ग्रामीण क्षेत्रों के सर्वांगीण विकास के लिए विभिन्न योजनाओं के माध्यम से एक नई इबारत लिखी जा रही है। स्वास्थ्य, शिक्षा, आवास, सड़क, रोजगार के साथ स्वच्छता के क्षेत्र में भी विशेष प्रयास लगातार जारी हैं। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने केन्द्र सरकार की योजनाओं सहित राज्य सरकार की विकास एवं हितग्राही मूलक योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू कर ग्राम विकास की अवधारणा को साकार किया है।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी स्कीम कारोना काल में ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराने में महात्मा गांधी नरेगा योजना ने बहुत महत्पूर्ण भूमिका निभाई है। कोविड काल में 18 लाख से अधिक नवीन जॉबकार्ड जारी किए गए। कोविड काल में 34 करोड़ से अधिक मानव दिवसों का सृजन हुआ, जो योजना के प्रारंभ से अभी तक का सर्वाधिक है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में माह सितम्बर 2021 तक 76 लाख से अधिक ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराया जाकर 19 करोड़ से अधिक मानव दिवस का सृजन हुआ है। इस अवधि में 2 लाख 24 हजार से अधिक सामुदायिक एवं हितग्राही मूलक कार्य पूर्ण किए गए और 12 लाख 80 हजार से अधिक कार्य अभी प्रगतिरत हैं।
मध्यप्रदेश में वित्तीय वर्ष 2021-22 में लगभग 20 लाख अनुसूचित जाति एवं जनजाति परिवारों को 8 करोड़ 50 लाख से अधिक मानव दिवस का रोजगार उपलब्ध कराया गया है। अनुसूचित जनजाति के परिवारों को मनरेगा से रोजगार उपलब्ध कराने में मध्यप्रदेश पूरे देश में अग्रणी स्थान पर है।
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन हैं।
मिशन के माध्यम से लगभग 53 हजार ग्रामीण युवाओं को डी.डी.यू.जी.के.वाई. से रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण तथा 2 लाख 86 हजार युवाओं को आरसेटी के माध्यम से स्व-रोजगार प्रशिक्षण दिलाया गया। ग्रामीण युवाओं को रोजगार मेलों के माध्यम से भी रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए गए हैं। साथ ही मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ विक्रेता योजना में 2 लाख 4 हजार 261 ग्रामीणों को स्व-रोजगार शुरू करने के लिए ब्याज रहित ऋण वितरण किया गया है।
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