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एक भारत उत्कृष्ट भारत

बच्चो के साथ खेल कूद व को शिक्षा की सामग्री बाटते हुए अविकसित बालगृह में भी मनाया गया बाल दिवस

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शहर के कई ने NGO भी बच्चो के साथ मनाया बाल दिवश

डिजिटल भारत l शासकीय मानसिक रूप से अविकसित बाल गृह जबलपुर में 14 नवम्बर को बाल दिवस का आयोजन
उत्सवी माहौल में किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में यशवेन्द्र ब्गेले अध्यक्ष बाल कल्याण समिति रहे। साथ ही संस्था के अधीक्षक ए.आर. सिंह परस्ते, विशेष शिक्षक प्रशासक, वार्डन समस्त कर्मचारी एवं मानसिक
दिव्यांग छात्र-छात्राओं सहित अभिभावक उपस्थित रहे।


मानसिक दिव्यांग छात्र-छात्राओं ने शानदार सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी। साथ ही इनके द्वारा बनाये हस्त
कौशल की एक प्रदर्शनी रखी गई थी एवं स्वरचित ग्रीटिंग कार्ड मुख्य अतिथि को भेंट किया। उन्होंने बच्चों में
चाकलेट एवं आर्शीवचन देते हुए एवं इनके उज्जवल भविष्य के प्रयासों में सहयोग का आश्वासन दिया। नौजवान एकता संगठन NGO जबलपुर द्वारा बाल दिवस के उपलक्ष में बच्चों को आंगनवाड़ी स्कूल एवं निशुल्क शिक्षा संस्थानों में जा जाकर शिक्षा से संबंधित जानकारी एवं प्रेरणा दी एवं सामग्री वितरित की जिसमें वाइटबोर्ड ग्रीन बोर्ड ,कंपास ,शीश पेंसिल ,कॉपी, पहाड़ा, पेन, एवं शिक्षा से संबंधित आदि सामग्रियां प्रदान की ।प्रदान किए गए स्थानों फुलर आंगनवाड़ी एवं स्कूल भीटा आंगनवाड़ी , एन ई एस एनजीओ शिक्षा केंद्र महंगवा,सिवनगर, आदि ।शिक्षा ही जीवन का आधार जिसे हमे बड़ाने हेतु बच्चो को प्रेरित करना चाहिए और लोगो को जागरूक करना आवश्यक है।

इसी के साथ और भी NGO जैसे जबलपुर में स्थित बरसाना बस्ती मदन महल में शिक्षा एक उज्ज्वल भविष्य की ओर ऑर्गनाइज़ेशन द्वारा सोमवार 14 नवंबर को बाल दिवस बड़े ही धूमधाम से मनाया गया, जिसमें आयोजित कार्यक्रमों में बच्चों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया , बच्चों ने कविता, विभिन्न खेल, नृत्य गान व इत्यादि के माध्यम से अपनी कला का प्रदर्शन किया, बच्चों का हुनर देखकर सभी गदगद हुए वहीं परिजन भी उत्साहित हो गए।

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जनजातीय गौरव दिवस आज भूतो न भविष्यति जनजातीय जननायक भगवान बिरसा मुण्डा

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डिजिटल भारत l भगवान बिरसा मुण्डा ने अपने 25 वर्ष के जीवन काल में ही जमींदारी प्रथा, राजस्व व्यवस्था इंडियन
फारेस्ट एक्ट-1882 और धर्मातरण के खिलाफ अंग्रेजों एवं ईसाई पादरियों से संघर्ष किया। भगवान बिरसा मुण्डा
जनजातियों की धार्मिक व्यवस्था, संस्कृति, परम्परा, अस्तित्व एवं अस्मिता रक्षक के प्रतीक हैं। वे संपूर्ण जनजातीय
समाज का गौरव है। भारत सरकार ने बिरसा मुण्डा जयंती – 15 नवम्बर को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में
मनाने का निर्णय लिया है। जनजातीय गौरव दिवस मनाना जनजातीय समाज का ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण सनातन
समाज का एकात्म भाव है। भारत के विभिन्न प्रान्तों में बसी लगभग 705 जनजातियाँ जब अपने सपूतों की गौरव
गाथा को याद करने बैठती हैं तो एक स्वर्णिम नाम उभरता है बिरसा मुण्डा, जिसे जनजातीय बन्धु बड़े प्यार और
श्रद्धा के साथ बिरसा भगवान के रूप में नमन करते हैं। जनजातीय समाज ने एक नहीं अनेक रत्न दिए हैं।

मणिपुर के जादोनांग, नागा रानी गाईदिन्ल्यु, राजस्थान के पूंजा भील, आंध्रप्रदेश के अल्लूरी सीताराम राजू, बिहार
झारखण्ड के तिलका मांझी, सिद्धू-कान्हू वीर बुधु भगत, नीलाम्बर-पीताम्बर, जीतराम बेदिया, तेलंगा खड़िया, जतरा
भगत, केरल के पलसी राजा तलक्ल चंदू, महाराष्ट्र के वीर राघोजी भांगरे, असम में शम्भूधन फुन्गलोसा आदि पर
किसे गर्व नहीं होगा? बिरसा मुण्डा इन सबके प्रतीक हैं। छोटा नागपुर (झारखण्ड) के उलीहातू ग्राम में 15 नवम्बर
1875 के दिन इस वीर शहीद जनजातीय जननायक का जन्म हुआ था। पिता सुगना मुण्डा और माता करमी
अत्यन्त निर्धन थे और दूसरे गाँव जाकर मजदूरी का काम किया करते थे। उनके दो भाई एवं दो बहनें भी थीं।
बिरसा का बचपन एक सामान्य वनवासी बालक की तरह ही धूल में खेलते, जंगलों में विचरते, भेड़-बकरियाँ चराते
और बाँसुरी वादन करते बीता। बालक बिरसा को उनके पिता पढ़ा-लिखा कर बड़ा साहब बनाना चाहते थे। माता-
पिता ने उन्हें मामा के घर आयूबहातू भेज दिया। जहाँ बिरसा ने भेड़-बकरी चराने के साथ शिक्षक जयपाल नाग से
अक्षर ज्ञान और गणित की प्रारम्भिक शिक्षा पाई। बिरसा ने बुर्जू मिशन स्कूल में प्राथमिक शिक्षा पाई। आगे की
पढ़ाई के लिए वे चाईबासा के लूथरेन मिशन स्कूल में दाखिल हुए। बिरसा के जीवन में बड़ा बदलाव उनकी स्कूली
शिक्षा के दौरान ही आया। उन्हें इसी दौरान अहसास हुआ कि गरीब वनवासियों को शिक्षा के नाम पर ईसाई धर्म के
प्रभाव में लाया जा रहा है। उन्होंने इसे अपने और अपने वनवासी भाई-बंधुओं के धर्म पर संकट माना। यह वह
समय था जब वनवासियों के अधिकारों और धर्म की रक्षा के लिए ईसाई स्कूलों के विरोध में सरदार आन्दोलन शुरू
हुआ था। बिरसा उस आन्दोलन में शामिल हो गये। बिरसा ने बचपन से मुण्डा आदिवासियों के शोषण को करीब से

देखा था। आये दिन आदिवासियों पर अंग्रेजी राज के अनाचार से उनके मन में क्रांतिकारी ज्वाला प्रज्ज्वलित हो
गयी।
बिरसा

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फायलेरिया की दवा खाने के लिये आमजन को दें : स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी

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डिजिटल भारत l प्रभावित जिलों में एमडीआर के लिये बनाएँ विशेष रणनीति
स्टेट टास्क फोर्स कमेटी ने दिए सुझाव

लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने कहा है कि फायलेरिया प्रभावित जिलों में
मास लेवल पर फायलेरिया निरोधी दवा की खुराक सभी लोग के लिए एक बार लेना जरूरी है। इसके लिये आमजन
को समझाइस दी जाए। फायलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम में ऐसे जिले जहाँ पर फायलेरिया के केस पूरी तरह से
समाप्त नहीं हुए है, उनमें मास लेवल पर फायलेरिया निरोधी दवा की खुराक दी जाना है। फायलेरिया निरोधी दवा
की खुराक सभी को लेना है। इससे फायलेरिया को समाप्त किया जा सकता है। यदि प्रभावित क्षेत्र अथवा जिले के
कुछ लोग दवा का सेवन नहीं करते है तो इससे पूरा क्षेत्र फायलेरिया बीमारी से पीड़ित बना रहता है। स्वास्थ्य मंत्री
डॉ. चौधरी सोमवार को मंत्रालय में राष्ट्रीय फायलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम की स्टेट टास्क फोर्स की बैठक को
संबोधित कर रहे थे। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने बताया कि आम लोगों को फायलेरिया बीमारी के उन्मूलन के लिये
दवा खाने की आवश्यकता का एहसास कराना होगा। आमजन को यह समझाइस देना होगी कि फायलेरिया से मुक्ति
तभी संभव जब प्रभावित जिले के सभी लोगों द्वारा दवा का एक बार सेवनअवश्य किया जाए। उन्होने कहा कि
आमजन को यह जानकारी दी जाए कि फायलेरिया की रोकथाम के लिये दवा खाने से फायलेरिया की बीमारी नहीं
होगी और दवा का दुष्प्रभाव नहीं है। फायलेरिया के उन्मूलन के लिये संबंधित जिलों के जनसमुदाय को दवा खाना
जरूरी है। इस संदेश को विभिन्न माध्यमों से प्रभावित जिलों में जन-जन तक पहुँचाया जाए। स्वास्थ्य मंत्री डॉ.
चौधरी ने कहा कि देश में 20 राज्य के 133 जिलों में फायलेरिया उन्मूलन प्रगति पर है। प्रदेश में 12 एंडेमिक
जिलें है। उन्होंने बताया कि फायलेरिया संक्रमित मच्छर क्यूलेक्स के द्वारा फैलने वाली बीमारी है।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि छतरपुर, दतिया, कटनी, पन्ना, उमरिया, रीवा, टीकमगढ़ और निवाड़ी
में एमडीए की गतिविधि की जा रही है। सागर, सतना, छिन्दवाड़ा और दमोह जिले को ट्रांसमिशन असिसमेन्ट सर्वे
के लिये शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि एमडीए की गतिविधि के सफलतापूर्वक संचालन के लिये संबंधित
जिलों के स्थानीय जनप्रतिनिधियों सहित नगरीय निकायों के पार्षद और ग्राम पंचायत के सरपंच से अभियान में
भागीदार बनाने के लिये पहल की जाएँ

। उन्होंने कहा कि शिक्षा, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, महिला-बाल विकास,
जल संसाधन, किसान कल्याण एवं कृषि विकास, नगरीय विकास एवं आवास, जनजातीय कार्य, सामाजिक न्याय
एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग के मैदानी अमले को फायलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम में जोड़ने की जरूरत है। बैठक
में एसीएस स्वास्थ्य श्री मोहम्मद सुलेमान, स्वास्थ्य आयुक्त डॉ. सुदाम खाड़े, सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास
श्री धनंजय सिंह, सचिव वन विभाग श्री एके मिश्रा, एमडीएनएचएम सुश्री प्रियंका दास, अतिरिक्त आयुक्त नगरीय
विकास डॉ. सत्येन्द्र सिंह, अतिरिक्त आयुक्त अनुसूचित जनजाति कल्याण श्री केजी तिवारी और टास्क फोर्स कमेटी
के सदस्य उपस्थित थे।

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 निगमायुक्त के द्वारा शहर के विभिन्न क्षेत्रों में निर्माणाधीन सड़कों और फुटपाथ के कार्यो का किया गया निरीक्षण निर्माण कार्यो की गुणवत्ता पर निरीक्षण के दौरान अधिकारियों और ठेकेदार के प्रति जताई नाराजगी

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डिजिटल भारत l  नगर निगम द्वारा शहर के नागरिकों को बेहतर मूलभूत सुविधाएॅं प्रदान करने की दिशा में अद्योसंरचना एवं विकास के कार्य लगातार कराये जा रहे हैं। इन विकास कार्यो में सड़कों के निर्माण के साथ-साथ नाला नालियों एवं फुटपाथ के भी निर्माण कराये जा रहे हैं।

जिसका निरीक्षण आज निगमायुक्त आशीष वशिष्ठ के द्वारा किया गया और निरीक्षण के दौरान निर्माण कार्यो की गुणवत्ता देखकर इंजीनियरों और ठेकेदारों के प्रति नारजगी जाहिर की गयी। निगमायुक्त श्री वशिष्ठ ने बताया कि आज उनके द्वारा अग्रसेन चौक से स्कीम नम्बर 41, विजय नगर क्षेत्र में निर्माणाधीन कांक्रीट सड़ निर्माण के साथ-साथ उखरी क्षेत्र में निर्माणाधीन फुटपाथ का भी निरीक्षण किया गया। उन्होंने निरीक्षण के मौके पर देखा कि निर्माण कार्यो की गुणवत्ता ठीक नहीं है और निर्धारित माप दण्डों के अनुरूप निर्माण कार्य नहीं कराये जा रहे हैं। जिसपर नाराजगी व्यक्त करते हुए कार्यो में सुधार लाने के कड़े निर्देश दिये।
निगमायुक्त श्री वशिष्ठ ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जो भी निर्माणाधीन कार्य प्रचलन में है उन सभी कार्यो को निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप समय सीमा में सफाई के साथ कराएॅं, क्रांक्रीट के कार्यो की तराई अच्छी तरह से कराएॅं। उन्होंने हिदायत दी कि यदि समय सीमा में गुणवत्ता के साथ कार्य पूर्ण नहीं हुए तो ऐसी स्थिति में इंजीनीयरों के साथ-साथ संबंधित ठेकेदार के ऊपर भी पेनाल्टी लगाई जायेगी। इस मौके पर कार्यपालन यंत्री आर.के. गुप्ता, सहायक यंत्री आर.क.े गोस्वामी, प्रदीप मरावी आदि उपस्थित रहे। 

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आवारा पशुओं की धरपकड़ जारी – 25 आवारा पशुओं को पकड़कर पहुॅंचाया गया निगम गौशाला, इसी के साथ पशुओ को ऐसे छोड़ते हुए पकडे जाने पर लगेगा जुरमाना

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डिजिटल भारत l मध्य प्रदेश में लगातार देखा जा रहा है कि सड़क दुर्घटना में कोई मवेशी या तो मर जाता है या बुरी तरह जख्मी हो जाता है। कई बार आवारा पशुओं के हमले से इंसानों को नुकसान उठाना पड़ता है। ऐसी ही समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने बड़ा और सख्त कदम उठाया है। निगमायुक्त आशीष वशिष्ठ के निर्देशानुसार शहर के आवारा पशुओं को धरपकड़ अभियान लगातार जारी है। आज भी शहर के विभिन्न क्षेत्रों से 25 आवारा पशुओं को पकड़ने की कार्यवाई की गई। आज नगर निगम फायर ऑफिस के हॉंका गैंग टीम द्वारा 25 आवारा पशुओं को पकड़कर कैटल वाहन के माध्यम से कांजी हौस में पहुॅंचाया गया। इस संबंध में फायर अधीक्षक कुसाग्र ठाकुर, सहायक अधीक्षक राजेन्द्र पटैल, ने बताया कि शहर में नगर निगम के फायर ब्रिगेड के द्वारा सुबह एवं शाम की पालियों में विशेष गैंग एवं वाहनों को लगाकर आवारा मवेशियों को धरपकड़ करने की कार्रवाई लगातार की जा रही है। जिससे की लोगों को आवागमन में राहत मिल सके।

उन्होंने बताया कि दिनांक 01 सितम्बर 2022 से 09 नवम्बर 2022 तक हाका गैंग द्वारा 915 आवारा मवेशियों एवं 170 घायल, बीमार पशुओं को निगम गौशाला एवं कांजी हौस में बंद किया गया। यह कार्रवाई निगमायुक्त आशीष वशिष्ठ के निर्देशानुसार की जा रही है।
श्री पटैल ने बताया कि शहर की साफ सफाई, स्वच्छता और सुगम यातायात व्यवस्था को दृष्टिगत रखते हुए निगमायुक्त आशीष वशिष्ठ के निर्देशानुसार नगर निगम के फायर ब्रिगेड (अग्नि शमन विभाग) के द्वारा आवारा मवेशियों को पकड़ने का अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बंद किये गए आवारा मवेशियों के मालिकों से आर्थिक दण्ड स्वरूप जुर्माने की कार्यवाही भी की जा रही है, विगत 2 माह में पशुपालक दिनेश कोरी, कृष्णा कुमार यादव, धर्मेन्द्र कुमार, शिव कुमार से 15 हजार 2 सौ 50 रूपये जुर्माना वसूल कर निगम कोष में जमा कराया गया।

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ऐसे बनाये ऑफिस के मोहोल को खुशनुमा एंड रिलेक्सिंग , बढ़ाये अपनी प्रॉडक्टिवटी

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डिजिटल भारत l ऑफिस एक ऐसी जगह है, जहां पर हर व्यक्ति अपना बेस्ट देना चाहता है। ऑफिस में आपकी परफार्मेंस कहीं ना कहीं आपकी करियर ग्रोथ पर असर डालती है। शायद यही कारण है कि महत्वाकांक्षी लोग अपने काम को लेकर काफी सीरियस होते हैं और वह उसे बेहतर तरीके से करना चाहते हैं।कई बार ऑफिस की टेंशन लोगो की निज़ी ज़िंदगी में भी दुःख का कारण बन जाती है. आज हम बात करेगें कि कैसे ऑफ़िस में एक खुशियों भरा माहौल बनाया जा सकता है और अपने कामो को अच्छे से किया जा सकता है

टीम वर्क को महत्त्व दें : ऑफिस में टीम वर्क को महत्त्व दें. ऐसे में एक दूसरे के साथ अच्छी बॉन्डिंग होगी और ऑफिस में खुशनुमा माहौल बना रहेगा.

विचार भेद को दे महत्त्व: कई बार ऑफिस में बॉस और एम्प्लॉय के बीच किसी काम को लेकर विचारों में मतभेद हो जाता है. सामने वाले के विचारों को ध्यान से सुनें और उनमें सही प्रतिक्रिया दें ताकि ऑफिस में असंतोष न फैले.
क्षमता से अधिक काम न ले: कई बार हम अपने ऑफिस में अपने सीनियर को खुश करने के चक्क्र में उन कार्यों के बारे में भी हां कर देते है जिनके बारे में हम नही जानते। ऐसा कभी न करें इससे आप ही का नुकसान है । जो कार्य आन नही कर सकते या आपकी क्षमता के विपरीत है उसके लिए ना करना सीखें। वही काम करे जो आप कर सकते है।

मल्टीटास्किंग से बचें : यह एक ऐसी मिसटेक है, जिसे अधिकतर लोग करते है और उसी के कारण वह तनाव में रहते हैं। भले ही आपके पास काम अधिक है, तो भी आप मल्टीटास्किंग से बचें (घर पर न लाएं ऑफिस का काम)। जब आप मल्टीटास्किंग करती हैं तो इससे आपके काम की स्पीड कम हो जाती है और इस तरह आप किसी भी काम को तय समय पर पूरा नहीं कर पाती हैं।

हेल्पिंग नेचर बनाएं रखें : कुछ लोग अपनी तारीफ़ करवाने के चक्कर में दूसरों को नीचे गिराने लग जातें हैं. इससे ऑफिस का माहौल खराब होता है. ऑफिस में बॉस से लेकर सारे स्टॉफ तक हेल्पिंग नेचर बनाए रखना चाहिए. इस तरह ऑफिस में भी अपनेपन का भाव बना रहेगा.
फन टाइम भी रखें : ऑफिस में ज्यादा काम का प्रेशर और फिर टाइम पर फाइल देने की जल्दबाजी में कुछ लोग काम को ही अपना जीवन समर्पित कर देते हैं. ऑफिस में कम से कम सप्ताह में एक दिन मनोरंजन का माहौल बनाया जाना चाहिए. सप्ताह के अंतिम दिन में ऑफिस में किसी तरह की एक फन एक्टिविटी को ज़रूर शामिल करें.

ऐसे करे समय की बचत : ऑफिस कार्य के दौरान कुछ शॉर्टकट तरीके होते है जो हमारे समय की बचत करते है। जैसे यदि आपसे कोई कॉल कर रहा है तो उसे मैसेज के साथ रिप्लाई देकर अपने समय की बचत करें। साथ ही आपके काम से जुड़े कई ऐसे शॉर्टकट है जो आपके समय की बचत करते है। आप कम्प्यूटर पर कार्य कर रहे है तो उसकी शॉर्टकट की बारीकियों को जाने यह समय बचत में सबसे बड़े उपयोगी है।
अपने टास्क को पूरा करे : आपने जो भी कार्य हाथ में लिया है उसे तय समय पर पूरा करें । यदि आप उस काम के प्रति लापरवाही कर अगले दिन पर टाल देते है तो इस आदत से आपके ऊपर वर्क लोड काफी बढ़ जाता है इसलिए काम के दौरान आलस को बिलकुल न अपनाएं । 2 मिनट ज्यादा सही पर उस काम को पूरा करे जो आपने करने के लिए हाथ में लिया है।

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नया बिजनेस शुरू करने जा रहे तो रखे इन चीजों का ख्याल :बिजनेस टिप्स

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डिजिटल भारत l जो एक बिजनेसमैन को ध्यान में रखने चाहिए.
कुछ ऐसी चीजें जो उसे करनी चाहिए और कुछ ऐसी चीजें जो उसे भूलकर भी नहीं करनी चाहिए.
बिजनेस में यदि व्यक्ति सफल हो जाए… तो उसकी जिंदगी हीं बदल जाती है. लेकिन अगर कोई व्यक्ति बिजनेस में असफल हो जाता है, तो मानो उसकी दुनिया हीं खत्म हो जाती है….. फिर उसके लिए सम्भल पाना काफी मुश्किल होता है.
उपयोगी बिजनेस टिप्स :
बिजनेस में कदम रखने से पहले यह सुनिश्चित कीजिए कि आप किसी और की देखादेखी बिजनेस
शुरू नहीं कर रहे हैं.
एक इमरजेंसी फण्ड रखिए, ताकि जब आपका बिजनेस घाटे या कम मुनाफे में चले….
तो आपके हाथ में कुछ पैसे बचे रहें. और इस इमरजेंसी फण्ड में हर दिन या हर महीने कुछ
पैसे जमा करते जाइए.
नए बिजनेस में यह जरूरी होता है, कि आप बेवजह के खर्चों से बचें.
बिजनेस शुरू करने के तुरंत बाद इससे मुनाफे की उम्मीद नहीं करनी चाहिए. किसी छोटे-मोटे बिजनेस
को भी जमने में कम-से-कम 2-4 साल का समय लगता है.
बिजनेस के शुरूआती दिनों में बहुत ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है, हो सकता है आपको शुरू में हर दिन
10-15 घंटे हर दिन काम करना पड़े.
दोस्तों बहुत से लोगो के मन में हमेशा यह विचार आता है कि उसने अपना बिज़नेस खड़ा तो कर लिया है लेकिन उनका बिज़नेस ज्यादा ग्रो नहीं कर रहा है वह उन तरीको को खोजता है जिनसे वो अपने Business को Grow कर सके ! आज इस लेख में हम आपको ऐसे तरीके बताएँगे जिनकी सहायता से आप अपने बिज़नेस को बहुत तेजी से ग्रो कर सकते हो ! तो आइये जानते है वे कोनसे तरीके है जिनकी सहायता से हम अपने बिज़नेस को बढ़ा सकते है
बोद्धिक सम्पति को सुरक्षित रखे
दोस्तों जब भी हम अपना कोई बिज़नेस शुरू करते है तो इसमें सबसे पहले हमें कुछ कागजी कार्यवाही पूरी करनी होती है ! जैसे अपने बिज़नेस का नाम क्या होगा , उसका लोगो कैसा होगा और उसको रजिस्टर करने की कार्यवाही आदि करनी होती है !

अपने महत्वपूर्ण कर्मचारियों का ध्यान रखे
एक बिज़नेस को ग्रो करने के लिए यह बेहद जरुरी है कि आप अपने Best Employees का ध्यान रखे ! उन्हें एहसास कराये कि वे आपकी कंपनी में एक कर्मचारी नहीं है बल्कि उनके पार्टनर है ! एक सफल बिज़नेसमेन भी वही होता है जो अपने Employees का हमेशा ध्यान रखता है और उनकी समस्याओ का समाधान करता है !

यदि आप अपने विश्वसनीय और प्रमुख कर्मचारियों का ध्यान नहीं रखेंगे तो और कोई कंपनी उन्हें अच्छा ऑफर देकर हायर कर लेगी जिससे आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है और आपके बिज़नेस की ग्रोथ रुक भी जाएगी !

अपने ग्राहकों का ध्यान रखे
दोस्तों एक सफल बिज़नेस के लिए सबसे महत्वपूर्ण है कि वह अपने ग्राहकों को संतुष्ट रखे ! उनकी हर समस्या का समाधान करे ! एक संतुष्ट कस्टमर आपके प्रोडक्ट का अन्य लोगो से प्रचार करेगा और आपके बिज़नेस के साथ एक और ग्राहक भी जोड़ेगा !

आपको हमेशा इस बात पर फोकस करना चाहिए कि आपके कस्टमर्स को अच्छे प्रोडक्ट और अच्छी सर्विस प्रदान हो ! यदि आप क्वालिटी और सर्विस दोनों मेंटेन करके चलते है तो आपका बिज़नेस जल्दी ही ग्रो करेगा !

अपने ऊपर निवेश करना
एक बिसनेसमेन को समय पर खुद पर भी निवेश करना चाहिए ! खुद पर निवेश करने से मतलब है कि समय – समय पर आपको मोटिवेशनल सेमिनारो में भाग लेना , बुक्स पढना तथा बिज़नेस की बारीकियां सीखना आदि चीजो में आपको पैसे और समय दोनों निवेश करने चाहिए ! यदि आप ऐसा करते है तो यह निवेश आपको आने वाले समय में कई गुना रिटर्न देगा !

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प्यार में सिरफिरे आशिक ने ली बिलिंग के चौथी मंजिल से फेक कर जान , फिर शव लेकर फरार : नोएडा

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डिजिटल भारत l सिरफिरे आशिक ने एकतरफा प्यार के प्रस्ताव को ठुकराने पर हैवानियत की सारी हदें पार कर दीं. युवती को चौथी मंजिल से फेंक दिया और उसके शव को लेकर भाग गया. पुलिस ने आरोपी को मेरठ के पास से एंबुलेंस में शव के साथ गिरफ्तार कर लिया है.
युवती के परिजनों का कहना है कि यह सिरफिरा आशिक युवती को लगातार तंग कर रहा था. इसकी शिकायत पुलिस में भी की गई थी लेकिन कोई कार्यवाही नहीं होने से उसके हौसले बढ़ गए थे और उसने इस घटना को अंजाम दे दिया.
योगी की सरकार के लाख दावों के बाद भी प्रदेश महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं.

इसकी बानगी एक बार फिर नोएडा में देखने को मिली, जब एक सिरफिरे आशिक ने एकतरफा प्यार के प्रस्ताव को ठुकराने पर हैवानियत की सारी हदें पार करते हुए युवती को चौथी मंजिल से फेंक उसकी जान ले ली. फिर उसके शव को लेकर भाग गया. पुलिस ने आरोपी को मेरठ के पास से एंबुलेंस में शव के साथ गिरफ्तार किया है. युवती के परिजनों का कहना है कि यह सिरफिरा आशिक युवती को लगातार तंग कर रहा था. इसकी शिकायत पुलिस में भी की गई थी लेकिन कोई कार्यवाही नहीं होने से उसके हौसले बढ़ गए थे और उसने इस घटना को अंजाम दे दिया.

सिरफिरे आशिक का नाम गौरव है. गौरव विवाहित है और कोतवाली 49 क्षेत्र के होशियारपुर गांव में रहने वाली 22 वर्षीय युवती शीतल से एकतरफा प्यार करता था. शीतल के भाई कुणाल ने बताया कि शीतल और उसके परिजन गौरव की हरकतों से परेशान थे और इस बात को लेकर पहले थाने में और पुलिस चौकी पर शिकायत कर चुके थे, लेकिन पुलिस ने कोई सख्त कार्रवाई नहीं की बल्कि दबाव डालकर समझौता करा दिया और कहा कि गौरव अब कुछ नहीं करेगा.


कुणाल ने बताया कि उसकी बहन होशियारपुर स्थित शर्मा मार्केट में इंश्योरेंस कंपनी में नौकरी करती थी और जहां आज गौरव उसके पीछे पहुंच गया. शीतल ने जब उसके प्रेम प्रस्ताव को ठुकरा दिया, तो गौरव ने उसे चौथी मंजिल से नीचे फेंक दिया. फिर वह नीचे आया और खुद को शीतल का भाई बताते हुए अस्पताल ले जाने के नाम पर उसके शव को कार में लेकर भाग गया.

इस बीच युवती के चौथी मंजिल से गिरने की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच शुरू की तो परिजनों ने बताया कि गौरव युवती का भाई नहीं है बल्कि सिरफिरा आशिक है, जो लगातार उसे तंग कर रहा था.

जब युवती नोएडा के अस्पतालों में काफी तलाश करने के बाद नहीं मिली, तब पुलिस ने गौरव के मोबाइल को सर्विलांस पर लगाया और फिर मेरठ कंकरखेड़ा के पास एंबुलेंस में शव के साथ उसे पकड़ लिया. गौरव ने बताया कि उसकी शीतल के शव को बिजनौर ले जाकर जलाने की योजना थी. उसका कहना था कि उसने युवती से शादी की थी. अब वह उससे दूर जा रही थी, जिसके चलते उसने यह कदम उठाया.

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जाने मध्यप्रदेश जबलपुर के बारे में कुछ रोचक बातें व तथ्य

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डिजिटल भारत l मध्य प्रदेश की संस्कार राजधानी जबलपुर है,जाबालि ऋषि की तपोभूमि होने के कारण इस जिले का नाम जबलपुर पड़ा मध्य प्रदेश का रत्न परीक्षण केंद्र जबलपुर में है मध्य प्रदेश का पहला कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर में है, पूर्व समय में जबलपुर में हैहय वंश का राज्य था ,तब इसे त्रिपुरी नाम से भी जाना जाता था जबलपुर में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय [ हाई कोर्ट ] का मुख्यालय रानी दुर्गावती की समाधि बरेला गांव जबलपुर में है महाकौशल विकास प्राधिकरण जबलपु मध्यप्रदेश के जबलपुर में केंद्रीय जेल की स्थापना की जा रही है

NCC परीक्षण केंद्र[ महिला ] -जबलपुर

प्रथम पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय यहीं पर स्थापित किया गया है,

मदन महल रेलवे स्टेशन इसको प्रदेश का पहला पिंकी स्टेशन कहा जाता है

यहां पर नर्मदा नदी मनोरम धुआंधार जलप्रपात बनाती है

यहां पर नर्मदा नदी पर संगमरमर की चट्टानों के बीच भेड़ाघाट जलप्रपात है

राज्यसभा सांसद व अभिनेत्री जया बच्चन की जन्मस्थली जबलपुर है

यह आम के लिए प्रसिद्ध है ,जबलपुर को आम जिला भी घोषित किया गया है,

जनसंख्या 25 लाख लगभग

जन घनत्व 473 प्रति वर्ग किलोमीटर,

साक्षरता 81.1%
जबलपुर शहर मध्य प्रदेश राज्य, मध्य भारत में स्थित है। यह नर्मदा नदी के उत्तर में निचली पहाड़ियों से घिरे चट्टानी बेसिन में झीलों और मंदिरों के बीच स्थित है। इस नगर में उच्च-न्यायालय भी स्थित है। जबलपुर में साक्षरता, संस्कृति, सामाजिक और राजनीतिक गतिविधियों की लंबी परंम्परा रही है। जबलपुर कई लेखकों, प्रकाशकों व मुद्रकों का आवास क्षेत्र रहा है।

पुराणों और किंवदंतियों के अनुसार जबलपुर का संबंध जाबालि ऋषि से है। जिनके बारे में कहा जाता है कि वह यहीं निवास करते थे।
1781 के बाद ही मराठों के मुख्यालय के रूप में चुने जाने पर इस नगर की सत्ता बढ़ी, बाद में यह सागर और नर्मदा क्षेत्रों के ब्रिटिश कमीशन का मुख्यालय बन गया। यहाँ 1864 में नगरपालिका का गठन हुआ था।
एक पहाड़ी पर मदन महल स्थित है, जो लगभग 1100 ई. में राजा मदन सिंह द्वारा बनवाया गया एक पुराना गोंड महल है। इसके ठीक पश्चिम में गढ़ है, जो 14वीं शताब्दी के चार स्वतंत्र गोंड राज्यों का प्रमुख नगर था।
भेड़ाघाट, ग्वारीघाट और जबलपुर से प्राप्त जीवाश्मों से संकेत मिलता है कि यह प्रागैतिहासिक काल के पुरापाषाण युग के मनुष्य का निवास स्थान था। मदन महल, नगर में स्थित कई ताल और गोंड राजाओं द्वारा बनवाए गए कई मंदिर इस स्थान की प्राचीन महिमा की जानकारी देते हैं। इस क्षेत्र में कई बौद्ध, हिन्दू और जैन भग्नावशेष भी हैं।

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शहर के व्यस्तम क्षेत्र गोरखपुर में अतिक्रमण हटाने की गई कार्रवाई : जबलपुर

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जबलपुर। शहर के प्रमुख बाजार क्षेत्र गोरखपुर में सड़क तक काबिज अतिक्रमणों को हटाने की कार्रवाई शनिवार को की गई। नगर निगम के अतिक्रमण निरोधक दस्ते ने गोरखपुर चौराहे पर खड़े सब्जी, फल के ठेले टपरों को हटाकर हाकर जोन में व्यस्थित कराया। इसी तरह टीन शेड बढ़ाकर सड़क तक दुकान बढ़ाने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर टीन शेड भी हटाए गए। ठेले-टपरों को हटाते हुए ये चेतावनी भी दी गई कि दोबारा अतिक्रमण करते पाए जाने पर सामान जब्त कर लिया जाएगा।

  निगमायुक्त आशीष वशिष्ठ के निर्देशानुसार आज अतिक्रमण शाखा के द्वारा यातायात में बाधक अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की गयी। सहायक आयुक्त शिवांगी महाजन एवं सहायक अतिक्रमण निरोधक अधिकारी सागर बोरकर, ने बताया कि आज व्यवस्तम क्षेत्र गोरखपुर बाजार एवं मुख्य मार्ग में सब्जी व्यवसाय करने वालों को व्यवस्थित किया गया तथा टीन शेड हटाये गए साथ ही साथ अन्य स्थानों के भी ठेलो टपरों को हटाने की कार्यवाही की गयी। कार्यवाही के समय अतिक्रमण दस्ता टीम उपस्थित रहीं।

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