क्रिसमस जीसस क्रिस्ट के जन्म की खुशी में मनाया जाता है। जीसस क्रिस्ट को भगवान का बेटा कहा जाता है। क्रिसमस का नाम भी क्रिस्ट से पड़ा। बाइबल में जीसस की कोई बर्थ डेट नहीं दी गई है, लेकिन फिर भी 25 दिसंबर को ही हर साल क्रिसमस मनाया जाता है। इस तारीख को लेकर कई बार विवाद भी हुआ। लेकिन 336 ई। पूर्व में रोमन के पहले ईसाई रोमन सम्राट के समय में सबसे पहले क्रिसमस 25 दिसंबर को मनाया गया। इसके कुछ सालों बाद पोप जुलियस ने आधिकारिक तौर पर जीसस के जन्म को 25 दिसंबर को ही मनाने का ऐलान किया।
इस बार क्रिसमस डे का सेलिब्रेशन कुछ अलग होगा। कोरोना महामारी के चलते कई देशों में क्रिसमस तक लॉकडाउन लगा दिया गया है। वहीं, सुरक्षा के लिहाज से कई क्रिसमस पार्टी स्पोट पर भी पाबंदी लगा दी गई है। ऐसे में क्रिसमस फेस्टिवल का रंग कुछ अलग देखने को मिलेगा लेकिन दोस्तों और परिवार के साथ क्रिसमस का त्योहार खुशियों भरा ही रहेगा। सभी अपने हिसाब से इस दिन को खास बनाने के लिए अरेंजमेंट कर चुके हैं।
क्रिसमस सेलेब्रेशन को यादगार बनाने की एक वजह ये भी है कि दिल्ली के चर्च बेहतरीन चर्चों में से एक माने जाते हैं. क्रिसमस को स्पेशल बनाने के लिए पर्यटक यहां पहले से घूमने की तैयारी करने लगते हैं. अगर आप भी अपने दिन को खास बनाना चाहते हैं, तो अपनी घूमने की लिस्ट में दिल्ली के इन मशहूर चर्चों को भी शामिल कर सकते हैं.
सेंट अल्फोंसा चर्च शहर के सबसे खूबसूरत स्थानों में से एक है, जो वसंत कुंज के फार्महाउस के बीच बसा हुआ है. हरी-भरी हरियाली के बीच स्थित इस चर्च का नाम संत अल्फोंसा के नाम पर रखा गया है. बता दें कि 2002 में बनाया गया सेंट अल्फोंसा चर्च के अंदरूनी हिस्सों में बहुत खुबसूरत कलाकृति है. स्थापत्य की नक्काशी और प्रतिमाएं मंत्रमुग्ध करने वाली व सौंदर्यपूर्ण लगती हैं
दिल्ली के गोल मार्किट में स्थित ‘सेक्रेड हार्ट कैथेड्रल चर्च’ शहर के सबसे ख़ूबसूरत और फ़ेमस चर्चों में से एक है. क्रिसमस के समय और उसके दौरान ये चर्च पर्यटकों से भरा रहता है. ख़ासकर क्रिसमस के मौके पर यहां का माहौल देखने लायक होता है. इस दौरान चर्च परिसर में एक बड़ी सी स्क्रीन भी लगाई जाती है, जहां विजिटर्स चर्च के अंदर चल रही गतिविधियों को देख सकते हैं
दिल्ली के कश्मीरी गेट इलाक़े में स्थित ‘सेंट जेम्स चर्च’ दिल्ली का सबसे पुराना चर्च है. 19 वीं शताब्दी में बना सेंट जेम्स चर्च सबसे पुराने चर्चों में से एक है और पर्यटन के लिए एक प्रमुख स्थल है. बताया जाता हा कि इसकी स्थापना 1836 में हुई थी. ये कश्मीरी गेट के चहल-पहल के बीच एक हरे-भरे क्षेत्र में स्थित है.