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मध्य प्रदेश: MBBS के छात्र-हिंदुत्व से जुड़े व्यक्तियों के बारे में पढ़ेंगे, कांग्रेस ने लगाया विचारधारा थोपने का आरोप

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मध्य प्रदेश के शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने रविवार को कहा कि प्रदेश में एमबीबीएस छात्रों को प्रथम वर्ष के आधार पाठ्यक्रम के तहत राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के संस्थापक के बी हेडगेवार, भारतीय जनसंघ के नेता दीनदयाल उपाध्याय, स्वामी विवेकानंद और बी आर आंबेडकर के सिद्धांतों एवं जीवन दर्शन के बारे में पढ़ाया जाएगा। इस पर मध्य प्रदेश में राजनीति शुरू हो गई है। प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने सत्तारूढ़ भाजपा पर आरोप लगाया है कि वह जनसंघ व आरएसएस के संस्थापकों के सिद्धांतों एवं जीवन दर्शन के बारे में एमबीबीएस छात्रों को पढ़ा कर अपनी विचारधारा को लोगों पर थोपना चाहती है, भाजपा ने कांग्रेस पर इतिहास को मिटाने और दबाने का काम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि देश और समाज के लिए जो आदर्श हैं, उनके बारे में सभी को जानने की जरूरत है।

सारंग ने कहा कि इस पहल का उद्देश्य एमबीबीएस के छात्रों को सामाजिक और नैतिक मूल्य सिखाना है। हेडगेवार, उपाध्याय, स्वामी विवेकानंद संघ के हिंदुत्व पंथ का हिस्सा हैं, जो सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वैचारिक एवं राजनीतिक परामर्शदाता के रूप में माने जाते हैं। मंत्री ने कहा कि एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्र आयुर्वेद के जनक महर्षि चरक और शल्य चिकित्सा के जनक के रूप में जाने जाने वाले भारत के महान चिकित्साशास्त्री ऋषि सुश्रुत के बारे में भी पढ़ेंगे।

इसका उद्देश्य नैतिक मूल्य सिखाना है

सारंग ने कहा,‘एमबीबीएस (बैचलर ऑफ मेडिसिन, बैचलर ऑफ सर्जरी) के प्रथम वर्ष के पाठ्यक्रम में छात्रों को हेडगेवारजी, उपाध्याय जी, स्वामी विवेकानंदजी, आंबेडकरजी और अन्य महान हस्तियों के बारे में व्याख्यान दिया जाएगा। इन महान हस्तियों के जीवन दर्शन पर दिए गए व्याख्यान छात्रों में नैतिक मूल्यों एवं सिद्धांतों के साथ-साथ सामाजिक और चिकित्सीय नैतिकता को जागृत करेंगे।

शैक्षणिक सत्र इस साल के अंत तक शुरू होने की संभावना

उन्होंने कहा,‘राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) के मुताबिक, नैतिक मूल्यों को (एमबीबीएस के) प्रथम वर्ष में आधार पाठ्यक्रम का हिस्सा होना चाहिए। इसलिए हमने छात्रों के चरित्र के निर्माण के लिए इन महान हस्तियों को शामिल करने के बारे में सोचा।’

कमलनाथ ने ट्वीट कर विरोध जताया

इस पर मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने ट्वीट किया,‘भाजपा शुरू से ही अपनी विचारधारा और अपने खास एजेंडे को लोगों पर थोपने का काम करती रहती है, चाहे शिक्षा का क्षेत्र हो या अन्य क्षेत्र हों। अब मध्य प्रदेश में एमबीबीएस के छात्रों को जनसंघ व आरएसएस के संस्थापकों के विचार पढ़ाए जाएंगे।’ उन्होंने कहा कि इसके पूर्व आजादी के अमृत महोत्सव की सामग्री में भी इसी प्रकार अपनी विचारधारा के लोगों को शामिल करने का काम भाजपा ने किया है।

विष्णुदत्त शर्मा ने यहां मीडिया को बताया,‘देश और समाज के लिए जो आदर्श हैं, उन महान क्रांतिकारियों के बारे में सब को जानने की जरूरत है। महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, चंद्रशेखर आजाद जैसे महापुरूषों ने क्रांतिकारी आंदोलन खड़ा करने के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर कर दिया। डॉ. हेडगेवार जी ने भारत को एक सूत्र में बांधने के लिए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की स्थापना की। उन्होंने एक बड़ा विचार केवल देश ही नहीं बल्कि विश्व को दिया। पंडित दीनदयाल जी ने अंत्योदय का मंत्र देकर एकात्म मानववाद का दर्शन दिया। क्या, इनके बारे में नहीं पढ़ाया जाना चाहिए? उन्होंने कहा कि डॉ. बाबा साहब आं‍बेडकर ने देश की एकता और अखण्डता के लिए काम किया।’

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एलन मस्‍क के एक ट्वीट से निवेशकों में क्‍यों बढ़ी बेचैनी

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एलन मस्‍क का प्रत्‍येक ट्वीट निवेशकों की दिल की धड़कन को बढ़ा देता है। इसका कारण भी है, कभी उनका ट्वीट शेयर बाजार निवेशकों को फायदा या नुकसान पहुंचाता है तो कभी क्रिप्‍टोकरेंसी के निवेशकों को। इस बार उनका ट्वीट करेंसी पर है। जिसकी वजह से क्रिप्‍टोकरेंसी निवेशकों की दिल की धड़कन और बेचैनी ज्‍यादा ही बढ़ गई है। सभी निवेशक और जानकार अपनी अपनी समझ से उनके ट्वीट का मतलब निकाल रहे हैं। उन्‍होंने ऐसा क्‍या लिखा है।

पिछली बार मस्क ने क्रिप्टोकरेंसी ‘डॉगेकॉइन’ के बारे में ट्वीट किया था जोकि एक मजाक के रूप में शुरू हुआ था, लेकिन इस क्रिप्‍टोकरेंसी में 11, 000 फीसदी से ज्‍यादा तेजी देखने को मिल चुकी है।

स्पेसएक्स और टेस्ला के सीईओ एलन मस्क के ट्वीट अक्‍सर काफी पेचीदा होते हैं जो फॉलोअर्स को समझ में नहीं आते हैं और य‍ह ट्वीट काफी वायरल भी हो जाते हैं। यह फॉलोअर्स शेयर बाजार के संबंधि‍त या क्रिप्‍टोकरेंसी में निवेश करने वाले भी हो सकते हैं। हाल ही में एलन मस्‍क के ट्वीट्स ने क्रिप्‍टोकरेंसी मार्केट में काफी अहम भूमिका निभाई है। हाल ही में उनके द्वारा किया गया एक ट्वीट काफी पॉपुलर हो रहा है। जिसने क्रिप्‍टोकरेंसी मार्केट में निवेश करने वाले इंवेस्‍टर्स की दिन की धड़कन काफी बढ़ा दी है।

उन्होंने हाल ही में ट्वीट किया, “समय एक अल्‍टीमेट करेंसी हैसभी इस ट्वीट का अपने हिसाब से मतलब निकाल रहे हैं। मस्क के ट्वीट को 70500 से ज्‍यादा लोगों ने रीट्वीट किया है, जबकि इसे 4.26 लाख से अधिक लाइक्स मिल चुके हैं। जिनमें इजाफा लगातार जारी है।

CRED के संस्थापक कुणाल शाह सहित कई उद्यमियों और व्यापारियों को इस पर टिप्पणी करते देखा गया, जिन्होंने कहा, एंट्रॉपी ही एकमात्र सच्चाई है। कई लोगों ने ट्वीट को 2011 में आई साइंस फ‍िक्‍शन फ‍िल्‍म ‘इन टाइम’ से भी जोड़ा, जिसमें अमांडा सेफ्राइड और जस्टिन टिम्बरलेक ने अभिनय किया था। फिल्म ने समय को करेंसी के रूप में इस्तेमाल किया।

Elon Musk के ट्वीट्स का बाजार में निवेश करने वाले लोगों पर हमेशा से ही असर रहा है और लोग इसे मजाक के तौर पर नहीं लेते. मस्क ने एक बार टेस्ला के बदले बिटकॉइन स्वीकार करने के बारे में ट्वीट किया था और कुछ ही समय में क्रिप्टोकरेंसी की कीमत आसमान छू गई थी।

बिटकॉइन की बात करें तो मौजूदा समय में 3.40 फीसदी की तेजी देखने को मिल रही है, जिसकी वजह से दाम 51593 डॉलर हो गए हैं। वहीं दूसरी ओर इथेरियम 1.44 फीसदी की तेजी के साथ 3923.91 डॉलर पर है। डॉगेकॉइन की बात करें तो 4 फीसदी से ज्‍यादा की तेजी देखने को मिल रही है। जिसकी वजह से दाम 0.3112864 डॉलर पर आ गए हैं।

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कोवैक्सीन टीके यूं कर सकते हैं, चेक आपके टीके की खुराक कहीं फर्जी तो नहीं? केंद्र ने जारी की गाइडलाइंस

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वर्तमान में, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशिल्ड, भारत बायोटेक की कोवैक्सीन और रूसी टीका स्पुतनिक वी को देश में चल रहे कोविड-19 टीकाकरण अभियान के तहत पात्र लाभार्थियों को लगाया जा रहा है।

केंद्र ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ ऐसे मापदंड साझा किये हैं जिससे राष्ट्रीय कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम के सेवा प्रदाताओं और निगरानी टीमों को किसी भी नकली कोविड-19 टीकों की पहचान करने में सक्षम बनाया जा सके, उन्हें देश में लगने से रोका जा सके। यह कदम विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा डब्ल्यूएचओ के दक्षिण-पूर्व एशिया और अफ्रीका क्षेत्र में पहचाने जा रहे नकली कोविशील्ड टीके पर चिंताजताये जाने के बाद उठाया गया है।

कोविशील्ड टीके की पहचान कैसे करें?: एक असली कोविशील्ड शीशी की बोतल पर गहरे हरे रंग में एसआईआई उत्पाद का लेबल शेड, ट्रेडमार्क के साथ ब्रांड नाम और गहरे हरे रंग की एल्यूमीनियम फ्लिप-ऑफ सील होगी। एसआईआई लोगो लेबल के चिपकने वाली ओर और एक अद्वितीय कोण पर मुद्रित होता है जिसे केवल उन कुछ चुनिंदा लोगों द्वारा पहचाना जा सकता है जो सटीक विवरण से अवगत हैं। अक्षरों को अधिक स्पष्ट और पठनीय होने के लिए विशेष सफेद स्याही में मुद्रित किया जाता है। मापदंडों के अनुसार, पूरे लेबल को एक विशेष बनावट मधुकोश प्रभाव दिया गया है जो केवल एक विशिष्ट कोण पर दिखाई देता है।

कोवैक्सीन टीके की पहचान कैसे करें? अतिरिक्त सचिव मनोहर अगनानी ने गत दो सितंबर को केंद्र शासित प्रदेशों और राज्यों के सभी अतिरिक्त मुख्य सचिवों और प्रधान सचिवों (स्वास्थ्य) को लिखे पत्र के अनुसार कोवैक्सीन लेबल में नकल रोधी सुविधाओं में अदृश्य यूवी हेलिक्स (डीएनए जैसी संरचना) शामिल है जो केवल यूवी प्रकाश के तहत दिखाई देता है।

स्पुतनिक के मामले में यह आयातित उत्पाद रूस से दो अलग-अलग थोक निर्माण स्थलों से हैं और इसलिए, इन दोनों स्थलों के लिए दो अलग-अलग लेबल हैं जबकि सभी जानकारी और डिज़ाइन समान हैं, केवल निर्माता का नाम अलग है। अब तक सभी आयातित उत्पादों के लिए, अंग्रेजी लेबल केवल 5 एम्प्यूल पैक के कार्टन के आगे और पीछे उपलब्ध है, जबकि अन्य सभी ओर एम्प्यूल पर प्राथमिक लेबल सहित, रूसी में है। वर्तमान में, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशिल्ड, भारत बायोटेक की कोवैक्सीन और रूसी टीका स्पुतनिक वी को देश में चल रहे कोविड-19 टीकाकरण अभियान के तहत पात्र लाभार्थियों को लगाया जा रहा है।

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वरुण गांधी ने की बातचीत की वकालत, किसान आंदोलन: चुनावी नफा-नुकसान पर बंटी BJP,

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बीकेयू प्रवक्ता ने यह तस्वीर शेयर करते हुए दावा किया कि कश्मीर से लेकर केरल तक के 20 लाख किसानों ने मुजफ्फरनगर पहुंच कर तानाशाह सरकार को एक बार फिर सर्टिफिकेट दे दिया, जिन्हें वह मुठ्ठी भर किसान कहती है…वे पूरे देश के किसान हैं।

उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव से पहले किसानों के आंदोलन को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) चुनावी नफा-नुकसान पर बंटी हुई नजर आ रही है। तीन कृषि कानूनों को लेकर अड़े अन्नदाताओं के मुद्दे चुनावी संभावनाओं पर असर नहीं डाल पाएंगे। पर पीलीभीत से बीजेपी सांसद वरुण गांधी की इस पर राय कुछ और ही है। उन्होंने इस मसले पर किसानों से बातचीत की वकालत की है। हालांकि, बीजेपी ने गांधी की टिप्पणी पर आधिकारिक तौर पर बयान नहीं दिया।

रविवार (पांच सितंबर, 2021) को मुजफ्फरनगर में हुई किसान महापंचायत के बाद बीजेपी के एक सांसद ने दावा किया, “चूंकि इसे जाट आंदोलन के रूप में देखा जाता है, इसलिए इसके खिलाफ गैर-जाट समुदायों का एकीकरण हो सकता है। इन किसानों को संपन्न माना जाता है कि वे इस आंदोलन का समर्थन करते हैं।

बकौल पार्टी सांसद, “इस आंदोलन में टिकैत और अन्य लोग अपने समर्थकों को खो रहे हैं और अब महापंचायत में नेताओं ने जिस तरह के बयान दिए हैं, उससे उनका नैतिक अधिकार भी खत्म हो जाएगा।” एक अन्य नेता बोले, “भारी भीड़ और भाजपा के खिलाफ मतदान का आह्वान कुछ हद तक प्रभावित हो सकता है, राज्य का एक आम किसान यह नहीं समझता कि यह किसलिए है। उन्हें एमएसपी मिल रहा है और कृषि कानूनों ने अब तक उन्हें चोट नहीं पहुंचाई है।”

वहीं, यूपी के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह बोले कि राज्य सरकार किसानों का लगभग सभी बकाया चुका चुकी है। वह निर्यात बकाया है, जिसका भुगतान भी अक्टूबर तक किया जाएगा। जहां तक ​​अच्छे एमएसपी पर उत्पादों की खरीद का संबंध है, हमने अपनी सभी प्रतिबद्धताओं का सम्मान किया है। हमने पिछली सपा और बसपा सरकारों की तुलना में बहुत अधिक कीमत दी है।”

उधर, वरुण ने किसानों को ‘अपना ही भाई बंधु’ बताया। कहा कि सरकार को उनसे दोबारा बातचीत करनी चाहिए ताकि सर्वमान्य हल तक पहुंचा जा सके। गांधी ने कार्यक्रम स्थल पर जुटे किसानों की भीड़ से जुड़ा एक वीडियो ट्विटर पर साझा करते हुए लिखा था, ‘‘मुजफ्फरनगर में विरोध प्रदर्शन के लिये लाखों किसान इकट्ठा हुए। हमें उनके साथ सम्मानजनक तरीके से फिर से बातचीत करनी चाहिए और उनकी पीड़ा समझनी चाहिए। उनके विचार जानने चाहिए और किसी समझौते तक पहुंचने के लिए उनके साथ मिल कर काम करना चाहिए।’’ गांधी की मां मेनका ने भी बेटे के ट्वीट को रीट्वीट किया।

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कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने राष्ट्रीय पोषण माह के तहत आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला को किया संबोधित

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कलेक्टर श्री कर्मवीर शर्मा ने कहा है कि कुपोषण से सुपोषण की ओर सामाजिक सोच के साथ आगे बढ़ा जा सकता है। इसमें समुदाय की भागीदारी सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण एवं उल्लेखनीय है। श्री शर्मा ने कहा कि-” अंतर विभागीय समन्वय को अतिरिक्त जन समर्थन के साथ सुपोषण की ओर जैसे कार्यक्रमों को जन-आंदोलन का स्वरुप देना होगा। यह केवल एक शासकीय कार्यक्रम ना होकर सामुदायिक कार्यक्रम भी है। कलेक्टर श्री शर्मा आज यहां कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में राष्ट्रीय पोषण माह के तहत आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।
कलेक्टर ने कहा कि जिस तरह कोविड-19 से जूझने के लिए सभी ने मैदानी स्तर पर एकजुटता दिखाई ठीक उसी तरह सुपोषण की ओर कुपोषित बच्चों को ले जाने के लिए एकात्मता और एकता दिखाने की जरूरत है। अगर गांव में कोई एक भी कुपोषित बच्चा है तब गांव के संपूर्ण ग्रामवासियों, आंगनवाडी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता, ए.एन.एम. पंच-सरपंच, प्रतिष्ठित व्यक्ति सभी को चिंता करनी होगी। इसी तरह शहरी क्षेत्र में भी सामुदायिक सहयोग को प्रमुखता देना जरुरी है। प्रधानमंत्री ने कुपोषण से मुक्ति के लिए किए जाने वाले कार्यों को जन आंदोलन के रूप में अपनाने के आह्वान का स्मरण दिलाते हुए कलेक्टर श्री शर्मा ने कहा कि- “समाज से कुपोषण को मुक्त करने के लिए निरंतर कोशिशें सामूहिक तौर पर की जानी चाहिए और ऐसा कोई कारण नहीं कि अगर संयुक्त कोशिशें हो तो कुपोषण की दर में कमी अवश्य होगी और हम सुपोषण के संकल्प को पूरा कर सकेंगे”।
कार्यशाला के प्रारंभ में जिला कार्यक्रम अधिकारी एम.एल. मेहरा द्वारा राष्ट्रीय पोषण माह 2021 के चालू सितंबर माह में अंतर्गत आयोजित होने वाली सामुदायिक सहयोग एवं अंतर विभागीय केंद्रित गतिविधियों, सूक्ष्म कार्ययोजना प्रस्तुत की गई। इसके अलावा जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास द्वारा 7 सितंबर तक चलने वाले प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना की उपलब्धियों और कार्यक्रम की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। जिला कार्यक्रम अधिकारी ने जानकारी दी कि अब तक प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना अंतर्गत जिले में प्रभावशाली उपलब्धियां रही हैं और तेजी से इस संबंध में परियोजना अधिकारियों पर्यवेक्षकों एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा मातृत्व सहायता कार्यक्रम हेतु पंजीयन को तेजी से बढ़ाया जा रहा है। इस सप्ताह में जन जागरूकता पंजीयन मातृत्व सहायता योजना अंतर्गत कठिनाई का निराकरण, लंबित प्रकरणों का निपटान, स्वास्थ्य पोषण एवं स्वच्छता दिवस का आयोजन तथा जिला स्तरीय सुविधा दिवस के संबंध में विस्तृत जानकारी दी जावेगी। जिला कार्यक्रम अधिकारी ने यह भी बताया कि पोषण माह एवं मातृत्व वंदना सप्ताह अंतर्गत आईईसी गतिविधियों का विस्तार एफएम सोशल मीडिया तथा आकाशवाणी के प्राइमरी एवं एफएम चैनल के जरिए किया जाना है ताकि वातावरण निर्मित हो। मीडिया कर्मियों से सहयोग की अपेक्षा भी की गई है।
कोरोना प्रभावित परिवारों के माता पिता को खोने वाले बच्चों के भविष्य के लिए मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। कार्यशाला में श्रीमती उर्मिला दाहिया सभापति महिला बाल विकास एवं स्वास्थ्य समिति, रिंकू विज, सचिन जैन सहारा विधायक प्रतिनिधि, रमेश मेनन राज्य परियोजना समन्वय (यूट्रीशन), डिविजनल को-ऑर्डिनेटर श्री योगेश शर्मा उपस्थित रहे।
कलेक्टर एवं अन्य उपस्थित अतिथियों का स्वागत जिला कार्यक्रम अधिकारी अधिकारी श्री मेहरा और सहायक संचालक क्रमशः श्री मनीष सेठ एवं शिवानी मौर्य तथा बाल विकास परियोजना अधिकारी रितेश दुबे ने किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मातृ वंदना सप्ताह के अंतर्गत उन 13 श्रेष्ठ आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया गया जिन्होंने मातृ वंदना योजना के अंतर्गत सर्वाधिक उपलब्धि अर्जित की।
जबलपुर सिटी की कार्यकर्ता शशि श्रीवास्तव, उषा कोष्टा, लता दुबे, सरिता यादव, शमीम अख्तर, कुंडम की सुषमा आर्मो, मंझौली की शीला पटेल, पाटन की अनुराधा तिवारी, पनागर की सावित्री कुशवाहा, सिहोरा की नर्मदा परस्ते, शहपुरा की उर्मिला, बरगी की सरस्वती पटेल को प्रमाण पत्र एवं मोमेंटो देकर अतिथियों द्वारा सम्मानित किया गया।

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मलेरिया दल ने 1018 घरों में किया मच्छरों के लार्वा का सर्वे

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जिला मलेरिया अधिकारी की टीम के द्वारा 1018 घरों में लावा का सर्वे कर 5 हजार 330 कंटेनरों में लार्वा जांच की गई। जिसमें 47 घरों के 63 कंटेनरों में लार्वा पाये गये। जनसमुदाय को लार्वा की पहचान एवं विनष्टीकरण कर स्वास्थ्य शिक्षा दी गई। साथ ही 617 बुखार पीड़ित रोगियों की रक्षा पट्टी और आर.डी. किट के द्वारा जांच की गई, जिसमें मलेरिया पॉजिटिव शून्य था। डेंगू, पॉजिटिव केस के घरों एवं क्षेत्र के 185 घरों में स्पेस स्प्रे एवं फागिंग किया गया। जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. राकेश पहारिया के द्वारा शास्त्री नगर मेडिकल कॉलेज में डेंगू पॉजिटिव रोगी के घर टीम के साथ फॉलोअप किया गया तथा चेरीताल में डेंगू पॉजिटिव का फॉलोअप किया गया और स्वास्थ्य की जानकारी ली गई। डेंगू रोगियों से जानकारी लेने मेट्रों अस्पताल एवं स्वास्तिक अस्पताल का निरीक्षण किया गया।

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मुख्यमंत्री ने वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की कोरोना नियत्रंण एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा

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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वीडियों कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से आज भोपाल स्थित मंत्रालय में प्रदेश के कोरोना की स्थिति और व्यवस्थाओं की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि वैक्सीन के प्रथम डोज से वंचित रहे नागरिकों को सितम्बर माह के अंत तक शत-प्रतिशत टीका लगवाया जाये। साथ ही 17 सितम्बर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्म दिवस पर वैक्सीनेशन का महाअभियान चलाने के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कलेक्टर कर्मवीर शर्मा से वर्चुअली चर्चा कर हाल ही में जिले में आये कोरोना पॉजिटिव प्रकरणों के संबंध में जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री ने कलेक्टर श्री शर्मा को निर्देशित किया कि पॉजिटिव प्रकरणों की प्रतिदिन मॉनीटरिंग के साथ कांट्रेक्ट ट्रेसिंग भी की जायें, ताकि समय पर आवश्यक उपायों को लागू कर संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। पॉजिटिव प्रकरणों पर नजर रखी जाये और क्राइसिस मैनेजमेण्ट ग्रुप के सदस्यों से परस्पर संवाद कर संक्रमण की स्थिति का जायजा लेते रहें। मुख्यमंत्री ने कहा आने वाले समय में सभी संभावित आवश्यकताओं को देखते हुये ऑक्सीजन संयंत्र ऑपरेशनल स्थिति में हों, यह सुनिश्चित किया जाये। इनका कार्य शीघ्र पूर्ण कर लिया जाये।
मुख्यमंत्री ने जिले में जन-जागरूकता की गतिविधियॉं लगातार चलाने और नागरिकों को कोरोना संक्रमण के प्रति सजग और सतर्क करने की बात कही। उन्होंने कहा वैक्सीनेशन कार्य में लगातार गति बनाये रखें, जिससे नागरिकों को प्रथम डोज के साथ वैक्सीन की दूसरी डोज भी समय पर लग जाये।
भोपाल स्थित मंत्रालय में समीक्षा के दौरान चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री विश्वास सारंग, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैस, पुलिस महानिदेशक श्री विवेक जौहरी, स्वास्थ्य आयुक्त श्री आकाश त्रिपाठी, जनसंपर्क आयुक्त डॉ. सुदाम खाड़े सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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प्रतिभा पलायन देश के लिए हानिकारक

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रोटरी क्लब आफ जबलपुर द्वारा शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर राजभाषा हिंदी में स्कूली बच्चों के लिए एक रोचक वाद विवाद प्रतियोगिता का आयोजन आज शनिवार को सुबह रोटरी आहूजा हॉल में आयोजित किया गया । जिसमें 15 स्कूलों के 30 छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया सभी बच्चों ने विषय के पक्ष विपक्ष में रोचक तर्क प्रस्तुत किए सभी का प्रस्तुतीकरण बहुत प्रभावशाली था डॉक्टर संजय तिवारी व बांके बिहारी व्यवहार ने निर्णायक की भूमिका का निर्वाह किया । विजयी छात्र-छात्राओं को मुख्य अतिथि हिमांशु खरे व विशिष्ट अतिथि हिमांशु राय ने पुरस्कार वितरण किया । कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर अंजली वाजपेई ने किया रोटरी क्लब के अध्यक्ष मनु शरत् तिवारी व सचिव डॉक्टर जतिन धीरावानी ने राष्ट्रगीत के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की । वाद विवाद प्रतियोगिता में जॉय स्कूल ने प्रथम स्थान प्राप्त किया द्वितीय स्थान सेंट जोसेफ कॉन्वेंट स्कूल तृतीय स्थान अशोका हॉल स्कूल और लिटिल वर्ल्ड स्कूल को प्राप्त हुआ इस अवसर पर जस्टिस तंखा मेमोरियल स्कूल की शिक्षिकाओं को सम्मानित किया गया प्रथम 10 छात्र छात्राओं को आर्ट ऑफ लिविंग के ऑनलाइन कोर्स हेतु चुना गया विजय छात्रों को बलदीप मैनी द्वारा लिखित पुस्तकें प्रदान की गई कार्यक्रम के अंत में सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए । कार्यक्रम को सफल बनाने में रोटेरियन डॉ ठाकुर, नितिन पालीवाल, गीता शरत् तिवारी, सरलाधर, सुखवार्ष सहगल का सहयोग रहा । सांक्रतिक प्रस्तुति के साथ सभा का समापन हुआ । ये रहे विनर्स के नाम विषय के पक्ष में प्रथम भूमिका भोसकर, फर्स्ट रनरअप खुशी तिवारी, सेकेंड रनरअप मनशा लालवानी एवं पुलकित कपूर ।  विषय के विपक्ष में प्रथम नित्या शर्मा, फर्स्ट रनरअप अदिति शर्मा, सेकेंड रनरअप श्रुति जैन और विशाखा भट्ट ।

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गगनभेदी नारों से गूंज उठा बीएसएनएल ऑफिस

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बीएसएनएल में संचार सेवाओं में सुधार, कर्मचारियों की समस्याओं एंव बीएसएनएल विरोधी नितियों को लेकर आज दिनांक 04.09.2021 को बीएसएनएल कर्मचारियों ने प्रदर्शन कर काला दिवस मनाया एंव जोरदार नारेबाजी की। प्रदर्शन में सैकडो कर्मचारी शामिल हुऐ। प्रदर्शन स्थल पर सभा भी की गई। सभा की अध्यक्षता काॅमरेड शिव कुमार यादव ने की। सभा को काॅमरेड लखन पटेल, काॅमरेड साकेत शुक्ला, कामरेड विवेक सिघंई, काॅमरेड अनूप पाण्डे, काॅमरेड आभिषेक सिंह एंव काॅमरेड बसंत कनौजिया ने संबोधित किया। सभा का संचालन काॅमरेड राघवेन्द्र अरजरिया ने किया। सभा को संबोधित करते हुऐ वक्ताओं ने कहा बीएसएनएल का जबलपुर प्रबंधन उपभाक्ताओं की अन्देखी कर रहा है बीएसएनएल की सस्ती सेवाओं की जानकारी के आभाव में उपभोक्ता निजि कंपनियों की ओर जा रहे है जिससे बीएसएनएल के साथ-साथ उपभोक्ताओं को भी आर्थिक नुकसान हो रहा है, वही प्रधानमंत्री जी का ड्रीम प्रोजेक्ट स्वच्छता भारत अभियांन पर भी जबलपुर प्रबंधन पानी फेर रहा है बीएसएनएल के कार्यालयों में साफ-सफाई का अभाव है सिर्फ साफ-सफाई के नाम पर ठेकेदारों के बिल पास किये जा रहे है, 40-40 वर्ष बीएसएनएल में सेवा देकर बीएसएनएल से सेवानिवृत्त हो रहे कर्मचारियों का भी बीएसएनएल जबलपुर प्रबंधन अपमान कर सेवानिवृत्ति सम्मान समारोह नही कर रहा है जबकि बडे-बडे अधिकारियों के जबलपुर आगमन पर जबलपुर बीएसएनएल प्रबंधन बढे-बढे कार्यक्रम आयोजित करता है। बीएसएनएल कर्मचारियों के वर्ष 2018 से मेडिकल बिल पेंडिगं पढे है जिसको जबलपुर प्रबंधन दबा कर बैठा है, जिससे कर्मचारियों रोष व्याप्त है, ग्रामीण क्षे़़त्र में कर्मचारियों को 2 वर्ष के लिऐ स्थानांतरण किया गया था पूरे कोरोना काल में आवागमन के साधनों के आभाव में भी उनके द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में सेवाएं दी गई है, फिर भी 4 वर्ष बाद भी कर्मचारियों को शहरी क्षेत्र में लाने में प्रबंधन फेल रहा है। स्थानांतरण पाॅलिसी को लागू करने में पक्षपात एंव भेदभाव हो रहा है वक्ताओं ने बीएसएनएल जबलपुर प्रबंधन को चेतावनी दी की शीघ्र बीएसएनएल एम्प्लाईज यूनियन द्वारा दिये गये 8 सूत्रीय माॅग पत्र पर सकारात्मक कार्यवाही करे अन्यथा दिनांक 15 सितम्बर 2021 से महाप्रबंधक कार्यालय के समक्ष अनिश्चितकालीन धरना दिया जायेगा। प्रदर्शन में हनुमंत पटेल,पुष्पेन्द्र सिंह,एस के मालवीया,विमला बाई,सतीष पाण्डे, आशीष पीटर, प्रकाश मांझी, दिपक गौतेल, आर के शर्मा, राजेन्द्र सिंग,गणेश यादव, विनोद विश्वकर्मा, विवेक चैधरी, परिमल साधू, अभया कोर्डे, आकाश अकुल्वार, आर के शर्मा,शीष कुमार शर्मा, संदीप रजक, किशोरी लोधी,मुन्नी बाई, सोना रघुवंशी,सावित्री रघुवंशी, मीना कुर्मी, रजनी रैकवार, काली प्रसाद दूबे, एन के सोनी, अजय सोनी,राजाराम साहू सहित सैकडों कर्मचारी उपस्थित रहे।

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MP में अब स्क्रब टाइफस की दस्तक

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मध्यप्रदेश में कोविड, ब्लैक फंगस और डेंगू के बाद अब ‘स्क्रब टाइफस’ नाम की बीमारी ने दस्तक दे दी है। जबलपुर मेडिकल कॉलेज में 15 अगस्त को दम तोड़ने वाले रायसेन के रहने वाले 6 साल के भूपेंद्र नोरिया में स्क्रब टायफस की पुष्टि हुई है। यह ठंड के साथ शुरू होने वाला बुखार है, जो बिगड़ने पर निमोनिया, इंसेफलाइटिस या कोमा में पहुंचा देता है। ये बीमारी जुलाई से अक्टूबर के बीच अधिक फैलती है।

जबलपुर मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग की HOD डॉक्टर रितु गुप्ता के मुताबिक,

इस साल अभी एक ही केस रायसेन से आया था। पिछले साल जरूर पन्ना आदि जिलों के मरीज आए थे। ये बीमारी भी शुरुआत में वायरल-फीवर जैसा लगता है। ये बीमारी रिकेटसिया नाम के जीवाणु से फैलती है, जो पिस्सुओं में पाया जाता है। ये पिस्सू जंगली चूहों से इंसानों तक पहुंचते हैं। इसी पिस्सू के काटने से जीवाणु शरीर में प्रवेश कर जाता है।

पिस्सुओं में पाए जाने वाले रिकेटसिया नाम के जीवाणु से फैलता है, जो चूहों से इंसानों तक पहुंचता है।
पिस्सुओं में पाए जाने वाले रिकेटसिया नाम के जीवाणु से फैलता है, जो चूहों से इंसानों तक पहुंचता है।

ये लक्षण हैं तो तुरंत पहुंचें अस्पताल

डॉक्टर गुप्ता के मुताबिक, यह बीमारी लार्वा माइट्स के द्वारा काटे जाने के 10 दिनों के अंदर दिखती है। शुरुआत में ठंड के साथ बुखार आएगा। इसके बाद सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द है। बीमारी बढ़ने पर काटने वाली जगह का रंग गहरा लाल हो जाता है। उस पर पपड़ी जम जाती है। हालत बिगड़ने पर मलेरिया, इंसेफलाइटिस या कोमा में भी मरीज जा सकता है। कुछ मरीजों में ऑर्गन फेल होने और ब्लीडिंग से भी मौत के मामले आ सकते हैं।

बीमारी के लक्षण

एक वेक्टर बॉर्न बीमारी है।
इसकी शुरुआत बुखार और शरीर पर चकत्ते पड़ने से होती है।
आगे चलकर यह शरीर के नर्वस सिस्टम, दिल, गुर्दे, श्वसन और पाचन प्रणाली को प्रभावित करता है।

इस बुखार के पीड़ितों में निमोनिया, इंसेफलाइटिस,ऑर्गन फेलियर और इंटर्नल ब्लीडिंग के साथ ही एक्यूट रेसपिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (ARDS) का खतरा रहता है।

ये बीमारी इंसानों से दूसरे इंसानों में नहीं फैलती।
स्क्रब टायफस जुलाई से अक्टूबर तक असर दिखाता है।

फिर बचने के लिए क्या करें

घर के आस-पास घास या झाड़ियां न उगने दें।
हमेशा साफ और फुल कपड़े पहनें।
आसपास जलजमाव न होने दें।
खेतों में काम करते समय हाथ व पैरों को अच्छे से ढंक कर रखें।

क्या यह कोई नई बीमारी है?

डॉक्टर रितु गुप्ता के मुताबिक, यह 20वीं शताब्दी में पहली बार चिह्नित किया गया था। सामान्यत: यह बीमारी ठंडे व पहाड़ी क्षेत्रों में पाया जाता है। इस बीमारी के बैक्टीरिया का पता लगाने के लिए खून की जांच के साथ अन्य जांचें करानी पड़ती हैं। सामान्य मामलों में बीमारी के लक्षण आमतौर पर बिना इलाज के ही दो हफ्तों में गायब हो जाते हैं।

क्या स्क्रब टाइफस की वैक्सीन है?

अभी तक इस बीमारी से बचाने के लिए टीका नहीं बन पाया है। पीड़ित को एंटीबायोटिक डॉक्सीसाइक्लिन दी जाती हैं। शुरुआत में ही डॉक्सीसाइक्लिन से इलाज कराने वाले मरीज आमतौर पर जल्दी ठीक हो जाते हैं। यदि बच्चों के साथ रहते हैं, तो उनके हाथ-पैरों को ढंक कर रखें। छोटे बच्चों को मच्छरदानी में रखें। बच्चों के चेहरे पर कीड़े भगाने वाली क्रीम भी लगा सकते हैं। यदि आपको कोई भी कीड़ा काट ले, तो तुरंत साफ पानी से उस हिस्से को धोकर एंटीबायोटिक दवा लगा लें।

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