जबलपुर । रीवा निवासी वफत मोहम्मद की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया था कि उसका विवाह अप्रैल 1995 में हुआ था। उसकी पत्नी की मौत संदिग्ध परिस्थिति में मार्च 1996 में जलने के कारण हो गई थी। घटना के समय वह पिता के साथ खेत में काम कर रहा था। पुलिस ने उसके खिलाफ न्यायालय में प्रकरण प्रस्तुत किया था। न्यायालय ने साल दिसम्बर 1998 में धारा 304 बी के तहत सात साल तथा धारा 498 ए के तहत एक साल की सजा से दंडित किया था। इसके खिलाफ उक्त अपील दायर की गई थी।
याचिका की सुनवाई के दौरान एकलपीठ ने पाया कि दहेज प्रताड़ना के कारण उसकी पत्नी अपने मायके चली गई थी। दोनों परिवार में सुलह होने के कारण घटना के 15 दिन पूर्व वापस लौटी थी। याचिकाकर्ता की तरफ से तर्क दिया गया कि चूल्हे में खाना बनाते समय हुई दुर्घटना में उसकी पत्नी की मौत हुई थी। एकलपीठ ने अपने आदेश बताया कि पुलिस को घटनास्थल में चूल्हा नहीं मिला था। एकलपीठ ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए अपने आदेश में कहा कि दहेज प्रताड़ना के कारण आत्महत्या भी दहेज हत्या के दायरे में आता है। उक्त आदेश के साथ एकलपीठ ने याचिका को खारिज कर दिया।