नई दिल्ली । गुजरात के बोटाड जिले में 28 वर्षीय एक व्यक्ति की कथित रूप से हिरासत में पिटाई की गई, जिससे उसकी मौत हो गई। इस मामले में तीन पुलिस कांस्टेबलों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया गया है।एक अधिकारी ने बताया कि 14 अप्रैल को एक मामले के संबंध में पूछताछ के लिए बोटाद टाउन पुलिस स्टेशन से जुड़े तीन कांस्टेबल मजदूर कालू पधरशी को उसके घर से ले गए थे। बाद में, पधरशी ने पुलिस पर आरोप लगाया था कि उन्होंने पूछताछ के बहाने उसको बुरी तरह से पीटा था। वहीं, 14 मई को अहमदाबाद के एक अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। बोटाड जिले के पुलिस अधीक्षक (एसपी) किशोर बलोलिया ने बताया कि तीन आरोपियों-अमीराज बोरिचा, राहिल सिदातार और निकुल सिंह जाधव पर पधरशी की हत्या का मामला दर्ज किया गया है।
एसपी ने कहा कि पधरशी ने सोमवार को शिकायत दी थी कि तीन कांस्टेबल एक मामले की जांच कर रहे थे। उन्हें एक व्यक्ति के बारे में जानना था। जब पधरशी ने शख्स के बारे में कोई जानकारी नहीं होने की बात कही तो पुलिस ने उससे मोटरसाइकिल के पंजीकरण के कागजात दिखाने को कहा। चूंकि, पुलिस सभी सिविल ड्रेस में थे। इसलिए पधरशी ने उन्हें अपना पहचान पत्र दिखाने के लिए कहा। प्राथमिकी में कहा गया है कि उसकी मांग से नाराज कांस्टेबलों ने कथित तौर पर उसकी पिटाई शुरू कर दी और उसे थाने ले गए।
हालांकि, पुलिस ने उसी दिन उसे छोड़ भी दिया था। बताया जा रहा है, मजदूर ने अपने घरवालों को बताया था कि हिरासत के दौरान उसे बेरहमी से पीटा गया और पूछताछ के दौरान उसका सिर दीवार से मार दिया था। बाद में उसकी हालत बिगड़ने लगी, तो उन्हें पहले 17 अप्रैल को बोटाद के एक अस्पताल और फिर भावनगर शहर के एक सरकारी अस्पताल में रेफर किया गया, जहां डॉक्टरों ने बताया कि उसे ब्रेन हेमरेज है। 20 अप्रैल को उन्हें अहमदाबाद सिविल अस्पताल रेफर किया गया, जहां उसकी ब्रेन सर्जरी की गई। इलाज के दौरान 14 मई को उसकी मौत हो गई।