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डिजिटल भारत l सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय का मंगलवार (14 नवंबर) को मुंबई में निधन हो गया। उन्होंने 75 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। सुब्रत रॉय का मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में इलाज चल रहा था। वह पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे थे। समाचार एजेंसी पीटीआई ने सहारा ग्रुप की प्रेस विज्ञप्ति के आधार पर खबर जारी की है। लंबी बीमारी के बाद निधन
बयान में बताया गया है कि हाइपर टेंशन और डायबिटीज से पैदा हुई मुश्किलों के साथ लंबी लड़ाई के बाद सुब्रत रॉय को कार्डियक अरेस्ट आया और रात 10.30 बजे उनका निधन हो गया. सुब्रत रॉय को सेहत खराब होने के बाद 12 नवंबर को मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल और मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट में भर्ती कराया गया था. सुब्रत रॉय ने रिटेल, रियल एस्टेट, मैन्युफैक्चरिंग, एविएशन, मीडिया और फाइनेंशियल सर्विसेज के सेक्टर में एक विशाल साम्राज्य खड़ा किया था, लेकिन वो विवादों में भी घिरे रहे. उन्हें अपनी ग्रुप कंपनियों को लेकर कई रेगुलेटरी और कानूनी लड़ाइयों का भी सामना करना पड़ा, जिन पर पोंजी स्कीम चलाने का भी आरोप लगा, हालांकि कंपनी ने हमेशा इन आरोपों से इनकार किया.
सुब्रत रॉय ने अपने साथ उन लाखों ग़रीब और ग्रामीण भारतीयों को जोड़ा, जिनके पास बैंकिंग की सुविधा नहीं थी और इन्हीं के सहारे सहारा ग्रुप खड़ा किया, लेकिन बाज़ार नियामक सेबी ने जब उनके ख़िलाफ़ क़दम उठाए तो दशकों का बनाया हुआ साम्राज्य हिलने लगा. दरअसल, यह मामला सहारा ग्रुप की कंपनियों से जुड़ा था, जिन्होंने रीयल एस्टेट में निवेश के नाम पर तीन करोड़ से ज़्यादा निवेशकों से क़रीब 24 हज़ार करोड़ रुपये जुटाए थे. एक समय ऐसा था जब सुब्रत रॉय के पास एक एयरलाइन, एक फॉर्मूला वन टीम, एक आईपीएल क्रिकेट टीम, लंदन और न्यूयॉर्क में आलीशान होटल थे. उन्होंने अपनी एयरलाइन-एयर सहारा, जेट एयरवेज को बेच दी, जो बाद में ख़ुद भी बंद हो गई. एक समय पर माना जाता था कि सहारा ग्रुप में भारतीय रेलवे के बाद सबसे ज़्यादा लोग काम करते हैं. इन लोगों की संख्या क़रीब 12 लाख बताई जाती थी.

फ़िल्मी सितारों से लेकर सभी राजनीतिक दलों में सुब्रत रॉय के दोस्त थे, लेकिन उन्हें समाजवादी पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के ज़्यादा क़रीब माना जाता था. दिसंबर 1993 में जब मुलायम सिंह दोबारा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने तो रॉय के साथ उनके रिश्ते और गहरे हो गए. वे मुलायम सिंह के क़रीबी अमर सिंह भी गहरे दोस्त सहारा का पतन
सुब्रत रॉय को 10 हजार करोड़ रुपये की बकाया राशि न चुकाने पर 4 मार्च 2014 को जेल जाना पड़ा. अदालत ने तब कहा था कि जब तक वे पाँच हज़ार करोड़ रुपये नक़द और पाँच हज़ार करोड़ रुपये की बैंक गारंटी नहीं देंगे, तब तक उन्हें रिहा नहीं किया जाएगा. 2013 में सहारा ग्रुप ने सेबी ऑफिस को 127 ट्रक भेजे थे, जिसमें तीन करोड़ से ज्यादा आवेदन फॉर्म और दो करोड़ रिडेम्पशन वाउचर शामिल थे. उन्हें दो साल से ज्यादा समय तक जेल में रहना पड़ा और 2016 में वे पैरोल पर बाहर आए. प्रॉपर्टी के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें फिर से जेल भेज दिया था. सेबी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि अगर सुब्रत, नवंबर 2020 में 62 हज़ार 600 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं करते हैं तो उनकी पैरोल रद्द कर दी जाए. टीम इंडिया का स्पॉन्सर रहा सहारा
साल 2001 से 2013 तक सहारा ग्रुप टीम इंडिया का स्पॉन्सर रहा. सहारा की टीम पुणे वॉरियर्स ने साल 2011 में आईपीएल में एंट्री ली थी. 2013 में सहारा ग्रुप की वित्तीय स्थिति ख़राब होने के बाद यह क़रार ख़त्म कर दिया.

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