0 0
Read Time:4 Minute, 51 Second

डिजिटल भारत l वस्तु एवं सेवा कर (GST) संग्रह दिसंबर 2022 में 15 प्रतिशत बढ़कर 1.49 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया. इससे बेहतर कर अनुपालन के अलावा विनिर्माण में सुधार एवं खपत में तेजी का संकेत मिलता है. राजस्व 1.40 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है. नवंबर में कर संग्रह करीब 1.46 लाख करोड़ रुपये था. वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘दिसंबर 2022 के दौरान सकल जीएसटी राजस्व 1,49,507 करोड़ रुपये है. इसमें सीजीएसटी 26,711 करोड़ रुपये, एसजीएसटी 33,357 करोड़ रुपये, आईजीएसटी 78,434 करोड़ रुपये (माल के आयात पर एकत्र 40,263 करोड़ रुपये सहित) और उपकर 11,005 करोड़ रुपये (माल के आयात पर एकत्र 850 करोड़ रुपये सहित) है.’. दिसंबर 2022 में राजस्व संग्रह सालाना आधार पर 15 प्रतिशत अधिक है. पिछले साल इसी अवधि में जीएसटी संग्रह 1.30 लाख करोड़ रुपये रहा था. इससे बेहतर कर अनुपालन के अलावा विनिर्माण में सुधार एवं खपत में तेजी का संकेत मिलता है.
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ”दिसंबर 2022 के दौरान सकल जीएसटी राजस्व 1,49,507 करोड़ रुपये है. इसमें सीजीएसटी 26,711 करोड़ रुपये, एसजीएसटी 33,357 करोड़ रुपये, आईजीएसटी 78,434 करोड़ रुपये (माल के आयात पर एकत्र 40,263 करोड़ रुपये सहित) और उपकर 11,005 करोड़ रुपये (माल के आयात पर एकत्र 850 करोड़ रुपये सहित) है.”
दिसंबर 2022 में माल के आयात से राजस्व आठ प्रतिशत बढ़ा, जबकि घरेलू लेनदेन से राजस्व (सेवाओं के आयात सहित) सालाना आधार पर 18 प्रतिशत बढ़ा है.

वित्त मंत्रालय ने कुछ महीने पहले कहा था कि जीएसटी काउंसिल के लिए फैसले का साफ असर दिखने लगा है। जीएसटी काउंसिल ने पिछले कुछ महीनों के दौरान बेहतर अनुपालन के लिए कई उपायों की पहल की। जीएसटी का कलेक्शन उस वक्त बढ़ रहा है, जब रिजर्व बैंक लगातार रेपो रेट में इजाफा कर रहा है।

GST एक ऐसा टैक्स है, जो भारत में प्रॅाडक्ट और सर्विस की सप्लाई पर लगता है। इसको 2017 में लागू किया गया था। भारत में GST की रजिस्ट्रेशन लिमिट पहले 20 लाख रुपये थी। अब इसको बढ़ाकर 40 लाख रुपये कर दिया गया है। अब 40 लाख रुपए से ज्यादा के कारोबार करने वाले सभी व्यवसायों को जीएसटी रजिस्ट्रेशन कराना जरुरी है।


इसके अलावा नवंबर 2022 में 7.9 करोड़ ई-वे बिल जारी किए गए, जो अक्टूबर 2022 के 7.6 करोड़ ई-वे बिल से काफी अधिक थे. डेलॉइट इंडिया के पार्टनर एम एस मणि ने कहा, ”घरेलू लेनदेन से जीएसटी राजस्व में 18 फीसदी की वृद्धि ई-वे बिल जारी करने में बढ़ोतरी और प्रमुख विनिर्माता एवं खपत वाले राज्यों के जीएसटी संग्रह में उल्लेखनीय वृद्धि को दर्शाती है.”
डेलॉइट इंडिया के पार्टनर एम एस मणि ने कहा, ‘घरेलू लेनदेन से जीएसटी राजस्व में 18 फीसदी की वृद्धि ई-वे बिल जारी करने में बढ़ोतरी और प्रमुख विनिर्माता एवं खपत वाले राज्यों के जीएसटी संग्रह में उल्लेखनीय वृद्धि को दर्शाती है.’ केपीएमजी के साझेदार (अप्रत्यक्ष कर) अभिषेक जैन ने कहा कि त्योहारी बिक्री खत्म होने के बाद भी 1.5 लाख करोड़ रुपये का मासिक संग्रह अब एक सामान्य स्थिति बनती हुई दिखाई देती है.
केपीएमजी के पार्टनर (अप्रत्यक्ष कर) अभिषेक जैन ने कहा कि त्योहारी बिक्री खत्म होने के बाद भी 1.5 लाख करोड़ रुपये का मासिक संग्रह अब एक सामान्य स्थिति बनती हुई दिखाई देती है.

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %
इस खबर को साझा करें