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डिजिटल भारत l उत्तरी अमेरिका में दोपहर में ही अचानक से रात हो गई। सात सालों बात ऐसा हुआ कि इस महाद्वीप में सूर्य ग्रहण को लोगों ने इतने करीब से एक्सपीरिएंस किया। सूरज पर छा रहे इस अंधेरे को लाइव देखने के लिए लोगों ने काफी इंतजाम किया। देखिए महाद्वीप के अलग-अलग शहरों से सूर्य ग्रहण का नजारा-
Megan McBride ने सूर्य ग्रहण को बेहद करीब से देखा। वो Choctaw Nation ट्रेडिशन में हिस्सा लेने के लिए Wheelock Academy ओक्लाहोमा में आए थे। जहां सभी मिलकर शोर मचाते हैं Fvni Lusa और काली गिलहरी को सूरज खाने से रोकते हैं।

मैक्सिको के पश्चिमी तट पर स्थित माजात्लान में स्थानीय समयानुसार दिन में 11:07 बजे यहां सूर्य ग्रहण पहली बार देखा गया.

सूर्य ग्रहण के दौरान वो पल भी आया, जिसे रिंग कहा जाता है. यानी आकार कुछ ऐसा बनता है कि लगता है आसमान में कोई अंगूठी चमक रही है.

चंद्रमा सूरज की तुलना में पृथ्वी से 400 गुना ज़्यादा क़रीब है, लेकिन चंद्रमा आकार में सूरज से 400 गुना छोटा भी है.

टोटलिटी नाम की किताब में लेखक मार्क लिटमैन लिखते हैं कि अगर चंद्रमा डायमीटर में 273 किलोमीटर छोटा होता या दूर होता तो लोग अभी इस तरह का सूर्य ग्रहण देख ही नहीं पाते.

इसके चलते ही जब चंद्रमा एक सीधी रेखा के बिंदू के तौर पर सूर्य और पृथ्वी के बीच आता है, तो यह सूर्य को ढक लेता है और हमें ग्रहण दिखाई देता है.

सूर्य ग्रहण को देखने वालों में हर उम्र के लोग रहे. इसमें बुजुर्गों से लेकर बच्चे तक शामिल थे.

भारत में कुछ लोगों की मान्यताएं हैं कि सूर्य ग्रहण में शुभ काम नहीं करना चाहिए और ईश्वर का नाम लेना चाहिए.

मगर पश्चिम में कुछ लोगों की मान्यताएं इससे एकदम अलग हैं.

जैसे अमेरिका के राज्य आर्कन्सा में 300 कपल ने तय किया कि जब सूर्य ग्रहण होगा और आसमान में अंधेरा छा जाएगा, ठीक तभी ब्याह करेंगे.

लिहाज़ा जैसे ही सूर्य ग्रहण पूरा हुआ, कितने ही लोगों ने शादी का केक काटा, डांस किया

कुछ लोग ऐसे भी रहे, जो सूर्य ग्रहण का नज़ारा देखने के लिए अपने घर से दूर की किसी जगह गए थे.

डैरकी हॉवर्ड कहती हैं- मैं दो सूर्यग्रहण देख चुकी हूं, हर सूर्य ग्रहण की एक अपनी छाप होती है.

वो बोलीं, ”मैं अपने टेलीस्कोप से ज्यूपिटर, सैटर्न को देख सकती हूं. मैं जब अंतरिक्ष की ओर देखती हूं तो लगता है दुनिया में सब सही है.”

ओहायो के क्लीवलैंड में सूर्य ग्रहण का बढ़िया नज़ारा देखने को मिला.

हालांकि कुछ अमेरिकी शहर ऐसे भी रहे, जहां ये नज़ारा देखा नहीं जा सका.

नियाग्रा फॉल्स में पर्यटकों की भीड़ इस अद्भुत क्षण को देखने के लिए जुटी थी

सूर्यग्रहण और इसका असर?
पूरे उत्तरी अमेरिका में पड़ने वाले पूर्ण सूर्य ग्रहण के दौरान हमें शायद इतनी नाटकीय प्रतिक्रिया न नज़र आए, लेकिन हाल में हुए शोध बताते हैं कि इसके बाद भी विस्मय की भावना पैदा कर यह हमारे मनोविज्ञान पर तगड़ा प्रभाव डाल सकता है.

खगोलीय संयोगों से इतर अधिक विस्मयकारी कुछ घटनाए हैं जो हमें पूर्ण सूर्य ग्रहण का अनुभव करने की इजाज़त देती हैं. पूर्ण सूर्य ग्रहण चंद्रमा के सटीक आकार और पृथ्वी से उसकी दूरी पर निर्भर करता है.

सूर्य के सामने से गुज़रने और कुछ क्षणों के लिए उसके प्रकाश को पूरी तरह से रोक देने के लिए चंद्रमा सही कक्षा में होता है. शोध के मुताबिक़, ऐसी आश्चर्यजनक घटना का साक्षी बनना, हम सभी को अधिक विनम्रता और दूसरों की देखभाल करने के लिए प्रेरित कर सकता है.

जॉन्स हॉपकिंस विश्वविद्यालय के मनोवैज्ञानिक शॉन गोल्डी ने 2017 के ग्रहण के मनोवैज्ञानिक प्रभावों की जांच की थी.

वो कहते हैं, “लोग अधिक जुड़ सकते हैं, वे कह सकते हैं कि उनके दूसरों लोगों के साथ घनिष्ठ सामाजिक संबंध हैं. इसके साथ ही वे अपने समुदाय से अधिक जुड़ाव महसूस करते हैं.”

वैज्ञानिकों की ओर से लंबे समय से उपेक्षित रहा यह क्षेत्र पिछले दो दशक में वैज्ञानिक अध्ययन का फैशनेबल क्षेत्र बन गया है. इसे आश्चर्य और विस्मय की भावना के रूप में परिभाषित किया गया है.

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