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ताई ची मार्शल आर्ट की ही एक ऐसी विधा है, कर सकती है बीमारी की गति को धीमा

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डिजिटल भारत l पार्किंसन एक दिमाग़ी बीमारी है, जिसमें मरीज की स्थिति धीरे-धीरे बिगड़ती चली जाती है. इससे पीड़ित व्यक्ति के लिए वक़्त के साथ अपनी शारीरिक गतिविधियों पर नियंत्रण बनाए रखना मुश्किल होता जाता है. लेकिन जर्नल ऑफ न्यूरोलॉजी न्यूरोसर्जरी एंड साइकाइट्रिक में प्रकाशित हुए अध्ययन में दावा किया गया है कि ताई ची पार्किंसंन बीमारी की गति को धीमा कर सकती है. इस अध्ययन में पार्किंसन बीमारी से पीड़ित 334 मरीज़ों को शामिल किया गया था. इनमें से 147 मरीज़ों के समूह ने हफ़्ते में दो बार एक घंटे के लिए ताई ची का अभ्यास किया.
पार्किंसंस रोग एक दुर्बल करने वाला और प्रगतिशील न्यूरोडीजेनेरेटिव विकार है, जो गति की धीमी गति, आराम करने वाले कंपकंपी और कठोर और अनम्य मांसपेशियों की विशेषता है। यह दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली न्यूरोलॉजिकल स्थिति है। अभी तक, पार्किंसंस का कोई इलाज नहीं है, और हालांकि दवाएं नैदानिक ​​लक्षणों को कम कर सकती हैं, लेकिन वे रोग की सभी अभिव्यक्तियों का इलाज नहीं करती हैं। अध्ययन में जनवरी 2016 से जून 2021 तक पांच साल से अधिक समय तक पार्किंसंस रोग के रोगियों के दो समूहों की निगरानी की गई। 147 रोगियों के एक समूह ने एक घंटे के लिए सप्ताह में दो बार ताई ची का अभ्यास किया, जिससे उनकी तकनीक में सुधार करने के लिए कक्षाओं के प्रावधान से सहायता मिली।

187 रोगियों के दूसरे समूह ने अपनी मानक देखभाल जारी रखी, लेकिन ताई ची का अभ्यास नहीं किया। ताई ची समूह में सभी निगरानी बिंदुओं पर रोग की प्रगति धीमी थी, जैसा कि समग्र लक्षणों, गति और संतुलन का आकलन करने के लिए तीन मान्य पैमानों द्वारा किया गया था। तुलनात्मक समूह में जिन रोगियों को अपनी दवा बढ़ाने की आवश्यकता थी, उनकी संख्या भी ताई ची समूह की तुलना में काफी अधिक थी: 2019 में 83.5 प्रतिशत और 2020 में 71 प्रतिशत और 87.5 प्रतिशत की तुलना में सिर्फ 96 प्रतिशत से अधिक। क्रमश। अन्य गैर-गतिशील लक्षणों की तरह ताई ची समूह में संज्ञानात्मक कार्य अधिक धीरे-धीरे खराब हुए, जबकि नींद और जीवन की गुणवत्ता में लगातार सुधार हुआ। और तुलनात्मक समूह की तुलना में ताई ची समूह में जटिलताओं का प्रसार काफी कम था: डिस्केनेसिया 1.4 प्रतिशत बनाम 7.5 प्रतिशत; डिस्टोनिया 0 प्रतिशत बनाम 1.6 प्रतिशत; मतिभ्रम 0 प्रतिशत बनाम केवल 2 प्रतिशत से अधिक; हल्की संज्ञानात्मक हानि 3 प्रतिशत बनाम 10 प्रतिशत; रेस्टलेस लेग सिंड्रोम 7 प्रतिशत बनाम 15.5 प्रतिशत। पार्किंसन बीमारी को समझने के लिए दुनिया भर में शोध जारी हैं. लेकिन अब तक जो कुछ पता है, उसके मुताबिक़ इस बीमारी से पीड़ित शख़्स का अपनी शारीरिक गतिविधियों पर नियंत्रण कम होता जाता है.

उदाहरण के लिए, उसे कंपन और मांसपेशियों में अकड़न होने जैसी दिक्कतें होती हैं. इसके साथ ही इस बीमारी से जूझ रहे शख़्स को शारीरिक संतुलन एवं समन्वय बनाने में भी परेशानी आती है. चीन की शंघाई जिओ टोंग यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ़ मेडिसिन के अध्ययन में पांच साल तक पार्किंसन के सैकड़ों मरीज़ों के स्वास्थ्य पर नज़र रखी गई. इसमें एक समूह जिसमें 147 लोग थे उन्होंने नियमित रूप से ताई ची का अभ्यास किया जबकि 187 लोगों के समूह ने अभ्यास नहीं किया. इस पारंपरिक चीनी कसरत में धीमे और सौम्य मूवमेंट के साथ साथ गहरी सांस लेना शामिल था. द चैरिटी पार्किंसन यूके ने ताई ची को धीमे मूवमेंट वाली शारीरिक गतिविधि बताया है जो जिंदगी और मूड को बेहतर बनाने में मदद करती है.

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कैंसर के कई लक्षण ऐसे होते हैं जो शुरुआती दौर में ही नजर आने लगते हैं

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डिजिटल भारत l कैंसर एक साइलेंट किलर है और यह फैक्ट है कि इसके लक्षणों पर लंबे समय तक ध्यान नहीं दिया जाता है, जो इस बीमारी और भी बदतर बना देता है. इस बीमारी में शरीर के अंदर का सेल्स बिना किसी कंट्रोल के तेजी से बढ़ने लगता है. इसके इलाज में देर हो जाए या ना किया तो व्यक्ति की मौत हो जाती है. कैंसर के कई लक्षण ऐसे होते हैं जो शुरुआती दौर में ही नजर आने लगते हैं.

यदि इन संकेतों का जल्द इलाज किया जाए तो मुसीबत ज्यादा खड़ी हो सकती है. इस स्टोरी में हम कुछ ऐसे लोगों की बात करेंगे, जिन्होंने डायग्नोस से पहले कुछ लक्षणों को अनुभव किया. इन कैंसर पीड़ितों ने अपना अनुभव सबके साथ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर किया है.

पॉल लेविस बाउल कैंसर के चौथे स्टेज में डायग्नोस हुए थे. उनके प्रारंभिक लक्षण मलाशय से खून, अत्यधिक थकान और आंत की आदत में आंतरिक परिवर्तन थे. सोशल मीडिया पर बताते हुए पॉल ने कहा कि मेरे मामले में, लक्षण धीरे-धीरे लेकिन लगातार समय के साथ बनते गए.

वेव की तरह आने और जाने वाले तत्व भी थे. बीमारी डायग्नोस होने के बाद से मेटास्टेस अनियमित अंतराल पर आते हैं, जिसे वेव की तरह ही माना जा सकता है. उस आधार पर, मैं कहूंगा कि कुछ लक्षण लहरों में आते हैं लेकिन कुछ स्थिर हो सकते हैं. अन्य धीरे-धीरे समय के साथ बनते हैं

कैंसर से पीड़ित एक अन्य मरीज मेलिसा निव ने बताया कि उनको तीसरे स्टेज में बीमारी का पता चला जब कैंसर गर्भाशय ग्रीवा, ओवरी, अंडाशय, लिम्फ नोड्स और लिम्फ वैस्कुलर सिस्टम में फैल गया था. सबसे स्पष्ट लक्षण तेजी से वजन बढ़ना था. मेलिसा ने पोस्ट में खुलासा किया कि अनजाने में वजन बढ़ना और अनियंत्रित ब्लीडिंग पहले संकेत थे. हालांकि शुरुआत में उन्होंने तनाव के कारण खराब माहवारी को माना.

क्लेमेन्सिया नारजो बहुत ही दुर्लभ फेफड़े के कैंसर से स्टेज 4 में डायग्रोस हुए थे और वह हमेशा बेहतर महसूस करता था. कैंसर के साथ अपने अनुभव को शेयर करते हुए क्लेमेंसिया लिखती हैं कि वह हमेशा बेहतर महसूस करती थीं, हालांकि डायग्रोस से एक हफ्ते पहले सूखी खांसी हुई और व्यायाम करते समय मुझे सांस लेने में थोड़ी कमी महसूस हुई.

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