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एक भारत उत्कृष्ट भारत

प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार में हुआ सराहनीय कार्य केन्द्र सरकार के दल ने मैदानी क्षेत्र का भ्रमण कर दिया प्रतिवेदन

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डिजिटल भारत l प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार में सराहनीय कार्य हुआ है। यह जानकारी केन्द्र शासन के विशेष दल
द्वारा सीधी एवं सिंगरौली जिले में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के निरीक्षण के बाद दिये प्रतिवेदन में दी गई। केन्द्र
सरकार के विशेष दल द्वारा इस वर्ष सीधी और सिंगरौली जिले की स्वास्थ्य संस्थाओं का भ्रमण किया गया। भ्रमण
के बाद दल ने दिये प्रतिवेदन में बताया कि आयुष, एचडब्ल्यूसी, स्वास्थ्य संस्थाओं में पैथालॉजी लेब, डायलिसिस
उपकरण के रख-रखाव, योजनाओं के क्रियान्वयन के साथ ही एनआरसी में भर्ती कुपोषित बच्चों की प्रगति की
मॉनीटरिंग के लिये एनआरसी, एमआईसी पोर्टल का संधारण बहुत अच्छे से किया गया है। दल द्वारा बताया गया
कि स्वास्थ्य संस्थाओं में शाम की ओपीडी लाभदायक है। जाँच दलों ने बताया कि स्वास्थ्य संस्थाओं में डिजिटल
हीमोग्लोबिन मीटर से खून की जाँच की जा रही है, जिससे एनीमिया का समय पर पता कर उपचार किया जा रहा
है। एमपी आरोग्यम से सीएचओ की परफार्मेंस को मॉनीटर किया जा रहा है।
ममता कॉर्नर, सुमन डेस्क और जननी एक्सप्रेस महिलाओं के लिये मददगार साबित हो रही हैं। जाँच दल ने बताया कि टी.बी. मुक्त भारत बनाये जाने के
लिये टी.बी. की जाँच और उपचार की व्यवस्था ग्राम स्तर तक सुनिश्चित की जाए। विभागीय संरचना में हेल्थ एण्ड
वेलनेस सेंटर पर पदस्थ कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर की भूमिका को सशक्त बनाया जाए। इनके माध्यम से स्वास्थ्य
सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए, जिससे कि मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम किया जा सके। प्रतिवेदन
में जाँच दल ने बताया कि जिले और राज्य की जरूरतों के लिये आईटी पोर्टल का विकास किया जाए।

केन्द्र सरकार
के विशेष जाँच दल ने प्रतिवेदन का प्रस्तुतिकरण एम.डी. एनएचएम सुश्री प्रियंका दास की अध्यक्षता में एनएचएम
मुख्यालय में हुई कॉमन रिव्यू मीटिंग में दिया गया। केन्द्र सरकार के विशेष दल द्वारा जिलों में 5 दिवसीय
भ्रमण किया गया। एम.डी. एनएचएम सुश्री दास ने बताया कि मातृ और शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिये
निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। इसके लिये स्टेट टॉस्क कम्युनिटी बनाई गई है, जिसके द्वारा मातृ एवं शिशु मृत्यु
दर में कमी लाने के कार्यक्रमों की मॉनीटरिंग की जा रही है।

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राज्य में महापुरूषों के नाम पूरे और हिंदी में लिखे जाने संबंधी आदेश होगा जारी है : मख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ग्वालियर में अ.भा. विद्यार्थी परिषद के अधिवेशन में विद्यार्थियों को किया संबोधित

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डिजिटल भारत l मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि महापुरूषों का सम्मान और गरिमा बनाए रखना हम
सबका नैतिक दायित्व है। इसी भाव के साथ मध्यप्रदेश में एक ऐसा आदेश जारी किया जायेगा, जिससे जिन
संस्थानों के नाम महापुरूषों के नाम पर हैं वे नाम पूरे और हिन्दी में लिखे जाएँ। मुख्यमंत्री श्री चौहान शुक्रवार को
ग्वालियर में शुरू हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (मध्य भारत) के तीन दिवसीय प्रांतीय अधिवेशन के
उद्घाटन-सत्र को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूली शिक्षा के पाठ्यक्रम में भी महान क्रांतिकारियों
एवं महापुरूषों के नाम प्रमुखता से जोड़े जा रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने विद्यार्थी परिषद की सराहना करते हुए
कहा कि यह संगठन देश और समाज के लिये जीने वाली पीढ़ी तैयार करने में जुटा है।

विद्यार्थी जीवन में मुझे इसी संगठन से जुड़ कर देश और समाज की सेवा करने की प्रेरणा मिली। मैं अपने सार्वजनिक जीवन में जो कुछभी अच्छा कर पाया हूँ, वह परिषद से जुड़ने का ही सुफल है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हमारे देश का
इतिहास समृद्ध और वैभवशाली रहा है। हमारी संस्कृति ने न केवल दुनिया को ज्ञान का प्रकाश दिया अपितु विश्व
को “जियो और जीने दो” का पाठ भी पढ़ाया है। हमारी संस्कृति “वसुधैव कुटुम्बकम्” अर्थात पूरे विश्व को एक
परिवार सदृश्य मानती है। विश्व का कल्याण हमारी संस्कृति का ध्येय है।

नई शिक्षा नीति लागू करने में मध्यप्रदेश देश में अग्रणी

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने में मध्यप्रदेश देश में अग्रणी है।
स्कूली शिक्षा में तेजी से सुधार आ रहा है। स्कूली शिक्षा में मध्यप्रदेश अब पाँचवें नम्बर पर आ गया है। जल्द ही
इसमें और सुधार आयेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अंग्रेजी एवं धन के अभाव में हम प्रतिभा को कुंठित नहीं होने देंगे।
मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है जहाँ मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिन्दी में शुरू की गई है। मुख्यमंत्री श्री
चौहान ने कहा मेधावी छात्र योजना में आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के प्रतिभावान बच्चों को उच्च शिक्षा के
लिये सरकार आर्थिक मदद दे रही है। बारहवीं कक्षा में 75 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल करने वाले बच्चों की
मेडिकल, इंजीनियरिंग, कानून एवं प्रबंधन इत्यादि के प्रतिष्ठित संस्थानों में पढ़ाई की फीस की पूर्ति राज्य सरकार
कर रही है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताए सेवा-भावी कार्यकर्ता के लक्षण

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अच्छे एवं सेवाभावी कार्यकर्ता के लक्षण भी बताए। उन्होंने गीता के श्लोक का
उल्लेख कर कहा कि राग-द्वेष से मुक्त होकर सबको समान समझना, अहंकार से मुक्त होना, धैर्यवान एवं उत्साही
होना, असफलता से निराश न होकर लगातार प्रयत्न करना इत्यादि अच्छे कार्यकर्ता के लक्षण हैं। राष्ट्रीय सह
संगठन मंत्री श्री प्रफुल्ल आकांत ने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद राष्ट्रीय एकात्मता के लिये समर्पित
छात्र संगठन है। उन्होंने अधिवेशन में मौजूद विद्यार्थियों का आह्वान किया कि हमारे कृत्य हमेशा ऐसे होना चाहिए
जिससे राष्ट्र का भला हो और सम्मान भी बढ़े। डॉ. पुरेन्द्र भसीन ने स्वागत उद्बोधन दिया। ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न
सिंह तोमर, पूर्व मंत्री श्री जयभान सिंह पवैया तथा सर्वश्री धमेन्द्र राजपूत, रविन्द्र चौहान और सत्यप्रकाश सिंह
तोमर सहित अन्य पदाधिकारी, नगर निगम सभापति श्री मनोज तोमर और भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष
श्री अभय चौधरी समेत अन्य जन-प्रतिनिधि मौजूद थे।
विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमि-पूजन

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने भोजपुर विधानसभा क्षेत्र में 7900 लाख रूपये की लागत के विकास कार्यों का
शिलान्यास एवं भूमि-पूजन किया1 उन्होंने 1500 लाख रूपये की लागत वाले विकास कार्यों का लोकार्पण किया।

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नया बिजनेस शुरू करने जा रहे तो रखे इन चीजों का ख्याल :बिजनेस टिप्स

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डिजिटल भारत l जो एक बिजनेसमैन को ध्यान में रखने चाहिए.
कुछ ऐसी चीजें जो उसे करनी चाहिए और कुछ ऐसी चीजें जो उसे भूलकर भी नहीं करनी चाहिए.
बिजनेस में यदि व्यक्ति सफल हो जाए… तो उसकी जिंदगी हीं बदल जाती है. लेकिन अगर कोई व्यक्ति बिजनेस में असफल हो जाता है, तो मानो उसकी दुनिया हीं खत्म हो जाती है….. फिर उसके लिए सम्भल पाना काफी मुश्किल होता है.
उपयोगी बिजनेस टिप्स :
बिजनेस में कदम रखने से पहले यह सुनिश्चित कीजिए कि आप किसी और की देखादेखी बिजनेस
शुरू नहीं कर रहे हैं.
एक इमरजेंसी फण्ड रखिए, ताकि जब आपका बिजनेस घाटे या कम मुनाफे में चले….
तो आपके हाथ में कुछ पैसे बचे रहें. और इस इमरजेंसी फण्ड में हर दिन या हर महीने कुछ
पैसे जमा करते जाइए.
नए बिजनेस में यह जरूरी होता है, कि आप बेवजह के खर्चों से बचें.
बिजनेस शुरू करने के तुरंत बाद इससे मुनाफे की उम्मीद नहीं करनी चाहिए. किसी छोटे-मोटे बिजनेस
को भी जमने में कम-से-कम 2-4 साल का समय लगता है.
बिजनेस के शुरूआती दिनों में बहुत ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है, हो सकता है आपको शुरू में हर दिन
10-15 घंटे हर दिन काम करना पड़े.
दोस्तों बहुत से लोगो के मन में हमेशा यह विचार आता है कि उसने अपना बिज़नेस खड़ा तो कर लिया है लेकिन उनका बिज़नेस ज्यादा ग्रो नहीं कर रहा है वह उन तरीको को खोजता है जिनसे वो अपने Business को Grow कर सके ! आज इस लेख में हम आपको ऐसे तरीके बताएँगे जिनकी सहायता से आप अपने बिज़नेस को बहुत तेजी से ग्रो कर सकते हो ! तो आइये जानते है वे कोनसे तरीके है जिनकी सहायता से हम अपने बिज़नेस को बढ़ा सकते है
बोद्धिक सम्पति को सुरक्षित रखे
दोस्तों जब भी हम अपना कोई बिज़नेस शुरू करते है तो इसमें सबसे पहले हमें कुछ कागजी कार्यवाही पूरी करनी होती है ! जैसे अपने बिज़नेस का नाम क्या होगा , उसका लोगो कैसा होगा और उसको रजिस्टर करने की कार्यवाही आदि करनी होती है !

अपने महत्वपूर्ण कर्मचारियों का ध्यान रखे
एक बिज़नेस को ग्रो करने के लिए यह बेहद जरुरी है कि आप अपने Best Employees का ध्यान रखे ! उन्हें एहसास कराये कि वे आपकी कंपनी में एक कर्मचारी नहीं है बल्कि उनके पार्टनर है ! एक सफल बिज़नेसमेन भी वही होता है जो अपने Employees का हमेशा ध्यान रखता है और उनकी समस्याओ का समाधान करता है !

यदि आप अपने विश्वसनीय और प्रमुख कर्मचारियों का ध्यान नहीं रखेंगे तो और कोई कंपनी उन्हें अच्छा ऑफर देकर हायर कर लेगी जिससे आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है और आपके बिज़नेस की ग्रोथ रुक भी जाएगी !

अपने ग्राहकों का ध्यान रखे
दोस्तों एक सफल बिज़नेस के लिए सबसे महत्वपूर्ण है कि वह अपने ग्राहकों को संतुष्ट रखे ! उनकी हर समस्या का समाधान करे ! एक संतुष्ट कस्टमर आपके प्रोडक्ट का अन्य लोगो से प्रचार करेगा और आपके बिज़नेस के साथ एक और ग्राहक भी जोड़ेगा !

आपको हमेशा इस बात पर फोकस करना चाहिए कि आपके कस्टमर्स को अच्छे प्रोडक्ट और अच्छी सर्विस प्रदान हो ! यदि आप क्वालिटी और सर्विस दोनों मेंटेन करके चलते है तो आपका बिज़नेस जल्दी ही ग्रो करेगा !

अपने ऊपर निवेश करना
एक बिसनेसमेन को समय पर खुद पर भी निवेश करना चाहिए ! खुद पर निवेश करने से मतलब है कि समय – समय पर आपको मोटिवेशनल सेमिनारो में भाग लेना , बुक्स पढना तथा बिज़नेस की बारीकियां सीखना आदि चीजो में आपको पैसे और समय दोनों निवेश करने चाहिए ! यदि आप ऐसा करते है तो यह निवेश आपको आने वाले समय में कई गुना रिटर्न देगा !

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प्यार में सिरफिरे आशिक ने ली बिलिंग के चौथी मंजिल से फेक कर जान , फिर शव लेकर फरार : नोएडा

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डिजिटल भारत l सिरफिरे आशिक ने एकतरफा प्यार के प्रस्ताव को ठुकराने पर हैवानियत की सारी हदें पार कर दीं. युवती को चौथी मंजिल से फेंक दिया और उसके शव को लेकर भाग गया. पुलिस ने आरोपी को मेरठ के पास से एंबुलेंस में शव के साथ गिरफ्तार कर लिया है.
युवती के परिजनों का कहना है कि यह सिरफिरा आशिक युवती को लगातार तंग कर रहा था. इसकी शिकायत पुलिस में भी की गई थी लेकिन कोई कार्यवाही नहीं होने से उसके हौसले बढ़ गए थे और उसने इस घटना को अंजाम दे दिया.
योगी की सरकार के लाख दावों के बाद भी प्रदेश महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं.

इसकी बानगी एक बार फिर नोएडा में देखने को मिली, जब एक सिरफिरे आशिक ने एकतरफा प्यार के प्रस्ताव को ठुकराने पर हैवानियत की सारी हदें पार करते हुए युवती को चौथी मंजिल से फेंक उसकी जान ले ली. फिर उसके शव को लेकर भाग गया. पुलिस ने आरोपी को मेरठ के पास से एंबुलेंस में शव के साथ गिरफ्तार किया है. युवती के परिजनों का कहना है कि यह सिरफिरा आशिक युवती को लगातार तंग कर रहा था. इसकी शिकायत पुलिस में भी की गई थी लेकिन कोई कार्यवाही नहीं होने से उसके हौसले बढ़ गए थे और उसने इस घटना को अंजाम दे दिया.

सिरफिरे आशिक का नाम गौरव है. गौरव विवाहित है और कोतवाली 49 क्षेत्र के होशियारपुर गांव में रहने वाली 22 वर्षीय युवती शीतल से एकतरफा प्यार करता था. शीतल के भाई कुणाल ने बताया कि शीतल और उसके परिजन गौरव की हरकतों से परेशान थे और इस बात को लेकर पहले थाने में और पुलिस चौकी पर शिकायत कर चुके थे, लेकिन पुलिस ने कोई सख्त कार्रवाई नहीं की बल्कि दबाव डालकर समझौता करा दिया और कहा कि गौरव अब कुछ नहीं करेगा.


कुणाल ने बताया कि उसकी बहन होशियारपुर स्थित शर्मा मार्केट में इंश्योरेंस कंपनी में नौकरी करती थी और जहां आज गौरव उसके पीछे पहुंच गया. शीतल ने जब उसके प्रेम प्रस्ताव को ठुकरा दिया, तो गौरव ने उसे चौथी मंजिल से नीचे फेंक दिया. फिर वह नीचे आया और खुद को शीतल का भाई बताते हुए अस्पताल ले जाने के नाम पर उसके शव को कार में लेकर भाग गया.

इस बीच युवती के चौथी मंजिल से गिरने की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच शुरू की तो परिजनों ने बताया कि गौरव युवती का भाई नहीं है बल्कि सिरफिरा आशिक है, जो लगातार उसे तंग कर रहा था.

जब युवती नोएडा के अस्पतालों में काफी तलाश करने के बाद नहीं मिली, तब पुलिस ने गौरव के मोबाइल को सर्विलांस पर लगाया और फिर मेरठ कंकरखेड़ा के पास एंबुलेंस में शव के साथ उसे पकड़ लिया. गौरव ने बताया कि उसकी शीतल के शव को बिजनौर ले जाकर जलाने की योजना थी. उसका कहना था कि उसने युवती से शादी की थी. अब वह उससे दूर जा रही थी, जिसके चलते उसने यह कदम उठाया.

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जाने मध्यप्रदेश जबलपुर के बारे में कुछ रोचक बातें व तथ्य

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डिजिटल भारत l मध्य प्रदेश की संस्कार राजधानी जबलपुर है,जाबालि ऋषि की तपोभूमि होने के कारण इस जिले का नाम जबलपुर पड़ा मध्य प्रदेश का रत्न परीक्षण केंद्र जबलपुर में है मध्य प्रदेश का पहला कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर में है, पूर्व समय में जबलपुर में हैहय वंश का राज्य था ,तब इसे त्रिपुरी नाम से भी जाना जाता था जबलपुर में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय [ हाई कोर्ट ] का मुख्यालय रानी दुर्गावती की समाधि बरेला गांव जबलपुर में है महाकौशल विकास प्राधिकरण जबलपु मध्यप्रदेश के जबलपुर में केंद्रीय जेल की स्थापना की जा रही है

NCC परीक्षण केंद्र[ महिला ] -जबलपुर

प्रथम पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय यहीं पर स्थापित किया गया है,

मदन महल रेलवे स्टेशन इसको प्रदेश का पहला पिंकी स्टेशन कहा जाता है

यहां पर नर्मदा नदी मनोरम धुआंधार जलप्रपात बनाती है

यहां पर नर्मदा नदी पर संगमरमर की चट्टानों के बीच भेड़ाघाट जलप्रपात है

राज्यसभा सांसद व अभिनेत्री जया बच्चन की जन्मस्थली जबलपुर है

यह आम के लिए प्रसिद्ध है ,जबलपुर को आम जिला भी घोषित किया गया है,

जनसंख्या 25 लाख लगभग

जन घनत्व 473 प्रति वर्ग किलोमीटर,

साक्षरता 81.1%
जबलपुर शहर मध्य प्रदेश राज्य, मध्य भारत में स्थित है। यह नर्मदा नदी के उत्तर में निचली पहाड़ियों से घिरे चट्टानी बेसिन में झीलों और मंदिरों के बीच स्थित है। इस नगर में उच्च-न्यायालय भी स्थित है। जबलपुर में साक्षरता, संस्कृति, सामाजिक और राजनीतिक गतिविधियों की लंबी परंम्परा रही है। जबलपुर कई लेखकों, प्रकाशकों व मुद्रकों का आवास क्षेत्र रहा है।

पुराणों और किंवदंतियों के अनुसार जबलपुर का संबंध जाबालि ऋषि से है। जिनके बारे में कहा जाता है कि वह यहीं निवास करते थे।
1781 के बाद ही मराठों के मुख्यालय के रूप में चुने जाने पर इस नगर की सत्ता बढ़ी, बाद में यह सागर और नर्मदा क्षेत्रों के ब्रिटिश कमीशन का मुख्यालय बन गया। यहाँ 1864 में नगरपालिका का गठन हुआ था।
एक पहाड़ी पर मदन महल स्थित है, जो लगभग 1100 ई. में राजा मदन सिंह द्वारा बनवाया गया एक पुराना गोंड महल है। इसके ठीक पश्चिम में गढ़ है, जो 14वीं शताब्दी के चार स्वतंत्र गोंड राज्यों का प्रमुख नगर था।
भेड़ाघाट, ग्वारीघाट और जबलपुर से प्राप्त जीवाश्मों से संकेत मिलता है कि यह प्रागैतिहासिक काल के पुरापाषाण युग के मनुष्य का निवास स्थान था। मदन महल, नगर में स्थित कई ताल और गोंड राजाओं द्वारा बनवाए गए कई मंदिर इस स्थान की प्राचीन महिमा की जानकारी देते हैं। इस क्षेत्र में कई बौद्ध, हिन्दू और जैन भग्नावशेष भी हैं।

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शहर के व्यस्तम क्षेत्र गोरखपुर में अतिक्रमण हटाने की गई कार्रवाई : जबलपुर

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जबलपुर। शहर के प्रमुख बाजार क्षेत्र गोरखपुर में सड़क तक काबिज अतिक्रमणों को हटाने की कार्रवाई शनिवार को की गई। नगर निगम के अतिक्रमण निरोधक दस्ते ने गोरखपुर चौराहे पर खड़े सब्जी, फल के ठेले टपरों को हटाकर हाकर जोन में व्यस्थित कराया। इसी तरह टीन शेड बढ़ाकर सड़क तक दुकान बढ़ाने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर टीन शेड भी हटाए गए। ठेले-टपरों को हटाते हुए ये चेतावनी भी दी गई कि दोबारा अतिक्रमण करते पाए जाने पर सामान जब्त कर लिया जाएगा।

  निगमायुक्त आशीष वशिष्ठ के निर्देशानुसार आज अतिक्रमण शाखा के द्वारा यातायात में बाधक अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की गयी। सहायक आयुक्त शिवांगी महाजन एवं सहायक अतिक्रमण निरोधक अधिकारी सागर बोरकर, ने बताया कि आज व्यवस्तम क्षेत्र गोरखपुर बाजार एवं मुख्य मार्ग में सब्जी व्यवसाय करने वालों को व्यवस्थित किया गया तथा टीन शेड हटाये गए साथ ही साथ अन्य स्थानों के भी ठेलो टपरों को हटाने की कार्यवाही की गयी। कार्यवाही के समय अतिक्रमण दस्ता टीम उपस्थित रहीं।

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‘डबल एक्सएल’ फिल्म के जरिये दिया बेहतरीन सन्देश , दिल जीत लेगा सोनाक्षी और उमा कुरेशी की अदाकारी

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डिजिटल भारत l बॉडी शेमिंग आज के दौर में एक ऐसा सामाजिक मुद्दा है, जिससे हम सभी का कभी न कभी, किसी न किसी रूप में जरूर पाला पड़ा है। मगर इस मुद्दे पर बॉलिवुड में फन्ने खां और दम लगा के हईशा जैसी कम ही फिल्में बनी हैं। जाहिर सी बात’ है फिल्म अगर फैट फोबिया को लेकर होगी, तो फिल्म के नायक या नायिका को किरदार में वजनदार दिखना होगा और वजन बढ़ाकर पर्दे पर आने का दुस्साहस मेन स्ट्रीम की हीरोइनें कम ही करती हैं। सालों से रुपहले पर्दे पर भी तो नायिका की खूबसूरती और कद-काठ के तयशुदा मानक रहे हैं। दम लगा के हईशा में भूमि पेडनेकर ने 15 किलो वजन बढ़ाया था और अब निर्देशक सतराम रमानी की डबल एक्सएल के लिए सोनाक्षी सिन्हा और हुमा कुरैशी को भी तकरीबन इतना ही वजन बढ़ाना पड़ा है।

हेलमेट जैसी बोल्ड मुद्दे वाली फिल्म का निर्देशन कर चुके सतराम रमानी वाकई बॉडी शेमिंग जैसे बेहद ही सामयिक विषय पर फिल्म लेकर आए, कास्टिंग भी उनकी परफेक्ट रही, फिल्म भी उन्होंने अच्छी नियत से बनाई, मगर मगर कहीं न कहीं इस जरूरी मुद्दे वाले विषय की परतों को पूरी तरह से उकेरने में कामयाब नहीं रहे।

कहानी इतनी सिंपल है कि आप या आपके घर का कोई न कोई सदस्य इससे खुद को आइडेंटिफाई किए बिना नहीं रह पाएगा। मेरठ की राजश्री त्रिवेदी (हुमा कुरैशी) गहरी नींद में क्रिकेटर शिखर धवन के साथ डांस करने का मीठा सपना देख ही रही होती है कि मां अलका कौशल हल्ला करके बेटी को जगा देती है। मां बेटी की शादी की चिंता में आधी हुई जा रही है। बेटी 30 पार कर चुकी है, मगर उसकी शादी नहीं हो रही और मां इसकी वजह बेटी का मोटापा मानती है, जबकि दादी शुभा खोटे और पिता कंवलजीत अपनी हष्ट-पुष्ट बेटी को लेकर कूल हैं। राजश्री को शादी का कोई शौक नहीं, उसे तो क्रिकेट रिप्रेजेंटर बनना है। हालांकि उसकी मां दिन-रात एक ही बात रटती रहती हैं कि इससे पहले कि बहुत देर हो जाए, शादी कर लो। वहीं दूसरी तरफ फैशन डिजाइनर सायरा खन्ना (सोनाक्षी सिन्हा) है,

जो अपना लेबल लॉन्च करने का सपना रखती है, उसका एक बॉयफ्रेंड है, जो जिम और फिटनेस का आशिक है। इन दोनों ही लड़कियों की परवरिश और सपने अलग हैं, मगर समाज और आस-पास के लोगों से उन्हें अपने मोटापे को लेकर एक ही तरह की हीनता महसूस होती है। सायरा अपने बॉयफ्रेंड के साथ मिलकर लंडन में अपना फैशन लेबल लॉन्च करने की तैयारी में ही है और उधर एक लीडिंग चैनल ने राजश्री को भी स्पोर्ट्स प्रेजेंटर के रूप में शार्ट लिस्ट कर लिया है, मगर तभी कुछ ऐसा होता है कि अपने साइज के कारण दोनों ही के सपने चूर-चूर हो जाते हैं। फिर उनकी जिंदगी में जोई (जहीर इकबाल) और श्रीकांत (महत राघवेंद्र) आते हैं और उनकी जिंदगी में बहुत कुछ बदलता है।

‘डबल एक्सएल’ में हुमा कुरैशी, सोनाक्षी सिन्हा, जहीर इकबाल, महत राघवेंद्र और कंवलजीत सिंह अहम किरदारों में हैं. हुमा कुरैशी और सोनाक्षी सिन्हा ने दो ऐसी महिलाओं का किरदार निभाया है, जो कि अपने मोटापे की वजह से करियर में ग्रोथ नहीं कर पाती हैं. हुमा कुरैशी के किरदार का नाम राजश्री त्रिवेदी और सोनाक्षी सिन्हा के किरदार का नाम सायरा खन्ना है. राजश्री और सायरा के ख्वाब बहुत ऊंचे हैं. एक को स्पोर्ट्स प्रेजेंटर बनना है तो दूसरी को फैशन डिजाइनर, लेकिन इनके सपनों के साकार होने के बीच में इनका मोटापा आ जाता है. लोग इनके वजन की वजह से गंभीरता से नहीं लेते हैं. यहां तक कि सायरा के वजन की वजह से उसका बायफ्रेंड उसे धोखा तक देने लगता है. अपने जीवन में हताश और निराश राजश्री और सायरा की मुलाकात हो जाती है, जिसके बाद उनकी जिंदगी बदल जाती है.

 सेकंड हाफ में जिस चमत्कार की अपेक्षा की जाती है, वह दर्शक को नहीं मिलता और एक बेहद ही जरूरी मुद्दे वाली कहानी औसत बन कर रह जाती है। इसमें कोई शक नहीं कि फिल्म में कुछ स्ट्रॉन्ग मेसेज भी है, जो ये दर्शाता है कि अपने सपनों को पूरा करने के लिए शारीरिक रूप से बदलने के बजाय अपनी मानसिक कुंठा से छुटकारा पाना जरूरी है।
सिनेमैटोग्राफर के रूप में में मिलिंद जोग ने अच्छा काम किया है। लंडन की खूबसूरती उनके कैमरे की आंख से खूब नजर आती है। फिल्म का साउंडट्रेक ठीक-ठाक है। एडिटिंग थोड़ी चुस्त हो सकती थी।

शहरी लड़की के रूप में सोनाक्षी सिन्हा भी अपनी भूमिका के साथ इंसाफ करती हैं, मगर उनका चरित्र उतना लेयर्ड नहीं बन पाया है। दोनों अभिनेत्रियों की केमेस्ट्री पर्दे पर अच्छी लगी है। जोरावर रहमानी के चुलबुले किरदार में जहीर इकबाल मनोरंजन तो करते हैं, मगर कई जगहों पर ओवर एक्टिंग करते नजर आते हैं। श्रीकांत के रूप में महत रघुवंशी प्रोमिसिंग साबित हुए हैं। अलका कौशल 30 पार कर चुकी अनब्याही बेटी की मां के दर्द को बखूबी बयान करती हैं। शुभा खोटे और कंवलजीत छोटे-छोटे किरदारों में भी याद रह जाते हैं। सहयोगी कास्ट कहानी के अनुरूप है।

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मध्यप्रदेश के दिल जबलपुर की धड़कन भेड़ाघाट के नज़ारे है मन को मोह लेने बाले

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डिजिटल भारत l अगर आप मध्यप्रदेश में झरनों और संगमरमर की चट्टानों का आनंद लेना चाहते हैं, तो जबलपुर के पास स्थित भेड़ाघाट जाना अच्छा विकल्प है। भेड़ाघाट मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले में एक शहर और नगर पंचायत है। जबलपुर शहर से लगभग 20 किमी दूर भेड़ाघाट नर्मदा नदी के किनारे स्थित है। भेड़ाघाट को संगमरमरीय सौंदर्य और शानदार झरनों के लिए ही जाना जाता है, साथ ही धुआंधार जलप्रपात चमकती हुई मार्बल की 100 फीट ऊंची चट्टनों के लिए भी पर्यटकों के बीच प्रसिद्ध है।
चांदनी रात में संगमरमर के रॉक पहाड़ों के बीच होने वाली नाव की यात्रा पर्यटकों को आकर्षित करती है।

अगर आप मनमोहक प्राकृतिक सुंदरता और झरनों का आनंद लेना चाहते हैं तो छुट्टियों में भेड़ाघाट जरूर जाएं। यहां ऐसी कई दुकानें हैं जहां आपको संगमरमर के हस्तशिल्प और धार्मिक चिन्ह खरीदने को मिलेंगे। भेड़ाघाट में हर साल कार्तिक महीने में विशाल मेला आयोजित होता है। भारतीय मेलों की छटा और कला आपको इस मेले में देखने को मिलेगी।

हम आपको सैर कराएंगे झरनों के स्थल भेड़ाघाट की
विंध्यांचल एवं सतपुडा के बीच ‘अमरकंटक’ नामक ऊंचे पर्वत हैं। यहीं सोहागपुर जिले के अमरकंटक नामक गांव के कुंड में एक गोमुख से जलधारा प्रकट होती है। इस कुंड को कोटिकुंड तथा जलधारा को नर्मदा कहते हैं। यह अमरकंटक से निकलने के 332 कि.मी. पश्चात (नर्मदा) मंडला से गुजरती है। मंडला से आगे नर्मदा का प्रवाह मंद हो जाता है तथा इसके आगे ‘भेड़ाघाट’ नामक सुंदर पहाड़ी स्थान आता है। मध्य प्रदेश राज्य के जबलपुर में नर्मदा नदी की गोद में बसा है भेड़ाघाट। यहीं पर वामनगंगा नदी विंध्याचल पर्वत से जन्म लेकर 419 कि.मी. यात्रा पूर्ण कर नर्मदा में मिलती है। भेड़ाघाट में संगमरमर के पर्वतों के मध्य बना ‘धुआंधार’ नामक जलप्रपात सबसे प्रसिद्ध है

धुआंधार जलप्रपात मुख्य शहर से 30 किमी की दूरी पर स्थित है, जिसे स्मोक कैस्केड के रूप में भी जाना जाता है। 98 फीट की ऊंचाई से गिरने वाली नर्मदा नदी के मनोरम दृश्यों के कारण इस स्थान को अपनी एक अलग पहचान मिली है। आप यहां इस खूबसूरत वॉटरफॉल का आनंद उठाने के साथ-साथ यहां बोटिंग और केबल कार जैसी एडवेंचर एक्टिविटीज कर सकते हैं। साथ ही इसके किनारे अपनी परिवार वालों के साथ पिकनिक मनाने का भी लुत्फ उठा सकते हैं। यहां आप सुबह 6 बजे से रात के 8 बजे के बीच जा सकते हैं।

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“विश्वास स्वरूपम्” विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा का लोकार्पण आज :राजस्थान

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डिजिटल भारत l राजस्थान में श्रीजी की धरा नाथद्वारा-राजसमंद में संत कृपा सनातन संस्थान की ओर से 29 अक्टूबर से 6 नवंबर तक आयोजित होने वाले विश्वास स्वरूपम लोकार्पण महोत्सव का आगाज आज शनिवार (29 अक्टूबर) को होगा। नाथद्वारा की गणेश टेकरी पर बनी यह प्रतिमा 51 बीघा की पहाड़ी पर बनी है। इस प्रतिमा में भगवान शिव ध्यान एवं अल्लड़ की मुद्रा में विराजित हैं। प्रतिमा की ऊंचाई इतनी है कि जो कई किलोमीटर दूर से ही नजर आने लग जाती हैं। रात में भी यह प्रतिमा स्पष्ट रूप से दिखाई दे, इसके लिए विशेष लाइट्स की व्यवस्था भी की गई है। दिवाली के अगले दिन आए थे उप राष्ट्रपति धनखड़ l
दिवाली के अगले दिन उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ पत्नी और बेटी के साथ विश्वास स्वरूपम परिसर आए थे। उन्होंने शिव प्रतिमा का अवलोकन किया और कहा कि संत कृपा संस्थान के प्रमुख ट्रस्टी मदन पालीवाल ने जो सपना देखा था उसे वह साकार होता देख पा रहे हैं। उनके साथ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी, राज्य के सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना भी मौजूद थे।
डेढ़ लाख वर्ग फुट पंडाल
यह महोत्सव महाकुंभ से कम नहीं होगा। श्रीनाथ जी की पावन भूमि पर भक्तों की भीड़ उमड़ेगी, ऐसे में तैयारी जोरों पर चल रही है. आयोजन के लिए करीब डेढ़ लाख वर्ग फुट का पंडाल बनाया जा रहा है और करीब 2 लाख वर्ग फुट में एक फूड हॉल का पंडाल बनाया गया है। जिसमें दर्शकों को कहानी सुनने और खाने का प्रसाद लाने में अच्छा अनुभुति होगा।
यह प्रतिमा विश्व की अकेली ऐसी प्रतिमा होगी, जिसमें लिफ्ट, सीढ़ियां, श्रद्धालुओं के लिए हॉल बनाया गया है. 29 अक्टूबर को मुरारी बापू (Morari Bapu) की रामकथा से लोकार्पण समारोह की शुरुआत होगी. 9 दिन चलने वाले इस समारोह में 7 से 8 स्टेट के CM शामिल होंगे. विश्वास स्वरूपम लोकार्पण महोत्सव में कैसे पहुंचें
नाथद्वारा उदयपुर से 40 किमी दूर है और यह स्थान रोडवेज और भारतीय रेलवे से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। जिससे श्रद्धालु आसानी से यहां पहुंच सकें नाथद्वारा राजस्थान का एक हिस्सा है। राजस्थान का हर हिस्सा अपनी बहादुरी, त्याग, भक्ति के साथ-साथ आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत के कारण विदेशों से लोगों को आकर्षित करता है। कुछ ऐसा ही एक ओर विश्व पटल पर एक नया अध्याय अपना इतिहास लिखने जा रहा है।

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देसी हाट मेले का आयोजन लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए अनोखी पहल

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डिजिटल भारत l वोकल फार लोकल जबलपुर मैं महिला ग्रह उद्योग एवं नारी सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए हिन्दू महापर्व दीपावली के उपलक्ष्य मैं फ़्लाई अवे फाउंडेशन एवं शक्ति क्लब द्वारा देसी हाट मेले का आयोजन किया गया जिसमें कई महिला उद्यमियोँ ने अपने द्वारा घर पर निर्मित पकवान,गहने,दिए ,दीवाली की थाली,साड़ी, सूट,मिठाई,होममेड चॉकलेट ,हाथ से बुनी हुए गरम कपड़े,चादर जैसी उपयोगी सामग्री का स्टाल लगाया ,इस कार्यक्रम मे मुख्य अतिथि दिनेश सिंगरौल एवं रूपा राव जी का आगमन हुआ, साथ ही कार्यक्रम के आयोजक पुष्कल चौधरी, प्रदीप्ति सिंह,नीलम सिंह,दीपिका पाली ने सभी वेंडर्स को सफल कार्यक्रम की शुभकामनाएं दी।

देसी हाट में लोगो ने जमकर खरीददारी की और लघु उद्योगों को बढ़ावा दिया संस्था के इस लघु उद्योग के बढ़ावा देने बाले काम की सराहना की जिस देसी हाट के कॉंसेप्ट का मुख्य उद्देश्य लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के साथ -साथ नॉन प्रॉफिट ओर्गनइजेशन के भी स्टाल्स को लगा कर उन्हें बढ़ावा दिया व स्टाल्स से होने बाले लाभों को बच्चो की शिक्षा में लगाने का विचार किया।

इसी श्रृंखला में शिक्षा जबलपुर के बच्चो ने भी अपना स्टाल्स बहा पर लगाया जिसमे बस्ती के बच्चो ने मिटटी के दियो को खुद रंग कर तैयार किया था देसी हाट में उनके स्टाल्स में काफी भीड़ देखि जा सकती थी एवं सभी लोगो ने बच्चो की मेहनत को सराहा

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