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आठ लाख के गांजे के साथ तीन आरोपी गिरफ्तार, सतना GRP और RPF टीम की संयुक्त कार्रवाई

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 डिजिटल भारत l मध्यप्रदेश के सतना जिले में पुलिस को एक बार फिर बड़ी सफलता हाथ लगी हैl सतना पुलिस ने बुधवार देर रात घेराबंदी कर ओडिशा से रीवा की ओर जा रही लग्जरी कार से गांजे की खेप को पकड़ लिया। मामले में रीवा का कुख्यात गांजा तस्कर सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उनके पास से चार लाख रुपये का गांजा जब्त किया गया है। गांजे की यह खेप लग्जरी कार में छिपाकर लाई जा रही थी।दरअसल, पुलिस को मुखबिर द्वारा सूचना प्राप्त हुई थी कि एक कार में गांजे का परिवहन किया जा रहा है। जिसके बाद मामले में तत्परता दिखाते हुए रीवा से आने वाली हर कार की तलाशी ली गई। इस दौरान एक कार से 5 किलो गांजा बरामद किया गया।

एसडीओपी मैहर राजीव पाठक ने बताया कि मुखबिर से सूचना मिली थी कि इनोवा कार में गांजे की खेप जबलपुर, कटनी और मैहर के रास्ते रीवा की ओर ले जाई जा रही है। उन्होंने बताया कि एक कार आगे चल रही थी, जबकि दूसरी कार में गांजा सहित तस्कर बैठे हुए थे। उसके बाद पुलिस ने दोनों वाहनों की घेराबंदी की। इसमें तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, जबकि पीछे चल रही इनोवा कार से तकरीबन 38 किलो गांजा जब्त किया गया।

जब्ती पर एक नज़र

पुलिस ने एक स्विप्ट डिजायर कार सीजी 10ए डब्लू 1453 कीमती 400000/-रुपये, एक इनोवा कार सफेद रंग की कार क्र. एमपी 20एमएच 0555 कीमती 300000 रुपये एव अवैध मादक पदार्थ गांजा 38 किलो जब्त किया है।

इनकी रही बड़ी भूमिका

बताया गया हैं कि उक्त कार्रवाई में निरी. संजय दुबे थाना प्रभारी थाना देहात, सउनि. एन. पी. पाण्डेय, प्र. आरक्षक रवि सिंह, संजय यादव, नागेन्द्र यादव, शिवराज सिंह महत्वपूर्ण भूमिका रही है ।

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बच्चों को किया जागरूक, दी यौन शोषण तथा पॉस्को एक्ट के बारे में जानकारी

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डिजिटल भारत : महिला बाल विकास द्वारा संचालित कार्यक्रम बाल भवन कार्यालय में आयोजित हुआ। जिसमे महिला बाल विकास एवं पुलिस विभाग द्वारा बच्चो और अभिभावकों के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमे यौन शोषण तथा पॉस्को एक्ट से सम्बंधित जानकारी दी गई।

क्या है पॉस्को एक्ट ?

यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण करने के लिए पोक्सो (POCSO) जिसका पूरा नाम है The Protection Of Children From Sexual Offences Act (प्रोटेक्शन आफ चिल्ड्रेन फ्राम सेक्सुअल अफेंसेस एक्ट) अधिनियम बनाया गया है। इस अधिनियम (कानून) को महिला और बाल विकास मंत्रालय ने साल 2012 पोक्सो एक्ट-2012 के नाम से बनाया था। इस कानून के जरिए नाबालिग बच्चों के प्रति यौन उत्पीड़न, यौन शोषण और पोर्नोग्राफी जैसे यौन अपराध और छेड़छाड़ के मामलों में कार्रवाई की जाती है। इस कानून के अंतर्गत अलग-अलग अपराध के लिए अलग-अलग सजा निर्धारित की गई है।

आयोजित कार्यक्रम के दौरान सहायक संचलक महिला बाल विकास आशीष द्विवेदी ने शासन द्वारा बच्चो के कल्याण के लिए संचालित योजनाओ से संबन्धित जानकारी प्रदान की। वहीं महिला अपराध प्रकोष्ट प्रभारी उषा सिंह सोमवंशी ने बच्चो को गुड और बैड टच के बारे में बताया। उन्होंने कहा की बच्चो के साथ दोस्ताना व्यवहार रखें और उनसे हर विषय पर बात करने की कोशिश करे जिससे वह आपके साथ हर बात के लिए सहज हों इस दौरान बच्चो को विरोध करने का तरीका भी सिखाया गया जिससे अगर उनके साथ कुछ गलत हो तो वो विरोध करने का साहस दिखा सके। बच्चो को यह विश्वास दिलाएं की आप हर कदम पर उनके साथ हैं ये जिम्मेदारी अभिभावकों की भी है की अभिभावक अपने बच्चो को यौन शोषण से बचाव के बारे में जरूर जानकारी दें इसके लिए पहले अभीभावकों को भी जागरूक होना पड़ेगा । इस कार्यक्रम में बाल कल्याण समिति के अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

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