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 नर्मदा तट पर 50 एकड़ जमीन पर कर रखा था अवैध कब्जा- ध्वस्त

एमपी में भूमाफियाओं के खिलाफ कार्रवाई लगातार, इसी कड़ी में जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के प्रोफेसर से कब्जे से सरकारी जमीन 50 एकड़ सरकारी जमीन पर कब्जा कर रखा था। साथ ही इसकी प्लॉटिंग कर दूसरे को बेच दी थी। प्रशासन ने अब प्रोफेसर के कब्जे से सरकारी जमीन को छुड़वाया है। साथ ही उसके ऊपर जो निर्माण हुए थे, उसे ध्वस्त कर दिया गया है।

कलेक्टर के निर्देश पर शहपुरा एसडीएम और पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई की है। कार्रवाई के दौरान 50 एकड़ सरकारी जमीन को भूमाफिया से मुक्त करवाया है। यह भूमाफिया और कोई नही बल्कि कृषि विश्विद्यालय में पदस्थ प्रोफेसर एम.ए खान हैं, जिन्होंने अपने 12 साथियों के साथ मिलकर धीरे-धीरे सरकारी जमीन पर कब्जा किया और फिर इसी जमीन पर पौधारोपण कर पोल्ट्री फॉर्म खोल लिया।

जानकारी के मुताबिक 2009 से प्रोफेसर खान सरकारी जमीन को हथियाने में लगा हुआ था। कलेक्टर डॉ इलैयाराजा टी के निर्देश पर एसडीएम अनुराग सिंह ने शहपुरा थाना पुलिस के साथ मिलकर शासकीय जमीन को कब्जा मुक्त करवाया है। वहीं, जिन लोगों ने प्रोफेसर से प्लॉट लिए थे, वह खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। इस जमीन पर कुछ लोगों ने फॉर्म हाउस का भी निर्माण करवा लिया था। गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों में प्रशासन ने जबलपुर में कई भूमाफियाओं पर कार्रवाई की है। करोड़ों की सरकारी जमीन को इनके कब्जे से मुक्त कराया है

शहपुरा एसडीएम ने अवैध कब्जे के संबंध में यह कहा

एसडीएम शहपुरा अनुराग सिंह के अनुसार ग्राम खैरी स्थित खसरा नंबर 146/1, 146/2, 242, 248 और खसरा नंबर 298/5 की इस शासकीय भूमि को फिरोज कमाल पिता मोहम्मद हारून, परवेज राजन पिता डॉ. मुमताज खान, डॉ. मुमताज खान पिता हाफिन खान, आर. दुबे पिता आर.के. दुबे, समसुद्दीन अंसारी पिता सुबरानी, साकेत अली पिता सुलाई, गुरमुख सिंह, राजेन्द्र रैकवार पिता बाबूलाल रैकवार, शशि पिता रामभरोसे चतुर्वेदी, अशफाक, हर्ष जायसवाल पिता प्रभात जायसवाल, आशीष कुमार लाल पिता ए.एल. लाल के अवैध कब्जे से मुक्त कराया गया है.

एसडीएम शहपुरा अनुराग सिंह

अवैध कब्जा हटाने में इन अधिकारीयों की रहीं महत्वपूर्ण भूमिका

शासकीय भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराने की कार्यवाई में तहसीलदार शहपुरा विंकी सिंहमारे, नायाब तहसीलदार कर्तव्य अग्रवाल, राजस्व निरीक्षक संजय दुबे, पटवारी विद्याचरण खरे, एएसआई अशोक त्रिपाठी और पंचायत सचिव राजेन्द्र पटेल शामिल थे.

कलेक्टर इलैया राजा टी के पास इस हाईप्रोफाइल मामले की शिकायत पहुंची थी। खैरी गांव में नर्मदा तट से लगी 50 एकड़ जमीन पर कब्जा हटाने के लिए सोमवार सुबह से ही कार्रवाई शुरू की गई। पहले प्रशासन ने पुलिस की मौजूदगी में कब्जे वाले क्षेत्र को चिन्हित किया। इसके बाद पंचायत के माध्यम से जेसीबी मशीनों की मदद से वहां बने फार्महाउस तोड़ने की कवायद शुरू की।

गौबच्छा घाट के पास है ये जमीन

नर्मदा के किनारे गौबच्छा घाट के पास करीब 157 एकड़ सरकारी भूमि है। इसमें 50 एकड़ पर प्रोफेसर एमए खान का कब्जा है। यह कृषि विवि में प्रोफेसर है। अपने रसूख के दम पर उसने कब्जा कर रखा है। इस सरकारी जमीन को उसने कई लोगों को फार्म हाउस बनाकर बेच दिया है। एमए खान द्वारा बेचे गए फार्म हाउस पर कार्रवाई हुई। कई तो नर्मदा तट से 300 मीटर के अंदर बने थे।

पहले भी हुई थी कार्रवाई

खैरी पंचायत स्थित इस जमीन पर छह साल पहले भी कब्जा हटाया गया था। बाद में प्रोफेसर ने फिर से जमीन पर कब्जा कर लिया। उसे लोगों को बेच भी डाला। मामले में कई लोगों ने कलेक्टर से शिकायत की है। सोमवार को कार्रवाई के दौरान बड़ी संख्या में गांव वाले भी तमाशा देखने पहुंचे थे।

पत्रकार मनीष शुक्ला की खबर का असर

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