
इंडिगो फ्लाइट 6E-2142, जो दिल्ली से श्रीनगर जा रही थी, 21 मई 2025 को एक गंभीर ओलावृष्टि और टर्बुलेंस के कारण मुश्किल में फंस गई थी।
दिल्ली से श्रीनगर जा रही इंडिगो की फ्लाइट 6E-2142 में 21 मई 2025 को 227 यात्री सवार थे।
इस फ्लाइट ने दिल्ली से शाम 5:13 बजे उड़ान भरी थी और श्रीनगर में शाम 6:30 बजे सुरक्षित लैंडिंग की।
पायलट और क्रू मेंबर्स की तत्परता और पेशेवर तरीके से विमान को सुरक्षित रूप से लैंड कराया गया। इस घटना में किसी भी यात्री या चालक दल के सदस्य को चोट नहीं आई।
पायलट ने स्थिति को संभालते हुए लाहौर एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) से पाकिस्तान के एयरस्पेस में प्रवेश करने की अनुमति मांगी, ताकि वह इस खतरनाक मौसम से बच सकें।हालांकि, पाकिस्तान ने इस अनुरोध को अस्वीकार कर दिया। इसके बाद, पायलट ने श्रीनगर ATC से आपातकालीन स्थिति की घोषणा की और विमान सुरक्षित रूप से श्रीनगर हवाई अड्डे पर उतरा।
विमान का अगला हिस्सा (नोज) ओलावृष्टि और पक्षी टकराने के कारण क्षतिग्रस्त हो गया था, जिसके बाद विमान को श्रीनगर हवाई अड्डे पर ग्राउंड किया गया और विस्तृत निरीक्षण के लिए रखा गया।
इस घटना की जांच भारतीय नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) द्वारा की जा रही है।
सूत्रों के अनुसार, पायलट ने पाकिस्तान के एयरस्पेस में प्रवेश करने की अनुमति भारतीय वायुसेना से भी मांगी थी, लेकिन इसे भी अस्वीकार कर दिया गया था।
इससे यह स्पष्ट होता है कि सीमा पार उड़ानों को लेकर दोनों देशों के बीच बढ़ती राजनीतिक और सुरक्षा संवेदनाओं का असर नागरिक उड्डयन पर भी पड़ रहा है। यह घटना पाकिस्तान द्वारा भारतीय विमानों के लिए अपने एयरस्पेस को बंद करने के बाद हुई है। पाकिस्तान ने 24 अप्रैल 2025 को भारतीय विमानों के लिए अपना एयरस्पेस बंद कर दिया था, जिसके बाद से भारतीय एयरलाइंस को वैकल्पिक और लंबी उड़ान मार्गों का उपयोग करना पड़ रहा है।
इस घटना ने यह भी उजागर किया है कि मौजूदा राजनीतिक तनावों के कारण, आपातकालीन परिस्थितियों में भी सीमा पार उड़ानों के लिए अनुमति प्राप्त करना कितना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की घटनाओं से नागरिक उड्डयन सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता को और अधिक महत्वपूर्ण बना दिया है।
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