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पाकिस्तान l इंडियन एक्सप्रेस ने पाकिस्तानी अख़बार डॉन के हवाले से लिखा है कि पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एंड रेगुलेटरी अथॉरिटी (पीइएमआरए) ने न्यूज़ चैनलों को नोटिफ़िकेशन जारी करते हुए चेतावनी दी है कि आदेश के उल्लंघन के मामले में वह चैनल का प्रसारण लाइसेंस निलंबित कर देगा. ऐसा करने से पहले चैनल को कारण बताओ नोटिस भी जारी नहीं किया जाएगा.

नियामक ने इससे पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में इमरान ख़ान की ओर से की गई टिप्पणियों को “घृणित, निंदनीय और अपशब्द” बताया है.

नोटिफ़िकेशन में कहा गया है कि इमरान ख़ान ने “देश की संस्थानों के ख़िलाफ़ हत्या की साज़िश करने का आधारहीन आरोप लगाया हैं.”
बीते दिनों पीटीआई प्रमुख इमरान ख़ान पर गोली चलाई गई थी. फ़ायरिंग में उनके पैर में गोली लगी है. उन पर उस वक़्त गोली चलाई गई, जब वह वज़ीराबाद शहर में लॉन्ग मार्च की अगुआई कर रहे थे.

पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने इमरान खान के प्रदर्शन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है

इमरान ख़ान ने हमले के बाद शुक्रवार को अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीएम शहबाज़ शरीफ़, गृहमंत्री राणा सनाउल्लाह ख़ान और पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई के एक वरिष्ठ अधिकारी मेजर जनरल फ़ैसल नसीर हत्या की साज़िश का आरोप लगाया है. इसके साथ ही उन्होंने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है.

इसके साथ ही उन्होंने पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश उमर अता बंदियाल से न्याय की अपील की है.

पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को सरकार की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा नियोजित सरकार विरोधी प्रदर्शन के खिलाफ निर्देश जारी करने का आग्रह किया गया था।

बहरहाल, उच्चतम न्यायालय ने सरकार को कानून एवं व्यवस्था पर नियंत्रण करने के लिए ‘‘खुली छूट” दी और आगाह किया कि अगर किसी भी पक्ष ने अदालत के आदेशों का उल्लंघन किया तो वह हस्तक्षेप करेगा।

संघीय सरकार ने खान की पार्टी के ‘‘आजादी मार्च” के संबंध में अदालत के 25 मई के आदेश का उल्लंघन करने के लिए उनके खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्यवाही शुरू करने के वास्ते गत सप्ताह उच्चतम न्यायालय का रुख किया था। सरकार ने इसी याचिका में खान को नियोजित प्रदर्शन मार्च के जरिए कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने से रोकने का आदेश देने का अनुरोध किया।

उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश उमर अता बंदियाल की अगुवाई वाली पांच सदस्यीय पीठ ने याचिका पर सुनवाई की। न्यायालय ने नियोजित प्रदर्शन के संबंध में कोई आदेश देने से इनकार कर दिया है। हालांकि, यह प्रदर्शन अभी तक नहीं हुआ है।

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