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जबलपुर संस्कारधानी में मदन महल से दमोहनाका के बीच बन रहे जबलपुरमें साउंड प्रूफ होने की खूबी को भी शामिल किया गया है। फ्लाईओवर पर दौड़ने वाले वाहनों की ध्वनि को नियंत्रित करने के लिए नाइस बैरियर लगाया जाएगा।मदन महल से दमोहनाका के बीच बन रहे फ्लाईओवर में साउंड प्रूफ होने की खूबी को भी शामिल किया गया है। फ्लाईओवर पर दौड़ने वाले वाहनों की ध्वनि को नियंत्रित करने के लिए नाइस बैरियर लगाया जाएगा। गत दिवस केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी है। सांसद राकेश सिंह ने इस संबंध में मांग की थी।

सांसद ने बताया था कि मध्यप्रदेश के सबसे लंबे फ्लाई ओवर का निर्माण चल रहा है इस मार्ग पर प्रमुख भवन जैसे अस्पताल भवन, व्यवसायिक भवन, रहवासी भवन, धार्मिक स्थल एवं निजी कार्यालय आदि फ्लाईओवर के दोनों ओर समानांतर पर स्थित है इन भवनों के महत्वपूर्ण संवेदनशील एवं शांत क्षेत्र के भाग पर जैसे ओपीडी ,आईसीयू .आदि इन भवनों के ऊपरी तल पर स्थित है जो कि फ्लाईओवर निर्माण के बाद सीधे यातायात के प्रभाव में आ जाएंगे इस कारण नायस बैरियर लगाने का कार्य ध्वनि प्रदूषण को रोकने वाहन की लाइटिंग को रोकने हेतु निर्माणाधीन फ्लाईओवर में किया जाना अति आवश्यक है। इससे जहां ध्वनी प्रदूषण कम होगा वहीं लोगों को भी वाहनों की आवाजाही से परेशानी का सामना नहीं करना होगा।

दमोहनाका में 900 मीटर का निर्माण करवाने के लिए लोक निर्माण विभाग ने अलग टेंडर निकाला था। इस कार्य का शिलान्यास भी गडकरी के हाथों किया गया। मप्र का सबसे लंबा फ्लाईओवर बनाया जा रहा है जिसकी लंबाई लगभग सात किलोमीटर है। कुल लागत करीब एक हजार करोड़ रुपये है। मध्य प्रदेश के जबलपुर में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट (Infrastructure Development) के दो मेगा प्रोजेक्ट आकार ले रहे है. यहां पर 7 किलोमीटर लंबा फ्लाईओवर बनने जा रहा है जो साल 2023 में बनकर तैयार हो जाएगा. वहीं 116 किलोमीटर की रिंग रोड़ का काम भी अगले दो महीनों में शुरू हो जाएगा. ये मध्यप्रदेश की सबसे बड़ी रिंग रोड होगी.

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