डिजिटल भारत I जनसत्ता दल के मुखिया और कुंडा से विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने बांग्लादेश में तख्ता पलट के बाद हो रहे हिन्दुओं पर हमलों को लेकर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने केंद्र सरकार से बांग्लादेश में रह रहे हिन्दुओं की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने की अपील की है। राजा भैया ने सवाल उठाया कि तख्ता पलट के बाद हिंसा का क्या औचित्य है और पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के भारत आने पर भी टिप्पणी की है।
राजा भैया ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर बांग्लादेश की स्थिति पर एक पोस्ट किया। उन्होंने लिखा, “बांग्लादेश की स्थिति से मन बहुत उद्विग्न है। छात्र आन्दोलन के नाम पर आतंकवाद, आगजनी, हत्या, बलात्कार और लूटपाट क्यों हो रही है? तख्ता पलट तो हो गया, अब हिंसा किस लिए? हिन्दुओं की हत्याएं हो रही हैं, मंदिर जलाए जा रहे हैं। अंतरिम सरकार और बांग्लादेशी सेना अविलम्ब प्रभावी कदम उठाए। भारतीयों की सुरक्षित घर वापसी सुनिश्चित करे। और हां, विश्व में 57 मुस्लिम देश हैं, शेख हसीना ने वहां ना तो शरण मांगी ना किसी देश ने शरण दी, ऐसा क्यों? सोचिएगा अवश्य।”
मंदिरों और हिन्दुओं पर हमले
शेख हसीना के इस्तीफे और देश छोड़ने के बावजूद बांग्लादेश में हिंसा का दौर जारी है। उपद्रवी खासकर वहां रह रहे अल्पसंख्यक हिन्दुओं और उनके घरों व मंदिरों को निशाना बना रहे हैं। अब तक लगभग 30 मंदिरों को तोड़ा जा चुका है। हिंसा में कई हिन्दुओं की हत्या भी हुई है और उनके घरों व दुकानों में लूटपाट और आगजनी की घटनाएं सामने आई हैं। मंगलवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने लोकसभा में इस स्थिति पर जानकारी दी थी।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंता
बांग्लादेश में जारी हिंसा पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की भी नजरें टिकी हुई हैं। विभिन्न मानवाधिकार संगठनों ने इस हिंसा की निंदा की है और बांग्लादेश सरकार से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की है। भारत भी इस स्थिति पर नजर रखे हुए है और भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है।
राजा भैया की मांग
राजा भैया ने बांग्लादेश में फंसे हिन्दुओं की सुरक्षित वापसी के लिए सरकार से तत्काल कदम उठाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि हिंसा के इस दौर में हिन्दुओं को विशेष रूप से निशाना बनाया जा रहा है और उनकी जान-माल की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए। राजा भैया ने अंतरिम सरकार और बांग्लादेशी सेना से भी हिंसा पर काबू पाने और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया है।