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विदेश में पढ़ने का है सपना तो केंद्र सरकार इसे करेगी पूरा, जानें क्या है प्रोसेस : Study Abroad

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डिजिटल भारत l विदेश में पढ़ाई करने वाले उन छात्रों के लिए सुनहरा मौका है, जिन्हें अपने इस सपने को पूरा करने के लिए पैसों की सख्त जरूरत है। दरअसल, केंद्र सरकार की एक ऐसी योजना है, जिस पर अमल कर आप अपना सपना हकीकत में तब्दील कर सकते हैं। जी हां, केंद्र सरकार की सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय विदेश में पढ़ने के लिए छात्रों को स्कॉलरशिप देता है। सबसे जरूरी बात इस स्कॉलरशिप के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू होने वाले हैं।

कल से शुरू होगा रजिस्ट्रेशन

सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार, नेशनल ओवरसीज स्कॉलरशिप (NOS) स्कीम के लिए रजिस्ट्रेशन 15 फरवरी, 2023 से शुरू हो रहा है। NOS एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है जिसका उद्देश्य अनुसूचित जातियों, विमुक्त घुमंतू और अर्ध-घुमंतू जनजातियों, भूमिहीन कृषि मजदूरों और पारंपरिक कारीगर श्रेणियों से संबंधित कम आय वाले छात्रों को विदेशों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने की सुविधा प्रदान करना है। इसके तहत इच्छुक और योग्य उम्मीदवार 31 मार्च तक मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन फॉर्म भर सकते हैं।

क्या है प्रोसेस ?

आधिकारिक नोटिफिकेशन के मुताबिक, “NOS पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन जमा करने के लिए 15-02-2023 से 31-03-2023 (मध्यरात्रि) तक इच्छुक उम्मीदवारों के पास यह रजिस्ट्रेशन कराने का मौका है। सभी इच्छुक उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे आवेदन जमा करने से पहले एनओएस (SC) 2023-24 की स्कीम गाइडलाइन को देखें जो कि पोर्टल पर उपलब्ध है।

किन्हें मिलेगा फायदा ?

NOS केंद्र सरकार की खास स्कीम है, जिसका उद्देश्य अनुसूचित जातियों (SC), विमुक्त घुमंतू और अर्ध-घुमंतू जनजातियों (Denotified Nomadic and Semi-Nomadic Tribes), भूमिहीन कृषि मजदूरों और पारंपरिक कारीगर श्रेणियों (Landless Agricultural Labourers and Traditional Artisans category) से संबंधित कम आय वाले छात्रों को विदेशों में हायर एजुकेशन प्राप्त करने की सुविधा प्रदान करना है।

कौन-कौन से कोर्स के लिए है ये योजना ?

ये स्कीम चुने गए उम्मीदवारों को विदेश में सरकार या अधिकृत निकाय द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थानों यूनिवर्सिटी में मास्टर स्तर के कोर्स और पीएचडी कोर्स करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है। हर साल, 125 योग्य उम्मीदवारों को ये स्कॉलरशिप प्रदान की जाती है। योग्य उम्मीदवार 31 मार्च तक nosmsje.gov.in पर फॉर्म जमा कर सकते हैं।

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कोरोना की दूसरी लहर थमने के बाद टीका लगवाने में आई थी कमी अब तक जबलपुर जिले में लगभग पांच लाख से भी कम लोगों को लगा तीसरा डोज

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डिजिटल भारत l कोरोना वायरस की एक बार फिर आहट मिलते ही जिले में सतर्कता बरते जाने की कवायद शुरू हो गई है। हालांकि, जिले में अब तक पांच लाख से भी कम लोगों को सतर्कता डोज या तीसरा डोज दिया जा सका है। पूर्व अनुभव को ध्यान में रखते हुए नागरिकों में अब एक बार फिर से कोरोना महामारी से बचने की चिंता नजर आ रही है। लोगों ने अस्पतालों में सतर्कता डोज (बूस्टर डोज) या तीसरा डोज लगाने के लिए चक्कर लगाने शुरू कर दिए हैं।

वहीं मास्क का चलन करीब तीन माह से लगभग खत्म सा ही हो गया है। स्वास्थ्य विभाग के पास कोरोना टीका के नाम पर कोवैक्सीन के 3700 डोज शेष बचे हैं। कोबैक्स व कोविशील्ड का स्टाक खत्म हो चुका है। विभाग ने राज्य सरकार के माध्यम से केंद्र सरकार से इन दोनों वैक्सीन के 10 हजार डोज की मांग की है। हैरानी की बात यह है कि कोरोना की तीन लहर बीत जाने के बावजूद जिले में अब तक पांच लाख लोगों को भी वैक्सीन का तीसरा डोज नहीं लग पाया है।

केंद्र सरकार द्वारा नागरिकों के लिए कोरोना टीका निश्शुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है। कोरोना की दूसरी लहर थमने के बाद टीका लगवाने में लोगों की रुचि कम हो गई थी। यही हालात तीसरी लहर थमने के बाद बने। जबकि स्वास्थ्य विभाग द्वारा कई माह तक 100 से ज्यादा केंद्रों में निश्शुल्क टीकाकरण केंद्र बनाए गए थे।

जिला टीकाकरण अधिकारी डा. एसएस दाहिया ने बताया कि कोरोना के नए वैरिएंट की आशंका के चलते नागरिक टीके की सतर्कता डोज लगवाने के लिए संपर्क करने लगे हैं। इससे पूर्व तमाम हितग्राहियों को फोन पर सतर्कता डोज लगवाने की सूचना दी गई थी परंतु वे लापरवाह रवैया अपनाए रहे।

चिकित्सक बोले, घबराएं नहीं सतर्कता जरूरी-

क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवाएं व प्रभारी सीएमएचओ कहा कि फिलहाल कोरोना संक्रमण से भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है। परंतु नागरिकों को मास्क व शारीरिक दूरी के निर्देशों का पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पतालोंं में निर्देश जारी कर दिए गए हैं कि मास्क व शारीरिक दूरी के निर्देशों का पालन किया जाए।

इसी तरह समय-समय पर साबुन पानी से हाथ धोने की आदत भी लोगों को नहीं भूलनी चाहिए।

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