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एक भारत उत्कृष्ट भारत

छात्रों को मिलेगा कौशल प्रशिक्षण

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पढ़ाई छोड़ चुके छात्रों को बना रहे आत्मनिर्भर I

डिजिटल भारत I आर्थिक अथवा परिवारिक कारणों के चलते बीच में पढ़ाई छोड़ चुके छात्रों को अब आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। ऐसे छात्रों को स्किल इंडिया के माध्यम से ट्रेंड करने के साथ ही उन्हें रोजगार से जोड़ने की तैयारी की जा रही है। जिले में इस तरह का प्रयोग स्किल इंडिया के तहत किया जा रहा है। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा पहले चरण में ऐसे ड्रॉप आउट 200 छात्रों को जोड़ा गया है, जिन्होंने कक्षा 8वीं के बाद किन्हीं कारणों के चलते पढ़ाई छोड दी थी। अब इन छात्रों की पहली स्किल परीक्षा ली जा रही है।

शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों को स्किल इंडिया पोर्टल पर रजिस्टर्ड किया जा रहा है

ऐसे ड्रॉप आउट छात्रों की जानकारी एकत्रित कराने के साथ छात्रों के रजिस्ट्रेशन कराए जा रहे हैं। इसके लिए नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन भी मदद कर रहा है। साथ ही वीटीपी संस्थान इसके लिए स्किल हब सेंटरों को आवश्यक सहयोग प्रदान कर रहा है। व्यवसायिक शिक्षा से जुड़े शिक्षकों की सेवाएं ली जा रहीं हैं। छह माह की स्पेशल नि:शुल्क ट्रेनिंग के साथ ही स्टाइपंड दिया जा रहा है।

सीखने के लिए रखे आसान विषय

छात्रों को आसानी के साथ ट्रेंड किया जा सके, ऐसे विषयों को लिया गया है। जनरल डयूटी अस्टिेंट, फील्ड टैक्नीशियन, इलेक्ट्रानिक्स, हेल्थ केयर, रिटेल जैसे जॉब रोल में ट्रेनिंग की शुरुआत की गई है।

जिले में इसके लिए सात स्कूलों का चयन किया गया है।

इनमें कन्या महारानी लक्ष्मी बाई हायर सेकेंडरी स्कूल, शासकीय उमावि अधारताल, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बरेला, उत्कृष्ठ विद्यालय पाटन, उच्चतर माध्यमिक विद्यालय गांधीग्राम, कन्या उमावि रानी दुर्गावती के अलावा शासकीय कन्या पनागर शामिल है।

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छात्रों को क्या मिल रहा है ? सही शिक्षण रखी जायगी नज़र

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स्कूलों के सूचना पटल पर शिक्षकों और स्टाफ की फोटो लगाई जाएगी।

डिजिटल भारत l शिक्षकों के नाम के साथ ही उनके नंबर और आईडेंटी भी होगी। इसके पीछे की मुख्य वजह प्राक्सी शिक्षकों पर नकेल कसना है। स्कूल में कौन सा शिक्षक किस कक्षा और किस विषय को पढ़ा रहा है इसकी जानकारी छात्र और अभिभावक को होगी।

बताया जाता है l

स्कूल में पदस्थ प्राचार्य, उप प्राचार्य, शिक्षक और अन्य कर्मचारियों की तस्वीरें लगाई जाएंगी, ताकि कोई अपरिचित व्यक्ति शिक्षक बनकर स्कूल में प्रवेश न कर सके। साथ ही विद्यार्थी और अभिभावक प्रत्येक शिक्षक की पहचान सुनिश्चित कर सकें।

इससे स्कूलों में बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश तो रुकेगा ही, अपनी जगह किसी और को पढ़ाने के लिए भेज जाने वाले शिक्षकों की भी जानकारी लग सकेगी। क्योंकि प्रदेश में पहले कुछ ऐसे मामले सामने आते रहे हैं। इसे देखते हुए जिले के स्कूलों में इसे सख्ती से लागू करने प्राचार्याें को निर्देश दिए गए हैं। तत्काल कार्रवाई कर रिपोर्ट देने के लिए कहा है।

ये फोटो ऐसी जगह स्पष्ट और बड़े अक्षरों में चस्पा किए जाएंगे जिसे छात्र, अभिभावक आदि आसानी से देख सकें।

जो शिक्षक नियमित रूप से पढ़ाने जाते हैं। उस कक्ष में उनके फोटो, नाम और पदनाम सहित लगाए जाएंगे। ताकि प्रत्येक विद्यार्थी नाम एवं चेहरे से अपने शिक्षक को पहचान सके। अभिभावक भी जान सके कि उनके बच्चे को कौन सा शिक्षक पढ़ा रहा है।

प्रदेश में इस तरह के मामले सामने आए हैं जिसमें कुछ शिक्षकों ने खुद की सहूलियत के लिए दूसरों को पढ़ाने की जिम्मेदारी दे रखी है। बाद में पकड़े भी गए। पूर्व में यह निर्णय लिया गया था लेकिन विभाग और स्कूलों ने इस दिशा में कोई ध्यान नहीं दिया गया। हाल ही में मुख्य सचिवों की हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया था। स्कूलों को ये तस्वीरें लगाने की व्यवस्था लोकल फंड से की जाएगी।

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