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मूंबई । जबरदस्त कॉमिक टाइमिंग और एक्टिंग से अमिट छाप छोड़ने वाले परेश रावल मंझे हुए कलाकार माने जाते हैं। उन्होंने हर तरह के किरदार में अपना हुनर साबित किया है। कभी दर्शकों को ‘हेरा फेरी’ के बाबूराव गणपतराव आप्टे बनकर हंसाया तो कभी ‘ओह माय गॉड’ के कांजी लालजी मेहता बनकर लोगों में विश्वास पैदा करने की कोशिश की।ना सिर्फ कॉमेडी बल्कि खलनायक बनकर भी परेश रावल ने तारीफें बटोरी हैं। वह पद्मश्री, राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और फिल्मफेयर अवार्ड्स जैसे कई सारे सम्मानों से नवाजे जा चुके हैं।

फिल्मी करियर की शुरुआत 1982 में गुजराती फिल्म ‘नसीब नी बलिहारी’ से की थी। इसके बाद 1984 में आई ‘होली’ में सहायक अभिनेता की भूमिका निभाई। एक अभिनेता के नाम पर उन्हें पहचान मिली 1986 में आई ‘नाम’ से। परेश रावल ने 1980 से लेकर 1990 तक 80 से अधिक फिल्मों में विलेन की भूमिका में नजर आए। इनमें कब्जा, राम लखन, बाजी समेत कई मूवीज शामिल हैं।परेश रावल एक बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं। इनके व्यक्तित्व के कई रंग हैं, जो कि हर रंग में फिट बैठते हैं। 1994 में आई केतन मेहता की फिल्म ‘सरदार’ में वह वल्लभ भाई पटेल की एक यादगार भूमिका में नज़र आये थे। इस फिल्म के बाद एक कलाकार के तौर पर उनका कदम बढ़ता चला गया।

राजकुमार संतोषी की एक्शन-कॉमेडी फिल्म ‘अंदाज अपना अपना’ जैसी फिल्म दोबारा फिर कभी बॉलीवुड में नहीं बनी। आमिर खान और सलमान खान की कॉमेडी से सजी इस फिल्म में परेश रावल ने डबल रोल प्ले किया था। उनकी परफॉर्मेंस पूरी मूवी में सबसे हाइलाइटिंग प्वाइंट में से एक थी।उनका कहा गया डायलॉग ”तेजा हूं मैं, मार्क इधर है” आज भी मशहूर कॉमेडी डायलॉग में गिना जाता है। इसके बाद 1997 में आयी ‘तमन्ना’ में उन्होंने एक किन्नर की भूमिका निभाई जिसमें उन्होंने अपने अदाकारी से दर्शकों के साथ-साथ समीक्षकों का भी दिल भी जीत लिया।जुदाई’ यूं तो अनिल कपूर, श्रीदेवी और उर्मिला मातोंडकर की लव स्टोरी वाली फिल्म है। मगर यह फिल्म शायद उतनी मजेदार नहीं लगती, अगर परेश रावल हसमुख लाल के रोल को इतनी खूबसूरती से न निभाया होता। यह वह रोल था, जिसमें परेश रावल हर किसी से किसी भी बात पर सवाल पर सवाल दागते थे।प्रियदर्शन की मल्टीस्टारर कॉमेडी फिल्म में परेश रावल ने मल्टी मिलियनर राधेश्याम तिवारी का रोल प्ले किया था, जो अपनी पत्नी अंजलि उसे धोखा देने का इल्जाम लगाता है। उनके शकी किरदार ने दर्शकों को हंसा-हंसाकर लोटपोट कर दिया था।

राजकुमारी हिरानी द्वारा बनाई गई इस फिल्म में परेश रावल ने संजू यानी कि रणबीर कपूर के सौम्य और सभ्य व्यवहार वाले पिता का रोल प्ले किया था। फिल्म के लिए जितनी तारीफ रणबीर कपूर और बाकी कलाकारों की हुई, उतनी ही तारीफ परेश रावल को भी मिली कि उन्होंने सुनील दत्त को रोल को कितनी परिपक्वता के साथ बड़े पर्दे पर उकेरा।फिल्म भगवान में विश्वास को दिखाती है, जिसमें परेश रावल ने ऐसे व्यक्ति (कांजी) का रोल किया था, जो अपनी हर समस्या के लिए गॉड को दोष देता है। जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है, कांजी का विश्वास भगवान में उतना ही पक्का होता चला जाता है।

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