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नेपाल में भूकंम का बड़ा झटका, 128 लोगो की हुई मौत

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डिजिटल भारत l भारत के कई राज्यों में शुक्रवार देर रात भूकंप के झटके महसूस किए गए। इसी क्रम में नेपाल की धरती भी कांपी, यहां इसके भयावह परिणाम देखे गए। अब तक इस आपदा में मृतकों की संख्या 132 पहुंच गई है। आपदा को लेकर नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ने भूकंप से हुई मानवीय और भौतिक क्षति पर दुख व्यक्त किया।
नेपाल के जाजरकोट के पश्चिमी क्षेत्र में आए तेज भूकंप से अब तक 128 लोगों की मौत हो गई और दर्जनों लोग घायल हो गए। अधिकारियों ने शनिवार को कहा कि क्षेत्र में काफी घर ढह गए हैं। नेपाल के राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने कहा कि भूकंप शुक्रवार रात 11:47 बजे (1802 GMT) आया, जिसकी तीव्रता 6.4 थी। जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज ने भूकंप की तीव्रता 6.2 से घटाकर 5.7 मापी, जबकि यूएस जियोलॉजिकल सर्वे ने इसकी तीव्रता 5.6 आंकी। स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक घायलों में से 30 लोगों का इलाज रुकुम पश्चिम में और 100 से ज़्यादा लोगों का इलाज जाजरकोट अस्पताल में किया जा रहा है. शुक्रवार रात आए भूकंप को 2015 में नेपाल में आए विनाशकारी भूकंप के बाद सबसे घातक भूकंप माना जा रहा है. इलाज की व्यवस्था
छोड़कर पॉडकास्ट आगे बढ़ें भूकंप के बाद कई जगह पर भूस्खलन की खबरें भी हैं, जिसके चलते घायलों को अस्पताल पहुंचाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. घायल मरीजों का इलाज भेरी अस्पताल, नेपालगंज नर्सिंग होम और मेडिकल कॉलेज कोहलपुर में किया जा रहा है. अधिकारियों ने बताया कि रांझा स्थित नेपाली सेना अस्पताल, नेपालगंज पुलिस अस्पताल और भेरी अस्पताल में घायलों के इलाज के लिए 105 बेड खाली कर दिए गए हैं. नेपालगंज में मौजूद बीबीसी संवाददाता बिमला चौधरी ने अधिकारियों के हवाले से बताया कि घायल मरीजों के लिए सुरक्षाकर्मियों को रक्तदान के लिए भी तैयार रखा गया है. करनाली प्रांत के पुलिस प्रमुख डीआइजी भीम प्रसाद ढकाल ने बताया कि भूकंप के बाद पुलिस और अन्य सुरक्षाकर्मी प्रभावित इलाके में घायलों को बचाने में जुट गये. उनके मुताबिक बचाव के लिए करनाली प्रांत पुलिस कार्यालय से 56 लोगों की एक टीम भेजी गई है. 2015 में आया था विनाशकारी भूकंप
नेपाल में 25 अप्रैल 2015 को 7.8 तीव्रता का ज़बरदस्त भूकंप आया था. संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार इसमें क़रीब 9000 लोगों की जान गई, 10 लाख घरों को नुक़सान पहुँचा और करीब 28 लाख लोग विस्थापित हुए

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अफगानिस्तान, पाकिस्तान में भूकंप से करीब 11 लोगों की मौत, वहीं 100 से ज्यादा लोग घायल

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डिजिटल भारत l पूरे उत्तर भारत, अफगानिस्तान, पाकिस्तान में मंगलवार रात को तेज भूकंप के झटके महसूस किए गए। पाकिस्तान में आए 6.5 तीव्रता के भूकंप के बाद पश्चिमोत्तर खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के स्वात घाटी क्षेत्र में तबाही मची है। इलाके में कुछ घर गिर गए। पाकिस्तान में अब तक भूकंप से करीब 11 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, 100 से ज्यादा लोग घायल हैं।
अफगानिस्तान के अलावा भूकंप के झटके पाकिस्तान और भारत में भी लगे। अफगानिस्तान और पाकिस्तान में भूकंप ने तबाही मचाई है। इन दोनों देशों में कई लोगों की मौत हो गई, जबकि 100 से ज्यादा घायल हो गए। हालांकि, भारत में जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है
अफगानिस्तान में था भूकंप का केंद्र
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने बताया कि अफगानिस्तान में भूकंप की तीव्रता 6.6 मापी गई। भूकंप का केंद्र फैजाबाद से 133 किमी दूर दक्षिण पूर्व में हिंदू कुश क्षेत्र में था। भूकंप का केंद्र 156 किमी गहराई में था। भूकंप के झटके अफगानिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, कजाकिस्तान, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, चीन और किर्गिस्तान में भी महसूस किए गए।
अफगानिस्तान के हिंदुकुश क्षेत्र (Hindukush) में मंगलवार (21 मार्च) रात 6.5 तीव्रता का भूकंप आया. भूकंप के झटके अफगानिस्तान के साथ-साथ पाकिस्तान और भारत तक महसूस किए गए. पाकिस्तान और अफगानिस्तान में भूकंप की वजह से भारी नुकसान भी हुआ है. अफगानिस्तान में भूकंप से अब तक कम से कम 10 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं पाकिस्तान में 2 औरतों समेत 11 लोग भूकंप की वजह से मार गए हैं. टोलो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान में 160 लोग जख्मी भी हुए हैं
सतह से 187 किमी नीचे आया था भूकंप

यूएस जियोलॉजिकल सर्वे के अनुसार, मंगलवार रात का भूकंप सतह से 187 किमी नीचे उत्पन्न हुआ था. हिंदुकुश क्षेत्र में आमतौर पर गहरे भूकंप आते हैं, जो 100 किमी या उससे कम की गहराई पर उत्पन्न होते हैं. अगर गहरे भूकंप पर्याप्त रूप से मजबूत हों तो बड़े भौगोलिक क्षेत्रों में महसूस किए जाते हैं.
भारत में भी भूकंप के झटके

हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, जम्मू कश्मीर में भी झटके महसूस किए गए. एक अधिकारी ने कहा कि भूकंप के ठीक बाद जम्मू क्षेत्र के कुछ हिस्सों में मोबाइल सेवा बाधित हो गई. एनसीएस के अनुसार, भूकंप का केंद्र अक्षांश पर 36.09 डिग्री उत्तर और देशांतर पर 71.35 डिग्री पूर्व में 156 किमी की गहराई में था. उत्तरकाशी और चमोली ​सहित उत्तराखंड के कई स्थानों पर भी झटके महसूस किए गए.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, “दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. उम्मीद है कि आप सभी सुरक्षित होंगे.” झटकों के बाद पूर्वी दिल्ली के शकरपुर में लोग घरों से बाहर निकल गए. कुछ लोगों ने दावा किया कि एक इमारत झुक गई,

पाकिस्तान में गिरी मकान की छत

‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ अखबार ने बताया कि भूकंप के समय, रावलपिंडी के एक बाजार में भगदड़ की सूचना मिली. खबर में कहा गया है कि खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत के स्वाबी में एक मकान की छत गिरने से एक ही परिवार के कम से कम पांच सदस्य घायल हो गए.
भारत में भी लगे भूकंप के तेज झटके
दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के कई हिस्सों में भी मंगलवार रात भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। रात करीब 10:20 पर आए भूकंप से लोग दहशत में आ गए। दिल्ली-एनसीआर के अलावा हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, मध्यप्रदेश, उत्तराखंड में भी भूकंप के तेज झटके लगे

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झारखंड में भीषण सड़क हादसा 16 लोगों की मौत

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झारखंड के पाकुड़ में बुधवार सुबह एक भीषण सड़क हादसे में 16 लोगों की मौत हो गई। साहिबगंज से दुमका जा रही बस लिट्टीपाड़ा-अमड़ापाड़ा रोड पर पडेरकोला के पास गैस सिलेंडरों से लदे ट्रक से टकरा गई। बस में 40 से ज्यादा लोगों के सवार होने की जानकारी मिली है। इसमें करीब 20 लोग घायल हैं। पाकुड़ एसपी एचपी जनार्दन ने कहा है कि अब तक 16 शव बरामद किए जा चुके हैं। बस के अंदर से लोगों को निकालने का काम अब तक जारी है।
कई लोग बस के बाहर आकर गिर गए। बस में बैठे लोग कई लोग अंदर ही फंस गए। बस की बॉडी काटकर लोगों को बाहर निकाला जा रहा है। बताया जा रहा है कि बस का ड्राइवर अब तक जिंदा है। वह बस में ही फंसा हुआ है। स्थानीय लोगों ने बताया कि दुर्घटना में मरने वाले लोगो की संख्या बढ़ने की आशंका है।
बताया जा रहा है कृष्णा रजत बस और LPG सिलेंडर्स से भरे ट्रक में हुई टक्कर इतनी तेज थी कि दोनों गाड़ियों के परखच्चे उड़ गए। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए हैं। फिलहाल मारे गए लोगों की पहचान नहीं हो सकी है। घायलों को अस्पताल ले जाया गया है।
कई लोग अभी भी बेहोश
घायलों को अस्पताल भेज दिया गया है. अमरापाड़ा थाना पुलिस का कहना है कई लोग बेहोश हैं और सर्दी बहुत है इसलिए दुर्घटना का सही आंकड़ा नही मिल रहा है. पुलिस मृतकों और घायलों की पहचान में जुटी हुई है. मौके से जो तस्वीरें आई हैं उनमे मृतकों के शव सड़क पर बखड़े हुए दिख रहे हैं. मरने वालों में महिलाएं भी शामिल हैं.
ट्रक ने मारी बस में टक्कर
जानकारी के मुताबिक बुधवार की सुबह लिट्टीपाड़ा-अमड़ापाड़ा मुख्य सड़क पर पडेरकोला की समीप पगला बाबा कंपनी की बस और सिलेंडर लदी ट्रक सामने से टकरा गयी. तेज रफ्तार से आ रहे अनियंत्रित ट्रक ने ही बस में टक्कर मार दी. टक्कर इतनी जोरदार थी दोनो गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गईं.
मृतकों में बस सवारों की संख्या ज्यादा
बस में सवार लोगों में मृतकों की संख्या ज्यादा है. टक्कर के बाद बस में सवार लोग सड़क पर गिर गए. टक्कर का धमाका सुनकर आस पास के लोग मौके पर पहुंचे और पुलिस को सूचना दी. इस घटना में अभी 8 लोगों की मौत की पुष्टि की गई है. लेकिन, स्थानीय लोग 10 से ज्यादा लोगों के मरने की बात कह रहे हैं.

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दिल्ली में वायु प्रदूषण के कारण 5 प्रतिशत लोगों की मौत सांस की बीमारी से हो रही हैं

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राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली एवं उसके आसपास के क्षेत्रों में बढ़ते प्रदूषण के कारण लोग कई बीमारियों के शिकार हो रहे हैं।

Air pollution kills about 5 percent people in Delhi due to respiratory disease says Report- India TV Hindi

राजधानी दिल्ली और उसके आसपास के क्षेत्रों में बढ़ते प्रदूषण के कारण लोग कई बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। वहीं कई लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में  5.6 प्रतिशत लोगों की मौद सांस की बीमारी के कारण हो रही हैं। 

प्रजा फाउंडेशन के निदेशक मिलिंद म्हस्के के मुताबिक दिल्ली में पिछले साल करीब 1,42,789 लोगों की मौत हुई थी, जिसमें से 39 प्रतिशत की मौत घर पर ही हुई। इन मौतों में से 5.6 प्रतिशत ऐसे लोग थे, जिनकी मौत सांस की बीमारी के  कारण हुई थी

जहरीली हवा से एलर्जी, अस्थमा और टीबी का बढ़ा रिस्क, स्वामी रामदेव से जानिए हेल्दी रहने के टिप्स

प्रजा फाउंडेशन ने दिल्ली के हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर पर अपनी रिपोर्ट जारी की है। जिसमें कहा गया है कि दिल्ली के जो हालात है उसके अनुसार यहां जितनी आबादी है उसके अनुसार न तो अस्पताल है और न ही दवा खाना। अस्पतालों को चलाने वाली एजेंसियों को हर साल हेल्थ बजट जितना अलॉट किया जाता है। उससे तो पूरा खर्च भी नहीं चल पाता है।

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