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लंदन ऑस्ट्रेलिया के प्रमुख टेस्ट बल्लेबाज मार्नस ने माना कि सात जून से ओवल में शुरू होने वाले विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फाइनल में भारतीय गेंदबाजों का सामना करना आसान नहीं होगा। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि काउंटी क्रिकेट में खेलने के कारण उन्हें इस महत्वपूर्ण मैच और उसके बाद एशेज की तैयारियों में काफी मदद मिली है। लाबुशेन ने कहा कि भारत ने भले ही हाल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपनी घरेलू धरती पर स्पिनरों के दम पर बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी जीती थी लेकिन उनके तेज गेंदबाज डब्ल्यूटीसी फाइनल में ड्यूक गेंदों के साथ खतरनाक साबित हो सकते हैं।

भारत ने अपने तेज गेंदबाजी विभाग में मोहम्मद शमी, मोहम्मद सिराज, उमेश यादव और जयदेव उनादकट को शामिल किया है जबकि ऑलराउंडर शार्दुल ठाकुर भी अंतिम एकादश में जगह बनाने के दावेदार होंगे।लाबुशेन ने कहा, ‘दो महीने पहले हम भारत के खिलाफ खेले थे और वे क्या कर सकते हैं इसको लेकर हमारी राय स्पष्ट है। लेकिन ड्यूक गेंद हाथ में होने से वे (भारतीय तेज गेंदबाज) अपने कौशल का और बेहतर प्रदर्शन करने में सक्षम होंगे।’लाबुशेन हालांकि काउंटी क्रिकेट में खेलने के बाद अच्छा प्रदर्शन करने के प्रति आश्वस्त हैं। उन्होंने काउंटी मैचों में आठ पारियों में दो शतक की मदद से 504 रन बनाए। उन्होंने आईसीसी वेबसाइट से कहा, ‘मैं पिछले पांच साल से यहां आ रहा हूं और मुझे काउंटी क्रिकेट में खेलना पसंद है। इससे काफी मदद मिलती है और फिर इस साल टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल और एशेज होनी है। इसलिए इन मैचों से पहले काउंटी क्रिकेट में खेलने से काफी मदद मिलती है।’

लाबुशेन ने इसके साथ ही कहा कि तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने के कारण उनकी जिम्मेदारियां बढ़ जाती हैं। उन्होंने कहा, ‘यह स्वाभाविक है कि जो भी ऑस्ट्रेलिया की तरफ से तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करेगा उसकी काफी जिम्मेदारी होगी।’

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