DIGITAL BHARAT

एक भारत उत्कृष्ट भारत

पाकिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच सीरीज का तीसरा वनडे मैच खेला जा रहा है मैच

0 0
Read Time:2 Minute, 29 Second

सीरीज फिलहाल 1-1 से बराबर है। जीतने वाली टीम के नाम होगी सीरीज

डिजिटल भारत I पाकिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच सीरीज का तीसरा और आखिरी वनडे मैच कराची में खेला जा रहा है। इस मुकाबले का टॉस पाकिस्तान के कप्तान बाबर आजम ने जीता। उन्होंने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया था। पाकिस्तान को पिछले मैच में बाद में बल्लेबाजी करते हुए शिकस्त का सामना करना पड़ा था तीन मैच की ये सीरीज फिलहाल 1-1 की बराबरी पर है। यानी जीतने वाली टीम इस सीरीज को अपने नाम करेगी।

पाकिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच खेली जाने वाली तीन मैचों की वनडे सीरीज का दूसरा मैच आज खेला जा रहा है। इसका आयोजन कराची स्थित स्टेडियम में हो रहा है। मैच में टॉस जीतकर न्यूजीलैंड ने बल्लेबाजी का फैसला किया है। दोनों के बीच खेले गए पहले मैच में पाकिस्तान ने न्यूजीलैंड को छह विकेट से हरा दिया था। पहले वनडे में पाकिस्तान ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया। न्यूजीलैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए पाकिस्तान के सामने 256 रन का लक्ष्य रखा। इसके जवाब में पाकिस्तान ने चार विकेट के नुकसान पर जीत हासिल कर ली।

पाकिस्तान (प्लेइंग इलेवन): फखर ज़मान, इमाम-उल-हक, बाबर आज़म (c), मोहम्मद रिजवान (w), हारिस सोहेल, आगा सलमान, मोहम्मद नवाज़, उस्मा मीर, मोहम्मद वसीम जूनियर, नसीम शाह, हारिस रऊफ़

न्यूजीलैंड (प्लेइंग इलेवन): फिन एलेन, डेवोन कॉनवे, केन विलियमसन (c), डेरिल मिशेल, टॉम लैथम (w), ग्लेन फिलिप्स, माइकल ब्रेसवेल, मिशेल सेंटनर, ईश सोढ़ी, टिम साउथी, लॉकी फर्ग्यूसन

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

भारत दर्शन कराने के लिए भी शुरू की गई स्पेशल ट्रेन

0 0
Read Time:3 Minute, 12 Second

रेलवे यात्रियों को न सिर्फ उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए ट्रेन चला रहा है।

डिजिटल भारत I रेलवे यात्रियों को न सिर्फ उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए ट्रेन चला रहा है बल्कि अब उनके भारत दर्शन कराने के लिए भी स्पेशल ट्रेन चलाना शुरू कर दिया है। इस कड़ी में मध्यप्रदेश के तीर्थ यात्रियों के लिए इंडियन रेलवे केटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन लिमिटेड (आईआरसीटीसी) द्वारा स्वदेश दर्शन विशेष पर्यटक ट्रेन चलाई जा रही है। यह ट्रेन 26 मार्च को रीवा से रवाना होगी, जो जबलपुर, रानीकमलापति और इंदौर होकर देश के सात ज्योतिर्लिंग जाएगी। इसके साथ ही द्वारका, शिर्डी एवं स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की भी यात्रियों को यात्रा कराएगी। यह ट्रेन में द्वारका, सोमनाथ, नासिक, शिर्डी, औरंगाबाद, परली, परभणी, पुणे एवं वड़ोदरा के दर्शनीय स्थलों का भ्रमण कराया जायेगा। इसमें यात्रियों को टिकिट शुल्क में ही यात्रियों को चार लाख रूपये का दुर्घटना बीमा भी शामिल रहेगा।

12 दिन के लिए रद हुई जबलपुर-सिंगरौली इंटरसिटी—

जबलपुर से सिंगरौली जाने वाले नियमित यात्रियों की परेशानी बढ़ गई है। जबलपुर रेल मंडल ने जबलपुर से सिंगरौली के बीच चलने वाली इंटरसिटी को 12 दिनों के लिए रद कर दिया है। इतना ही नहीं कटनी से सिंगरौली जाने वाली कई ट्रेनों को रद किया है, जिसके बाद नियमित यात्रा करने वाले परेशान है। रेलवे ने इसकी वजट पटरियों की मरम्मत का काम शुरू होना बताया है। दरअसल नए साल शुरू होते ही रेलवे ने यात्रियों की सुविधा बढ़ाने की बजाए उन्हें दुविधा में डाल दिया है। इन ट्रेनों के रद होने से यात्री परेशान हैं।

रेलवे के मुताबिक कटनी-सिंगरौली खंड पर दोहरीकरण का काम किया जा रहा है। यहां पर खन्ना बंजारी और मेहरोई स्टेशन पर प्री नॉन इंटरलॉकिंग का काम किया जाना है। इस वजह से गाड़ी संख्या 11651 जबलपुर-सिंगरौली इंटरसिटी एक्सप्रेस, कटनी-बरगवां- कटनी मेमू स्पेशल ट्रेन, भोपाल-सिंगरौली एक्सप्रेस, सिंगरौली-भोपाल को भी रद किया गया है। इन ट्रेनों में यात्रा करने के लिए यात्रियों को अन्य ट्रेनों का सहारा लेना होगा। यह परेशानी 23 जनवरी तक रहेगी।

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

50 हजार रुपए किराया वाले गंगा विलास क्रूज में फाइव स्टार होटल की तरह हैं सुविधाएं

0 0
Read Time:5 Minute, 18 Second

आज यानी 13 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘गंगा विलास क्रूज’ को हरी झंडी दिखाएंगे। यह दुनिया का सबसे लंबा क्रूज है। इसमें हर फाइव स्टार होटल की तरह सारी सुविधाएं हैं।

डिजिटल भारत I प्रधानमंत्री वर्चुअल माध्यम से हरी झंडी दिखाकर वाराणसी के रविदास घाट से रवाना होगी। बिहार, बंगाल के रास्ते बांग्लादेश के रास्ते होते हुए असम के डिब्रूगढ़ पहुंचेगी। पूरी यात्रा कुल 51 दिनों की होगी।
सात नदियों से होकर गुजरेगा क्रूज
क्रूज भारत और बांग्लादेश के 27 रिवर सिस्टम और सात नदियों से होकर गुजरेगा। गंगा, भागीरथी, मेघना, हुगली, जमुना, पदमा और ब्रह्मपुत्र न‌दियों से जाएगा। इसमें 50 पर्यटन स्थल आपस में जुड़ेंगे।

स्वदेशी तकनीक और फर्नीचर से तैयार किया गया है
क्रूज के निदेशक राज सिंह ने बताया, “ये अकेला ऐसा क्रज है जो स्वदेशी तकनीक और फर्नीचर से लैस है। क्रूज को भारत की ही आर्ट हिस्टोरियन डॉ. अन्नपूर्णा गर्रीमाला ने डिजाइन किया है। क्रूज के इंटीरियर को देश की संस्कृति और हेरिटेज को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है।

2020 में तैयार हो गया था क्रूज
क्रूज को कोलकाता के पास एक शिपयार्ड में तैयार किया गया है। ये साल 2020 में ही तैयार हो गया था। कोरोना महामारी की वजह से इसका उद्घाटन नहीं हो पाया था।

स्पा और जिम सहित तमाम सुख-सुविधाओं से लैस है क्रूज
62.5 मीटर लंबे, 12.8 मीटर चौड़े और 1.35 मीटर गहरे इस तीन मंज‌िला जहाज में कुल 18 सूट यानी लग्जरी कमरे हैं। कमरे में कनवर्टिबल बेड, फ्रेंच बालकनी, एयर कंडिशनर, सोफा, एलईडी टीवी, स्मोक अलार्म, अटैच बाथरूम, जिम स्पा, आऊटडोर ऑब्जर्वेशन डेक, निजी बटलर सेवा, संगीत और सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी इंतजाम है

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दुनिया के सबसे लंबे क्रूज गंगा विलास (Ganga Vilas Cruise) को हरी झंडी दिया दी है. वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए पीएम मोदी ने शुक्रवार को वाराणसी के रविदास घाट से गंगा विलास क्रूज को हरी झंडी दिखाकर कर रवाना किया. यह क्रूज 52 दिनों में 3200 किमी की दूरी तय करेगी. यह क्रूज कई आधुनिक सुविधाओं से युक्त है. यह क्रूज स्विटजरलैंड के 31 यात्रियों को लेकर अपनी यात्रा पर नकल चुका है. इस दौरान यह क्रूज 50 जगहों से होकर गुजरेगा, जिसमें पर्यटकों को न सिर्फ गंगा के किनारे दिखेंगे, बल्कि यहां की संस्कृति की झलक भी देखने को मिलेगी.

कितना लगेगा किराया?
गंगा विलास क्रूज में जिम, स्पा सेंटर, लेक्चर हाउस, लाइब्रेरी है. क्रूज की सवारी के लिए आपको हर दिन का किराया 50000 रुपये देना होगा. यानी एक आदमी अगर 51 दिन का सफर करता है तो उसे 25 लाख रुपये देना होगा. इस पांच सितारा क्रूज के सफर के लिए टिकट की बुकिंग अंतरा लग्जरी रिवर क्रूज की वेबसाइट के माध्यम से की जा सकती है. क्रूज का किराया वेरिएबल है. मतलब की अगर आप वाराणसी से पटना जाना चाहते हैं तो उसका अलग किराया होगा. न्यूनतम किराया पर व्यक्ति 25000 रुपये/नाइट यानि 300 डॉलर है.
गंगा विलास लग्जरी क्रूज भारत एवं बांग्लादेश से गुजरने वाली 27 नदियों के रास्ते अपनी मंजिल पर पहुंचेगा. इस लंबे सफर में एमवी गंगा विलास क्रूज पटना, साहिबगंज, कोलकाता, ढाका और गुवाहाटी जैसे 50 पर्यटक स्थलों से होकर गुजरेगा. यह क्रूज राष्ट्रीय उद्यानों एवं अभयारण्यों से भी गुज़रेगा, जिनमें सुंदरबन डेल्टा और काजीरंगा नेशनल पार्क शामिल हैं. यह क्रूज यूपी, बिहार, पश्चिम बंगाल, बांग्लादेश और असम के कुल 27 रिवर सिस्टम से गुजरेगा.

Happy
Happy
100 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

मलेशिया ओपन 2023 के पहले ही राउंड में पीवी सिंधु का हुआ हार से सामना,

0 0
Read Time:5 Minute, 40 Second

स्टार भारतीय शटलर पीवी सिंधु स्पेन की कैरोलिना मारिन से हारकर मलेशिया ओपन 2023 से बाहर हो गई हैं।

डिजिटल भारत l दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधु 2023 में जीत की शुरूआत नहीं कर सकीं, क्योंकि बुधवार को उन्हें यहां मलेशिया ओपन सुपर 1000 बैडमिंटन टूर्नामेंट के शुरूआती दौर में रियो 2016 की चैंपियन स्पेन की कैरोलिना मारिन से हार का सामना करना पड़ा। चोट के कारण पांच महीने तक बाहर रहने के बाद वापसी करने वाली सिंधु कॉमनवैल्थ खेलों 2022 में स्वर्ण पदक जीतने के बाद से अपने पहले मैच में 12-21, 21-10, 15-21 से हार गईं।

2021 में स्विस ओपन के फाइनल में मारिन द्वारा सिंधु को हराने के बाद से रियो 2016 के फाइनलिस्ट के बीच यह पहला मैच था। दूसरी ओर, एचएस प्रणय और विश्व चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता पुरुष जोड़ी चिराग शेट्टी और सात्विकसाईराज रैंकीरेड्डी ने अंतिम-16 में प्रवेश किया।

पुरुष एकल में प्रणय ने पहले दौर में राष्ट्रमंडल खेलों के चैंपियन लक्ष्य सेन को तीन गेमों में 22-24, 21-12, 21-18 से हराया। पुरुष युगल जोड़ी सात्विक और चिराग ने दुनिया के नौंवें नंबर की कोरियाई जोड़ी चोई सोल ग्यू और किम वोन हो को 21-16, 21-13 से हराया।

भारत के टॉप बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु और लक्ष्य सेन की नए साल की शुरुआत अच्छी नहीं रही. दोनों ही मलेशिया ओपन सुपर 1000 टूर्नामेंट के पहले ही राउंड में बाहर हो गए. दो बार की ओलिंपिक मेडलिस्ट सिंधु को पूर्व ओलिंपिक चैंपियन कैरोलिना मारिन ने हराया. वहीं लक्ष्य सेन को एचएस प्रणॉय ने मात दी. हालांकि सात्विक साईंराज रंकी रेड्डी और चिराग शेट्टी की जोड़ी ने जीत से शुरुआत की है. टूर्नामेंट के पहले दिन सायना नेहवाल भी पहले ही दौर से बाहर हो गई थीं

सिंधु पांच महीने बाद वापसी कर रही थीं. पिछले साल हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में उन्हें चोट लगी थी जिसके कारण वो कोर्ट से दूर हो गई थीं. सिंधु को मारिन के 59 मिनट तक चले मुकाबले में 12-21,21-10,15-21 से हार मिली. दोनों खिलाड़ी 15वीं बार आमने-सामने थीं. मारिन ने इन 15 में से 10 मैच अपने नाम किए हैं. सात्विक साईंराज और चिराग शेट्टी का सामना कोरियाई जोड़ी से था. भारतीय जोड़ी यहां से शुरू से ही काफी हावी दिखाई दी. उन्होंने ये मैच 16-21, 13-21 से अपने नाम किया और अगले राउंड में जगह बनाई.

प्रणॉय ने लक्ष्य सेन को दी मात
फॉर्म में चल रहे एच एस प्रणॉय ने अपना शानदार फॉर्म बरकरार रखते हुए रोमांचक मुकाबले में हमवतन लक्ष्य सेन को हरा दिया. पिछले साल विश्व रैकिंग में आठवें स्थान पर पहुंचे प्रणॉय ने एक गेम से पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए 10वीं रैंकिंग वाले सेन को 22-24, 21-12, 21-18 से हराया. प्रणॉय और सेन की टक्कर पिछले साल पांच बार हुई जिसमें सेन 3-2 से आगे थे. इस मैच में दोनों ने तेज शुरुआत की और प्रणॉय ने दो अंक की बढत के साथ आगाज किया. सेन ने हालांकि जल्दी ही वापसी करके स्कोर 13-13 कर लिया. कुछ विवादित लाइन कॉल के बाद स्कोर 19-19 था. सेन ने एक अंक बनाया लेकिन तुरंत गंवा भी दिया. प्रणॉय भी बढ़त कायम नहीं रख सके और पहला गेम गंवा दिया

प्रणॉय ने तीसरे गेम में जाकर जीत मैच
दूसरे गेम में प्रणॉय 4-1 से आगे थे जब सेन ने कई सहज गलतियां की. उसने आक्रामकता दिखाई लेकिन प्रणॉय उससे काफी आगे थे. प्रणॉय ने नौ अंकों की बढ़त के साथ यह गेम जीत लिया. निर्णायक गेम में सेन ने 8-4 की बढ़त बनाई लेकिन प्रणॉय ने जल्दी ही 9-9 से वापसी की. इसके बाद से उन्होंने सेन को लौटने का मौका नहीं दिया. केरल के 30 वर्ष के प्रणॉय का सामना अब इंडोनेशिया के चिको ओरा द्वि वोर्डोयो या डेनमार्क के हैंस क्रिस्टियन सोलबर्ग विटिंगुस से होगा.

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

गौरीघाट- तिलवाराघाट का फिर होगा सौंदर्यीकरण, लाल पत्थर लगेंगे, रंग-रोगन भी होगा

0 0
Read Time:3 Minute, 27 Second

डिजिटल भारत l 14 जनवरी को मकर संक्रांति और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नगर आगमन के अवसर पर नगर निगम तैयारी पूरी करने में जुट गया है।

नर्मदा तट गौरीघाट (ग्वारीघाट) और तिलवारा घाट का एक बार फिर सौंदर्यीकरण कराया जाएगा। नर्मदा घाटों में टूटे व उखड़ चुके लाल पत्थरों को फिर से लगाया जाएगा वहीं प्लास्टर वर्क पेंट से घाटों में आकर्षक पेटिंग भी कराई जाएगी। विदित हो कि 14 जनवरी को मकर संक्रांति पर नर्मदा तटों में बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्नान,ध्यान करने पहुंचते हैं।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी 25 और 26 जनवरी को नगर प्रवास के दौरान 26 जनवरी को गौरीघाट में होने वाली महाआरती में शामिल होंगे। साथ ही तिलवारा घाट में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी शामिल होंगे। इस लिहाजा नगर निगम ने नर्मदा पहुंच मार्ग सहित नर्मदा तटों का सौंदर्यीकरण कराने में जुट गया है।

इसी कड़ी में निगमायुक्त आशीष वशिष्ठ ने गौरीघाट और तिलवाराघाट का निरीक्षण किया गया और घाटों में लाल पत्थर लगाने के साथ-साथ प्लास्टर वर्किंग, वाल पेंटिंग, फुटपाथ और क्रांक्रीट आदि का कार्य तेज गति से प्रारंभ कराने अधिकारियों को निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि गौरीघाट की तरह तिलवाराघाट को भी बहुत सुंदर और सुव्यवस्थित तरीके से बनाएं। जिससे कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो। उन्होंने यह भी अवगत कराया कि 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के पूर्व एवं गणतंत्र दिवस के दिन यहां सांस्कृतिक एवं धार्मिक आयोजन प्रस्तावित है।

इस अवसर पर सिविल कार्य के लिए अधीक्षण यंत्री अजय शर्मा, साफ सफाई एवं वाल पेंटिंग के लिए स्वास्थ्य अधिकारी भूपेंद्र सिंह, प्रकाश व्यवस्था के लिए संदीप जायसवाल, संभागीय अधिकारी केके रावत, उपयंत्री आशीष पाटकर आदि निर्देशित किया गया है।

तीन करोड़ खर्च कर बदली थी तिलवारा की तस्वीर, उखड़ गए लाल पत्थर

नगर निगम ने वर्ष 2014 में तीन करोड़ रुपये खर्च कर तिलवारा घाट की तस्वीर बदल दी थी।

नवनिर्माण के तहत घाटों में राजस्थानी धौलपुरी लाल पत्थर लगाए गए थे। लेकिन देखरेख के अभाव में नर्मदा तट बदहाली का शिकार हो गए। जगह-जगह से कीमती लाल पत्थर या तो टूट गए या उखड़ गए। यही पत्थर गौरीघाट में भी लगाए गए थे।

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

सामूहिक सूर्य नमस्कार, मुख्य समारोह में शामिल होंगे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह

0 0
Read Time:4 Minute, 38 Second

चार हजार स्कूली छात्र-छात्राएं भी होगी शामिल।

डिजिटल भारत l स्वामी विवेकानंद के जन्मदिवस 12 जनवरी को युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है।इस दिन देशभर में सामूहिक सूर्य नमस्कार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते है। इंदौर में भी सामूहिक सूर्य नमस्कार के कार्यक्रम आयोजित होंगे। इंदौर में सूर्य नमस्कार के कार्यक्रम में चार हजार से ज्याद विद्यार्थी शामिल होंगे।इसके अलावा विभिन्न संस्थानों और संंगठनों में सूर्य नमस्कार के आयोजन होंगे।सामूहिक सूर्य नमस्कार के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराह सिंह चौहान भी शामिल होंगे।

विभिन्न संगठनों और संस्थानों में भी सामूहिक सूर्य नमस्कार के कार्यक्रम करने की तैयारी शुरु कर दी है। प्रशासन ने सामूहिक सूर्य नमस्कार की तैयारी शुरु कर दी है। इस बार ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट के कारण मुख्यमंत्री शिवराह सिंह चौहान शहर में है। वह इंदौर में आरपीटीसी मैदान में होने वाले सामूहिक सूर्य नमस्कार कार्यक्रम में शामिल होंगे।

स्वामी विवेकानंद की जयंती के अवसर पर 12 जनवरी गुरुवार को सामूहिक सूर्यनमस्कार होगा। नर्मदापुरम जिले की सभी स्कूल, कॉलेज, पंचायत और आश्रम-शालाओं में सुबह 9 बजे से 10.30 बजे तक सामूहिक सूर्य नमस्कार कार्यक्रम होगा। राष्ट्र-गीत, मध्यप्रदेश गान का सामूहिक गायन कार्यक्रम में होगा। इसके बाद सूर्य नमस्कार एवं प्राणायाम होगा।रेडियो से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के रिकार्डेड संदेश का प्रसारण किया जाएगा।

सामूहिक सूर्य नमस्कार कार्यक्रम में किसी भी संस्था, छात्र एवं छात्रा का भाग लेना पूर्णत: स्वैच्छिक होगा। सूर्य नमस्कार में कक्षा 6वीं से 12वीं तक के एवं कॉलेज विद्यार्थी शामिल हो सकेंगे। प्राथमिक शाला में कक्षा एक से पांच तक के बच्चें सूर्य नमस्कार में दर्शक के रूप में शामिल होंगे।

सामूहिक सूर्य नमस्कार कार्य-योजना के तहत अशासकीय शिक्षण संस्थाओं, पालक शिक्षक संघ, विभिन्न योग संस्थाओं, स्थानीय खेल क्लब, सेवानिवृत्त सैनिक, मॉर्निंग क्लब, व्यायामशाला, हेल्थ क्लब, पंचायत, सहकारी संस्थाओं, राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर विभिन्न क्षेत्रों में पुरस्कृत प्रतिभाओं, कार्यक्रम में मंत्री, सांसद, जिला एवं जनपद पंचायत, अध्यक्ष एवं सदस्य नगर पालिका एवं नगर पंचायत और अन्य जनप्रतिनिधियों से शामिल होंगे।

यहां भी होंगे आयोजन l
जिला पंचायत इंदौर की सीइओं वंदना शर्मा ने बताया कि सूर्य नमस्कार के कार्यक्रम में स्कूलों में आयोजित किए जाएंगे। इसके अलवा सहज योग केन्द्र, अरोग्य भारती, प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय, योग एसोसिएशन, योग संघ, स्काउट गाइड, भारत स्वाभिमान ट्रस्ट, पंतजलि योग समिति, आर्ट ऑफ लिविंग संस्था, अशासकीय शिक्षण संस्थाओं, संबंधित विभागों, संगठनों, पालक शिक्षक संघ, विभिन्न योग संस्थाएं आदि स्थानों पर भी आयोजित होंगे।

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

रानीताल चौक पर बो स्टिंग ब्रिज निर्माण की वजह से हो रही राहगीरों को परेशानी

0 0
Read Time:2 Minute, 32 Second

रानीताल चौक पर बो स्टिंग ब्रिज निर्माण की वजह से राहगीरों को परेशानी हो रही है।

डिजिटल भारत l रानीताल चौक पर बो स्टिंग ब्रिज निर्माण की वजह से राहगीरों को परेशानी हो रही है। सड़क पर स्टील ब्रिड के बड़े-बड़े गर्डर लाकर रख दिए गए हैं जिस वजह से सड़क बंद हो गई है। आगाचौक से आने वाले लोगों को लिए पहले से ही यह मार्ग दिक्कत भरा था ऐसे में गार्टर की वजह से उन्हें घूमकर जाना पड़ रहा है। सड़क पर इस वजह से लंबा जाम लग रहा है। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि दो-तीन दिन में गर्डर को ऊपर शिफ्ट कर दिया जाएगा।

ज्ञात हो कि रानीताल पर फ्लाईओवर को जोड़ने के लिए बो स्टिंग ब्रिज बनाया जा रहा है। ब्रिज का अाधे से ज्यादा काम हो चुका है। यह ब्रिज पूरी तरह से स्टील से बना हुआ है।

दमोहनाका से मदन महल के बीच रानीताल पर बो-स्टिंग ब्रिज निर्माण आधा हो चुका है। करीब एक माह में यह ब्रिज पूरा बनकर तैयार हेा जाएगा। सात किलोमीटर लंबे इस फ्लाईओवर में दो बो-स्टिंग ब्रिज बनना है। पहला रानीताल में तथा दूसरा बल्देवबाग में ब्रिज बनाया जाएगा। ये दोनों ही ब्रिज पूरी तरह से स्टील बन रहे हैं। रानीताल में बन रही बो-स्टिंग ब्रिज का आधा काम हो चुका है। यह ब्रिज 70 टन वजन को झेलने की क्षमता रखेगा।

इंजीनियरों का दावा है कि जबलपुर में आने वाले सामान्य भूकंप के झटकों को फ्लाईओवर पूरी तरह से झेलने की ताकत रखता है। इससे किसी तरह का ब्रिज का नुकसान नहीं होगा। रानीताल चौक पर 70- 70 मीटर लंबे दो बो स्टिंग ब्रिज बनाए जाने हैं। इसके अलावा बल्देवाग में एक 70 मीटर लंबा बो-स्टिंग ब्रिज बनाया जाएगा।

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

जाने क्या है Joint entrance examination, कब भरा जा सकता है आवेदन फॉर्म

0 0
Read Time:2 Minute, 37 Second

डिजिटल भारत I अगर आप भी Engineer बनने का सपना देखते हैं तो यह जरुरी हैं कि आपको सही समय पर सही जानकारी मिले | आज की इस पोस्ट “जेईई मेन (JEE Main) क्या होता हैं पूरी जानकारी” के माध्यम से हमारा प्रयास रहेगा कि हम आपको आपके सपने को पूरा करने में मदद करें | हम यहाँ पर संयुक्त प्रवेश परीक्षा (Joint entrance examination) यानि JEE के बारे में बात करेंगे | तो ध्यान से पढ़ें इस पोस्ट को | हमें उम्मीद हैं कि आपको यह जानकारी जरूर पसंद आएगी |
अगर आप भी engineer बनना चाहते हैं तो आप इतना तो जानते ही होंगे कि इंजीनियर बनने के लिए BE (Bachelor of engineering) या फिर B.Tec (Bachelor of technology) करना होता हैं, पर क्या आप जानते हैं BE & B.Tec करने के लिए इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा (engineering entrance exam) देना होती हैं, तभी आपको किसी engineering college में admission मिलता हैं | आज का हमारा जो subject हैं JEE वह एक National level की entrance exam ही हैं |
जेईई मेन्स यानी ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन 2023 के लिए रजिस्ट्रेशन करने का अभी भी मौका है.
जिन छात्रों ने अब तक जेईई मेन्स सत्र 1 परीक्षा के लिए आवेदन फॉर्म नहीं भरा है, वे जेईई की आधिकारिक वेबसाइट jeemain.nta.nic.in पर जाएं और निर्देशानुसार आवेदन फॉर्म भर दें. दरअसल नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) 12 जनवरी को जेईई मेन्स 2023 सत्र 1 के लिए रजिस्ट्रेशन विंडो को बंद कर देगा. बता दें कि इस साल भी जेईई मेन्स दो सत्र में आयोजित किया जा रहा है. पहले सत्र की परीक्षा जनवरी में होनी है. जेईई मेन 2023 जनवरी सत्र की परीक्षा 24, 25, 27, 28, 29, 30 और 31 जनवरी 2023 को आयोजित होने वाली है.

JEE Mains करने से कहाँ admission मिलेगा ?
अगर आपने इस exam में काफी अच्छा score किया हैं तो आपको NIT, IIIT जैसे प्रतिष्ठित college में admission मिल सकता हैं| इसके आलावा कम score होने पर आपको दूसरे अच्छे engineering college में प्रवेश मिल जाएगा | मतलब साफ़ हैं आपका score जितना अच्छा होगा आपको उतना ही अच्छा college मिलेगा |

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

चार वर्षों के बाद मूल स्वरूप में, पूरी भव्यता के साथ लौट रहा इंदौर: नरेंद्र मोदी

0 0
Read Time:6 Minute, 37 Second

डिजिट भारत I इंदौर के इतिहास से पता चलता है कि शहर के संस्थापकों के पूर्वज मालवा के वंशानुगत जमींदार और स्वदेशी भूस्वामी थे। इन जमींदारों के परिवारों ने शानदार जीवन व्यतीत किया। उन्होंने होल्कर के आगमन के बाद भी एक हाथी, निशान, डंका और गाडी सहित रॉयल्टी की अपनी संपत्ति को बनाए रखा। उन्होंने दशहरा (शमी पूजन) की पहली पूजा करने का अधिकार भी बरकरार रखा। मुगल शासन के दौरान, परिवारों को सम्राट औरंगज़ेब, आलमगीर और फ़ारुक्शायार ने अपने जागीर के अधिकारों की पुष्टि करते हुए, सनद दी। मध्य प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्र पर स्थित इंदौर, राज्य के सबसे महत्वपूर्ण वाणिज्यिक केंद्रों में से एक है। इंदौर का समृद्ध कालानुक्रमिक इतिहास गौर करने लायक है। योर के दिनों में भी यह एक महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र था। लेकिन आज कॉर्पोरेट फर्मों और संस्थानों के प्रवेश के साथ, इसने देश के वाणिज्यिक क्षेत्र में एक बड़ा नाम कमाया है। जैसे ही कहानी आगे बढ़ती है, होलकर कबीले के मल्हारो होल्कर ने 1733 में मालवा की विजय में अपनी लूट के हिस्से के रूप में इंदौर को प्राप्त किया। उनके वंशज, जिन्होंने मराठा संघ के मुख्य भाग का गठन किया, पेशवाओं और सिंधियों के साथ संघर्ष में आए और जारी रखा गोर की लड़ाई।
मोदी ने कहा कि बुजुर्गों को उनके लाइफ, स्ट्रगल, अचीवमेंट्स को डॉक्युमेंट करना चाहिए। बुजुर्गों के पास उस जमाने की मेमोरीज होंगी। यूनिवर्सिटियों के माध्यम से हमारे डायस्पोरा की हिस्ट्री पर डॉक्युमेंटेशन के प्रयास किए जाए। कोई भी राष्ट्र, उस पर निष्ठा रखने वाले के दिल में जीवित रहता है। जब कोई भारत का व्यक्ति विदेश जाता है और वहां कोई भारतीय मिल जाता है तो उसे लगता है कि पूरा भारत मिल गया। आप जहां रहते हैं, भारत को अपने साथ रखते हैं। बीते आठ वर्षों में देश ने अपने डायस्पोरा को ताकत देने के लिए हरसंभव प्रयास किए हैं।
पीएम मोदी ने क्या कहा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- चार वर्षों के बाद मूल स्वरूप में, पूरी भव्यता के साथ लौट रहा है। अपनों के आमने-सामने की मुलाकात का, आमने-सामने की बात का अलग ही आनंद होता है। अलग ही महत्व होता है। यहां काफी कुछ है, जो इस यात्रा को अविस्मरणीय बनाएगा। पास ही में महाकाल के महालोक का दिव्य और भव्य विस्तार हुआ है। आशा करता हूं कि आप सब वहां जाकर भगवान महाकाल का आशीर्वाद भी लेंगे। अद्भुत अनुभव का हिस्सा भी बनेंगे। वैसे हम सभी जिस शहर में है, वह भी अपने आपमें अद्भुत है। लोग कहते हैं कि इंदौर एक शहर है। मैं कहता हूं कि इंदौर एक दौर है। यह वह दौर है जो समय से आगे चलता है। फिर भी विरासत को समेटे रहता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दुनिया की व्यवस्था में भारत का महत्व आपकी वजह से बढ़ा है। साथियों, हमारे यहां कहा जाता है कि स्वदेशों भुवनत्रयम। हमारे लिए पूरा संसार ही स्वदेश है। मनुष्य मात्र ही हमारा बंधु-बांधव है। इसी वैचारिक बुनियाद पर हमारे पूर्वजों ने भारत के सांस्कृतिक विस्तार को आकार दिया था। हम दुनिया के अलग-अलग कोनों में गए। हमने सभ्यता के समागम के महत्व को समझा। हमने सदियों पहले वैश्विक व्यापार की असाधारण परंपरा शुरू की थी। हम असीम लगने वाले समंदर के पार गए। व्यावसायिक संबंध कैसे साझी समृद्धि के रास्ते खोल सकते हैं, यह भारत ने और भारतीयों ने करके दिखाया। आज अपने करोड़ों प्रवासी भारतीयों को ग्लोबल मैप पर देखते हैं तो कई तस्वीरें एक साथ उभरती है। उसमें वसुधैव कुटुंबकम के साक्षात दर्शन होते हैं।
आज भारत के पास नॉलेज सेंटर बनने के साथ स्किल कैपिटल बनने का अवसर है। हमारे युवाओं के पास स्किल भी है, वैल्यूज भी है और काम करने के लिए जरूरी जज्बा और इमानदारी भी है। भारत की यह स्किल कैपिटल दुनिया के विकास का इंजिन बन सकती है। भारत में उपस्थित युवाओं के साथ-साथ प्रवासी युवा भी है। नई पीढ़ी के युवा, जो विदेश में जन्मे हैं, वहीं पले-बढ़े हैं, हम उन्हें भी भारत को जानने-समझने के अवसर दे रहे हैं। भारत को लेकर उनका उत्साह बढ़ रहा है। वे माता-पिता के देश को जानना चाहते हैं। जड़ों से जुड़ना चाहते हैं। हमयुवाओं को न केवल देश के बारे में बताए बल्कि भारत दिखाए भी। यह युवा फ्यूचर वर्ल्ड को भारत के बारे में ज्यादा प्रभावी ढंग से बता पाएंगे। जितनी युवाओं में जिज्ञासा बढ़ेगी, भारत में पर्यटन, रिसर्च और गौरव बढ़ेगा। यह युवा भारत के विभिन्न पर्वों के दौरान, प्रसिद्ध मेलों के दौरान आ सकते हैं।

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

प्रवासी भारतीय दिवस आज, जाने इसके पीछे का इतिहास

0 0
Read Time:5 Minute, 17 Second

डिजिटल भारत I प्रवासी भारतीय दिवस भारत सरकार द्वारा प्रतिवर्ष 9 जनवरी को मनाया जाता है। इसी दिन महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से स्वदेश वापस आये थे। इस दिवस को मनाने की शुरुवात सन २००३ से हुई थी। प्रवासी भारतीय दिवस मनाने की संकल्पना स्वर्गीय लक्ष्मीमल सिंघवी के दिमाग की उपज थी।

पहला प्रवासी भारतीय दिवस ८-९ जनवरी २००३ को नयी दिल्ली में आयोजित हुआ”
हालांकि प्रवासी भारतीय दिवस मनाने की घोषणा भारत की राजधानी नई दिल्ली के विज्ञान भवन में 8 जनवरी 2002 को की गई थी जिसके बाद साल 2003 में अटल बिहारी वाजपेई जी के नेतृत्व में इसे मनाने की शुरुआत हुई।

9 जनवरी 2003 को पहला भारतीय प्रवासी दिवस मनाया गया। इस मौके पर प्रवासी भारतीय सम्मेलन के आयोजन की शुरुआत हुई जिसमें दुनिया के कोने कोने से प्रवासी भारतीयों ने हिस्सा लिया।

साल २०१९ में यह सम्मलेन वाराणसी में आयोजित किया गया था इस सम्मेलन में कई बड़े-बड़े उद्योगपति और कई राज्यों के मुख्यमंत्री भी बुलाए जाते हैं। इस अवसर पर प्रायः तीन दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। इसमें अपने क्षेत्र में विशेष उपलब्धि प्राप्त करने वाले भारतवंशियों का सम्मान किया जाता है तथा उन्हे प्रवासी भारतीय सम्मान प्रदान किया जाता है। यह आयोजन भारतवंशियों से सम्बन्धित विषयों और उनकी समस्यायों के चर्चा का मंच भी है।
मालवा की धरती पर प्रवासी भारतीयों के बीच देश की तरक्की पर मंथन का आज दूसरा दिन है। इंदौर में तीन दिनों तक चलने वाले प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का रविवार को आगाज हुआ था और इस खास दिन को सेलिब्रेट करने के लिए आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इंदौर पहुंचेंगे।
देश के विकास में भारतवंशियों के योगदान पर गौरवान्वित होने के लिए हर साल 9 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस मनाया जाता है। इस बार 17वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का आयोजन 9 जनवरी को मध्य प्रदेश के इंदौर में हो रहा है। मालवा की धरती पर प्रवासी भारतीयों के बीच देश की तरक्की पर मंथन का आज दूसरा दिन है। इंदौर में तीन दिनों तक चलने वाले प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का रविवार को आगाज हुआ था और इस खास दिन को सेलिब्रेट करने के लिए आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इंदौर पहुंचेंगे।
जानिए, 9 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है प्रवासी भारतीय दिवस

बता दें कि इस खास दिन का कनेक्शन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से रहा है। 9 जनवरी, 1915 को महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से स्वदेश वापस आए थे इसलिए 9 जनवरी की तारीख को प्रवासी भारतीय दिवस मनाने के लिए चुना गया। पहली बार प्रवासी भारतीय दिवस मनाने का फैसला एलएम सिंघवी की अध्यक्षता में भारत सरकार द्वारा स्थापित भारतीय डायस्पोरा पर उच्चस्तरीय समिति की सिफारिशों के अनुसार लिया गया था। 8 जनवरी 2002 को भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 9 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस को व्यापक स्तर पर मनाने की घोषणा की।
दुनिया भर में फैला है प्रवासी भारतीयों का नेटवर्क
प्रवासी भारतीयों का नेटवर्क दुनिया भर में फैला है। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनियाभर में सबसे ज्यादा प्रवासी भारतीयों की संख्या है। 2019 में दुनियाभर में इनकी संख्या 1.8 करोड़ थी। प्रवासियों की संख्या में दूसरे पायदान पर मैक्सिको और तीसरे नम्बर पर चीन है। प्रवासी भारतीय दिवस के माध्यम से दुनिया भर में फैले प्रवासी भारतीयों का बड़ा नेटवर्क बनाने में भी मदद मिली है, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था को भी एक गति मिली है।

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %