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एक भारत उत्कृष्ट भारत

Chat GPT से हार मानने को तैयार नहीं Google

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डिजिटल भारत l Chat GPT जब से मार्केट में आया है तब से गूगल की परेशानी बढ़ी हुई है लेकिन अब गूगल ने नहले पर दहला मारा है और अपना एक ऐसा प्रोडक्ट मार्केट में उतारा है जो चैट जीपीटी को कांटे की टक्कर दे सकता है.चैट जीपीटी कुछ ही समय में काफी पॉपुलर बन गया है और उसका कारण है इसका इंसानी बर्ताव. इस बर्ताव की वजह से लोग चैट जीपीटी को काफी पसंद कर रहे हैं. चैट जीपीटी के आने से गूगल पर खतरे के बादल मंडराने शुरू हो गए थे लेकिन अब गूगल में खेल पलटने की पूरी तैयारी कर ली है. दरअसल कंपनी एक ऐसा एआई टूल लेकर आई है जो चैट जीपीटी को कांटे की टक्कर दे सकता है. अगर आपको इसके बारे में जानकारी नहीं है तो आज हम आपको इस बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं.
कौन सा है ये AI टूल

Bard नाम का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक से लैस टूल गूगल की तरफ से पेश कर दिया गया है जो चैट जीपीटी को कांटे की टक्कर देने के लिए तैयार किया गया है. यह असल में एक चैटबॉट है जो ठीक उसी तरह से लोगों के सवालों का जवाब देता है जिस तरह से चैट जीपीटी को तैयार किया गया है. इसके आने के बाद से लोग ऐसा मान रहे हैं कि अब गूगल एक बार फिर से अपनी बादशाहत कायम रख पाएगा.

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक से लैस यह टूल लैंग्वेज मॉडल फॉर डायलॉग एप्लीकेशन पर काम करता है. यह टूल ना सिर्फ बेहद ही क्रिएटिव है बल्कि धमाकेदार तरीके से जानकारी एकत्रित करके लोगों तक पहुंचाता है और इसका रिस्पांस टाइम काफी कम है. मौजूदा समय में यह ट्रूल्य स्टिंग स्टेज में है लेकिन आने वाले समय में यह पूरी तरह से काम कर पाएगा.

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RBI (Reserve Bank of India) ने छठवीं बार बढ़ाया रेपो रेट, जानिए रेपो रेट क्‍यों बढ़ाया और घटाया जाता है

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डिजिटल भारत I भारतीय रिजर्व बैंक ने एक बार फिर से रेपो रेट में छठवीं बार बढ़ोतरी कर दी है. रेपो रेट बढ़ने का असर लोन पर भी पड़ेगा. अब ग्राहकों को लोन के लिए महंगी ब्‍याज दरों को चुकाना होगा

भारतीय रिजर्व बैंक ने एक बार फिर से रेपो रेट में छठवीं बार बढ़ोतरी कर दी है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने 25bps का इजाफा कर दिया है. इससे रेपो रेट 6.25% से बढ़कर 6.50% हो गया है. रेपो रेट बढ़ने के साथ अब पर्सनल लोन, कार लोन और होम लोन वगैरह महंगे हो जाएंगे. हालांकि लोगों को फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट में ज्‍यादा ब्‍याज दरों का फायदा मिल सकता है. आइए आपको बताते है कि आरबीआई रेपो रेट क्‍यों बढ़ाती और घटाती है.

आरबीआई क्‍यों बढ़ाती और घटाती है मॉनेटरी पॉलिसी
रेपो रेट महंगाई से लड़ने का शक्तिशाली टूल है, जिसका समय समय पर आरबीआई स्थिति के हिसाब से इस्‍तेमाल करता है. जब महंगाई बहुत ज्‍यादा होती है तो आरबीआई इकोनॉमी में मनी फ्लो को कम करने की कोशिश करता है और रेपो रेट को बढ़ा देता है. लेकिन जब इकोनॉमी बुरे दौर से गुजरती है तो रिकवरी के लिए मनी फ्लो बढ़ाने की जरूरत पड़ती है और ऐसे में RBI रेपो रेट कम कर देता है.

आरबीआई के रेपो रेट बढ़ाने से बैंकों को मिलने वाला कर्ज भी महंगा हो जाता है, इसके कारण बैंक भी अपने ग्राहकों को कर्ज महंगी ब्‍याज दरों पर देते हैं. यही कारण है कि रेपो रेट बढ़ने के साथ ही लोन भी महंगा हो जाता है. वहीं अगर आरबीआई रेपो रेट को कम कर देता है, तो बैंकों को कर्ज सस्‍ती दरों पर मिलता है और वो अपने ग्राहकों को भी सस्‍ती ब्‍याज दरों पर लोन उपलब्‍ध करवाती हैं. लोन महंगे होने से इकोनॉमी में मनी फ्लो कम होता है. मनी फ्लो कम होगा तो डिमांड में कमी आती है और महंगाई घट जाती है.

साल में कई बार होती है MPC बैठक
बता दें कि आरबीआई मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) की बैठक हर दो महीने में होती है. वैसे विशेष परिस्थिति में कमिटी कभी भी अपने अचानक लिए फैसले का ऐलान कर सकती है. मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी या एमपीसी, महंगाई के टारगेट को हासिल करने के लिए जरूरी नीतिगत दर यानी रेपो रेट तय करता है. रेपो रेट वो रेट होता है, जिस रेट पर आरबीआई कमर्शियल बैंकों (Commercial Banks) और दूसरे बैंकों को लोन देता है.

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सरकार से की ये खास गुजारिश, नफरती भाषण पर सुप्रीम कोर्ट की बड़ी टिप्पणी

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डिजिटल भारत I सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि “भारत जैसे एक पंथनिरपेक्ष देश में धर्म के आधार पर नफरत की भावना से किए जाने वालेअपराधों के लिए कोई गुंजाइश नहीं है.” सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “नफरती भाषण पर किसी भी तरह से कोई समझौता नहीं किया जासकता.” कोर्ट ने कहा कि अगर सरकार नफरती भाषण की समस्या को समझेगी, तभी समाधान निकलेगा.

जानिए कोर्ट ने और क्या कहा
न्यायालय ने यह भी कहा कि इस तरह के किसी अपराध से अपने नागरिकों की हिफाजत करना सरकार का कर्तव्य है. न्यायमूर्ति के एमजोसेफ और न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना की पीठ ने कहा, जब नफरत की भावना से किये जाने वाले अपराधों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कीजाएगी, तब एक ऐसा माहौल बनेगा, जो खतरनाक होगा.

कोर्ट ने यह भी कहा कि इस तरह के किसी अपराध से अपने नागरिकों की हिफाजत करना सरकार का कर्तव्य है. जस्टिस के एम जोसेफऔर जस्टिस बीवी नागरत्ना की पीठ ने कहा, “जब नफरत की भावना से किए जाने वाले अपराधों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाएगी, तब एक ऐसा माहौल बनेगा, जो खतरनाक होगा. नफरती भाषण पर किसी भी तरह से कोई समझौता नहीं किया जा सकता.”

मुस्लिम व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई 

सुप्रीम कोर्ट एक मुस्लिम व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिन्होंने आरोप लगाया है कि चार जुलाई 2021 को अपराधियोंके ‘स्क्रूड्राइवर गिरोह’ ने धर्म के नाम पर उन पर हमला किया और बदसलूकी की थी और पुलिस ने घृणा अपराध की शिकायत दर्ज नहींकी. यह घटना उस वक्त हुई थी, जब वह नोएडा से अलीगढ़ जाने के लिए एक कार में सवार हुए थे.

जड़ से खत्म करना होगा 

पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल के एम नटराज से कहा, “आजकल, नफरती भाषण केइर्द-गिर्द आम सहमति बढ़ती जा रही है. भारत जैसे पंथनिरपेक्ष देश में धर्म के नाम पर घृणा अपराध करने की कोई गुंजाइश नहीं है. इसेजड़ से खत्म करना होगा और यह सरकार का प्राथमिक कर्तव्य है कि वह इस तरह के किसी अपराध से अपने नागरिकों की हिफाजतकरे.”

हम अपनी वेदना जाहिर कर रहे हैं– कोर्ट 

कोर्ट ने कहा, “यदि एक व्यक्ति पुलिस के पास आता है और कहता है कि मैं एक टोपी पहने हुए था तथा मेरी दाढ़ी खींची गई और धर्मके नाम पर मेरे साथ बदसलूकी की गई, तब भी शिकायत दर्ज नहीं की जाती है, तो एक समस्या है.”

जस्टिस जोसफ ने कहा कि प्रत्येक सरकारी अधिकारी की कार्रवाई कानून के अनुरूप होनी चाहिए. अन्यथा, हर कोई कानून को अपनेहाथों में लेगा. पीठ ने कहा, “हम सिर्फ अपनी वेदना जाहिर कर रहे हैं.”

विषय की सुनवाई के लिए पीठ शाम छह बजे तक बैठी. याचिकाकर्ता काजिम अहमद शेरवानी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ताहुजेफा अहमदी ने कहा कि 13 जनवरी को इस न्यायालय ने राज्य सरकार को प्राथमिकी से जुड़ी ‘केस डायरी’ पेश करने को कहा था. यह प्राथमिकी घटना के दो साल बाद दर्ज की गई थी और इसमें लगाई गई एक को छोड़ कर शेष सभी धाराएं जमानती थीं.

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भारत-ऑस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज से पहले टीम के खिलाड़ी ने अचानक ले लिया संन्यास, साथी हैरान

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डिजिटल भारत l भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चार मैचों की टेस्ट सीरीज शुरू होने से दो दिन पहले ही एक बड़ी खबर सामने आई है, जिसने क्रिकेट फैंस को मायूस करके रख दिया है. भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच नागपुर में 9 फरवरी से शुरू होने वाले पहले टेस्ट मैच से पहले ऑस्ट्रेलिया के विस्फोटक बल्लेबाज एरॉन फिंच ने अचानक इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया है. एरॉन फिंच के अचानक इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास की खबर सुनकर उनके फैंस सदमे में हैं और साथी कंगारू खिलाड़ी भी हैरान हैं
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चार मैचों की टेस्ट सीरीज शुरू होने से दो दिन पहले ही एक बड़ी खबर सामने आई है, जिसने क्रिकेट फैंस को मायूस करके रख दिया है. भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच नागपुर में 9 फरवरी से शुरू होने वाले पहले टेस्ट मैच से पहले ऑस्ट्रेलिया के विस्फोटक बल्लेबाज एरॉन फिंच ने अचानक इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया है. एरॉन फिंच के अचानक इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास की खबर सुनकर उनके फैंस सदमे में हैं और साथी कंगारू खिलाड़ी भी हैरान हैं.
एरॉन फिंच ने अपने संन्यास का ऐलान करते हुए कहा, ‘मुझे लगता है कि मैं 2024 का टी20 वर्ल्ड कप नहीं खेल पाऊंगा. इसको ध्यान में रखते हुए मेरे लिए कप्‍तानी छोड़ने और टीम को आगे की योजना बनाने देने का सही समय आ गया है. मेरे रिटायरमेंट लेने का ये सही समय है, जिससे ऑस्ट्रेलियाई टीम अपनी आगे की रणनीति पर काम कर सकती है. मैं अपने फैंस को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने मुझे लगातार अपना सपोर्ट दिया. सर्वकालिक दिग्‍गज खिलाड़‍ियों के साथ 12 साल ऑस्‍ट्रेलियाई टीम के लिए खेलना मेरे लिए बड़े सम्‍मान की बात है. 2021 में टी20 वर्ल्ड कप जीतना और 2015 में वनडे वर्ल्ड कप जीतना मेरे करियर की सबसे खास यादें रहने वाली हैं.’
सदमे में क्रिकेट फैंस

बता दें कि ऑस्ट्रेलिया के पूर्व टी20 कप्तान एरॉन फिंच के नाम टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट में सबसे बड़ी व्यक्तिगत पारी खेलने का वर्ल्ड रिकॉर्ड दर्ज है. एरॉन फिंच ने 3 जुलाई 2018 को जिम्बाब्वे के खिलाफ हरारे में 76 गेंदों में वर्ल्ड रिकॉर्ड 172 रनों की व्यक्तिगत पारी थी. एरॉन फिंच ने अपनी कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया को साल 2021 में टी20 वर्ल्ड कप का खिताब जिताया था. एरॉन फिंच ने ऑस्ट्रेलिया के लिए 5 टेस्ट, 146 वनडे और 103 टी20 इंटरनेशनल मैच खेले हैं. एरॉन फिंच ने टेस्ट में 278 रन, वनडे में 5406 रन और टी20 इंटरनेशनल में 3120 रन बनाए हैं. एरॉन फिंच को डेविड वॉर्नर के बाद ऑस्ट्रेलिया के सबसे खतरनाक और विस्फोटक बल्लेबाजों में गिना जाता है.
भारत के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया को 9 फरवरी से नागपुर में पहला टेस्ट मैच खेलना है. ऐसे में एरॉन फिंच के संन्यास की खबर ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाड़ियों को मायूस कर सकती है और कंगारू टीम का मनोबल भी तोड़ सकती है. क्रिकेट ऑस्‍ट्रेलिया के चेयरमैन लैचलान हेंडरसन ने कहा कि एरॉन फिंच ऑस्‍ट्रेलिया के सर्वश्रेष्‍ठ सफेद गेंद के खिलाड़‍ियों में से एक हैं. क्रिकेट ऑस्‍ट्रेलिया के चेयरमैन ने कहा, ‘जहां वो मैदान पर कड़े प्रतिस्‍पर्धी रहे, वहीं फिंच ने हमेशा चेहरे पर मुस्‍कुराहट रखते हुए खेल खेला और वो भी सही भावना के साथ.’

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राम लला की मूर्ति जिस शालिग्राम शिला से बनेगी, उसके बारे में आप कितना जानते हैं? यहां पढ़ें महत्वपूर्ण जानकारी

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डिजिटल भारत l नेपाल से अयोध्या लाईं गई करीब छह करोड़ साल पुरानी शालिग्राम शिलाएं इन दिनों चर्चा में हैं। इन्हीं शिलाओं से अयोध्या में भगवान राम के मंदिर के गर्भगृह में स्थापित होने वाली भगवान राम और माता सीता की मूर्ति तैयार होनी है। ये शिलाएं नेपाल की गंडकी नदी में लाई गईं हैं। माना जा रहा है कि साल 2024 में होने वाली मकर संक्रांति तक यह मूर्तियां बनकर तैयार हो जाएंगी।

अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि के निर्माणाधीन मंदिर में स्थापित होने वाली दो शालिग्राम शिलाएं अयोध्या आ गई है। भगवान विष्णु का स्वरूप मानी जाने वाली इन शिलाओं का रामनगरी में भव्य अभिनंदन किया गया। कहा जाता है कि ये शिलाएं करीब छह करोड़ साल पुरानी हैं। दोनों शिलाएं 40 टन की हैं। एक शिला का वजन 26 टन जबकि दूसरे का 14 टन है।
शालिग्राम शिला चर्चा में क्यों है?
नेपाल की पवित्र काली गंडकी नदी से ये पत्थर निकाले गए हैं। वहां अभिषेक और विधि-विधान से पूजा-अर्चना के बाद शिला को 26 जनवरी को सड़क मार्ग से अयोध्या के लिए रवाना किया गया। बिहार के रास्ते यूपी के कुशीनगर और गोरखपुर होते हुए बुधवार को ये शिलाएं अयोध्या पहुंचीं। शिलायात्रा जहां-जहां से गुजरी उसका भव्य स्वागत हुआ। जानकारी के मुताबिक, शालिग्राम शिलाओं को रामसेवकपुरम स्थित कार्यशाला में रखा जाएगा।
शालिग्राम शिलाएं अयोध्या क्यों लाई गईं?
छह करोड़ वर्ष पुराने दो शालीग्राम पत्थरों को अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि में रखा जाएगा। इन शिलाओं का इस्तेमाल यहां निर्माण हो रहे श्री राम मंदिर में भगवान श्री राम के बाल्य स्वरूप की मूर्ति और माता सीता की मूर्ति बनाने के लिए किया जाएगा।

मां लक्ष्मी का मिलता है आशीर्वाद

शालिग्राम स्वयंभू होने के कारण इनकी भी प्राण प्रतिष्ठा की आवश्यकता नहीं होती और भक्त जन इन्हें घर अथवा मन्दिर में सीधे ही पूज सकते हैं. शालिग्राम शिला को अलौकिक माना गया है. कहते हैं जिस घर या मंदिर में शालिग्राम विराजते हैं वहां के भक्तों पर मां लक्ष्मी मेहरबान रहती है, साथ ही वह संपूर्ण दान के पुण्य तथा पृथ्वी की प्रदक्षिणा के उत्तम फल का अधिकारी बन जाता है.

अयोध्या में रामलला की मूर्ति नेपाल के शालीग्राम शिलाओं से बनेगी. धर्म ग्रंथों में शालीग्राम पत्थर को साक्षात भगवान विष्णु का स्वरूप माना गया है और मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम भगवान विष्णु के ही सातवें अवतार माने गए हैं. राम भगवान की मूर्ति को जिस शालिग्राम पत्थर से तराशा जाएगा वह नेपाल की गंडकी नदी में पाया जाता है. आइए जानते हैं शालिग्राम पत्थर का महत्व.
इस कारण शालीग्राम शिला से बन रही है राम की मूर्ति

धार्मिक मान्यता है कि शालिग्राम पत्थर बेहद चमत्कारी माना गया है. कहते हैं जहां शालिग्राम की पूजा होती है वहां मां लक्ष्मी का वास होता है. वहीं गंडकी नदी के शालिग्राम शिला को लेकर पौराणिक कथा है कि एक बार भगवान विष्णु ने वृंदा (तुलसी) के पति शंखचूड़ को छल से मार दिया था.

वृंदा को इस बात का पता चला तो उन्होंने विष्णु को पाषाण होकर धरती पर निवास करने का श्राप दिया. चूंकि वृंदा श्रीहरि की परम भक्त थी, तुलसी की तपस्या से प्रसन्न होकर विष्णु जी ने कहा कि तुम गंडकी नदी के रुप में जानी जाओगी और मैं शालिग्राम बनकर इस नदी के पास वास करुंगा. कहते हैं कि गंडकी नदी में जो शालिग्राम शिला है उन पर चक्र, गदा का चिन्ह पाए जाते हैं
शालिग्राम पत्थर का महत्व

हिंदू धर्म में शालिग्राम का खास महत्व है. हिंदूओं में ब्रह्मा, विष्णु एवं महेश की पूजा विभिन्न प्रकार से की जाती है. जैसे ब्रह्मा जी की पूजा शंख के रूप में और भगवान शिव की उपासना शिवलिंग के रूप में की जाती है, ठीक उसी तरह भगवान विष्णु की उपासना भगवान शालिग्राम के रूप में की जाती है. कहते हैं कि 33 प्रकार के शालिग्राम होते हैं. इन सभी को श्रीहरि विष्णु के 24 अवतारों से जोड़ा गया है. विष्णु के गोपाल रूप में गोलाकार शालिग्राम की पूजा होती है. मछली के आकार के शालिग्राम को मत्स्य अवतार का रुप माना जाता है. कछुए के आकार को कुर्म अवतार का प्रतीक माना जाता है. जिन शालीग्राम में रेखाएं होती हैं उन्हें श्रीकृष्ण का रूप माना जाता है.

मां लक्ष्मी का मिलता है आशीर्वाद

शालिग्राम स्वयंभू होने के कारण इनकी भी प्राण प्रतिष्ठा की आवश्यकता नहीं होती और भक्त जन इन्हें घर अथवा मन्दिर में सीधे ही पूज सकते हैं. शालिग्राम शिला को अलौकिक माना गया है. कहते हैं जिस घर या मंदिर में शालिग्राम विराजते हैं वहां के भक्तों पर मां लक्ष्मी मेहरबान रहती है, साथ ही वह संपूर्ण दान के पुण्य तथा पृथ्वी की प्रदक्षिणा के उत्तम फल का अधिकारी बन जाता है.

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माघ पूर्णिमा के दिन बन रहा है 4 शुभ योग का उत्तम संयोग

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डिजिटल भारत l 5 फरवरी को माघ मास की पूर्णिमा पड़ेगी, इस दिन रविवार का दिन है , ये दिन बेहद शुभ है. इस दिन 4 शुभ योग का उत्तम संयोग बन रहा है. इस दिन आप कोई भी अच्छे काम की शुरुआत कर सकते हैं.
माघ मास की पूर्णिमा 5 फरवरी 2023, रविवार के दिन पड़ रही है. पूर्णिमा के दिन सूर्य और चंद्रमा की पूजा का विशेष महत्व होता है. इस दिन माघ मास की पूर्णिमा रहेगी. इस दिन किसी भी पवित्र नदी में स्नान करने का विशेष महत्व होता है. ऐसा माना जाता है कि पूर्णिमा के दिन तीर्थ के जल में भगवान विष्णु का निवास होता है.
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि माघ पूर्णिमा के महत्व और उदया तिथि का महत्व के महत्व के बारे में, माघ पूर्णिमा 4 फरवरी को रात्रि 9.21 से प्रारंभ होकर 5 फरवरी को रात11.58 बजे तक रहेगी. ऐसा माना गया है कि सूर्य उदय के समय वाली तिथि को महत्व दिया जाता है, इसलिए 5 फरवरी को उदयातिथि यानी सूर्योदय के समय पड़ रही पूर्णिमा तिथि मनाई जाएगी. सुबह सूर्योदय से पहले 5.27 से 6.18 बजे तक स्नान का शुभ मुहूर्त है. वैसे, पूर्णिमा तिथि दिनभर होने से सुबह से शाम तक स्नान करना शुभदायी है.

पूर्णिमा के दिन 4 शुभ योग

आयुष्मान योग – 4 फरवरी को दोपहर 1.53 से अगले दिन 5 फरवरी को दोपहर 2.42 बजे तक
रवि पुष्य योग – माघ पूर्णिमा पर रविवार को सुबह 7.10 से दोपहर 12.13 बजे तक पुष्य नक्षत्र होने से शुभ कार्यों के लिए यह उत्तम समय है.

सौभाग्य योग – 5 फरवरी को दोपहर 2.42 से 5 फरवरी तक दोपहर 3.26 बजे तक होने से पूजा, दान के लिए श्रेष्ठ समय है.

सर्वार्थसिद्धि योग – 5 फरवरी को सुबह 7.10 से दोपहर 12.13 बजे तक सर्वार्थसिद्धि योग रहेगा.

आयुष्मान योग में किए गए काम लंबे समय तक आपको शुभ फल देते रहते हैं. जो जीवनभर सुख देने वाला होता है.
रवि पुष्य योग में किए गए शुभ काम, उत्तम फल प्रदान करते है. इन दिन धन, सोना, जेवर से जुड़े काम कर सकते है.
सौभाग्य योग इस दिन पूजा, पाठ दान का विशेष महत्व है, साथ ही इस योग में शादी का भी योग माना गया है.
सर्वार्थसिद्धि योग में संपत्ति खरीदना,नया कारोबार शुरू करना, दुकान का उद्घाटन करना, नये बर्तन खरीदना बहुत ही लाभकारी माना जाता है.

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मोटे अनाज को सरकार विश्व में क्यों दे रही बढ़ावा

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डिजिटल भारत l वित्त मंत्री ने बजट में मोटे अनाज को दुनिया में बढ़ावा देने का एलान किया। मोटे अनाज अत्यधिक पोषक, अम्ल-रहित, ग्लूटेन मुक्त और आहार गुणों से युक्त होते हैं। इसके अलावा, बच्चों और किशोरों में कुपोषण खत्म करने में मोटे अनाज का सेवन काफी मददगार होता है।
इस बार के बजट में मोटे अनाज को श्री अन्न नाम मिला है। वित्त मंत्री ने मोटे अनाज को दुनिया में बढ़ावा देने का एलान किया। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मन की बात कार्यक्रम में मोटे अनाज का जिक्र कर चुके हैं। केंद्र सरकार लगातार मोटे अनाज को बढ़ाव दे रही है।
आखिर ये मोटा अनाज क्या होता है? इसे बढ़ावा क्यों दिया जा रहा है? भारत में इसका कितना उत्पादन होता है? दुनिया में मोटे अजान के उत्पादन में हम कहां हैं? हमारी सेहत के लिए यह कितना फायदेमंद होता है? कौन से देश मोटे अनाज के सबसे बड़े निर्यातक हैं?
मोटा अनाज क्या होता है?
पुराने ववक्त में भारतीय लोगों का भोजन रहे मोटे अनाज ‘सुपर फूड’ के नाम से जाने जाते हैं। मोटे अनाज अत्यधिक पोषक, अम्ल-रहित, ग्लूटेन मुक्त और आहार गुणों से युक्त होते हैं। इसके अलावा, बच्चों और किशोरों में कुपोषण खत्म करने में मोटे अनाज का सेवन काफी मददगार होता है क्योंकि इससे प्रतिरक्षा और स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलता है।
मोटे अनाज के अंतर्गत आठ फसलें शामिल हैं। इसमें ज्वार, बाजरा, रागी, सावां, कंगनी, चीना, कोदो, कुटकी और कुट्टू को मोटा अनाज की फसल कहा जाता है। ये फसलें आम तौर पर सीमांत और असिंचित भूमि पर उगाई जाती हैं, इसलिए इनकी उपज स्थायी खेती और फसल विविधीकरण को प्रोत्साहित करती है। सरकार के प्रोत्साहन और स्वास्थ्य के प्रति लोगों की सजगता बढ़ने से इनकी खरीद बढ़ी है। खरीद बढ़ने से लाभान्वित होने वाले किसानों की संख्या भी बढ़ी है।

विस्तार
इस बार के बजट में मोटे अनाज को श्री अन्न नाम मिला है। वित्त मंत्री ने मोटे अनाज को दुनिया में बढ़ावा देने का एलान किया। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मन की बात कार्यक्रम में मोटे अनाज का जिक्र कर चुके हैं। केंद्र सरकार लगातार मोटे अनाज को बढ़ाव दे रही है।

क्या होता है मोटा अनाज?

भारत में 60 के दशक के पहले तक मोटे अनाज की खेती की परंपरा था. कहा जाता है कि हमारे पूर्वज हजारों वर्षों से मोटे अनाज का उत्पादन कर रहे हैं. भारतीय हिंदू परंपरा में यजुर्वेद में मोटे अनाज का जिक्र मिलता है. 50 साल पहले तक मध्य और दक्षिण भारत के साथ पहाड़ी इलाकों में मोटे अनाज की खूब पैदावार होती थी. एक अनुमान के मुताबिक देश में कुल खाद्यान्न उत्पादन में मोटे अनाज की हिस्सेदारी 40 फीसदी थी.

मोटे अनाज के तौर पर ज्वार, बाजरा, रागी (मडुआ), जौ, कोदो, सामा, बाजरा, सांवा, लघु धान्य या कुटकी, कांगनी और चीना जैसे अनाज शामिल हैं.

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वर्ल्ड वॉर में भी हुआ था जासूसी गुब्बारे का इस्तेमाल, जानें क्यों घबराया US

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डिजिटल भारत l अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के बीजिंग दौरे से पहले अमेरिका में इस तरह की घटना वाकई हरान करने वाली है. हालांकि, चीन ने इसको लेकर अपनी सफाई दे दी है. साथ ही उसने खेद भी जताया है.

जासूसी गुब्बारे को लेकर चीन ने अमेरिका को जवाब दिया है. चीन का कहना है कि वह जासूसी गुब्बारा वेदर रिसर्च के लिए था और वह गलती से अमेरिका की तरफ भटक गया. चीनी विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को बयान जारी कर कहा कि गुब्बारा एक सिविलियन एयरशिप था. इसका इस्तेमाल मुख्य रूप से मौसम संबंधी रिसर्च के लिए किया जाता है


मंत्रालय ने कहा कि हवा के चलते गुब्बारे की परिचालन क्षमता सीमित है और यह अपने नियोजित मार्ग से बहुत दूर भटक गया है. बयान में कहा गया है कि चीन अमेरिकी हवाई क्षेत्र में अपने गुब्बारे के अनायास प्रवेश पर खेद व्यक्त करता है. इससे पहले चीन ने कहा था कि वह अमेरिकी वायु क्षेत्र में अपने गुब्बारे के उड़ने से संबंधित खबरों की पड़ताल कर रहा है.

हवाई क्षेत्र का उल्लंघन करने का कोई इरादा नहीं
ड्रैगन ने इस मुद्दे पर शांति बरतने की अपील करते हुए कहा था कि उसका किसी भी संप्रभु देश के क्षेत्राधिकार तथा हवाई क्षेत्र का उल्लंघन करने का कोई इरादा नहीं है. चीन का यह जासूसी गुब्बारा संवेदनशील स्थलों पर उड़ रहा था. जोखिम के लिहाज से पेंटागन ने गुब्बारे को शूट नहीं करने का फैसला किया. अमेरिका के आसमान में जासूसी गुब्बारे को देखे जाने के बाद वहां हड़कंप मच गया. इस गुब्बारे को लेकर यूएस मिलिट्री ने बताया कि चीन के जासूसी गुब्बारे पर उसकी कड़ी नजर है.

ब्लिंकन के चीन दौरे की कोई सूचना नहीं- माओ निंग
इस हफ्ते के अंत में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन बीजिंग का दौरा करने वाले हैं. इससे पहले इस तरह की घटना से वाकई अमेरिका में हड़कंप मच गया. चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि उनके पास ऐसी कोई सूचना नहीं है कि अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की अगले सप्ताह होने वाली बीजिंग की यात्रा तय कार्यक्रम के अनुसार होगी या नहीं.

तनाव के बीच ब्लिंकन का बीजिंग दौरा
उन्होंने कहा कि जासूसी गुब्बारे की खबर के बारे में तथ्यों की स्पष्ट समझ होने से पहले नेताओं और जनता को निर्णय नहीं लेना चाहिए. ब्लिंकन व्यापार, ताइवान, मानवाधिकार और दक्षिण चीन सागर में चीन के दावों को लेकर संबंधों में तनाव कम करने के प्रयासों के तौर पर चीन की यात्रा करने वाले राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन के टॉप अधिकारी होंगे.

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अमिताभ बच्चन से जब डायरेक्टर ने कहा- कवि के बेटे हो, कहां हीरो बनोगे, कविता करो

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डिजिटल भारत l चालीस के दशक में मशहूर अमेरिकी गायक और अभिनेता फ़्रैंक सिनात्रा को मशहूर करने के लिए उनके प्रेस एजेंट जॉर्ज इवान्स ने एक ज़बरदस्त चाल चली थी.

उन्होंने बारह युवतियों को किराए पर लिया, उन्हें सिखाया गया कि फ़्रैंक के गाना शुरू करते वो ‘ओ फ़्रैंकी, ओ फ़्रैंकी’ कह कर चीख़ें और थोड़ी देर बाद बेहोश होने का नाटक करें.

इवान्स ने थियेटर से उन ‘बेहोश’ बालाओं को अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस का भी इंतज़ाम कर रखा था. उन्होंने इस मौक़े के लिए फ़ोटोग्राफ़रों की भी व्यवस्था कर रखी थी ताकि उस वक्त ली गई तस्वीरों से प्रचार को और ज़ोरदार बनाया जा सके. इसके लिए उन लड़कियों को पाँच-पाँच डॉलर दिए गए थे. इसके लिए इवान्स ने अपनी देखरेख में तीन दिनों तक रिहर्सल करवाई थी.

न्यूयॉर्क के पैरामाउंट थियेटर में फ़्रैंक सिनात्रा के कार्यक्रम के ख़त्म होने से पहले इवान्स ये देखकर चकित हो गए कि उन्होंने तो सिर्फ़ 12 लड़कियों को किराए पर लिया था, जबकि हक़ीकत में 30 लड़कियाँ बेहोश हो गई थीं.

ये कहानी एक बार अमिताभ बच्चन को सुनाई गई तो पहले वो मुस्कराए और फिर कहा, “किसी को धर पकड़ कर हीरो तो बना दिया जा सकता है, लेकिन बस वहीं तक ही. कैमरा स्टार्ट हो जाने के बाद वो अकेला रह जाता है. अभिनय तो उसे करना ही पड़ेगा.”

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नई SUV केआगेफेलहुईसारी Hyundai Cars, सबसेज्यादाबिकी, 8.3 लाखनेखरीदी

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डिजिटल भारत l जनवरी महीने में हुई कार बिक्री के आंकड़े सामने आ चुके हैं. जनवरी 2023 में यात्री वाहनों की बिक्री के मामले में मारुति सुजुकी पहलेपायदान पर रही, जिसने 1,47,328 यूनिट्स की बिक्री की. वहीं दूसरे पायदान पर हुंडई और तीसरे पर टाटा मोटर्स रही है. हुंडई नेजनवरी 2023 में कुल 50,106 यूनिट्स की बिक्री की है. हर बार की तरह इस बार भी हुंडई की सबसे ज्यादा बिकने वाली कारHyundai Creta रही है. हालांकि इस बार इस कॉम्पैक्ट SUV ने बिक्री का एक और रिकॉर्ड बना दिया. 

Hyundai ने बताया कि उसकी सबसे ज्यादा बिकने वाली Creta ने जनवरी 2023 में अपनी अब तक की सबसे अधिक मासिक बिक्रीहासिल की है. पिछले महीने कंपनी ने Hyundai Creta की 15,037 यूनिट्स बेचीं हैं. यह क्रेटा के 2015 में लॉन्च के बाद से इसकाअब तक का सबसे अच्छा महीना रहा है. कंपनी की कुल बिक्री संख्या के अनुसार, जनवरी 2023 में Hyundai India ने भारत में50,106 वाहन बेचे, जिनमें से Tucson, Creta, Venue, Alcazar और Kona Electric की सामूहिक रूप से 27,532 यूनिट्सबिकी हैं. 

भारत में लॉन्च होने के बाद से क्रेटा की 8.3 लाख यूनिट बिक चुकी हैं. अगर हर महीने का औसत निकाला जाए तो हुंडई क्रेटा कीमासिक रूप से औसतन 12,200 से ज्यादा यूनिट्स बिकती हैं. यह भारत में हुंडई की सबसे ज्यादा बिकने वाली कार भी है. इसकेअलावा, कॉम्पैक्ट एसयूवी की सेल्स में भी क्रेटा सबसे ऊपर रहती है. 2022 कैलेंडर ईयर में हुंडई ने क्रेटा की 1,40,895 यूनिट बेचीं. 

नए अवतार में आई Creta
कंपनी ने हाल ही में Creta को अपडेट किया है और इसके इंजन को BS6 स्टेप 2 एमिशन नॉर्म्स के मुताबिक तैयार किया है. Creta अब सिर्फ 1.5-लीटर पेट्रोल और 1.5-लीटर डीजल इंजन के साथ आती है. इसमें अब एक आइडल-स्टॉप-स्टार्ट फंक्शन भी मिलता है. 1.4-लीटर टर्बो-पेट्रोल इंजन विकल्प को हटा दिया गया है. 2023 क्रेटा में अब 6 एयरबैग, ऑल-व्हील डिस्क ब्रेक, स्टेबिलिटी कंट्रोलऔर हिल स्टार्ट असिस्ट जैसे फीचर्स स्टैंडर्ड रूप में मिलते हैं. नई हुंडई क्रेटा की कीमत 10.84 लाख रुपये से 19.13 लाख(एक्स-शोरूम, दिल्ली) रुपये के बीच है.

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