
अनूपपुर,म.प्र.।
न्यायालय प्रत्येक मामले की परिस्थितियों के आधार पर निर्णय लेते हैं।
छेड़छाड़ और यौन उत्पीड़न के बीच अंतर को समझना और सही कानूनी प्रावधानों का पालन करना आवश्यक है।
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के निर्णय में, अनूपपुर निवासी हरि कीर्तन शाह की 20 साल की सजा को घटाकर 5 साल करने का मामला सामने आया है। यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल और न्यायमूर्ति देवनारायण मिश्रा की युगलपीठ ने पारित किया।
मामला:
आरोप: हरि कीर्तन शाह पर आरोप था कि उन्होंने एक महिला के साथ छेड़छाड़ की थी।
• निचली अदालत का निर्णय: निचली अदालत ने उन्हें भारतीय दंड संहिता की धारा 354 (महिला की शील भंग करने का प्रयास) के तहत दोषी
ठहराया और 20 साल की सजा सुनाई।
• हाई कोर्ट का निर्णय: उच्च न्यायालय ने पाया कि इस मामले में यौन उत्पीड़न की गंभीरता नहीं थी। अदालत ने यह माना कि यह घटना छेड़छाड़ की श्रेणी
में आती है, न कि यौन उत्पीड़न की। इसके परिणामस्वरूप, हाई कोर्ट ने दोषी की सजा को घटाकर 5 साल कर दिया।
कानूनी दृष्टिकोण:
• छेड़छाड़ (Eve Teasing): यह एक हल्की-फुल्की या अनचाही शारीरिक या मानसिक छेड़छाड़ को दर्शाता है, जो कि यौन उत्पीड़न की गंभीर श्रेणी में
नहीं आता।
• यौन उत्पीड़न (Sexual Harassment): यह एक गंभीर अपराध है, जिसमें शारीरिक या मानसिक रूप से यौन उद्देश्य से किसी व्यक्ति को परेशान
करना शामिल है।
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