जबलपुर, । सेशन कोर्ट से हिस्ट्रीशीटर अब्दुल रज्जाक की जमानत अर्जी दूसरी बार भी खारिज हो गई। अपर सत्र न्यायाधीश ने साफ किया कि फिलहाल प्रकरण की परिस्थितियों में कोई बदलाव नहीं हुआ है, इसलिए जमानत आवेदन निरस्त किया जाता है।
आवेदक की ओर से कहा गया था कि वह बुजुर्ग है और उसका माइनिंग एवं डेयरी का व्यवसाय है। उसके फरार होने की संभावना भी नहीं है, इसलिए उसे जमानत दे दी जाए। कोर्ट ने दलीलों को अस्वीकार कर दिया। अब्दुल रज्जाक 27 अगस्त, 2021 से जेल में बंद है। इसके पहले भी सेशन कोर्ट ने 26 अक्टूबर को रज्जाक की पहली जमानत अर्जी खारिज कर दी थी।नया मोहल्ला, ओमती, जबलपुर निवासी अब्दुल रज्जाक के घर से ओमती पुलिस ने पांच राइफलें, कारतूस व 15 लोहे के चाकू जब्त किए थे। ओमती पुलिस ने उसके खिलाफ 25 एवं 27 आम्रर्स एक्ट का प्रकरण दर्ज किया। आवेदन में कहा गया कि पुलिस द्वारा जब्त सभी राइफलें लाइसेंसी हैं। पुलिस ने उसे फंसाने के लिए झूठा मुकदमा दर्ज किया है।शासन की ओर से अपर लोक अभियोजक अरविंद जैन ने दलील दी कि आरोपित के खिलाफ जबलपुर में 23 प्रकरण दर्ज हैं। उसका पुराना आपराधिक रिकार्ड रहा है। सुनवाई के बाद अदालत ने जमानत अर्जी खारिज कर दी।
फर्टिलाइजर व्यवसायी को अग्रिम जमानत : मप्र हाईकोर्ट के जस्टिस विशाल धगट ने धोखाधड़ी के आरोप में फंसे राजनगर जिला छतरपुर निवासी फ़र्टिलाइज़र व्यवसायी अशोक कुमार गुप्ता को अग्रिम जमानत का लाभ दे दिया। कृषि विस्तार अधिकारी छतरपुर ने गुप्ता के खिलाफ राजनगर थाने में मामला दर्ज कराया था। आरोप हैं िक गुप्ता ने किसानों को सरकार द्वारा निर्धारित कीमत से अधिक दाम पर फ़र्टिलाइज़र बेचा। गुप्ता के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 एवं भारतीय दंड विधान की धारा 420 के तहत एफआईआर दर्ज की गई। निचली अदालत ने आरोपी की अग्रिम ज़मानत अर्जी खारिज कर दी जिससे व्यथित होकर व्यापारी ने हाईकोर्ट की शरण ली।
मप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ट्रांसजेंडर्स के लिए कार्यक्रम आयोजित करेगा : मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा विश्व एड्स दिवस पर एक दिसंबर को ट्रांसजेडर्स के लिए स्वास्थ्य परीक्षण व एड्स से बचाव एवं रोकथाम हेतु जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया है। मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ और प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष जस्टिस शील नागू के नेतृत्व में आयोजित इस कार्यक्रम में ट्रांसजेंडर्स से उपस्थिति की अपील की गई है। इसके अलावा सभी जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों को अपने-अपने जिले में भी इस तरह का आयोजन करने के निर्देश दिए गए हैं।