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मैकडॉनल्ड्स बर्गर खाने से हुई एक की मौत, क्या बर्गर है जानलेवा

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डिजिटल भारत I मैकडॉनल्ड्स बर्गर में संदिग्ध ई. कोली संक्रमण से मौत का मामला अमेरिका में फास्ट-फूड इंडस्ट्री में गंभीर विवाद खड़ा कर चुका है। इस घटना के चलते न केवल उपभोक्ताओं की सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे हैं बल्कि प्रमुख फास्ट-फूड ब्रांड्स पर भी इसका असर पड़ा है। मैकडॉनल्ड्स, बर्गर किंग, और यम ब्रांड्स ने अपने मेन्यू से प्याज को हटा लिया है, जिससे उत्पाद की गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
घटना का कारण और उसके प्रभाव
मैकडॉनल्ड्स के एक बर्गर में ई. कोली बैक्टीरिया का संक्रमण पाया गया, जिससे 75 लोग बीमार पड़ गए और एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई। अमेरिकी स्वास्थ्य अधिकारियों ने जांच में पाया कि प्याज इस संक्रमण का मुख्य स्रोत था। इससे पहले भी फास्ट-फूड इंडस्ट्री में इसी तरह की घटनाएं सामने आई थीं, जैसे 2015 में चिपोटल मैक्सिकन ग्रिल में ई. कोली का प्रकोप, जिसने कंपनी की बिक्री में भारी गिरावट दर्ज करवाई थी।
इस घटना का असर न केवल मैकडॉनल्ड्स पर बल्कि अन्य ब्रांड्स पर भी पड़ा। बर्गर किंग के 5% स्टोर्स और अन्य फास्ट-फूड चेन, जैसे कि केएफसी, पिज्जा हट, टैको बेल ने भी अपने मेन्यू से प्याज हटाने का निर्णय लिया। इन ब्रांड्स ने यह कदम उपभोक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया है।
शेयर बाजार पर असर
ई. कोली संक्रमण के प्रकोप के कारण मैकडॉनल्ड्स के शेयरों में गिरावट देखी जा रही है। इसके कारण कई निवेशकों ने फास्ट-फूड सेक्टर में अपने निवेश को लेकर चिंता जताई है। बेयर्ड इक्विटी रिसर्च के एक विश्लेषक डेविड टारंटिनो के अनुसार, यदि ई. कोली संक्रमण का खतरा बढ़ता है तो इससे मैकडॉनल्ड्स की बिक्री में और गिरावट हो सकती है।
फूड सेफ्टी पर कंपनियों का ध्यान
फूड सेफ्टी पर बढ़ते खतरे को देखते हुए अमेरिकी रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (CDC) ने ताजा प्याज का आपूर्तिकर्ता टेलर फॉर्म्स पर खास नजर रखी है। यूएस फूड्स ने कोलोराडो में उत्पादित पीले प्याज की खेप को वापस बुला लिया है ताकि और किसी जगह यह संक्रमण न फैले।
भारत में मैकडॉनल्ड्स का विस्तार और एहतियात
भारत में मैकडॉनल्ड्स की शुरुआत 1996 में हुई थी, और वर्तमान में इसके 400 से अधिक स्टोर्स यहां संचालित हो रहे हैं। इस घटना का असर भारतीय मार्केट पर भी पड़ सकता है, क्योंकि उपभोक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए फूड सेफ्टी पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। भारत में खाद्य मानकों का पालन करते हुए, मैकडॉनल्ड्स ने अपने भारतीय आउटलेट्स पर खास सावधानी बरतनी शुरू कर दी है।
ग्राहकों की प्रतिक्रिया
फास्ट-फूड चेन पर बढ़ते संक्रमण के मामलों ने ग्राहकों के मन में भय उत्पन्न किया है। कुछ उपभोक्ताओं ने सोशल मीडिया पर अपने विचार साझा करते हुए मैकडॉनल्ड्स और अन्य ब्रांड्स पर कड़ी आलोचना की है।
भविष्य की चुनौतियां और संभावनाएं
फास्ट-फूड इंडस्ट्री को अब अपनी गुणवत्ता मानकों में सुधार लाने के साथ-साथ ग्राहकों का विश्वास फिर से जीतने के लिए भी प्रयास करने होंगे।

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जबलपुर पुलिस अधीक्षक संपत उपाध्याय आईपीएस का कार्यकाल जबलपुर के लिए चुनौतीपूर्ण

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नवागत पुलिस अधीक्षक जबलपुर, संपत उपाध्याय (भा.पु.से.) ने 25-10-2024 को पदभार ग्रहण किया। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखना, अपराध पर नियंत्रण एवं अपराधियों पर लगाम लगाना प्राथमिकता होगी।
जिले की कानून व्यवस्था की कमान संभालेंगे। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर संपत उपाध्याय, जो उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के रहने वाले हैं, अपनी दृढ़ कार्यशैली और अपराध नियंत्रण में सख्त रवैये के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने 2013 में यूपीएससी परीक्षा पास की थी और इसके बाद विभिन्न महत्त्वपूर्ण पदों पर रहते हुए भोपाल और इंदौर जैसे बड़े शहरों में कानून व्यवस्था में सुधार किया है।

युवा और विद्वान आईपीएस अधिकारी संपत उपाध्याय को अब जबलपुर जिले की कानून व्यवस्था का दायित्व सौंपा गया है। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में परास्नातक संपत उपाध्याय, जिनका संबंध उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले से है, ने 2013 में यूपीएससी की परीक्षा पास कर आईपीएस का पद प्राप्त किया। गंगा किनारे बिताए बचपन और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की शिक्षा ने उन्हें समाज और कानून के प्रति एक विशिष्ट दृष्टिकोण प्रदान किया है।
संपत उपाध्याय की कार्यशैली ने उन्हें मध्य प्रदेश में एक प्रभावशाली अधिकारी के रूप में स्थापित किया है। उन्होंने भोपाल में एसपी (दक्षिण) और इंदौर में डीसीपी के रूप में कार्य किया, जहाँ उनकी कर्तव्यनिष्ठा और कार्यकुशलता को सराहा गया। उनके पहले जिले श्योपुर और बाद में देवास में उनकी कार्यक्षमता ने उन्हें एक कुशल प्रशासक के रूप में साबित किया। अब जबलपुर जैसे बड़े जिले में कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी संभालने के लिए संपत उपाध्याय का चयन उनकी योग्यता और सख्त अनुशासन के कारण किया गया है। जनता और पुलिस बल को उनसे कानून व्यवस्था में सुधार और अपराध नियंत्रण की दिशा में बड़े कदमों की उम्मीद है।
संपत उपाध्याय का कार्यकाल जबलपुर के लिए चुनौतीपूर्ण होगा । उपाध्याय जनता के बीच लोकप्रिय रहे हैं, और उनका मानना है कि पुलिस को लोगों की समस्याओं को हल करने के लिए हमेशा तत्पर रहना चाहिए। अपने अधीनस्थों को भी वे जनता के साथ अच्छा व्यवहार रखने और उनकी समस्याओं को प्राथमिकता देने की शिक्षा देते हैं। जबलपुर में उनकी नियुक्ति से कानून व्यवस्था में और भी सुधार की अपेक्षा की जा रही है।

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काहिरा बैठक में युद्धविराम पर चर्चा, हमास और इस्राइल के बीच संभावित समझौते के संकेत

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इस्राइल-हमास संघर्ष की ताज़ा स्थिति के अनुसार, मिस्र ने हमास के कब्जे में नागरिकों की रिहाई और युद्धविराम समझौते के लिए मध्यस्थता करने की इच्छा जताई है, जिसका इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने स्वागत किया। मिस्र की राजधानी काहिरा में वार्ता के दौरान, इस्राइल ने मोसाद प्रमुख को कतर भेजा, ताकि समाधान की दिशा में कदम बढ़ाए जा सकें।
हमास का उद्देश्य और उसका इतिहास
हमास (इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन) 1987 में एक संगठन के रूप में उभरा और फिलिस्तीन के स्वतंत्र राज्य के लिए संघर्षरत है। हालांकि यह संगठन अंतरिम रूप से गाजा, पश्चिमी तट, और पूर्वी येरुशलम में इस्लामी राज्य की स्थापना पर सहमति का संकेत दे चुका है, लेकिन ऐतिहासिक फिलिस्तीन पर इसके दावे का परित्याग नहीं किया गया है। इस्राइल की रिपोर्ट के अनुसार, 7 अक्टूबर के हमलों के बाद हमास के कई लड़ाके हताहत हुए हैं। संगठन का बुनियादी ढांचा गाजा में बुरी तरह से प्रभावित हुआ है, और कई शीर्ष नेता इस्राइली हमलों में मारे जा चुके हैं।
संघर्ष का वर्तमान प्रभाव
हमास के नेता और उसकी संरचना पर मौजूदा संघर्ष का गहरा प्रभाव पड़ा है। गाजा पट्टी में सैन्य हमलों के कारण समूह की संचालन क्षमता घट गई है। खालिद मेशाल और महमूद ज़हर जैसे नेता हमास के कूटनीतिक और क्षेत्रीय प्रयासों का नेतृत्व कर रहे हैं, जो कतर और अन्य स्थानों से इस संघर्ष का संचालन कर रहे हैं।
प्रमुख सहयोगी और समर्थन
ईरान हमास का सबसे प्रमुख सहयोगी है, जो उसे वित्तीय, सैन्य, और राजनीतिक समर्थन प्रदान करता है। इसके अलावा, सीरिया और कतर भी हमास के प्रमुख समर्थक हैं। वर्तमान संघर्ष में इन देशों की भूमिका भी विशेष है, जो इस संघर्ष को वैश्विक स्तर पर प्रभावित कर रही है।
युद्धविराम और मानवीय सहायता की मांग
हमास ने अपने बयान में यह स्पष्ट किया कि इस्राइल को गाजा से हटना होगा और विस्थापितों को वापस आने देना चाहिए, जिसके बाद ही युद्धविराम पर विचार हो सकता है। इसके साथ ही गाजा में मानवीय सहायता की अनुमति की भी मांग की गई है।
इस्राइल, हमास और अन्य प्रमुख देशों के बीच यह तनावपूर्ण वार्ता क्षेत्रीय स्थिरता के लिए एक अहम बिंदु पर है। कतर और मिस्र की मध्यस्थता से संभावित युद्धविराम और समझौते की संभावना पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं।
अधिक जानकारी के लिए और इस विषय पर विस्तृत लेख में हमास, उसके सहयोगियों, इस्राइली प्रतिक्रियाओं और अंतरराष्ट्रीय समर्थन पर विशेष प्रकाश डाला गया है।

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महाराष्ट्र चुनाव: एनसीपी में शामिल हुए पूर्व भाजपा सांसद, नए गठबंधन से बढ़ी राजनीति की गर्मी

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डिजिटल भारत I महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों की सुगबुगाहट के बीच राजनीतिक समीकरण तेजी से बदल रहे हैं। प्रमुख पार्टियां अपने उम्मीदवारों की सूची जारी कर रही हैं और गठबंधन की रणनीतियों को अंतिम रूप दे रही हैं। अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने पूर्व भाजपा सांसदों को अपने पाले में लाकर इस चुनावी जंग को और रोमांचक बना दिया है।

प्रताप चिखलीकर और संजय पाटिल का एनसीपी से जुड़ना
नांदेड़ से लोकसभा चुनाव हारने वाले पूर्व भाजपा सांसद प्रताप चिखलीकर को अब एनसीपी ने लोहा विधानसभा सीट से उम्मीदवार घोषित किया है। इसी प्रकार, सांगली के पूर्व भाजपा सांसद संजय काका पाटिल, जिन्होंने आम चुनाव में हार का सामना किया था, एनसीपी में शामिल हो गए हैं और उन्हें तासगांव-कवठे महांकाल विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया गया है। संजय पाटिल का मुकाबला एनसीपी (एसपी) के उम्मीदवार रोहित पाटिल से होगा, जो दिवंगत नेता आर. आर. पाटिल के पुत्र हैं। यह मुकाबला सांगली जिले के तासगांव-कवठे महांकाल निर्वाचन क्षेत्र में होगा, जिससे यह सीट बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

एनसीपी की पहली सूची
अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने एक दिन पहले ही 38 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी। इस सूची में पार्टी के वरिष्ठ नेता और प्रमुख नाम शामिल हैं, जैसे कि अजित पवार खुद बारामती सीट से चुनाव लड़ेंगे, छगन भुजबल येवला से, और दिलीप वाल्से पाटील आंबेगाव से उम्मीदवार होंगे। पार्टी ने धनंजय मुडे को परली और नरहरी झिरवाल को दिंडोरी सीट से उम्मीदवार बनाया है। एनसीपी का यह कदम दर्शाता है कि पार्टी आगामी चुनावों में वरिष्ठ नेताओं के अनुभव और कद का भरपूर फायदा उठाने की कोशिश में है।

गठबंधन की स्थिति
गुरुवार को देवेंद्र फडणवीस ने घोषणा की कि महायुति (भाजपा, शिवसेना, और एनसीपी) ने राज्य की 288 विधानसभा सीटों में से 278 सीटों के बंटवारे को अंतिम रूप दे दिया है। इस गठबंधन में भाजपा ने अब तक 99 सीटों पर, शिवसेना ने 40 सीटों पर, और अजित पवार की एनसीपी ने 45 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। भाजपा की दूसरी सूची भी शुक्रवार को जारी की जाएगी।

शिवसेना की सूची
एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने 45 उम्मीदवारों की सूची जारी की थी। सीएम एकनाथ शिंदे एक बार फिर से कोपरी पाचपाखाड़ी सीट से चुनाव लड़ेंगे, जहाँ वे पहले भी जीत हासिल कर चुके हैं। पार्टी ने पैठण से विलास संदिपान भूमरे को उम्मीदवार बनाया है। इस सूची में मालेगांव, चांदीवली, और बुलढाणा जैसी चर्चित विधानसभा सीटों पर भी प्रत्याशियों के नाम शामिल हैं।

राज्य का राजनीतिक परिदृश्य
महाराष्ट्र की राजनीति इस बार बेहद दिलचस्प मोड़ पर है, जहाँ कई पुराने खिलाड़ी अपनी नई भूमिकाओं में हैं और गठबंधन की राजनीति पूरे जोश में है। भाजपा, शिवसेना, और एनसीपी का महायुति गठबंधन जहां अपनी ताकत बढ़ाने में लगा है, वहीं विपक्षी पार्टियां भी अपनी रणनीतियों को धार देने में जुटी हैं। यह चुनाव इसलिए भी अहम है क्योंकि इसमें कई बड़े चेहरे एक दूसरे के खिलाफ मैदान में उतरने वाले हैं।

संजय पाटिल और रोहित पाटिल के बीच का मुकाबला विशेष रूप से चर्चा में है, क्योंकि यह एक राजनीतिक परिवारों की जंग के रूप में देखा जा रहा है। रोहित पाटिल अपने दिवंगत पिता आर. आर. पाटिल की विरासत को आगे बढ़ाने की कोशिश करेंगे, जबकि संजय पाटिल भाजपा छोड़कर एनसीपी का हिस्सा बनने के बाद अपनी नई राजनीतिक पारी शुरू करने की तैयारी में हैं।

महाराष्ट्र का चुनावी इतिहास
महाराष्ट्र का चुनावी इतिहास भी इस बार के चुनाव को खास बनाता है। राज्य में हमेशा से कांग्रेस और भाजपा के बीच कड़ा मुकाबला रहा है, लेकिन हाल के वर्षों में एनसीपी और शिवसेना ने भी अपनी मजबूत स्थिति बनाई है। शिवसेना और भाजपा का गठबंधन कई वर्षों तक मजबूत रहा, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में हुए राजनीतिक फेरबदल ने राज्य की राजनीति को नया रूप दिया है।

इस बार के चुनावों में देखना दिलचस्प होगा कि महायुति गठबंधन और विपक्षी पार्टियों के बीच किस तरह का मुकाबला होता है। 20 नवंबर को होने वाले मतदान के बाद 23 नवंबर को नतीजों का ऐलान किया जाएगा, जो राज्य के भविष्य की दिशा तय करेगा।

एनसीपी का बढ़ता प्रभाव
एनसीपी की रणनीति इस चुनाव में स्पष्ट रूप से दिख रही है। पार्टी ने कई ऐसे नेताओं को टिकट दिया है जो या तो पहले भाजपा में थे या अन्य पार्टियों के मजबूत उम्मीदवार रहे हैं। यह कदम पार्टी की उस नीति का हिस्सा है जिसके तहत वह विभिन्न राजनीतिक क्षेत्रों से बड़े नामों को अपने साथ जोड़ रही है। इसके अलावा, अजित पवार का नेतृत्व और पार्टी में उनकी पकड़ भी एनसीपी को मजबूती प्रदान कर रही है।

शिवसेना और भाजपा की चुनौतियाँ
भाजपा और शिवसेना के सामने इस बार की सबसे बड़ी चुनौती है कि वे कैसे अपने गठबंधन को स्थिर रखकर मतदाताओं का समर्थन हासिल कर पाते हैं। पिछले कुछ वर्षों में शिवसेना और भाजपा के बीच हुए मतभेदों ने राज्य की राजनीति में अस्थिरता पैदा की थी, लेकिन अब दोनों पार्टियाँ एक साथ आकर अपने पुराने मतदाताओं को साधने की कोशिश में हैं।

एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना ने 45 उम्मीदवारों की सूची जारी की है, जिसमें कई महत्वपूर्ण सीटें शामिल हैं। यह दिखाता है कि पार्टी का फोकस इस बार ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों पर है।

चुनावी माहौल
चुनावी माहौल इस बार बेहद गर्म है, क्योंकि महाराष्ट्र की राजनीति का भविष्य इस चुनाव पर काफी हद तक निर्भर करेगा। बड़े राजनीतिक दलों के अलावा छोटे दल भी इस बार महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस बार का चुनाव त्रिकोणीय हो सकता है, जिसमें एनसीपी, भाजपा-शिवसेना गठबंधन, और कांग्रेस एक दूसरे को कड़ी टक्कर देंगे।

राज्य के विभिन्न हिस्सों में चुनाव प्रचार जोर-शोर से चल रहा है। नेताओं की रैलियाँ, रोड शो, और जनसभाएँ लगातार हो रही हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में किसान और बेरोजगारी जैसे मुद्दे प्रमुख हैं, जबकि शहरी क्षेत्रों में विकास और आधारभूत ढाँचे से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हो रही है।

नतीजों पर नज़र
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे 23 नवंबर को घोषित होंगे, और यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि महायुति गठबंधन किस हद तक अपनी स्थिति मजबूत करने में सफल होता है। वहीं, विपक्षी दलों के पास भी अपनी स्थिति सुधारने का मौका है।

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आदित्य प्रताप सिंह ने अपने कार्यकाल के दौरान दबाव की राजनीति के आगे झुके बिना अपनी जिम्मेदारियों को निभाया

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डिजिटल भारत:पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह, आईपीएस, पुलिस मुख्यालय भोपाल पुलिस मुख्यालय में सहायक पुलिस महानिरीक्षक की जिम्मेदारी संभालेंगे

जबलपुर में अपने योगदान और उपलब्धियों के लिए प्रशंसा प्राप्त कर चुके हैं। कानून-व्यवस्था बनाए रखने, अपराधों पर नियंत्रण, और सामुदायिक पुलिसिंग को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके साथ ही, विभिन्न सांस्कृतिक और सामाजिक कार्यक्रमों में उनकी भागीदारी ने स्थानीय जनता के साथ पुलिस के संबंधों को और मजबूत किया है।
आदित्य प्रताप सिंह की नेतृत्व क्षमता और प्रशासनिक कौशल ने जबलपुर पुलिस को एक बेहतर और अधिक प्रभावी संगठन के रूप में स्थापित किया है। उनके कार्यकाल में पुलिस द्वारा कई आपराधिक मामलों के सुलझने और अपराध दर में कमी आने जैसी उपलब्धियाँ दर्ज की गई हैं।

वही दूसरी ओर प्रतिनियुक्ति पर जा रहे अधिकारी, तबादले की हवा उड़ाकर श्रेय लूटने में लगे हैं कुछ नेता

पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह अपने कार्यकाल के दौरान कर्तव्यनिष्ठा और निष्पक्षता का उदाहरण प्रस्तुत किया, अब सहायक पुलिस महानिरीक्षक के पद पर भोपाल में सेवाएं देने के लिए प्रतिनियुक्ति पर जा रहे हैं। उनके कार्यकाल के दौरान जबलपुर में शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव कराना, कानून-व्यवस्था को मजबूत बनाए रखना, और राजनीतिक दबाव के बावजूद निष्पक्षता से काम करना उनकी प्रमुख उपलब्धियों में शामिल है।
हालांकि, इस स्थानांतरण को लेकर कुछ राजनीतिक हस्तियां इसे अपनी उपलब्धि के रूप में प्रस्तुत करने का प्रयास कर रही हैं, यह दावा करते हुए कि यह तबादला उनके द्वारा करवाया गया है। लेकिन हकीकत यह है कि इस तबादले का राजनीतिक हस्तक्षेप से कोई संबंध नहीं है, बल्कि यह विभागीय प्रक्रिया का हिस्सा है। आदित्य प्रताप सिंह ने अपने कार्यकाल के दौरान दबाव की राजनीति के आगे झुके बिना अपनी जिम्मेदारियों को निभाया, जिससे उनका कार्यकाल एक उदाहरण बन गया। उनके भोपाल स्थानांतरण के बाद, उनके प्रभावशाली नेतृत्व की प्रशंसा और निष्पक्षता के लिए वे लंबे समय तक याद किए जाएंगे।

पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह जगह देवास के एसपी समप्त उपाध्याय को जबलपुर का नया एसपी नियुक्त किया गया है.

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100 वर्षों की परंपरा: लाला श्यामलाल अग्रवाल एंड संस दीपावली के लिए शुद्ध पूजा सामग्री का प्रमुख केंद्र

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डिजिटल भारत I लाला श्यामलाल अग्रवाल एंड संस: 100 वर्षों की समर्पित परंपरा लाला श्यामलाल अग्रवाल एंड संस एक प्रतिष्ठित व्यापारिक संस्था है, जो जबलपुर के बड़ा फुहारा क्षेत्र में स्थित है। 100 वर्षों की समृद्ध परंपरा और अनुभव के साथ, यह प्रतिष्ठान पूजा सामग्री और धार्मिक अनुष्ठानों के लिए विशेष रूप से जाना जाता है। इस प्रतिष्ठान की शुरुआत श्री नाथूलाल जी अग्रवाल ने की थी, जिसे बाद में उनके परिवार ने आगे बढ़ाया। वर्तमान में, यह व्यापार चौथी पीढ़ी के अभिषेक अग्रवाल द्वारा संचालित किया जा रहा है। इस प्रतिष्ठान ने पारंपरिक पूजा सामग्री की बिक्री में अपनी विशेष पहचान बनाई है और यह स्थान पूजन सामग्री का एक प्रमुख केंद्र बन चुका है। 100 वर्षों की परंपरा और विश्वास लाला श्यामलाल अग्रवाल एंड संस ने अपने व्यापारिक सफर में चार पीढ़ियों तक भारतीय पूजा परंपराओं को संजोकर रखा है। इस प्रतिष्ठान की स्थापना श्री नाथूलाल जी द्वारा की गई थी, जो भारतीय पूजा पद्धतियों में गहरी आस्था रखते थे। उनके बाद यह व्यवसाय उनके बेटे श्यामलाल जी, फिर अशोक अग्रवाल और अब उनके पोते अभिषेक अग्रवाल ने संभाला है। इस व्यापार की खास बात यह है कि यह व्यापार पारंपरिक मूल्यों, धार्मिक आस्थाओं और विश्वास के साथ चल रहा है।

100 वर्षों से भी अधिक समय से, यह प्रतिष्ठान धार्मिक अनुष्ठानों के लिए आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराता आ रहा है। यहां पर ग्राहकों को शुद्ध और उच्च गुणवत्ता की पूजा सामग्री मिलती है, जो हर प्रकार के धार्मिक कार्यों के लिए उपयुक्त होती है।
दीपावली महापर्व और पूजन सामग्री
दीपावली भारत का सबसे बड़ा त्यौहार माना जाता है, और इस पर्व के दौरान लोग विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। धनतेरस से शुरू होकर भाई दूज तक पांच दिनों के इस पर्व में धनतेरस पर कुबेर, नरक चौदस पर यम और हनुमान, दीपावली पर लक्ष्मी-गणेश, और भाई दूज पर राधा-कृष्ण और गाय माता की पूजा की जाती है। इस पर्व पर लोग नए बहीखाते, मकान, वाहन, आभूषण, और अन्य घरेलू सामान खरीदते हैं, और इसके साथ ही पूजा सामग्री की भी विशेष आवश्यकता होती है।
लाला श्यामलाल अग्रवाल एंड संस इस महापर्व के लिए सभी आवश्यक पूजा सामग्री उपलब्ध कराता है। यहाँ पर आप विभिन्न प्रकार की पूजा सामग्रियाँ जैसे शुद्ध घी, तेल, अगरबत्ती, धूप, हवन सामग्री, कपूर, पीतल के दीप, मूर्तियाँ, भगवान के वस्त्र, श्रृंगार और आभूषण थोक मूल्य पर खरीद सकते हैं। इस प्रतिष्ठान की विशेषता है कि यह थोक मूल्य पर फुटकर में भी सामान उपलब्ध कराता है, जिससे ग्राहकों को उचित मूल्य पर गुणवत्तापूर्ण सामग्री मिलती है।​
दीपावली पर विशेष वस्तुएँ
दीपावली के अवसर पर यहां विशेष रूप से उपयोग में आने वाली वस्तुओं की पूरी श्रृंखला उपलब्ध है। इनमें पीली कौड़ी, सफेद कौड़ी, काली कौड़ी, गोमती चक्र, शंख, काली हल्दी, श्रीयंत्र, लघु नारियल, एकाक्षी नारियल, कुबेर पुड़िया, और लक्ष्मी-गणेश पूजन किट शामिल हैं। इस किट में दीपावली पूजन के लिए आवश्यक सभी वस्तुएं होती हैं, जिससे लोगों को पूजन सामग्री इकट्ठा करने की परेशानी नहीं होती। इसके अलावा, यहां पर सुंदर फ्रेम सहित भगवान की तस्वीरें भी उपलब्ध हैं, जिन्हें लोग अपने घरों में या पूजा स्थल पर रख सकते हैं।
आधुनिक सुविधाएँ: ऑनलाइन सेवा और होम डिलीवरी
समय के साथ बदलती तकनीकी और लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए लाला श्यामलाल अग्रवाल एंड संस ने अपनी सेवाओं को डिजिटल प्लेटफार्म पर भी उपलब्ध कर दिया है। अब ग्राहक इस प्रतिष्ठान की वेबसाइट या व्हाट्सएप के माध्यम से ऑनलाइन ऑर्डर कर सकते हैं। यह सुविधा ग्राहकों के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो रही है, क्योंकि अब वे घर बैठे ही अपनी पूजा सामग्री का ऑर्डर बुक कर सकते हैं और उसे फ्री होम डिलीवरी के जरिए अपने घर पर प्राप्त कर सकते हैं।​
दीपावली के इस शुभ अवसर पर लाला श्यामलाल अग्रवाल एंड संस अपने सभी ग्राहकों के लिए विशेष उपहार और फ्री होम डिलीवरी की सुविधा भी प्रदान कर रहा है।
प्रतिष्ठान की विशेषता
यह प्रतिष्ठान न केवल पूजा सामग्री की दुकान है, बल्कि यह जबलपुर शहर की एक धार्मिक धरोहर भी है। वर्षों से यह व्यापार अपने ग्राहकों की धार्मिक आवश्यकताओं को पूरा करता आ रहा है। यहां उपलब्ध सामग्री की गुणवत्ता, परंपरा और विश्वसनीयता के कारण यह प्रतिष्ठान शहर में अपनी खास पहचान बना चुका है।
यहाँ विभिन्न प्रकार की पूजा सामग्री जैसे हवन सामग्री, धूप-अगरबत्ती, कुमकुम, दीपक, मूर्तियाँ, भगवान के वस्त्र, पूजा के आसान, झूले, सिंहासन, और पूजा के लिए विशेष रूप से बनाए गए आभूषण भी उपलब्ध होते हैं। इसके अलावा, प्रतिष्ठान में ग्राहकों के लिए विशेष धार्मिक ग्रंथ और पुस्तकें भी उपलब्ध हैं, जिनका उपयोग पूजा-अर्चना में किया जाता है।​
ग्राहकों की संतुष्टि और प्रतिष्ठान का भविष्य
लाला श्यामलाल अग्रवाल एंड संस का व्यापार केवल एक दुकान तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक धार्मिक सेवा है, जो पीढ़ियों से लोगों के विश्वास और धार्मिक आवश्यकताओं को पूरा करती आ रही है। इस प्रतिष्ठान का मकसद ग्राहकों को उच्च गुणवत्ता की पूजा सामग्री उपलब्ध कराना है, ताकि वे अपने धार्मिक कार्यों को सही ढंग से और शुद्धता के साथ कर सकें।
आने वाले समय में, प्रतिष्ठान अपनी सेवाओं को और भी बेहतर बनाने की योजना बना रहा है। ऑनलाइन सेवा की शुरुआत और होम डिलीवरी जैसी सुविधाएं ग्राहकों को ध्यान में रखते हुए शुरू की गई हैं, और आगे भी नई-नई सुविधाओं को जोड़ा जाएगा। प्रतिष्ठान अपने 100 वर्षों की समृद्ध विरासत को बनाए रखते हुए नई पीढ़ी के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने के लिए तैयार है।
निष्कर्ष
लाला श्यामलाल अग्रवाल एंड संस 100 वर्षों से अधिक समय से धार्मिक परंपराओं और पूजा सामग्री के क्षेत्र में अपनी सेवाएँ प्रदान कर रहा है। यह प्रतिष्ठान न केवल जबलपुर में, बल्कि पूरे क्षेत्र में अपनी विश्वसनीयता और गुणवत्ता के लिए प्रसिद्ध है। यहां की पूजा सामग्री और धार्मिक अनुष्ठानों से जुड़ी वस्तुएं समाज के हर वर्ग के लिए उपयुक्त हैं।
दीपावली जैसे प्रमुख त्यौहारों के दौरान इस प्रतिष्ठान की सेवाएँ और भी महत्वपूर्ण हो जाती हैं, क्योंकि यह ग्राहकों को सभी प्रकार की आवश्यक वस्तुएं एक ही स्थान पर उपलब्ध कराता है। प्रतिष्ठान की ऑनलाइन सेवा और फ्री होम डिलीवरी की सुविधा से यह और भी अधिक ग्राहकों तक पहुँच बना रहा है।
100 वर्षों की इस समृद्ध परंपरा और अनुभव के साथ, लाला श्यामलाल अग्रवाल एंड संस अपने ग्राहकों के लिए एक विश्वसनीय और समर्पित स्थान बना हुआ है। यह प्रतिष्ठान भारतीय धार्मिक परंपराओं और संस्कृति को जीवित रखने का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है, और भविष्य में भी यह अपनी सेवाएँ इसी तरह से प्रदान करता रहेगा।

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यमुनानगर में स्पा सेंटर की आड़ में चल रहा अवैध धंधा बेनकाब, पुलिस ने नवविवाहिता समेत 10 हिरासत में

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हरियाणा के यमुनानगर में हाल ही में एक घटना ने स्थानीय जनता और पुलिस को हिला कर रख दिया है। लघु सचिवालय के पास स्थित “नेचुरल स्पा सेंटर” पर पुलिस द्वारा मारे गए छापे के दौरान कई चौंकाने वाले खुलासे हुए। स्पा सेंटर की आड़ में चल रही अवैध गतिविधियों की सूचना मिलने पर यह कार्रवाई की गई, जिसमें नवविवाहिता सहित 10 लोगों को हिरासत में लिया गया। यह घटना इस बात की ओर इशारा करती है कि कैसे कुछ लोग निर्दोष महिलाओं का फायदा उठाते हुए उन्हें जबरन इस तरह के अवैध कार्यों में धकेलते हैं।
स्पा सेंटर में अवैध गतिविधियों का खुलासा
यमुनानगर पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि शहर के एक प्रतिष्ठित इलाके में चल रहे स्पा सेंटर में अनैतिक काम हो रहे हैं। इस सूचना के बाद, पुलिस ने डीएसपी के नेतृत्व में छापेमारी का प्लान तैयार किया। देर रात, जब अधिकांश शहरवासी सो रहे थे, पुलिस की एक टीम ने “नेचुरल स्पा सेंटर” पर रेड की। रेड के दौरान पुलिस ने देखा कि स्पा सेंटर के रिसेप्शन पर लड़कियों को बैठाया गया था, जबकि अंदर कुछ अन्य लोग अवैध गतिविधियों में संलिप्त पाए गए। मौके पर कई लड़के और लड़कियों को आपत्तिजनक स्थिति में पकड़ा गया।​

जबरन धकेली गईं लड़कियां
पुलिस जांच में यह सामने आया कि स्पा सेंटर के मालिक और कुछ अन्य लोग जबरन या लालच देकर लड़कियों को इस धंधे में धकेल रहे थे। जानकारी के अनुसार, कुछ लड़कियां ऐसी थीं जिन्हें आर्थिक मजबूरियों का सामना करना पड़ रहा था, और इसी कमजोरी का फायदा उठाकर उन्हें इस अवैध कार्य में शामिल किया गया।

यह मामला समाज में छिपे हुए उस काले सच की ओर इशारा करता है, जहां निर्दोष और मजबूर महिलाओं को अवैध गतिविधियों में धकेला जाता है। पुलिस का मानना है कि इस तरह की घटनाएं न केवल महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाती हैं, बल्कि समाज में अपराध की जड़ें भी मजबूत करती हैं। यमुनानगर में इस प्रकार की अवैध गतिविधियों का खुलासा पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है।
यमुनानगर के स्पा सेंटर में चल रही अवैध गतिविधियां
यमुनानगर में स्पा सेंटरों का चलन तेजी से बढ़ा है, खासकर लघु सचिवालय और अन्य व्यावसायिक क्षेत्रों के आसपास। इन स्पा सेंटरों के मालिक बड़ी चालाकी से इन जगहों को वैध व्यापार के रूप में दिखाते हैं, जबकि अंदर अनैतिक काम किए जाते हैं।
स्पा और सैलून की आड़ में चल रहे इस धंधे का खुलासा पहले भी कई बार हुआ है, लेकिन यह मामला इसलिए खास है क्योंकि इसमें नवविवाहिता और अन्य निर्दोष महिलाओं को फंसाकर उनका शोषण किया जा रहा था। पुलिस का कहना है कि यह रेड केवल शुरुआत है और इस नेटवर्क के बाकी हिस्सों का खुलासा जल्द ही किया जाएगा।​
पुलिस की कार्रवाई
रेड के बाद, पुलिस ने स्पा सेंटर के मालिकों और अन्य संदिग्धों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। हिरासत में लिए गए लोगों से पूछताछ की जा रही है और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की गई है। इसके साथ ही पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है ताकि स्पा सेंटर के पीछे छिपे पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश किया जा सके।
यमुनानगर पुलिस की इस कार्रवाई की तारीफ की जा रही है, क्योंकि उन्होंने समय रहते अवैध गतिविधियों का खुलासा किया और इस काले धंधे में फंसी लड़कियों को बचाया। पुलिस ने बताया कि इस मामले में और भी गिरफ्तारी हो सकती हैं, क्योंकि स्पा सेंटर के मालिकों से मिली जानकारी के आधार पर अन्य जगहों पर भी छापेमारी की जा रही है।​
समाज पर प्रभाव
इस तरह की घटनाएं समाज के लिए एक गंभीर समस्या बनती जा रही हैं। स्पा सेंटरों और अन्य प्रतिष्ठानों का इस्तेमाल करके अनैतिक गतिविधियां चलाई जा रही हैं, जिससे समाज में अपराध की दर बढ़ रही है। खासकर, महिलाओं का शोषण और उनका जबरन इस धंधे में धकेलना एक गंभीर चिंता का विषय है।

आर्थिक रूप से कमजोर और मजबूर महिलाओं को ऐसे अवैध कामों में धकेलने वाले लोग समाज के लिए खतरा हैं। समाज के हर वर्ग को इन अवैध गतिविधियों के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए और पुलिस के साथ मिलकर ऐसे अपराधों का सामना करना चाहिए।
महिलाओं के लिए कानूनी और सामाजिक सुरक्षा
इस तरह की घटनाओं से निपटने के लिए पुलिस और सरकार को सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है। महिलाओं के शोषण को रोकने के लिए कानून पहले से ही मौजूद हैं, लेकिन इन कानूनों को और सख्ती से लागू करने की आवश्यकता है। इसके साथ ही, समाज को भी जागरूक होना होगा ताकि वे ऐसी घटनाओं की रिपोर्ट करें और पीड़ित महिलाओं को न्याय दिलाने में सहयोग करें।
महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान को सुनिश्चित करने के लिए समाज और सरकार को मिलकर काम करना होगा। यमुनानगर की यह घटना एक चेतावनी है कि हमें अपने आसपास हो रही अवैध गतिविधियों के प्रति सजग रहना चाहिए और समय रहते पुलिस को सूचित करना चाहिए।
स्पा सेंटरों की निगरानी और रेगुलेशन
इस घटना के बाद सवाल उठता है कि क्या स्पा सेंटरों की निगरानी और रेगुलेशन के लिए सख्त नियमों की आवश्यकता है? स्पा और सैलून जैसी सेवाओं के लिए एक सख्त लाइसेंसिंग प्रणाली होनी चाहिए, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि इन जगहों का इस्तेमाल अवैध गतिविधियों के लिए नहीं हो रहा है। इसके अलावा, समय-समय पर इन प्रतिष्ठानों की जांच की जानी चाहिए ताकि कानून का पालन हो और कोई भी अवैध कार्य न हो सके।
पुलिस और प्रशासन को भी इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि ऐसे प्रतिष्ठानों पर नियमित रूप से निगरानी रखी जाए और किसी भी गड़बड़ी की सूचना मिलते ही तुरंत कार्रवाई की जाए।
यमुनानगर पुलिस की चुनौतियाँ और आगामी कदम
यमुनानगर पुलिस के सामने यह मामला एक बड़ी चुनौती के रूप में आया है। हालांकि, पुलिस ने त्वरित कार्रवाई कर इस अवैध गतिविधि का खुलासा किया, लेकिन उन्हें अभी और भी छापेमारी करनी होगी ताकि पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश हो सके।
आने वाले दिनों में पुलिस को ऐसे स्पा सेंटरों और सैलूनों की गहन जांच करनी होगी, ताकि इस तरह के अवैध धंधे को पूरी तरह से बंद किया जा सके। इसके अलावा, पुलिस को जनता का भी समर्थन प्राप्त करना होगा ताकि लोग खुलकर ऐसी अवैध गतिविधियों की रिपोर्ट कर सकें।
यमुनानगर की इस घटना ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया है, और उम्मीद की जा रही है कि इस कार्रवाई से अन्य अवैध गतिविधियों में भी कमी आएगी।
निष्कर्ष
हरियाणा के यमुनानगर में स्पा सेंटर पर हुई पुलिस की इस कार्रवाई ने एक बार फिर से समाज के सामने उन समस्याओं को उजागर किया है, जिनका सामना आज की महिलाओं को करना पड़ता है। इस घटना ने यह स्पष्ट किया कि कुछ लोग निर्दोष और मजबूर महिलाओं का शोषण करके अवैध कार्यों में धकेलने से भी नहीं हिचकते।
समाज और प्रशासन को मिलकर इन समस्याओं से निपटना होगा और सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी महिला इस तरह के शोषण का शिकार न हो। यमुनानगर पुलिस की इस कार्रवाई से एक उम्मीद जगी है कि ऐसे अपराधों पर लगाम लगेगी और दोषियों को सख्त सजा मिलेगी।
हालांकि, यह केवल शुरुआत है। पुलिस और प्रशासन को इस दिशा में और भी कठोर कदम उठाने होंगे ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हो सकें और महिलाओं को सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन जीने का अधिकार मिले।

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मुकेश अंबानी और जेनसेन हांग ने किया जामनगर में AI-रेडी डेटा सेंटर का ऐलान, भारत के तकनीकी परिदृश्य में बड़ा बदलाव

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डिजिटल भारत I भारत एक बार फिर से टेक्नोलॉजी की दुनिया में बड़ा कदम उठाने की तैयारी कर रहा है, और इस बार यह कदम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में है। रिलायंस इंडस्ट्रीज और Nvidia ने मिलकर भारत में AI के विकास के लिए एक बड़े पैमाने पर साझेदारी की है, जिससे भारत को AI सुपरपावर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। इस परियोजना के तहत देश में AI सुपरकंप्यूटर तैयार किए जाएंगे जो विभिन्न क्षेत्रों में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने की क्षमता रखते हैं।
Nvidia के CEO जेनसेन हांग और रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने हाल ही में मुंबई में AI समिट इंडिया के दौरान इस पहल की घोषणा की। इस साझेदारी का उद्देश्य भारत में AI इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना और देशभर में AI आधारित सेवाओं का विस्तार करना है। दोनों कंपनियों ने जामनगर में एक अत्याधुनिक AI-रेडी डेटा सेंटर बनाने की योजना बनाई है, जो देश को ग्लोबल AI लीडर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।
इस परियोजना के अंतर्गत रिलायंस जियो और Nvidia मिलकर भारत के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए AI मॉडल्स बनाएंगे, जो सरकारी सेवाओं, उद्योगों और उपभोक्ताओं को ध्यान में रखते हुए विकसित किए जाएंगे। यह मॉडल्स भाषाई विविधता को ध्यान में रखते हुए तैयार किए जाएंगे और इनका उपयोग चिकित्सा, शिक्षा, कृषि, और औद्योगिक क्षेत्रों में AI समाधान प्रदान करने के लिए किया जाएगा।​
रिलायंस इंडस्ट्रीज के इस बड़े कदम का उद्देश्य देश के विभिन्न उद्योगों को AI तकनीक से सशक्त बनाना है, ताकि न केवल उत्पादकता बढ़े, बल्कि भारत AI अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में भी अग्रणी बन सके।

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पायलट की सूझबूझ से टला बड़ा हादसा: कटिहार-जोगबनी डीएमयू ट्रेन के चक्के में फंसी सरिया

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डिजिटल भारत I अक्टूबर 2024 में पूर्णिया जिले के रानीपतरा रेलवे स्टेशन के पास एक बड़ा रेल हादसा टल गया, जिसका श्रेय ट्रेन के पायलट की सूझबूझ और त्वरित कार्रवाई को जाता है। घटना मंगलवार देर रात की है, जब कटिहार से जोगबनी जा रही डीएमयू (डीजल मल्टीपल यूनिट) ट्रेन (07561) के चक्कों में सरिया (रॉड) उलझ गया। पायलट ने स्थिति को भांपते हुए तुरंत आपातकालीन ब्रेक लगाए और ट्रेन को सुरक्षित रूप से रोक दिया, जिससे एक बड़ा हादसा होने से बच गया। इस घटना में कोई अप्रिय घटना नहीं हुई और सभी यात्री सुरक्षित रहे।
जांच के दौरान पता चला कि किसी तरह एक सरिया ट्रेन के पहियों में फंस गई थी, जिससे ट्रेन की स्थिरता और यात्रियों की सुरक्षा को बड़ा खतरा हो सकता था। पायलट की तत्परता ने स्थिति को संभाला और ट्रेन को रोकने के बाद रेलवे प्रशासन ने तुरंत एक्शन लिया। स्थानीय प्रशासन, जीआरपी (सरकारी रेलवे पुलिस), और अन्य रेलवे अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर ट्रेन के चक्कों में फंसी सरिया को बाहर निकाला। इसके बाद ट्रेन को सुरक्षित रूप से अपनी यात्रा जारी रखने की अनुमति दी गई।
पूरी घटना रानीपतरा स्टेशन और उसके आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गई थी। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज की जांच की जाएगी और यह पता लगाया जाएगा कि सरिया रेलवे ट्रैक पर कैसे पहुंचा। रेलवे विभाग ने इस घटना की गहन जांच शुरू कर दी है और दोषियों की पहचान कर उन पर आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
ट्रेन में सवार यात्रियों ने पायलट की सूझबूझ की प्रशंसा की। एक यात्री ने बताया कि शुरुआत में उन्हें लगा कि ट्रेन में कोई तकनीकी खराबी हो गई है, लेकिन बाद में यह स्पष्ट हुआ कि पायलट ने बड़ी शांति और समझदारी से ट्रेन रोककर सभी की जान बचा ली। यात्रियों ने पायलट की बहादुरी और सतर्कता की सराहना करते हुए कहा कि उनकी तत्परता से ही बड़ा हादसा टल गया। रेलवे अधिकारियों ने यात्रियों को भरोसा दिलाया कि वे सुरक्षित यात्रा के लिए हमेशा सतर्क रहते हैं।
रेलवे विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि ट्रैक पर सरिया मिलने की यह घटना बेहद गंभीर है और इसे लेकर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। विभाग इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि यह सरिया कैसे और किसके द्वारा ट्रैक पर रखी गई थी। रेलवे के उच्चाधिकारियों ने यात्रियों को आश्वस्त किया कि इस घटना की पूरी तरह जांच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।
पायलट की सूझबूझ के चलते यह संभावित हादसा टल गया, जिससे सैकड़ों यात्रियों की जान बच गई।

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आयुध निर्माणी खमरिया में भयानक धमाका, इमारत की छत गिरी, कई कर्मचारी घायल, 2 की मौत

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डिजिटल भारत I जबलपुर की आयुध निर्माणी खमरिया में आज सुबह एक बड़ा धमाका हुआ, जिसमें कई लोग घायल हो गए। यह घटना F-6 सेक्शन की बिल्डिंग नंबर 201 में हुई, जहां थाउजेंड पाउडर बम का निर्माण किया जा रहा था, जिसका उपयोग भारतीय वायुसेना करती है। हादसा सुबह करीब 10:45 बजे हुआ, जब कर्मचारियों द्वारा बम को बॉयल्ड आउट किया जा रहा था। इस दौरान विस्फोट इतना तेज़ था कि पूरी बिल्डिंग की छत टूटकर गिर गई और मलबे में कई कर्मचारी दब गए। धमाके के तुरंत बाद, मौके पर फायर ब्रिगेड और सुरक्षा कर्मियों को बुलाया गया, जिन्होंने राहत कार्य शुरू किया।
इस दुर्घटना में करीब 24 से अधिक कर्मचारी घायल हुए, जिनमें से कई की हालत गंभीर बताई जा रही है। दो लोगों की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई, जबकि अन्य घायलों को इलाज के लिए जबलपुर के निजी अस्पतालों में रेफर किया गया है। अभी तक धमाके के पीछे का सही कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है, लेकिन फैक्ट्री प्रशासन ने जांच के आदेश जारी कर दिए हैं।
विस्फोट इतना ज़बरदस्त था कि आसपास के रांझी क्षेत्र में रहने वाले लोग भी अपने घरों से बाहर निकल आए। धमाके से पूरा इलाका दहल उठा और लोग इस बारे में चर्चा करने लगे कि आखिर फैक्ट्री में क्या हुआ है। इस तरह के धमाके आयुध निर्माणी खमरिया में पहले भी हो चुके हैं, लेकिन आज की घटना ने फिर से सुरक्षा मानकों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस फैक्ट्री में सेना के लिए विभिन्न प्रकार के बम और हथियारों का निर्माण किया जाता है, जिनमें थाउजेंड पाउडर बम भी शामिल है​

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