डिजिटल भारत I PM मोदी बुधवार को ‘प्रधानमंत्री गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान’ की शुरुआत करेंगे. इसके द्वारा करीब 100 लाख करोड़ रुपये की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के विकास को फुल स्पीड मिलेगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को आर्थिक क्षेत्रों से बहुस्तरीय संपर्क के लिए गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान की शुरुआत की और कहा कि 21वीं सदी का भारत, सरकारी व्यवस्थाओं की उस पुरानी सोच को पीछे छोड़कर आगे बढ़ रहा है.
प्रधानमंत्री गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान रेल और सड़क सहित 16 मंत्रालयों को जोड़ने वाला एक डिजिटल मंच है. इसमें रेलवे, सड़क परिवहन, पोत, आईटी, टेक्सटाइल, पेट्रोलियम, ऊर्जा, उड्डयन जैसे मंत्रालय शामिल हैं. इन मंत्रालयों के जो प्रोजेक्ट चल रहे हैं या साल 2024-25 तक जिन योजनाओं को पूरा करना है, उन सबको गति शक्ति योजना के तहत डाल दिया जाएगा. सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MEITY) के तहत भास्कराचार्य राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुप्रयोग और भू-सूचना विज्ञान संस्थान (BISAG-N) ने गति शक्ति योजना की निगरानी के लिए प्लेटफार्म विकसित किया है. आज 13 अक्टूबर को एक राष्ट्रीय स्तर के कॉन्फ्रेंस के द्वारा इसे लॉन्च किया जाएगा, साथ ही देश के 36 स्थानों पर इसका वर्चुअल लिंक होगा.
क्या होगा इस योजना के तहत यह डिजिटल मंच बुनियादी ढांचा विकास कार्यों को फुल स्पीड से चलाने में मदद करेगा. इससे उद्योगों की कार्य क्षमता बढ़ाने में मदद होगी, स्थानीय विनिर्माताओं को बढ़ावा मिलेगा. यह उद्योगों की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाएगा और भविष्य के आर्थिक क्षेत्रों के निर्माण के लिए नई संभावनाओं को विकसित करने में भी मदद करेगा.
कहां से आया कॉन्सेप्ट ,
असल में साल 2014 में सत्ता में आने के बाद ही पीएम मोदी ने एक ही तरह के काम करने वाले कई मंत्रालय एक मंत्री को सौंपकर ‘सुपर . मिनिस्टर्स’ की अवधारणा पेश की थी ताकि बेहतर सिनर्जी तैयार हो सके. लेकिन ब्यूरोक्रेसी का सिस्टम इस तरह का है कि उसमें अलग-अलग खांचों में काम होता है. इससे निपटने के लिए गति शक्ति योजना का प्रस्ताव रखा गया ताकि साल 2024-25 तक सभी बड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी के लक्ष्य… एक तरह से यह कहा जा सकता है कि गतिशक्ति योजना ‘सरकारी वर्क कल्चर’ में आमूल बदलाव का एक प्रयास है जिसमें अभी तक होता यह था कि दाहिने हाथ को . भी नहीं पता होता था कि बायां हाथ क्या कर रहा है.
सभी राज्यों को शामिल करने की योजना
सभी राज्यों से इस पहल में शामिल होने का आग्रह किया गया है, क्योंकि इससे देश भर में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के उचित कार्यान्वयन में मदद मिलेगी और आगे.
चलकर मंच का आंकड़ा निजी क्षेत्र को भी दिया जा सकता है. सड़क, रेलवे, दूरसंचार, तेल और गैस जैसे मंत्रालयों की परियोजनाएं इस मंच पर हैं, और इससे कपड़ा तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालयों को भी अपने पार्कों की योजना बनाने में मदद मिल सकती है.