डिजिटल भारत l देश में इस वक्त देश का ही नाम बदलने की चर्चा सबसे तेज है. इस चर्चा को हवा दी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के निमंत्रण पत्र ने. दरअसल जी-20 समिट के लिए 9 सितंबर को होने वाले रात्रि भोज के लिए जो निमंत्रण पत्र राष्ट्रपति भवन की तरफ से देश के नेताओं को भेजे गए हैं, उनमें आमतौर पर इस्तेमाल होने वाले ‘प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया’ शब्द को बदला गया है. इस बार के निमंत्रण पत्र में ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ शब्द का इस्तेमाल किया गया है. अब पूरा विवाद इसी पर है. नए बदवाल के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इंडोनेशिया दौरे के आधिकारिक नोट पर “प्रेसिडेंट ऑफ भारत” लिखा गया है. बता दें कि पीएम मोदी आज 20वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए इंडोनेशिया जाएंगे.
प्राइम मिनिस्टर ऑफ़ भारत…
आसियान-इंडिया शिखर वार्ता में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज रात इंडोनेशिया जाने वाले हैं. इस दौरे के लिए आधिकारिक नोट में पीएम मोदी को प्राइम मिनिस्टर ऑफ़ भारत लिखा गया है. पीएम मोदी कल ही इंडोनेशिया से लौट भी आएंगे. आसियान को क्षेत्र में सबसे प्रभावशाली समूहों में से एक माना जाता है और भारत तथा अमेरिका, चीन, जापान और ऑस्ट्रेलिया सहित कई अन्य देश इसके संवाद भागीदार हैं.
भागवत ने कहा था लोगों को इंडिया नाम का इस्तेमाल…
2 सितंबर को गुवाहाटी के एक कार्यक्रम में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि लोगों को इंडिया नाम का इस्तेमाल बंद करके भारत का नाम इस्तेमाल करना चाहिए. उन्होंने कहा था, “हमारे देश का नाम सदियों से भारत ही है. भाषा कोई भी हो, नाम एक ही रहता है. हमारा देश भारत है और हमें सभी व्यवहारिक क्षेत्रों में ‘इंडिया’ शब्द का प्रयोग बंद करके भारत का उपयोग शुरू करना होगा, तभी परिवर्तन आएगा. हमें अपने देश को भारत कहना होगा और दूसरों को भी समझाना होगा.”