डिजिटल भारत l मध्य प्रदेश की संस्कार राजधानी जबलपुर है,जाबालि ऋषि की तपोभूमि होने के कारण इस जिले का नाम जबलपुर पड़ा मध्य प्रदेश का रत्न परीक्षण केंद्र जबलपुर में है मध्य प्रदेश का पहला कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर में है, पूर्व समय में जबलपुर में हैहय वंश का राज्य था ,तब इसे त्रिपुरी नाम से भी जाना जाता था जबलपुर में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय [ हाई कोर्ट ] का मुख्यालय रानी दुर्गावती की समाधि बरेला गांव जबलपुर में है महाकौशल विकास प्राधिकरण जबलपु मध्यप्रदेश के जबलपुर में केंद्रीय जेल की स्थापना की जा रही है
NCC परीक्षण केंद्र[ महिला ] -जबलपुर
प्रथम पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय यहीं पर स्थापित किया गया है,
मदन महल रेलवे स्टेशन इसको प्रदेश का पहला पिंकी स्टेशन कहा जाता है
यहां पर नर्मदा नदी मनोरम धुआंधार जलप्रपात बनाती है
यहां पर नर्मदा नदी पर संगमरमर की चट्टानों के बीच भेड़ाघाट जलप्रपात है
राज्यसभा सांसद व अभिनेत्री जया बच्चन की जन्मस्थली जबलपुर है
यह आम के लिए प्रसिद्ध है ,जबलपुर को आम जिला भी घोषित किया गया है,
जनसंख्या 25 लाख लगभग
जन घनत्व 473 प्रति वर्ग किलोमीटर,
साक्षरता 81.1%
जबलपुर शहर मध्य प्रदेश राज्य, मध्य भारत में स्थित है। यह नर्मदा नदी के उत्तर में निचली पहाड़ियों से घिरे चट्टानी बेसिन में झीलों और मंदिरों के बीच स्थित है। इस नगर में उच्च-न्यायालय भी स्थित है। जबलपुर में साक्षरता, संस्कृति, सामाजिक और राजनीतिक गतिविधियों की लंबी परंम्परा रही है। जबलपुर कई लेखकों, प्रकाशकों व मुद्रकों का आवास क्षेत्र रहा है।
पुराणों और किंवदंतियों के अनुसार जबलपुर का संबंध जाबालि ऋषि से है। जिनके बारे में कहा जाता है कि वह यहीं निवास करते थे।
1781 के बाद ही मराठों के मुख्यालय के रूप में चुने जाने पर इस नगर की सत्ता बढ़ी, बाद में यह सागर और नर्मदा क्षेत्रों के ब्रिटिश कमीशन का मुख्यालय बन गया। यहाँ 1864 में नगरपालिका का गठन हुआ था।
एक पहाड़ी पर मदन महल स्थित है, जो लगभग 1100 ई. में राजा मदन सिंह द्वारा बनवाया गया एक पुराना गोंड महल है। इसके ठीक पश्चिम में गढ़ है, जो 14वीं शताब्दी के चार स्वतंत्र गोंड राज्यों का प्रमुख नगर था।
भेड़ाघाट, ग्वारीघाट और जबलपुर से प्राप्त जीवाश्मों से संकेत मिलता है कि यह प्रागैतिहासिक काल के पुरापाषाण युग के मनुष्य का निवास स्थान था। मदन महल, नगर में स्थित कई ताल और गोंड राजाओं द्वारा बनवाए गए कई मंदिर इस स्थान की प्राचीन महिमा की जानकारी देते हैं। इस क्षेत्र में कई बौद्ध, हिन्दू और जैन भग्नावशेष भी हैं।