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डिजिटल भारत I वॉशिंगटन: 8 अप्रैल को उत्तरी अमेरिका महाद्वीप पूर्ण सूर्य ग्रहण का साक्षी बनने वाला है। ग्रहण के दौरान अमेरिका, उत्तरी मेक्सिको और कनाडा के कई इलाकों में कुछ मिनटों के लिए अंधेरा भी छा जाएगा। इस अद्वितीय खगोलीय घटना को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग अमेरिका का रुख कर रहे हैं। अमेरिका में भी सूर्य ग्रहण के रास्तों पर इस नजारे को देखने के लिए खास प्रबंध किए गए हैं। नियाग्रा फॉल प्रशासन ने तो सूर्य ग्रहण देखने आए लोगों को सुविधा देने के लिए आपातकाल का ऐलान कर दिया है। ऐसे में जानें कि पूर्ण सूर्य ग्रहण के दौरान वो कौन सी छह अजीब घटनाएं होने वाली हैं, जिन पर सभी लोगों की नजर होगी।

1- बेलीज़ बीड्स: इसे डायमंड रिंग इफेक्ट के नाम से भी जाना जाता है। यह घटना तब होती है,जब सूर्य की रोशनी संद्रमा के किनारे पर किसी हीरे की अंगूठी की तरह नजर आती है। सही उपकरण से देखने पर यह नजारा अद्भुत लगता है। इस दौरान सूर्य का सिर्फ बाहरी सिरा ही गोल छल्ले के आकार में नजर आता है।
चंद्रमा, सूर्य की तुलना में पृथ्वी से 400 गुना अधिक निकट है, लेकिन चंद्रमा आकार में सूर्य से 400 गुना छोटा भी है. इसके चलते ही जब चंद्रमा एक सीधी रेखा के बिंदू के तौर पर सूर्य और पृथ्वी के बीच आता है, तो यह सूर्य को ढक लेता है और हमें ग्रहण दिखाई देता है.

कई बार ये सूर्य ग्रहण दिखाई देता है और कई बार नहीं भी दिखता है. हालांकि, इस बार का सूर्य ग्रहण महत्वपूर्ण है क्योंकि लाखों लोग इस घटना को देख सकेंगे. एक अनुमान के मुताबिक इस ग्रहण को 31 लाख लोग देख सकेंगे.

अमेरिका के उत्तरी कैरोलिना में एनसी स्टेट यूनिवर्सिटी ग्रहण के दौरान पता लगाएगी कि इसका वन्य जीवों पर क्या असर होगा. इस प्रयोग में टेक्सास राज्य चिड़ियाघर में 20 जानवरों के व्यवहार का अध्ययन किया जाएगा.

नासा का एक्लिप्स साउंडस्केप प्रोजेक्ट भी जानवरों के व्यवहार का अध्ययन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है.
जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच एक पूर्ण संरेखण बनाते हुए गुजरता है तो उसे पूर्ण सूर्य ग्रहण कहते है. इस दौरान चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह से ढक लेता है. जिससे सूर्य की किरणें पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाती हैं. ऐसा कुछ समय के लिए ही होता है. ग्रहण के दिन पृथ्वी और चंद्रमा की सूर्य से औसत दूरी लगभग 15 करोड़ किलोमीटर होगी. यह पिछले 50 सालों का सबसे लंबा सूर्य ग्रहण होगा. पूर्ण सूर्य ग्रहण का ऐसा नजारा 50 साल पहले देखने को मिला था. अब ऐसा दुर्लभ संयोग इस साल दोबारा देख सकते हैं. 8 अप्रैल को लगने वाला सूर्य ग्रहण साल का सबसे लंबा सूर्य ग्रहण होने की उम्मीद जताई जा रही है. यह पूर्ण सूर्य ग्रहण करीब 7.5 मिनट तक चलेगा. यह दोपहर 2:14 से शुरू होकर 2:22 तक चलेगा. पिछली बार साल 2017 में सूर्य ग्रहण लगा था. लेकिन साल 2017 का सूर्य ग्रहण इस बार के सूर्य ग्रहण के मुकाबले काफी अलग है.

पूर्ण सूर्य ग्रहण कहां दिखाई देगा

2024 का यह पहला सूर्य ग्रहण अमेरिका में दिखाई देगा. नासा के मुताबिक, यह शानदार खगोलीय घटना पूरे उत्तरी अमेरिकी महाद्वीप में दिखाई देगी. ये सबसे पहले मैक्सिको के प्रशांत तट पर सुबह 11.07 पर दिखेगा. अमेरिका,कनाडा और मैक्सिको में सूरज को काला होते हुए देख सकेंगे. घनी आबादी वाला क्षेत्र होने के कारण लाखों लोग इस ग्रहण को देख सकते हैं. यह सूर्य ग्रहण कनाडा, मैक्सिको, उत्तरी अमेरिका के कुछ हिस्सों में और संयुक्त राज्य अमेरिका में दिखाई देगा.

2150 तक नहीं देखा जा सकेगा ऐसा ग्रहण
एक्सपर्ट्स के मुताबिक प्रशांत महासागर के ऊपर 2150 तक ऐसा दोबारा नहीं देखा जा सकेगा इस पूर्ण सूर्य ग्रहण को मैक्सिको, अमेरिका और कनाडा के कुछ हिस्सों में रहने वाले लोग अनुभव कर सकेंगे. मोंटाना, नॉर्थ डकोटा और साउथ डकोटा में इसे नग्न आंखों से साफ देखा जा सकेगा. हालांकि, ग्रहण को देखने के लिए एक्सपर्ट कुछ थोड़े समय को छोड़कर विशेष चश्मे के उपयोग की सलाह देते हैं.

परियोजना में ग्रहण के कारण पूर्ण अंधेरे के दौरान जानवरों की आवाज़ और जानवरों की प्रतिक्रियाओं को रिकॉर्ड करने के लिए माइक्रोफ़ोन जैसे छोटे उपकरण लगाए गए हैं.

वहीं अमेरिका के वर्जीनिया में नासा के वॉलॉप्स बेस से तीन साउंडिंग रॉकेट, एक्लिप्स बेल्ट से दूर लॉन्च किए जाएंगे.

एम्ब्री रिडल एयरोनॉटिकल यूनिवर्सिटी के आरोह बड़जात्या इस प्रयोग का नेतृत्व कर रहे हैं. रॉकेट सूर्य ग्रहण के दौरान वातावरण में होने वाले बदलावों को रिकॉर्ड करेगा.

तीनों साउंडिंग रॉकेट धरती से 420 किलोमीटर की ऊंचाई तक जाएंगे और फिर धरती पर क्रैश हो जाएंगे. पहला रॉकेट ग्रहण से 45 मिनट पहले, दूसरा रॉकेट ग्रहण के दौरान और तीसरा रॉकेट ग्रहण के 45 मिनट बाद लॉन्च किया जाएगा.

पृथ्वी की सतह से 80 कि.मी. ऊपर से शुरू होने वाली वायुमंडल की परत को आयनमंडल कहा जाता है. इस परत में आयन और इलेक्ट्रॉन होते हैं.

यह अंतरिक्ष और वायुमंडल के बीच पृथ्वी की एक प्रकार की सुरक्षात्मक परत है. यह एक परत है जो रेडियो तरंगों को परावर्तित करती है. ध्वनि रॉकेट की मदद से ग्रहण के दौरान इस परत में होने वाले बदलावों का एक महत्वपूर्ण अध्ययन किया जाएगा.

सामान्य तौर पर, आयनोस्फेरिक उतार-चढ़ाव उपग्रह संचार को प्रभावित करते हैं. सूर्य ग्रहण इस परिवर्तन का विस्तार से अध्ययन करने का एक दुर्लभ अवसर प्रदान करता है. क्योंकि इस अध्ययन से पता चलेगा कि कौन सी चीज़ें हमारे संचार तंत्र को प्रभावित कर सकती हैं.

नासा का हाई एल्टीट्यूड रिसर्च प्लेन 50,000 फीट की ऊंचाई से ग्रहण की तस्वीर लेगा. जैसे-जैसे ग्रहण मेक्सिको से आगे बढ़ेगा, वैसे-वैसे विमान भी आगे बढ़ेगा और इन विमानों में कई अन्य उपकरण भी लगाए गए हैं.

इसके अलावा, ग्रहण के दौरान वायुमंडलीय और जलवायु परिवर्तनों को रिकॉर्ड करने के लिए एक एक्लिप्स बैलून प्रोजेक्ट भी लागू किया जाएगा।

करीब 600 गुब्बारे वायुमंडल में छोड़े जाएंगे. पृथ्वी की सतह से 35 किलोमीटर ऊपर तक उड़ने में सक्षम इन गुब्बारों से विभिन्न उपकरण रिकॉर्ड बनाएंगे.

इसके अलावा, पार्कर सोलर प्रोब, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी और नासा के सोलर ऑर्बिटर और अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर सवार अंतरिक्ष यात्री भी इस ग्रहण के प्रभाव का अध्ययन करेंगे.

कनाडा में नियाग्रा फ़ॉल्स के पास सूर्य ग्रहण देखने के लिए दस लाख से ज़्यादा लोगों के जमा होने की उम्मीद की जा रही है.
2150 तक नहीं देखा जा सकेगा ऐसा ग्रहण
एक्सपर्ट्स के मुताबिक प्रशांत महासागर के ऊपर 2150 तक ऐसा दोबारा नहीं देखा जा सकेगा . इस पूर्ण सूर्य ग्रहण को मैक्सिको, अमेरिका और कनाडा के कुछ हिस्सों में रहने वाले लोग अनुभव कर सकेंगे. मोंटाना, नॉर्थ डकोटा और साउथ डकोटा में इसे नग्न आंखों से साफ देखा जा सकेगा. हालांकि, ग्रहण को देखने के लिए एक्सपर्ट कुछ थोड़े समय को छोड़कर विशेष चश्मे के उपयोग की सलाह देते हैं.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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