डिजिटल भारत I छात्रों के हंगामे के बाद रेलवे की ग्रुप डी की परीक्षा रोक दी गई है. रेलवे ने धांधली के आरोपों को लेकर जांच के लिए एक समिति बनाई है, लेकिन हंगामा अभी जारी है. छात्रों ने बिहार में गया रेलवे जक्शन के आउटर सिग्नल पर खड़ी एमटी ट्रेन के कोच में आग लगा दी है. आग इतनी भयंकर है कि धुएं का गुबार दूर से देखा जा सकता है. रेलवे ने बताया है कि उम्मीदवार 16 फरवरी 2022 तक अपनी शिकायत समिति को प्रस्तुत कर सकते हैं. अब इस मामले पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव दोपहर साढ़े तीन बजे रेल भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे.
रेल मंत्रालय को एक रिपोर्ट सौंपेगी समिति
रेलवे के एक प्रवक्ता ने बताया कि रेलवे ने एक समिति भी बनाई है, जो विभिन्न रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) की ओर से आयोजित परीक्षाओं में सफल और असफल होने वाले परीक्षार्थियों की शिकायतों की जांच करेगी. प्रवक्ता के मुताबिक, दोनों पक्षों की शिकायतें और चिंताएं सुनने के बाद समिति रेल मंत्रालय को एक रिपोर्ट सौंपेगी.
प्रियंका गांधी ने क्या कहा?
प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर अपने हक की बात कह रहे छात्र-छात्राओं के साथ डबल इंजन सरकार की पुलिस का व्यवहार देखिए. युवाओं के दमन के खिलाफ देश भर में इंकलाब होगा और बीजेपी का अहंकार चूर-चूर होगा. युवा रोजगार का हक लेकर रहेंगे.’’
रेलवे भर्ती बोर्ड की गैर तकनीकी लोकप्रिय श्रेणियों (आरआरबी-एनटीपीसी) परीक्षा 2021 परिणाम के विरोध में छात्रों ने कर बिहार और यूपी में विरोध प्रदर्शन किया, जो अन्य हिस्सों में फैल गया. इस दौरान छात्रों की पुलिस के साथ भी झड़प हुई. विरोध प्रदर्शन के कारण कई ट्रेनों को रद्द कर दिया गया. विरोध-प्रदर्शन की घटनाएं पटना, नवादा, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, बक्सर और भोजपुर जिलों से हुईं. कुछ जगहों पर गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया और सुरक्षा बलों से भिड़ गए और रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाया.
प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि 2019 में जारी आरआरबी अधिसूचना में केवल एक परीक्षा का उल्लेख किया गया था. उन्होंने अधिकारियों पर छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया. परीक्षा परिणाम 15 जनवरी को घोषित होने के बाद इस मामले ने तूल पकड़ा है. उस समय रेल मंत्रालय ने एक स्पष्टीकरण जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि अधिसूचना में दूसरे चरण की परीक्षा का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया था. सीबीटी के पहले चरण की परीक्षा सभी उम्मीदवारों के लिए एक सामान्य परीक्षा थी.