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एक भारत उत्कृष्ट भारत

क्या मोदी कर रहे चाइना से अपने संबंध मधुर बनाने के प्रयास ?

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डिजिटल भारत I प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के साथ सीमा विवाद को हल करने की जरूरत बताई है, जो कि बिल्कुल सही रुख है। दोनों देश पड़ोसी होने के साथ ही दुनिया की दो बड़ी अर्थव्यवस्थाएं और ग्रोथ इंजन हैं। इसलिए किसी भी तरह के टकराव से दोनों का ही नुकसान है। ऐसे में पीएम मोदी का यह कहना सही है कि पूरे क्षेत्र और दुनिया के लिए भारत-चीन के बीच स्थिर और शांतिपूर्ण संबंध अहम हैं।

अड़ियल चीन
भारत का यह स्टैंड ऐसे समय सामने आया है, जब चीन ने अरुणाचल प्रदेश को लेकर एक बार फिर से अड़ियल रवैया अपनाया है। वह पहले भी अरुणाचल प्रदेश में भारतीय सीमा में कई जगहों के नाम बदल चुका है। चीन इस इलाके पर अपना दावा ठोकता रहा है और इस राज्य को जंगनान बुलाता है
जिम्मेदारी चीन पर
हालांकि, बेहतर यही होगा कि चीन, भारत में शीर्ष स्तर से की गई इस पहल को स्वीकार कर ले और बातचीत के जरिए आपसी विवाद को सुलझाए। भारत के साथ किसी भी तरह का विवाद दोनों ही देशों के लिए ठीक नहीं होगा। वहीं, अगर दोनों के बीच शांतिपूर्ण संबंध बनते हैं तो उनकी तरक्की का मार्ग प्रशस्त होगा।
चीन ने पीएम मोदी के बयान पर क्‍या-क्‍या कहा?

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ ने कहा कि सीमा से जुड़ा सवाल भारत-चीन संबंधों की संपूर्णता का प्रतिनिधित्व नहीं करता है और इसे द्विपक्षीय संबंधों में उचित रूप से रखा जाना चाहिए और ठीक से प्रबंधित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि दोनों देश राजनयिक और सैन्य माध्यमों से करीबी संपर्क में हैं। माओ निंग ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि भारत समान दिशा में चीन के साथ काम करेगा, द्विपक्षीय संबंधों को रणनीतिक ऊंचाइयों और दीर्घकालिक परिप्रेक्ष्य के लिहाज से संभालेगा, आपसी विश्वास बढ़ाएगा, बातचीत और सहयोग पर कायम रहेगा, मतभेदों को ठीक से संभालेगा और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत और स्थिर बनाने की राह पर चलेगा।’
भारत-चीन सीमा विवाद
इंटरव्यू में पीएम मोदी ने कहा कि चीन और भारत को जल्द से जल्द लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल यानी एलएसी का मसला सुलझा लेना चाहिए.
पीएम मोदी ने कहा कि भारत के लिए चीन के साथ संबंध महत्वपूर्ण हैं और इसलिए दोनों को लंबे वक्त से चल रही इस स्थिति को जल्द से जल्द सुलझाना चाहिए.
उन्होंने कहा, “मेरा मानना ​​है कि अपनी सीमाओं पर लंबे समय से चल रही स्थिति को हमें तुरंत सुलझाने की ज़रूरत है ताकि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय चर्चा में मुश्किल स्थिति को पीछे छोड़ा जा सके.”
उन्होंने कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर होने वाली बातचीत का ज़िक्र किया.
पीएम मोदी ने कहा, “दोनों मुल्कों के बीच स्थायी और शांतिपूर्ण रिश्ते ना केवल हम दोनों के लिए बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण हैं. मुझे उम्मीद है कि सकारात्मक द्विपक्षीय बातचीत से हम सीमा पर शांति बहाल करने में सक्षम होंगे.”
विपक्ष ने कई बार ये आरोप लगाया है कि भारत की ज़मीन पर चीनी सेना कब्ज़ा कर रही है.
2020 में गलवान घाटी में भारत और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी. इस झड़प में 20 भारतीय सैनिकों की जान गई थी.
तब पीएम मोदी ने कहा था- ना कोई हमारे क्षेत्र में घुसा है और ना किसी पोस्ट पर क़ब्ज़ा किया है.
भारत और चीन के बीच रिश्तों पर क्या बोले?
पीएम मोदी ने कहा कि एक लोकतांत्रिक राजनीति और वैश्विक आर्थिक विकास के इंजन के रूप में भारत उन लोगों के लिए स्वाभाविक पसंद है जो अपने सप्लाई चेन में विविधता देखना चाहते हैं
मोदी ने अर्थव्यवस्था से जुड़े अपनी सरकार के फ़ैसलों को परिवर्तन लाने वाले सुधार कहा.
उन्होंने कहा कि सरकार जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर), कॉर्पोरेट कर में कटौती, एफ़डीआई के नियमों में रियायत और लेबर क़ानूनों में सुधार लाई है.
उन्होंने कहा, “मेरा मानना ​​है कि वैश्विक आबादी के छठे हिस्से वाला मुल्क जब इन क्षेत्रों में वैश्विक मानदंडों को अपनाएगा, तो इसका पूरी दुनिया पर सकारात्मक असर पड़ेगा.”
मोदी ने कहा, “हमारी मज़बूती देखते हुए वैश्विक स्तर पर अब ये माना जाने लगा है कि भारत प्रतियोगी दरों पर विश्व स्तरीय सामान बना सकता है. हम दुनिया के लिए तो उत्पादन कर ही रहे हैं, हमारा अपना विशाल और आकर्षक घरेलू बाज़ार भी है. भारत उन लोगों के लिए आदर्श जगह है जो विश्वसनीय और लचीली सप्लाई चेन बनाना चाहते हैं.”
पाकिस्तान से जुड़े सवाल पर पीएम मोदी ने कहा, “मैं पाकिस्तान के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी नहीं करूंगा.”
मीडिया की आज़ादी पर क्या कहा
पीएम मोदी ने लोकतंत्र और मीडिया की आज़ादी पर कहा, “भारत एक लोकतंत्र इसलिए नहीं है क्योंकि ये उसके संविधान में है बल्कि इसलिए है क्योंकि ये हमारे जीन में है.”
उन्होंने कहा कि मतदाताओं की लगातार बढ़ती भागीदारी इस बात का सबूत है कि लोगों को भारतीय लोकतंत्र पर भरोसा है.
उन्होंने मीडिया की तरफ इशारा करते हुए कहा कि भारत जैसा एक विशाल लोकतंत्र इसलिए आगे बढ़ पा रहा है क्योंकि यहां एक जीवंत फीडबैक सिस्टम है.
उन्होंने कहा, “हमारा मीडिया इस संबंध में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. भारत में क़रीब डेढ़ लाख मीडिया पब्लिकेशन्स हैं और सौ के आसपास न्यूज़ चैनल हैं.”
हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि भारत और पश्चिम में कुछ लोग ऐसे हैं जिनका भारत के लोगों के साथ जुड़ाव टूट चुका है.

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देश की पहली किन्नर महामंडलेश्वर हेमांगी सखी वाराणसी लोकसभा सीट जमाया अपना पैर,मोदी के आगे टक्कर से खड़ी

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डिजिटल भारत I देश की पहली किन्नर महामंडलेश्वर हेमांगी सखी वाराणसी लोकसभा सीट से मैदान में उतरेंगी। अखिल भारत हिंदू महासभा ने हेमांगी सखी को बनारस से टिकट दिया है। वह 12 अप्रैल को बनारस पहुंचेंगी और बाबा विश्वनाथ का आशीर्वाद लेकर अपने चुनाव प्रचार की शुरुआत करेंगी।
महामंडलेश्वर हेमांगी सखी ने कहा कि पूरे देश में किन्नर समाज की स्थिति दयनीय है। किन्नर समाज के लिए एक भी सीट आरक्षित नहीं की गई है। किन्नर समाज अपनी बात लोकसभा और विधानसभा में कैसे रखेगा? किन्नर समाज का नेतृत्व कौन करेगा? किन्नर समाज की भलाई के लिए मैंने धर्म से राजनीति की ओर रुख किया है।
हेमांगी सखी ने कहा कि हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोध में नहीं हैं, उन्होंने भी धर्म का काम किया है। हमारा प्रयास सिर्फ इतना ही है कि हमारी बात सरकार के कानों तक पहुंचे। इसीलिए वाराणसी संसदीय सीट से चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है।
अर्धनारीश्वर को सरकार ने भुला दिया
महामंडलेश्वर ने कहा कि सरकार ने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का नारा दिया है। हम इसकी सराहना करते हैं, बेटियां जगत जननी का स्वरूप हैं, लेकिन सरकार अर्धनारीश्वर को भूल गई है।’ हम भी यह सूत्र सुनना चाहते हैं कि वह दिन कब आएगा? केंद्र सरकार ने ट्रांसजेंडर पोर्टल लॉन्च किया लेकिन क्या किन्नरों को इसके बारे में पता है? जो लोग सड़क पर भीख मांगते हैं उन्हें नहीं पता कि उनके लिए कोई पोर्टल है।
सरकार को किन्नर समाज के लिए सीटें आरक्षित करनी होंगी
उन्होंने सवाल किया कि जब सरकार ने पोर्टल जारी किया तो उसका प्रचार-प्रसार क्यों नहीं किया? ट्रांसजेंडर बोर्ड बनाने से कुछ नहीं होता। सरकार को किन्नर समाज के लिए सीटें आरक्षित करनी होंगी, तभी हालात बदलेंगे.
देश की हर पार्टी को ये पहल करनी होगी
अगर आज भाजपा सरकार ने किन्नरों के लिए अपने दरवाजे खुले रखे होते तो शायद महामंडलेश्वर हेमांगी सखी को यह कदम उठाने की नौबत नहीं आती। उनका कहना है, ‘हिंदू महासभा ने मुझे हाशिए पर रहने वाले लोगों को मुख्यधारा में लाने और उनके विचारों को समाज के सामने पेश करने के लिए नामांकित किया है। और ये पहल देश की हर पार्टी को करनी होगी.
कौन हैं महामंडलेश्वर हिमांगी सखी
हिमांगी सखी किन्‍नर महामंडलेश्‍वर हैं. वह 5 भाषाओं में भागवत कथा सुनाने के लिए जानी जाती हैं. उन्हें किन्नर समाज के लिए कई बार लड़ते देखा गया है. हिमांगी सखी ने कहा कि किन्नर समाज को उनका अधिकार व सम्मान दिलाने के लिए वह चुनावी मैदान में उतरी हैं. प्रधानमंत्री का ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ नारा अच्छा है लेकिन ‘किन्नर बचाओ-किन्नर पढ़ाओ’ की आवश्यकता नहीं समझी गई. ‘

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प्रधानमत्री के जन्मदिन पर युवा मोर्चा ने लगाया विशाल रक्तदान शिविर

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डिजिटल भारत I प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के अवसर पर जबलपुर जिले की पनागर विधानसभा में युवा मोर्चा जिला ग्रामीण अध्यक्ष राजमणि सिंह बघेल एवं जिला ग्रामीण उपाध्यक्ष हर्ष तिवारी के नेतृत्व में पनागर बम्हनोदा रोड पर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर पनागर नगर मंडल, महाराजपुर मंडल, युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने बम्हनोदा रोड पर स्थित सामुदायिक भवन पर सेठ गोविन्ददास हॉस्पिटल (विक्टोरिया अस्पताल) के डॉक्टरों की उपस्थिति में आयोजित किया गया। जहां 101 कार्यकर्ताओं ने रक्तदान कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लंबी आयु की कामना की। रक्तदान शिविर में विधायक सुशील इंदु तिवारी की उपस्थिति में समस्त रक्तदाताओं के स्वास्थ्य की जानकारी लेकर सभी रक्तदाताओं को प्रमाणपत्र सोंपे।  

आज कार्यक्रम में विधायक सुशील इंदु तिवारी, युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष राजमणि सिंह बघेल, उपाध्यक्ष हर्ष तिवारी, अमन तिवारी, पुष्पराज त्रिपाठी, सोहेल खान, मंडल अध्यक्ष अंकुर जैन, महाराजपुर मंडल अध्यक्ष कुणाल पटेल, पवन पटेल, राजा जैन, धनेश पटेल, सतीश पटेल, रोहित साहू, आसीश साहू, सहित सेंकडों कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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चार वर्षों के बाद मूल स्वरूप में, पूरी भव्यता के साथ लौट रहा इंदौर: नरेंद्र मोदी

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डिजिट भारत I इंदौर के इतिहास से पता चलता है कि शहर के संस्थापकों के पूर्वज मालवा के वंशानुगत जमींदार और स्वदेशी भूस्वामी थे। इन जमींदारों के परिवारों ने शानदार जीवन व्यतीत किया। उन्होंने होल्कर के आगमन के बाद भी एक हाथी, निशान, डंका और गाडी सहित रॉयल्टी की अपनी संपत्ति को बनाए रखा। उन्होंने दशहरा (शमी पूजन) की पहली पूजा करने का अधिकार भी बरकरार रखा। मुगल शासन के दौरान, परिवारों को सम्राट औरंगज़ेब, आलमगीर और फ़ारुक्शायार ने अपने जागीर के अधिकारों की पुष्टि करते हुए, सनद दी। मध्य प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्र पर स्थित इंदौर, राज्य के सबसे महत्वपूर्ण वाणिज्यिक केंद्रों में से एक है। इंदौर का समृद्ध कालानुक्रमिक इतिहास गौर करने लायक है। योर के दिनों में भी यह एक महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र था। लेकिन आज कॉर्पोरेट फर्मों और संस्थानों के प्रवेश के साथ, इसने देश के वाणिज्यिक क्षेत्र में एक बड़ा नाम कमाया है। जैसे ही कहानी आगे बढ़ती है, होलकर कबीले के मल्हारो होल्कर ने 1733 में मालवा की विजय में अपनी लूट के हिस्से के रूप में इंदौर को प्राप्त किया। उनके वंशज, जिन्होंने मराठा संघ के मुख्य भाग का गठन किया, पेशवाओं और सिंधियों के साथ संघर्ष में आए और जारी रखा गोर की लड़ाई।
मोदी ने कहा कि बुजुर्गों को उनके लाइफ, स्ट्रगल, अचीवमेंट्स को डॉक्युमेंट करना चाहिए। बुजुर्गों के पास उस जमाने की मेमोरीज होंगी। यूनिवर्सिटियों के माध्यम से हमारे डायस्पोरा की हिस्ट्री पर डॉक्युमेंटेशन के प्रयास किए जाए। कोई भी राष्ट्र, उस पर निष्ठा रखने वाले के दिल में जीवित रहता है। जब कोई भारत का व्यक्ति विदेश जाता है और वहां कोई भारतीय मिल जाता है तो उसे लगता है कि पूरा भारत मिल गया। आप जहां रहते हैं, भारत को अपने साथ रखते हैं। बीते आठ वर्षों में देश ने अपने डायस्पोरा को ताकत देने के लिए हरसंभव प्रयास किए हैं।
पीएम मोदी ने क्या कहा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- चार वर्षों के बाद मूल स्वरूप में, पूरी भव्यता के साथ लौट रहा है। अपनों के आमने-सामने की मुलाकात का, आमने-सामने की बात का अलग ही आनंद होता है। अलग ही महत्व होता है। यहां काफी कुछ है, जो इस यात्रा को अविस्मरणीय बनाएगा। पास ही में महाकाल के महालोक का दिव्य और भव्य विस्तार हुआ है। आशा करता हूं कि आप सब वहां जाकर भगवान महाकाल का आशीर्वाद भी लेंगे। अद्भुत अनुभव का हिस्सा भी बनेंगे। वैसे हम सभी जिस शहर में है, वह भी अपने आपमें अद्भुत है। लोग कहते हैं कि इंदौर एक शहर है। मैं कहता हूं कि इंदौर एक दौर है। यह वह दौर है जो समय से आगे चलता है। फिर भी विरासत को समेटे रहता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दुनिया की व्यवस्था में भारत का महत्व आपकी वजह से बढ़ा है। साथियों, हमारे यहां कहा जाता है कि स्वदेशों भुवनत्रयम। हमारे लिए पूरा संसार ही स्वदेश है। मनुष्य मात्र ही हमारा बंधु-बांधव है। इसी वैचारिक बुनियाद पर हमारे पूर्वजों ने भारत के सांस्कृतिक विस्तार को आकार दिया था। हम दुनिया के अलग-अलग कोनों में गए। हमने सभ्यता के समागम के महत्व को समझा। हमने सदियों पहले वैश्विक व्यापार की असाधारण परंपरा शुरू की थी। हम असीम लगने वाले समंदर के पार गए। व्यावसायिक संबंध कैसे साझी समृद्धि के रास्ते खोल सकते हैं, यह भारत ने और भारतीयों ने करके दिखाया। आज अपने करोड़ों प्रवासी भारतीयों को ग्लोबल मैप पर देखते हैं तो कई तस्वीरें एक साथ उभरती है। उसमें वसुधैव कुटुंबकम के साक्षात दर्शन होते हैं।
आज भारत के पास नॉलेज सेंटर बनने के साथ स्किल कैपिटल बनने का अवसर है। हमारे युवाओं के पास स्किल भी है, वैल्यूज भी है और काम करने के लिए जरूरी जज्बा और इमानदारी भी है। भारत की यह स्किल कैपिटल दुनिया के विकास का इंजिन बन सकती है। भारत में उपस्थित युवाओं के साथ-साथ प्रवासी युवा भी है। नई पीढ़ी के युवा, जो विदेश में जन्मे हैं, वहीं पले-बढ़े हैं, हम उन्हें भी भारत को जानने-समझने के अवसर दे रहे हैं। भारत को लेकर उनका उत्साह बढ़ रहा है। वे माता-पिता के देश को जानना चाहते हैं। जड़ों से जुड़ना चाहते हैं। हमयुवाओं को न केवल देश के बारे में बताए बल्कि भारत दिखाए भी। यह युवा फ्यूचर वर्ल्ड को भारत के बारे में ज्यादा प्रभावी ढंग से बता पाएंगे। जितनी युवाओं में जिज्ञासा बढ़ेगी, भारत में पर्यटन, रिसर्च और गौरव बढ़ेगा। यह युवा भारत के विभिन्न पर्वों के दौरान, प्रसिद्ध मेलों के दौरान आ सकते हैं।

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क्या तीसरी लहर की हो चुकी शुरुआत? ओमिक्रॉन कोरोना संक्रमण मुंबई 70%, दिल्ली में 50% बढ़े

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बढ़ते संक्रमण के बीच मंत्रिपरिषद के साथ पीएम मोदी की बैठक चुनावी राज्यों की स्थिति पर चर्चा संभव

दिल्ली में येलो अलर्ट के बाद शादी और अंतिम संस्कार में शामिल होने वाले लोगों की संख्या को घटा दिया गया है. इसके अलावा ट्रांसपोर्ट को लेकर भी कई पाबंदियां लगाई गई हैं.

कोरोना का नया वेरिएंट ओमिक्रोन…एक बार फिर लोगों की दहशत बढ़ा रहा है. क्योंकि जैसे-जैसे वक्त बीत रहा है, ओमिक्रोन का संक्रमण रफ्तार पकड़ रहा है.

देश में ओमिक्रोन की स्थिति

कोरोना के वेरिएंट ओमिक्रोन (Omicron Variant) ने लोगों की टेंशन बढ़ा दी है. महाराष्ट्र और दिल्ली दो ऐसे राज्य हैं जहां ओमिक्रोन के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं. ओमिक्रोन अब तक देश के 22 राज्यों में फैल चुका है और इसके कुल 655 मामले अब तक सामने आ चुके हैं. महाराष्ट्र में इसके 167 केस सामने आ चुके हैं जबकि दिल्ली में 165 मामले दर्ज हुए हैं.

दूसरे राज्यों की बात करें तो केरल में 57, तेलंगाना में 55, गुजरात में 49 और राजस्थान में 46 मामले सामने आए हैं. इसके अलावा, तमिलनाडु में 34, कर्नाटक में 31, मध्य प्रदेश में 9 और ओडिशा में 8 लोग ओमिक्रोन से संक्रमित हो चुके हैं. पुडुचेरी में भी ओमिक्रोन ने दस्तक दे दी है. वहां 2 लोग संक्रमित पाए गए हैं.

2 दिसंबर को देश में ओमिक्रोन का पहला केस आया था. 18 दिसंबर को 16 दिन में 100 केस हो गए. तीन दिन बाद 21 दिसंबर को 200 केस. फिर 2 दिन बाद 23 दिसंबर को 300 केस हो गए. फिर 2 दिन बाद 25 दिसंबर को 400 केस, अगले 2 दिन बाद 27 दिसंबर को 500 केस और फिर 1 दिन बाद 28 दिसंबर को 600 केस पार हो गए. यानि एक से 100 केस होने में 16 दिन लगे लेकिन 100 से 600 केस पार होने में सिर्फ 10 दिन का वक्त लगा. मतलब साफ है, ओमिक्रोन को हल्के में नहीं लेना चाहिए.

दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच एक बार फिर पाबंदियों का दौर शुरू हो गया है. कोरोना वायरस और ओमिक्रोन पर लगाम लगाने के लिए दिल्ली सरकार ने येलो अलर्ट लागू कर दिया है. इसके तहत शादी और अंतिम संस्कार में शामिल होने वाले व्यक्तियों की संख्या घटा दी गई है. आइए जानते हैं अब दिल्ली में शादी समारोह में कितने लोग शामिल हो सकते हैं.

शादी में इतने लोगों को मिलेगी इजाजत

नई गाइडलाइंस के मुताबिक अब दिल्ली में शादी समारोह में सिर्फ 20 लोग ही शामिल हो सकेंगे. वहीं इसी तरह अंतिम संस्कार में भी 20 ही लोगों को शामिल होने की अनुमित दी जाएगी. वहीं धार्मिक स्थल खुले रहेंगे लेकिन यहां श्रद्धालुओं के आने पर पाबंदी लगाई जाएगी. साथ ही किसी भी सामाजिक, राजनैतिक और धार्मिक गतिविधियों पर भी रोक लगाई गई है.

ट्रांसपोर्ट को लेकर ये हैं नए नियम

वहीं कोविड केस बढ़ने के साथ ही ट्रांसपोर्ट को लेकर भी नए नियम बनाए हैं. नए नियमों के मुताबिक दिल्ली में टैक्सी, ऑटो, रिक्शा और ई-रिक्शा में दो ही लोगों को बैठने की इजाजत मिलेगी. इसके अलावा एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने वाली बसों में पचास फीसदी क्षमता के साथ ही यात्रियों को बैठने की अनुमति मिलेगी. 

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