डिजिटल भारत l इंदौर प्रदेश सरकार को जनवरी माह में होने वाली ग्लोबल इंवेस्टर समिट से खासी उम्मीदे लगी हुई है। समिट की सफलता के लिए खुद मुख्यमंत्री शिवरासिंह चौहान रोज मानिटरिंग कर रहे है। उनके प्रयासों को प्रतिसाद भी मिलता दिख रहा है। समिट में शामिल होने के लिए देश के नामी उद्योगपतियों ने अपनी सहमति पहले ही प्रदान कर दी है। उधर इस महत्वाकांक्षी आयोजन से पूर्व एमपीआईडीसी ने खास प्रदेश में बड़ा लेंड बैंक तैयार किया है ताकि प्रदेश में उद्यम लगाने वाले इन्वेस्टर्स को जरूरत के मुताबिक जमीन दी जा सके।
एमपीआईडीसी के पास इस वक्त 1 लाख 22 हजार एकड़ जमीन का मौजूद है। इसमे इंदौर जिले की 22 हजार एकड़ जमीन शामिल है। करीब एक दर्जन उद्योग समूहों को लगभग एक हजार एकड़ जमीन दिए जाना प्रस्तावित है। अधिकृत घोषणा की जाएगी समिट के दौरान ही की जाएगी।
इन उद्योगों ने मांगी जमीन
एमपीआईडीसी के साथ जिन उद्योग समूहों और क्लस्टर के करार प्रस्तावित है उनमे अवाड़ा ग्रुप, एशियन पेंट्स, कांकरिया ग्रुप, जिंदल पेंट्स, पिनेकल समूह, इलेक्ट्रीक व्हिकल निर्माता, वंडर ला आदि प्रमुख है।
इनके अलावा टॉय क्लस्टर, महिला उद्यमी पार्क, फूट वियर क्लस्टर आदि भी प्रस्तावित है
किसने कितनी जमीन मांगी
अवाड़ा ग्रुप – 300 एकड़
एशियन पेंट्स – 100 एकड़
जिंदल पेंट्स – 100 एकड़
टॉय क्लस्टर – 100 एकड़
कांकरिया ग्रुप – 100 एकड़
पिनेकल समूह – 60 एकड़
महिला उद्यमी पार्क – 50 एकड़
स्टार्टअप को मिलेगा फायदा
समिट में देश-विदेश के कई उद्योगों के दिग्गज आ रहे हैं जो कई स्टार्टअप को फंडिंग कर चुके हैं। उम्मीद की जा रही है कि इस समिट के जरिए स्टार्टअप को भी अच्छी फंडिंग मिल सकती है। बताया जाता है कि इंदौर में शुरूआत में जहां 300 स्टार्टअप थे वही इनकी संख्या अब 700 के करीब हो गई है।
इंदौर का बेहतर माहौल भा रहा
जिस संख्या में उद्योगपतियों, स्टार्टअप आदि ने समिट में आने की सहमति प्रदान की है उससे सरकार का उम्मीदे बढ़ गई है। बात इंदौर की करे तो शहर आज स्वच्छता के मामले ने देश का रोल मॉडल बन चुका है। साफ सुथरा शहर अच्छा क्लाइमेट, अच्छा खानपान, बिजनेस के लिए बेहतर माहौल, देश भर से कनेक्टीविटी, बजट में दफ्तर आदि उपलब्ध हो जाने जैसी बाते इंदौर को देश के बड़े शहरों से आगे रखती है।