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राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल ने अफगान संकट को लेकर सात देशों के एनएसए के साथ बुधवार को बैठक की है। यह बैठक दिल्ली में हुई। बैठक से इतर सात देशों के एनएसए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिले। सात देशों में पांच मध्य एशियाई देश हैं और दो में से एक रूस और एक ईरान है। यह बैठक अफगानिस्तान पर तालिबान की ओर से कब्जा जमाने के बाद पैदा हुए नए संकट को लेकर रखी गई थी।

 बैठक की अध्यक्षता करने वाले अजित डोभाल ने कहा कि कहा कि अफगानिस्तान में हाल के घटनाक्रम के न केवल उस देश के लोगों के लिए बल्कि उसके पड़ोसियों और क्षेत्र के लिए भी महत्वपूर्ण निहितार्थ हैं। उन्होंने कहा कि यह अफगान स्थिति पर क्षेत्रीय देशों के बीच करीबी विचार-विमश, अधिक सहयोग और समन्वय का समय है। इस बैठक में जिन सात देश के एनएसए हिस्सा लिए हैं उसमें रूस, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल है।

क्या बात हुई बैठक में?

एनएसए डायलॉग में अफगानिस्तान को लेकर क्षेत्र में कट्टरपंथ, उग्रवाद, अलगाववाद और मादक पदार्थों की तस्करी के खतरे के खिलाफ सामूहिक सहयोग का आह्वान किया। डायलॉग ने एक खुली और वास्तव में समावेशी सरकार बनाने की आवश्यकता पर बल दिया, जिसमें अफगानिस्तान के सभी लोगों की इच्छा और समाज का प्रतिनिधित्व करता है। इस बैठक में शामिल सात देशों के एनएसए ने  यह सुनिश्चित करने के महत्व पर जोर दिया कि महिलाओं, बच्चों और अल्पसंख्यक समुदायों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन न हो। अफगानिस्तान के लोगों को तत्काल मानवीय सहायता प्रदान करने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया। इसके साथ-साथ सभी ने कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए और अफगानिस्तान को सहायता प्रदान करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

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