग्रस्‍त होने पर वास्‍तविक क्षति के आंकलन के आधार पर 8 हजार रूपये अधिकतम सहायता प्रदान की जायेगी । श्री राजपूत ने बताया कि इसके अलावा गंभीर रूप से 50 प्रतिशत से अधिक क्षतिग्रस्‍त पक्‍के मकान के लिए मैदानी क्षेत्र के लिए 1 लाख 20 हजार एवं पहाडी क्षेत्र के लिए 1 लाख 30 हजार रूपये प्रति मकान दिये जायेंगे । 

बुनकरों एवं हस्‍तशिल्पियों की राहत राशि में बढोत्‍तरी

बुनकरों एवं हस्‍तशिल्पियों को भी राहत राशि में बढोत्‍तरी की गई है । अब इन्‍हे औजारों अथवा उपकरण के क्षतिग्रस्‍त होने या तैयार कच्‍चे माल के क्षतिग्रस्‍त होने पर 5 हजार रूपये प्रति शिल्‍पकार का भुगतान किया जायेगा । इसी तरह बाढ और तूफान से प्रभावित मछुआरों को नाव नष्‍ट होने पर 15 हजार, जाल के क्षतिग्रस्‍त होने या मरम्‍मत के लिए 3 हजार एवं नाव की आंशिक क्षति होने पर 6 हजार रूपये प्रति नाव के हिसाब से सहायता राशि प्रदान की जायेगी । श्री राजपूत ने बताया कि प्राकृतिक आपदा से मछली पालने वाले को मछली बीज नष्‍ट हो जाने पर 10 हजार रूपये प्रति हेक्‍टेयर की सहायता राशि प्रदान की जायेगी ।

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आई नई शराब नीति, मध्य प्रदेश के सभी शराब अहाते होंगे बंद

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डिजिटल भारत l मप्र की शराब नीति को कैबिनेट की मंजूरी

उमा भारती की बड़ी जीत
संघ प्रमुख के दखल के बाद आई नई शराब नीति

मप्र की नई शराब नीति को लेकर आखिर पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की जीत हो गई है। उमा भारती के सुझावों को नई नीति में शामिल कर लिया गया है।

कैबिनेट की बैठक के बाद सरकार के प्रवक्ता गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि मप्र में शराब को हतोत्साहित करने अहम फैसले लिये गये हैं। पूरे प्रदेश में शराब के अहाते बंद करने और शराब की दूकानों पर बैठकर शराब पीना प्रतिबंधित किया जाएगा। इसके अलावा सभी धार्मिक व शैक्षणिक स्थानों से शराब की दूकान 100 मीटर दूर होंगीं। मिश्रा ने बताया कि वर्ष 2010 के बाद मप्र में एक भी नई शराब दूकान नहीं खोली गई है।

राज्य सरकार की इस नई शराब नीति को उमा भारती की जीत माना जा रहा है। शराब अहाते बंद कराने उमा भारती लगातार आन्दोलन कर रही थीं। वे शराब की दुकानों पर पत्थर व गोबर फेंक चुकी थीं। उन्होंने पिछले दिनों ओरछा में शराब की दूकान पर गाय बांध कर संदेश दिया था कि मधुशाला को गौशाला बनाया जाए।

सरकार को होगा आर्थिक नुकसान

मप्र सरकार को शराब से लगभग 14000 करोड़ की आय होती है। नई नीति से लगभग 3000 करोड़ से अधिक का नुकसान होने का अनुमान है।

संघ के दखल के बाद आई शराब नीति

सूत्रों के अनुसार पिछले दिनों में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नागपुर पहुंचकर संघ प्रमुख डॉक्टर मोहन भागवत से मप्र की शराब नीति और उमा भारती के बगावती तेवरों को लेकर चर्चा की थी। बताया जाता है कि संघ प्रमुख ने साफ कहा कि शराब को लेकर जो मुद्दे उमा भारती उठा रही हैं उनसे संघ सहमत है। गुजरात में शराब बंदी के बाद भी वहां भाजपा लगातार जीत रही है तो मप्र में शराब को हतोत्साहित करने का काम तो किया ही जाना चाहिए। संघ प्रमुख से मिलने के बाद मुख्यमंत्री ने नई शराब नीति के लिए पांच मंत्रियों की एक समिति बनाई। समिति की बैठक कब हुई किसी को नहीं पता, लेकिन मप्र की नई शराब नीति को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है।

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रुद्राक्ष महोत्सव रद करवाने की साजिश हुई, अब मैं चार गुना बड़ा आयोजन करूंगा बोले पंडित प्रदीप मिश्रा

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कथावाचक ने श्रद्धालुओं से कहा कि तुम तीन महीने में फिर आओगे और रुद्राक्ष लेकर जाओगे

डिजिटल भारत l  कुबेरेश्वर धाम के रुद्राक्ष महोत्सव में लाखों लोगों के आने से हुई अव्यवस्था और तीन मौतों से भी कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा ने सबक नहीं लिया है। उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि अब मैं इससे चार गुना बड़ा आयोजन करूंगा। उन्होंने अव्यवस्था के संबंध में कहा कि सनातन धर्म के द्रोहियों ने तत्काल रुद्राक्ष महोत्सव रद (कैंसिल) कराने की साजिश हुई है।

शनिवार को कुबेरेश्वर धाम में चल रही शिव महापुराण कथा के तीसरे दिन कथावाचक पं. मिश्रा ने सफाई देते हुए कहा कि इंटरनेट मीडिया पर यह अफवाह फैलाई गई कि आयोजन में भगदड़ मच गई, जबकि इसकी तस्वीर, वीडियो किसी के पास नहीं आया है

उन्होंने दावा किया कि परिसर में 162 कैमरे लगे हुए हैं। कैमरे वहां भी लगे हुए थे, जहां रुद्राक्ष वितरण हो रहा था और 162 कैमरों का सेटअप हमारे आफिस में लगा है। कोई एक भी आकर बता दे कि भगदड़ मची हो या किसी ने रुद्राक्ष फेंका हो।

कथावाचक ने श्रद्धालुओं से कहा कि तुम तीन महीने में फिर आओगे और रुद्राक्ष लेकर जाओगे। उन्होंने कहा कि कुछ लोग चाल चलने में लगे हैं। प्रशासन ने भी लोगों को पकड़ा है, जो माहौल खराब करने का प्रयास कर रहे थे, लोगों को भड़का रहे हैं। ताकि रुद्राक्ष वितरण न हो सके।

उन्होंने कहा कि साल भर कभी भी आ जाना खाली झोली नहीं जाओगे। पं. मिश्रा ने कहा कि मेरा मन अबकी बार कर रहा है कि जो भी कथा सुनने आए उस पर गोमूत्र छिड़का जाए, जिससे मालूम पड़ जाए कि मेरा सनातनी आया है। जो सनातनी होगा उसे गोमूत्र छिड़कना बुरा नहीं लगेगा।

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कल पांच घंटे बंद रहेगी बिजली, आज शाम को नहीं मिलेगा पानी

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डिजिटल भारत l आधे शहर को सोमवार की शाम पीने का पानी नहीं मिलेगा। नगर निगम के कार्यपालन यंत्री जल कमलेश श्रीवास्तव ने बताया कि सोमवार को पाइपलाइन की मरम्मत के साथ ही अन्य कार्य के चलते रमनगरा जलशोधन संयंत्र से आधे शहर को जलापूर्ति की जाती है।

लेकिन आज जलापूर्ति करने वाली 26 टंकियां नहीं भर पाएंगी जिससे चलते जलापूर्ति बाधित रहेगी। जिन क्षेत्रों में जला आपूर्ति नहीं होगी उन क्षेत्रों में टैंकरों के माध्यम से नागरिकों को जलापूर्ति कराई जाएगी।

स्मार्ट सिटी आइटी पार्क में सड़क बनाने का काम करा रहा है। इसके लिए यहां लगे बिजली के खंबों को हटाने का काम होगा। इस वजह से शहर में बिजली की सप्लाई पांच घंटे प्रभावित होगी। स्मार्ट सिटी सीईओ निधि सिंह राजपूत ने बताया कि स्मार्ट सिटी के मुताबिक सड़क निर्माण के चलते रमनगरा फीडर एवं 33 केव्ही आइटी पार्क फीडर से मंगलवार को सुबह नौ बजे से दोपहर दो बजे तक तक विद्युत सप्लाई बंद रहेगी।

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फोन को रात भर चार्जिंग पर लगा छोड़ना कितना सही? बैटरी पर क्या होता है असर,

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डिजिटल भारत l फोन हमारी ज़िंदगी का अहम हिस्सा हो गया है, और यही वजह है कि हम कभी नहीं चाहते कि ये डिस्चार्ज हो. फोन डिस्चार्ज होना, मतलब कई काम रुक जाना. कई बार हम दिनभर इतना फोन यूज कर लेते हैं कि इसे चार्ज करने का टाइम नहीं मिलता है. यही वजह होती है कि बाद में हम पूरी रात के लिए फोन को चार्ज पर लगा कर छोड़ देते हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि पूरी रात के लिए फोन को चार्जिंग पर छोड़ देने से क्या होता है, और क्या इसका असर हमारे फोन और बैटरी पर पड़ता है? आइए जानते हैं…
ज़्यादातर विशेषज्ञ एक बात पर सहमत हैं कि स्मार्टफोन इतने स्मार्ट होते हैं कि वे ओवरलोड नहीं होने देते. टैबलेट या स्मार्टफोन या लैपटॉप के अंदर लगी एक्सट्रा प्रोटेक्शन चिप सुनिश्चित करती है कि ओवरलोडिंग न हो. एक बार इंटरनल लिथियम-आयन बैटरी अपनी क्षमता के 100% तक पहुंच जाती है, तो चार्जिंग बंद हो जाती है.
अगर आप स्मार्टफोन को रात भर प्लग इन रहने देते हैं, तो यह हर बार बैटरी के 99% तक गिरने पर थोड़ी एनर्जी का लगातार इस्तेमाल करेगा. इसके आपके फोन के लाइफ पर असर पड़ेगा.
यानी कि एक बार जब फोन की बैटरी 100% चार्ज हो जाती है तो मॉडर्न इलेक्ट्रॉनिक्स ऑटोमैटिकली करंट खींचना बंद कर देते हैं. हालांकि, अपने स्मार्टफोन को हर बार फुल चार्ज करना बैटरी की लंबी उम्र के लिए ठीक नहीं है.
फोन को ओवरचार्ज करने का मिथक एक आम है. आपके डिवाइस में कितनी मात्रा में चार्ज जा रहा है, यह कोई समस्या नहीं है, क्योंकि डिवाइस ज़्यादा स्मार्ट होते हैं जो एक बार फुल होने पर चार्ज लेना बंद कर देते हैं, बस 100 प्रतिशत रहने के लिए ज़रूरत के हिसाब से टॉप अप करते हैं.इसलिए हो सकती है दिक्कत: समस्या तब होती है जब बैटरी ज़्यादा गरम हो जाती है, जिससे नुकसान हो सकता है. इससे बचने के लिए रात भर चार्ज करते समय अपने फोन पर लगे किसी भी केस को हटाना सबसे अच्छा है. फोन को सपाट, सख्त सतह पर छोड़ना भी सबसे अच्छा होता है ताकि गर्मी आसानी से दूर हो सके.
इसलिए अपने फोन को रात भर चार्ज करना पूरी तरह से सुरक्षित है, बस यह सुनिश्चित कर लें कि यह ओवरहीट न हो. इसके अलावा आजकल तो फोन इतनी तेजी से चार्ज हो सकते हैं कि असल में आपको इसे 7-8 घंटे तक चार्ज करने की जरूरत ही नहीं है.

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मनीष सिसोदिया को किया जाएगा गिरफ्तार ? CBI के समन पर आम आदमी पार्टी का दावा

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डिजिटल भारत I मनीष सिसोदिया ने दिल्ली बजट का हवाला देकर सीबीआई से फरवरी के बाद पेश होने की मोहलत मांगी थी. अब सीबीआई इस मामले में उन्हें नए सिरे से समन जारी करेगी.
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को दिल्ली शराब नीति मामले में पूछताछ के लिए रविवार 19 फरवरी को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के कार्यालय में बुलाया गया था. उन्होंने बजट बनाने की बात कहकर सीबीआई से थोड़ा और समय देने की मांग की. अब इस मामले में सिसोदिया ने एक और बड़ा दावा किया है. उनका कहना है कि अगर आज उनसे पूछताछ की जाती तो उन्हें गिरफ्तार भी किया जा सकता था
सिसोदिया ने कहा ‘मुझे आज गिरफ्तार किया जा सकता था’ आप नेता ने दावा किया कि उन्हें डर है कि बीजेपी उन्हें गिरफ्तार करने का आदेश दे सकती है. उन्होंने कहा, ‘मैं गिरफ्तारी से नहीं डरता और सवालों से नहीं भागता”. उन्होंने बजट का हवाला देते हुए केंद्रीय एजेंसी से पूछताछ को किसी और तारीख तक टालने का अनुरोध किया है. अब सीबीआई इस मामले में उन्हें नए सिरे से समन जारी करेगी.

इस मामले में चार्जशीट दाखिल होने के करीब तीन महीने बाद सिसोदिया को रविवार 19 फरवरी को पूछताछ के लिए बुलाया गया था. दिल्ली सरकार के वित्त मंत्री होने के नाते उन्होंने कहा कि वह बजट बनाने में व्यस्त हैं, इसलिए एक सप्ताह के बाद पूछताछ के लिए उपलब्ध हो सकेंगे.

आबकारी विभाग का प्रभार भी संभालने वाले आप नेता से पिछले साल 17 अक्टूबर को पूछताछ की गई थी और मामले के सिलसिले में उनके घर और बैंक लॉकरों की भी तलाशी ली गई थी. चार्जशीट में उन्हें आरोपी के रूप में नामित नहीं किया गया है क्योंकि उनके और अन्य संदिग्धों के खिलाफ जांच अभी भी चल रही है.

सीबीआई ने शनिवार 18 फरवरी को सिसोदिया के खिलाफ ताजा सबूतों के आधार पर उन्हें समन जारी किया था. यह मामला आबकारी नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित भ्रष्टाचार से जुड़ा है.

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बेंगलुरू में दिखाई जबलपुर के बमों ने अपनी ताकत

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डिजिटल भारत l आर्डनेंस फैक्ट्री खमरिया में बनाए जा रहे बमों का प्रदर्शन बेंगलुरु में आयोजित एयरो इंडिया 2023 में किया गया।इस दौरान देश की विभिन्ना आयुध निर्माता कंपनियों ने अपने उत्पादों को रखा। एमआइएल के सीएमडी रविकांत भी 14 से 16 फरवरी तक आयोजित शो में भाग लेने के लिए बेंगलुरु में मौजूद रहे। उन्होंने बताया कि देश की विभिन्ना आयुध निर्माणियों में एमआइएल द्वारा निर्मित कराए गए पांच उत्पादों को इस शो में प्रदर्शित किया गया। इनमें 250 केजी, 245 केजी, 1000 पाउंडर और 500 केजीजीपी बम शामिल रहे।

ओएफके में बने जो बम एयरो इंडिया में प्रदर्शित किए गए वो वायुसेना के अत्यंत उपयोगी हैं। 500 केेजीजीपी बम को छोड़कर वायुसेना सभी बमों का उपयोग कर चुकी है। इसलिए भारतीय वायुसेना के लिए तो वो बम परिचय की विषयवस्तु नहीं हैं, लेकिन विदेशों से जो प्रतिनिधि इस एयर शो में भाग लेने आए उनके लिए एमआइएल के उत्पाद खास रहे। फिलहाल यह तो साफ नहीं हो पाया है कि ओएफके के किसी उत्पाद को विदेश से आर्डर मिलने की दिशा में बात आगे बढ़ी है या नहीं, लेकिन बेंगलुरु में उनका प्रदर्शन निर्माणी के लिए बड़ी बात है।

एमआइएल के दो खास ड्रोन

सीएमडी रविकांत ने बताया कि एमआइएल दो तरह के ड्रोन भी बना रही है। एक ड्रोन 100 किलोमीटर दूर तक जाकर अपने लक्ष्य को निशाना बनाकर खुद समाप्त होने वाला है। जबकि दूसरा ऐसा है जो दुर्गम इलाकों में 18 किलोमीटर दूर तक जाकर 50 किलो वजनी आयुध सामग्री पहुंचा सकता है।

ऐसा है थाउजेंड पाउंडर बम

यह इतना घातक है कि पलक झपकते ही किसी भी बड़े भवन को ढेर में तब्दील कर सकता है। इस बम में आरडीएक्स के साथ कई अन्य प्रकार के प्रोपलेन मिलाए जाते हैं। इस बम का उपयोग वायु सेना ही नहीं बल्कि थल और जल-सेना भी करती है। देश में सिर्फ आयुध निर्माणी खमरिया ही सेना के लिए इस तरह के बमों का निर्माण करती है।

500 केजी जीपी बम

यह बम आर्डनेंस फैक्ट्री खमरिया के सबसे अपडेटेेड हैं। इनहें 500 किलोग्राम जनरल परपज बम भी कहा जाता है। इसका उपयोग वायुसेना ही करती है। इस बम की विशेषता है कि जहां भी लक्ष्य करके इस बम का इस्तेमाल होता है, वहां 200 मीटर के दायरे में यह सब कुछ समाप्त कर देता है और वहां करीब 25 मीटर गहरा गड्ढा हो जाता है।

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बीबीसी न्यूज़ पर इनकम टैक्स की कार्यवाही को मीडिया पर हमला : कांग्रेसि

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डिजिटल भारत l आज देश भर में चर्चा का प्रमुख विषय बना हुआ है बीबीसी
अथार्त ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन
पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की कार्यवाही,

सबसे मजेदार प्रतिक्रिया कांग्रेसियों की तरफ से आ रही है, जो बीबीसी पर इनकम टैक्स की कार्यवाही को मीडिया पर हमला बता रहे हैं,

मीडिया की स्वतंत्रता को लेकर द्रवित हो रहे बुद्धिजीवी कांग्रेसियों को बता दे, कि उनकी वर्तमान माताजी की सास इंदिरा गांधी ने अपने कार्यकाल में बीबीसी के ऑफिस के सारे कर्मचारियों को मुर्गियों की तरह पकड़ गाड़ी में भरा था और कुछ ही घंटों में उन्हें एक विमान में जबरदस्ती ठूंसकर ब्रिटेन भेज दिया था, और बीबीसी के कार्यालय पर ताला जड़ दिया था,

जिन कांग्रेसियों को इंदिरा गांधी की प्रतिक्रिया पुरानी बात लग रही है, उन्हें याद दिलाना चाहूंगा कि महाराष्ट्र में कांग्रेस की सरकार ने किस प्रकार बदले की भावना के अंतर्गत पत्रकार अर्णब गोस्वामी को सुबह-सुबह उसके घर से उठाकर जबरदस्ती जेल में ठूंसा था, वह दृश्य आज भी लोगों के मन मस्तिष्क में जीवंत हैं,

अब जब मैं कांग्रेसियों के शासनकाल में उनके द्वारा मीडिया से किए जाने वाले व्यवहार पर प्रकाश डाल चुका हूं तो अब आते हैं ब्रिटेन के नेशनल ब्रॉडकास्टर बीबीसी की ओर,

बीबीसी की भारत के प्रति नकारात्मक कवरेज और भद्दा व् छिछला प्रोपेगेंडा हाल में आई उस झूठ का पुलिंदा डॉक्यूमेंट्री तक ही सीमित नहीं है,

नोटबंदी के समय बीबीसी ने लाइनों में लोगों के मरने की झूठी खबरें चलाई थी, शाहीन बाग और तथाकथित अन्नदाता आंदोलन के समय भी विश्व भर में भारत विरोधी प्रोपेगेंडा की झड़ी लगाई थी,
2014 के बाद से ही बीबीसी भारत में हिंदुओं और हिंदुत्व के प्रति विश्वभर में एक नकारात्मक जहरीला प्रोपेगेंडा चलाता आ रहा है जो विभिन्न अवसरों पर उजागर हुआ है,

किन्तु यहां विषय ब्रिटेन के स्टेट स्पॉन्सर्ड ब्रॉडकास्टर बीबीसी का झूठ और उसके द्वारा फैलाया जा रहा भारत विरोधी प्रोपेगेंडा नहीं है, विषय है बीबीसी के द्वारा भारत में कार्य करने के दौरान की गई टैक्स चोरी,

यह पहली बार नहीं है जब ब्रिटेन के स्टेट स्पॉन्सर्ड नेशनल ब्रॉडकास्टर पर टैक्स चोरी के आरोप लगे हैं
बीबीसी पर स्वयं उसके ही देश ब्रिटेन में टैक्स चोरी के गंभीर आरोप ना केवल लगे हैं अपितु सिद्ध भी हुए हैं
और ब्रिटेन के स्टेट स्पॉन्सर्ड नेशनल ब्रॉडकास्टर बीबीसी ने अपनी एनुअल रिपोर्ट में स्वयं लिखा है कि 12 मिलियन पाउंड की पेनल्टी चुका कर बीबीसी ने उस टैक्स चोरी के कुकर्म से अपना टेंटुआ बचाया था,

अब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की बात करें तो उनका कहना है कि इस कार्यवाही से पूर्व वे बीबीसी को कई नोटिस भेज चुके हैं किंतु बीबीसी की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया,
संभवत बीबीसी वाले आज भी भारत और भारतीय कानून को अपना गुलाम समझ कर बैठे हुए हैं और उपनिवेशवादी मानसिकता से उबर नहीं पाए है, और सोच रहे हैं कि जिस प्रकार अंग्रेजों ने भारत को गुलाम बनाकर भारत से 45 ट्रिलियन डॉलर लुटे थे बीबीसी वाले भी भारत में अपने गोरखधंधे चलाकर भारतीय कानून को ठेंगा दिखाकर सरलता से बैठकर भारत में टैक्स चोरी करते रहेंगे, किंतु समय आ गया है कि बीबीसी को कायदे से समझाया जाए कि ब्रिटिश शासन का सूर्य कब का अस्त हो चुका है….

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शिवसेना विवाद पर चुनाव आयोग का फैसला, एकनाथ शिंदे गुट को सौंपा गया शिवसेना का प्रतीक तीर-कमान

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डिजिटल भारत l महाराष्ट्र की राजनीति में लंबे समय से उठापटक जारी है. शिवसेना के नाम और पार्टी के सिंबल पर हक को लेकर उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के बीच पिछले कुछ समय से तनातनी चल रही थी. इसी बीच चुनाव आयोग ने बड़ा फैसला लिया है. चुनाव आयोग के इस फैसले के बाद शिवसेना का नाम और पार्टी का निशान उद्धव ठाकरे से छिन गया है. EC ने एकनाथ शिंदे गुट को पार्टी का नाम और शिवसेना का प्रतीक तीर कमान सौंप दिया है.

चुनाव आयोग के इस फैसले के बाद शिवसेना सांसद संजय राउत ने ट्वीट कर कहा कि इसकी स्क्रिप्ट पहले से ही तैयार थी. देश तानाशाही की ओर बढ़ रहा है. जबकि कहा गया था कि नतीजा हमारे पक्ष में होगा. लेकिन अब एक चमत्कार हो गया है. लड़ते रहो. संजय राउत ने कहा कि ऊपर से नीचे तक करोड़ों रुपए पानी की तरह बहाया है. हमें फिक्र करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि जनता हमारे साथ है. लेकिन हम जनता के दरबार में नया चिह्न लेकर जाएंगे और फिर से शिवसेना खड़ी करके दिखाएंगे, ये लोकतंत्र की हत्या है.

उद्धव ठाकरे गुट के नेता आनंद दुबे ने कहा कि वहीं आदेश आया है, जिसका हमें अंदेशा था. उन्होंने कहा कि हम कहते रहे हैं कि हमें चुनाव आयोग पर भरोसा नहीं है. जब मामला सुप्रीम कोर्ट के विचाराधीन है और कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है, तो चुनाव आयोग द्वारा यह जल्दबाजी दिखाती है कि यह केंद्र सरकार के तहत भाजपा एजेंट के रूप में काम करता है. हम इसकी निंदा करते हैं.

दरअसल, पिछले साल जून में जब एकनाथ शिंदे ने तख्तापलट किया था तो पार्टी में दो गुट उभर आए थे. पार्टी उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के समर्थकों के बीच बंट गई थी. शिंदे गुट की बगावत के बाद महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे को सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा था. बाद में एकनाथ शिंदे ने सीएम औऱ देवेंद्र फडणवीस ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली थी.

इसके बाद उद्धव गुट औऱ एकनाथ शिंदे गुट असली शिवसेना की पहचान के लिए आमने सामने आ गए थे. जहां एकनाथ शिंदे गुट का कहना था कि हम बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा को आगे बढ़ा रहे हैं. वहीं उद्धव गुट शिवसेना पर अपना दावा ठोक रहा था.

महाराष्ट्र में सत्ता में बदलाव के बाद उद्धव गुट औऱ एकनाथ शिंदे गुट असली शिवसेना की पहचान के लिए आमने सामने आ गए थे. जहां एकनाथ शिंदे गुट का कहना था कि हम बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा को आगे बढ़ा रहे हैं. वहीं उद्धव गुट शिवसेना पर अपना दावा ठोक रहा था.

इसके बाद उद्धव गुट और शिंद गुट ने शिवसेना के नाम और पार्टी के प्रतीक चिह्न तीर कमान को लेकर चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया था. अक्टूबर 2022 में शिंदे गुट को पार्टी के प्रतीक के रूप में दो तलवार और ढाल के साथ बालासाहेबंची शिवसेना (बालासाहेब की शिवसेना) नाम दिया गया था. जबकि उद्धव गुट को शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नाम दिया गया था और प्रतीक चिह्न मशाल दिया गया था.

दरअसल, शिवसेना के धनुष और बाण चिन्ह के स्वामित्व पर अंतिम सुनवाई जनवरी में हुई थी. चुनाव आयोग का आखिरी फैसला शुक्रवार को आया. हालांकि इस फैसले से जहां शिंदे गुट में जश्न का माहौल है, तो वहीं, उद्धव गुट के लिए ये बड़ा झटका है. चुनाव आयोग के इस फैसले के बाद उद्धव गुट के नेताओं ने कहा कि हमें पहले ही इस आदेश का अंदेशा था

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स्तरीय पुरस्कार प्रतियोगिता : ग्राम भवरदा निवासी की हरियाणा नस्ल की गाय ने प्राप्त किया प्रथम पुरस्कार

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डिजिटल भारत l मुख्यमंत्री पशुपालन विकास योजना अंतर्गत भारतीय उन्नत नस्ल की दुधारू गाय हेतु जिला स्तरीय पुरस्कार प्रतियोगिता का 15 फरवरी को आयोजन किया गया । इस प्रतियोगिता में जिले के चयनित पशुपालकों द्वारा भाग लिया गया । 3 समय के दुग्ध उत्पादन का आंकलन एवं गणना उपरांत प्रथम द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले पशुपालकों को कार्यक्रम में पुरूस्कृत किया गया । प्रतियोगिता में हर्ष बाजपेयी पिता सतेन्द्र बाजपेयी ग्राम भवरदा विकासखंड मण्डला की हरियाणा नस्ल की गाय ने 12.082 लीटर प्रतिदिन दुग्ध उत्पादन देकर प्रथम स्थान 51 हजार रूपये का पुरस्कार प्राप्त किया । निलेश कुमार झारिया पिता डालचंद्र झारिया ग्राम देवरी विकासखंड नारायणगंज की गिर नस्ल की गाय ने 10.560 लीटर प्रतिदिन दुग्ध उत्पादन देकर द्वितीय स्थान 21 हजार रूपये का इनाम जीता एवं अमृतलाल धनगर पिता स्व चौबाराम धनगर ग्राम बम्हनी बंजर विकासखंड मण्डला की साहीवाल नस्ल की गाय ने 7.533 लीटर प्रतिदिन दुग्ध उत्पादन देकर तृतीय स्थान 11 हजार रूपये का इनाम जीता । कार्यक्रम में मुख्य अतिथि जिला पंचायत अध्यक्ष संजय कुशराम, नगरपालिका अध्यक्ष विनोद कछवाहा, उपाध्यक्ष अखिलेश कछवाहा, जिला गौपालन एवं गौसंवर्धन समिति उपाध्यक्ष दिलीप चंद्रौल द्वारा प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र देकर पुरूस्कृत किया गया ।

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