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डिजिटल भारत I थायरॉइड क्या है? थायरॉइड गले में पाई जाने वाली तितली के आकार की एक ग्रंथि होती है। ये सांस की नली की ऊपर होती है। यह मानव शरीर में पाई जाने वाली सबसे बड़ी अतस्रावी ग्रंथियों में से एक होती है। इसी थायरॉइड ग्रंथि में गड़बड़ी आने से ही Thyroid से संबंधित रोग होते हैं। Thyroid ग्लैंड थ्योरिकसिन नाम का हार्मोन बनाती है। ये हार्मोन हमारे शरीर के मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है और बॉडी में सेल्स को नियंत्रित करने का काम करता है। थायरॉइड हार्मोन हमारे शरीर की सभी प्रक्रियाओं की गति को नियंत्रित करता है। शरीर की चयापचय क्रिया में भी Thyroid ग्रंथि खास योगदान होता है।

थायरॉइड हार्मोन क्या काम करता है?थायरॉइड ग्रंथि की अतिसक्रियता के लक्षण क्या है?
Thyroid ग्रंथि की अतिसक्रियता के कारण शरीर में मेटाबोलिज्म बढ़ जाता है। जिसके निम्नलिखित लक्षण देखने को मिलते हैं।

घबराहट
अनिद्रा
चिड़चिड़ापन
हाथों का काँपना
अधिक पसीना आना
दिल की धड़कन बढ़ना
बालों का पतला होना एवं झड़ना
मांसपेशियों में कमजोरी एवं दर्द रहना
अत्यधिक भूख लगना
वजन का घटना
महिलाओं में मासिक धर्म की अनियमितता
ओस्टियोपोरोसिस से से हड्डी में कैल्शियम तेजी से खत्म होना आदि।थायराइड के लक्षण (Symptoms of Thyroid in Hindi)
थायराइड के लक्षण इसके प्रकार के आधार पर भिन्न हो सकते हैं। हाइपरथायरायडिज्म के निम्न लक्षण हो सकते हैं:-

वजन कम होना
घबराहट होना
मूड बदलना
घेंघा
सांस फूलना
गर्मी लगना
नींद कम आना
चिंता और परेशानी होना
दिल की धड़कन तेज होना
अधिक प्यास लगना
आंखों में लालपन और सुखानपान
हाइपोथायरायडिज्म के लक्षण:-
वजन बढ़ना
थकान महसूस होना
बालों का झड़ना
अधिक ठंड लगना
डिप्रेशन
गला बैठना
मानसिक तनाव होना
मांसपेशियों में अकड़न
नाखून और बालों का कमजोर होना
त्वचा का रूखा और कमजोर होनाथायरॉइड समस्याओं के प्रारंभिक चेतावनी संकेत और लक्षण क्या हैं?
अलग-अलग थायराइड स्थितियों के अलग-अलग लक्षण होते हैं। हालाँकि, चूंकि आपके थायरॉयड की शरीर की कुछ प्रणालियों और प्रक्रियाओं, जैसे हृदय गति, चयापचय और तापमान नियंत्रण में एक बड़ी भूमिका होती है, ऐसे कुछ लक्षण हैं जिन पर ध्यान देना चाहिए, जो थायरॉयड स्थिति का संकेत हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:

हृदय गति धीमी या तेज़ होना।
अस्पष्टीकृत वजन घटना या वजन बढ़ना।
सर्दी या गर्मी सहन करने में कठिनाई होना।
अवसाद या चिंता.
अनियमित मासिक धर्म.
यदि आप इनमें से किसी भी लक्षण का अनुभव कर रहे हैं, तो अपने थायरॉइड फ़ंक्शन की जांच के लिए रक्त परीक्षण कराने के बारे में अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से बात करें।थायराइड की स्थिति का इलाज कैसे किया जाता है?
थायरॉइड स्थितियों के लिए कई उपचार विकल्प हैं जो इस बात पर निर्भर करते हैं कि स्थितियां क्या हैं और वे कितनी गंभीर हैं। उपचार के तीन मुख्य विकल्पों में शामिल हैं:

दवाई।
शल्य चिकित्सा।थायराइड रोग का इलाज दवाओं और सर्जरी के माध्यम से किया जाता है। थायराइड के लक्षण के अनुसार रोगी का इलाज किया जाता है।

दवाएं: हाइपरथायरायडिज्म और हाइपोथायरायडिज्म की स्थिति में अलग-अलग दवाएं दी जाती हैं।
हाइपरथायरायडिज्म: हाइपरथायरायडिज्म की स्थिति में एंटी थायराइड (मेथिमाजोल और प्रोपाइलथियोरासिल) दवाएं दी जाती हैं। ये दवाएं थायराइड को नया थायराइड हार्मोन बनाने से रोकती हैं।
हाइपोथायरायडिज्म: हाइपोथायरायडिज्म की स्थिति में मानव निर्मित हार्मोन (thyroxine sodium tablets) दवा लेने की सलाह दी जाती है।
बीटा-ब्लॉकर्स दवाएं: बीटा-ब्लॉकर्स दवाएं शरीर में थायराइड हार्मोन के प्रभाव को रोकती हैं। इनका इस्तेमाल हाइपरथायरायडिज्म के इलाज में किया जाता है।
रेडियोएक्टिव आयोडीन: इस उपचार की मदद से थायराइड की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाया जाता है। इस कारण से अधिक हार्मोन बनने से रोका जा सकता है। रेडियोएक्टिव आयोडीन का इस्तेमाल हाइपरथायरायडिज्म के इलाज में किया जाता है।
सर्जरी: सर्जरी की मदद से थायरायड (थायराइडेक्टोमी) को हटा दिया जाता है। इसके बाद हार्मोन बनना बंद हो जाता है। डॉक्टर जीवन भर थायरायड प्रतिस्थापन हार्मोन (thyroid replacement hormones) लेने की सलाह देते हैं। सर्जरी से हाइपरथायरायडिज्म का इलाज होता है।
यह सर्जरी दो मुख्य तरीकों से की जा सकती है:

गर्दन के सामने एक चीरे के साथ: गर्दन के सामने का चीरा थायरायडेक्टॉमी का पारंपरिक संस्करण है। अगर थायरायड विशेष रूप से बड़ा है या इसमें बहुत बड़े नोड्यूल हैं, तो इस तरीके का इस्तेमाल किया जाता है।
कांख में चीरे के साथ सर्जरी: ये एक प्रकार की वैकल्पिक सर्जरी है। बगल में एक चीरा लगाने के बाद एक सुरंग बनाई जाती है। इसे एलिवेटेड रिट्रैक्टर कहा जाता है। इस सुरंग से थायराइड को निकाला जाता है। इस प्रक्रिया को अक्सर स्कारलेस (बिना दाग वाला) कहा जाता है क्योंकि चीरा बगल के नीचे होता है।
हटाई गई लोब्स की संख्या के आधार पर थायराइड की सर्जरी के प्रकार

हेमी थायराइडेक्टोमी (Hemi Thyroidectomy): यदि थायराइड के एक तरफ नोड्यूल (एक) उपस्थित होता है, तो सर्जन थायराइड के एक लोब को हटा देते हैं।
टोटल थायराइडेक्टोमी (Total Thyroidectomy): कुल या टोटल थायराइडेक्टोमी सभी या अधिकांश (एक से अधिक) थायराइड ऊतक को निकालने के लिए की जाती है।
तकनीकी के आधार पर थायराइड की सर्जरी

ओपन थायराइडेक्टोमी (Open Thyroidectomy): इस ऑपरेशन में, सर्जन सीधे थायराइड नोड्यूल को हटा देते है। इस प्रकार की सर्जरी की जरूरत कम ही पड़ती है।
इंडोस्कोपिक थायराइडेक्टोमी (Endoscopic Thyroidectomy): एंडोस्कोपिक थायराइडेक्टोमी का उपयोग करके बड़े नोड्यूल्स को हटाना आसान होता है। इस सर्जरी में न्यूनतम इन्वेसिव शल्य – चिकित्सा का इस्तेमाल किया जाता है।
रोबोटिक थायराइडेक्टोमी (Robotic Thyroidectomy): बेहतर कॉस्मेटिक परिणाम के साथ रोबोटिक थायराइडेक्टोमी का इस्तेमाल किया जा रहा है। रोबोटिक थायराइडेक्टोमी नवीन तकनीकी पर आधारित है।
सर्जरी का कौन-सा विकल्प अपनाया जाएगा, ये मरीज की स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करता है। अगर मरीज स्वस्थ्य नहीं है या बड़े थायराइड नोड्यूल, ग्रेव्स रोग जैसी स्थिति है तो, डॉक्टर एलिवेटेड रिट्रैक्टर सर्जरी के लिए मना कर सकते हैं।

डॉक्टर से थायराइड के लक्षण, थायराइड के लिए सर्जरी आदि के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

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