डिजिटल भारत l नरसिंहपुर आशीष साहू गोटेगांव स्थानीय थाना क्षेत्र के नया बाजार में बेजुबान जानवरों से एक क्रूरता का मामला सामने आया है यहां पर एक आवारा कुत्ते को बुरी तरह मारमारकर घायल कर दिया है यह पहला मामला नहीं है यहां पहले भी ऐसी घटनाएं घटित हो चुकी है इस मामले में पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है यह मामला तब सामने आया जब एक प्रार्थी ने गोटेगांव थाने में शिकायत दर्ज कराई नया बाजार में निवासरत नेमा परिवार की पालतू कुत्तियां को 6-7 लोग ने बेरहमी से मारपीट की जिसका इलाज जारी है और बेजुबान जानवर जिंदगी और मौत से लड़ रहा है ।
पुलिस ने धारा 429 के तहत दर्ज किया केस
शिकायतकर्ता के आधार पर एवं सीसीटीवी फुटेज में कुत्तों पर हमला करने वालों की कथित तस्वीरें भी दिखाई गईं इनमें से सभी युवक रात के वक्त अपने अपने हाथो में डंडा लेकर कुत्तों ढूंढ़ते नजर आ रहे हैं वहीं सीसीटीवी फुटेज में देखा गया की यह यह घटना मंगलवार-बुधवार दरम्यानी रात की है नया बाजार में अज्ञात व्यक्तियों के द्वारा मूक क्रूरता को डंडे से मारकर खत्म करने को लेकर समाचार प्रकाशित होने के बाद नरसिंहपुर पुलिस अधीक्षक अभिजीत रंजन के निर्देश पर गोटेगांव थाना प्रभारी हिमलेन्द्र सिंह पटेल शिकायत के आधार पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 429 पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 की धारा 11 के तहत मामला पंजीबद्ध कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।
क्या है पशु क्रूरता निवारण अधिनियम
भारत में पशुओं के खिलाफ क्रूरता को रोकने के लिए साल 1960 में पशु क्रूरता निवारण अधिनियम लाया गया था। साथ ही इस ऐक्ट की धारा-4 के तहत साल 1962 में भारतीय पशु कल्याण बोर्ड का गठन किया गया। इस अधिनियम का उद्देश्य पशुओं को अनावश्यक सजा या जानवरों के उत्पीड़न की प्रवृत्ति को रोकना है। मामले को लेकर कई तरह के प्रावधान इस ऐक्ट में शामिल हैं। जैसे, अगर कोई पशु मालिक अपने पालतू जानवर को आवारा छोड़ देता है, या उसका इलाज नहीं कराता, भूखा-प्यासा रखता है तब ऐसा व्यक्ति पशु क्रूरता का अपराधी होगा।